उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- गजराज और मूषकराज की दोस्ती*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 25/02/2025, मंगलवार*
*द्वादशी, कृष्ण पक्ष,*
*फाल्गुन*
(समाप्ति काल)

तिथि———–द्वादशी 12:46:58 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र——- उत्तराषाढा18:29:52
योग———- व्यतिपत 08:13:46
योग——— वरियान 29:49:42
करण————तैतुल 12:46:58
करण————- गर 24:02:17
वार——————– मंगलवार
माह——————– फाल्गुन
चन्द्र राशि————— मकर
सूर्य राशि————— कुम्भ
रितु———————– वसंत
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————- क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2081
शक संवत——————1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————– 06:48:44
सूर्यास्त————— 18:16:01
दिन काल————-11:27:16
रात्री काल————- 12:31:45
चंद्रास्त————– 15:27:01
चंद्रोदय—————- 29:38:35
लग्न—- कुम्भ 12°28′ , 312°28′
सूर्य नक्षत्र————— शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र————- उत्तराषाढा
नक्षत्र पाया——————- ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

भो—-उत्तराषाढा 06:49:14

जा—- उत्तराषाढा 12:40:50

जी—- उत्तराषाढा 18:29:52

खी—- श्रवण 24:16:26

खू—- श्रवण 30:00:38

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कुम्भ 12°40, शतभिषा 2 सा
चन्द्र= मकर 03°30 , उ oषाo 3 जा
बुध =कुम्भ 25°52 ‘ पू o भा o 2 सो
शु क्र= मीन 16°05, उ o फाo’ 4 ञ
मंगल=मिथुन 22°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 1 के
गुरु=वृषभ 17°30 रोहिणी, 3 वी
शनि=कुम्भ 26°28 ‘ पू o भा o , 2 सो
राहू=(व) मीन 04°25 उo भा o, 1 दू
केतु= (व)कन्या 04°25 उ oफा o 3 पा

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 15:24 – 16:50 अशुभ
यम घंटा 09:41 – 11:06 अशुभ
गुली काल 12:32 – 13: 58अशुभ
अभिजित 12:09 – 12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 09:06 – 09:52 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:17 – 24:03* अशुभ
वर्ज्यम 22:21 – 23:53 अशुभ
प्रदोष 18:16 – 20:49 शुभ

💮चोघडिया, दिन
रोग 06:49 – 08:15 अशुभ
उद्वेग 08:15 – 09:41 अशुभ
चर 09:41 – 11:06 शुभ
लाभ 11:06 – 12:32 शुभ
अमृत 12:32 – 13:58 शुभ
काल 13:58 – 15:24 अशुभ
शुभ 15:24 – 16:50 शुभ
रोग 16:50 – 18:16 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
काल 18:16 – 19:50 अशुभ
लाभ 19:50 – 21:24 शुभ
उद्वेग 21:24 – 22:58 अशुभ
शुभ 22:58 – 24:32* शुभ
अमृत 24:32* – 26:06* शुभ
चर 26:06* – 27:40* शुभ
रोग 27:40* – 29:14* अशुभ
काल 29:14* – 30:48* अशुभ

💮होरा, दिन
मंगल 06:49 – 07:46
सूर्य 07:46 – 08:43
शुक्र 08:43 – 09:41
बुध 09:41 – 10:38
चन्द्र 10:38 – 11:35
शनि 11:35 – 12:32
बृहस्पति 12:32 – 13:30
मंगल 13:30 – 14:27
सूर्य 14:27 – 15:24
शुक्र 15:24 – 16:21
बुध 16:21 – 17:19
चन्द्र 17:19 – 18:16

🚩होरा, रात
शनि 18:16 – 19:19
बृहस्पति 19:19 – 20:21
मंगल 20:21 – 21:24
सूर्य 21:24 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:29
बुध 23:29 – 24:32
चन्द्र 24:32* – 25:35
शनि 25:35* – 26:37
बृहस्पति 26:37* – 27:40
मंगल 27:40* – 28:42
सूर्य 28:42* – 29:45
शुक्र 29:45* – 30:48

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

कुम्भ > 05:06 से 06:42 तक
मीन > 06:42 से 08:10 तक
मेष > 08:10 से 09:48 तक
वृषभ > 09:48 से 11:46 तक
मिथुन > 11:50 से 14:04 तक
कर्क > 14:04 से 16:20 तक
सिंह > 16:20 से 18:30 तक
कन्या > 18:30 से 20:44 तक
तुला > 20:44 से 22:58 तक
वृश्चिक > 22:58 से 01:16 तक
धनु > 01:16 से 03:12 तक
मकर > 03:12 से 05:06 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 12 + 3 + 1 = 31 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

27 + 27 + 5 = 59 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभारूढ़ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*भौम प्रदोष व्रत (शिव पूजन)*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

यस्यार्थास्तस्य मित्राणि यस्यर्थास्तस्य बांधवाः ।
यस्याथाः स पुमांल्लोके यस्यार्थाः सच पण्डितः ।।
।। चा o नी o।।

धनवान व्यक्ति के कई मित्र होते है. उसके कई सम्बन्धी भी होते है. धनवान को ही आदमी कहा जाता है और पैसेवालों को ही पंडित कह कर नवाजा जाता है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: गुणत्रयविभागयोग :- अo-14

गुणानेतानतीत्य त्रीन्देही देहसमुद्भवान्‌ ।,
जन्ममृत्युजरादुःखैर्विमुक्तोऽमृतमश्नुते ॥,

यह पुरुष शरीर की (बुद्धि, अहंकार और मन तथा पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ, पाँच कर्मेन्द्रियाँ, पाँच भूत, पाँच इन्द्रियों के विषय- इस प्रकार इन तेईस तत्त्वों का पिण्ड रूप यह स्थूल शरीर प्रकृति से उत्पन्न होने वाले गुणों का ही कार्य है, इसलिए इन तीनों गुणों को इसी की उत्पत्ति का कारण कहा है) उत्पत्ति के कारणरूप इन तीनों गुणों को उल्लंघन करके जन्म, मृत्यु, वृद्धावस्था और सब प्रकार के दुःखों से मुक्त हुआ परमानन्द को प्राप्त होता है॥,20॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
मेहनत रंग लाएगी। कार्य की प्रशंसा होगी। यात्रा सफल रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। लाभ होगा। वाहन क्रय करने के योग बनेंगे। इच्छाशक्ति का लाभ मिलेगा। पारिवारिक वातावरण से आशान्वित रहेंगे। स्थायी संपत्ति, क्रय-विक्रय से लाभ की संभावना है।

🐂वृष
पुराना रोग उभर सकता है। शोक समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। मेहनत अधिक होगी। थकान रहेगी। व्यर्थ खींचतान में नुकसान संभव है। आर्थिक मामलों में विश्वास, भरोसे में नहीं रहें। दिन प्रतिकूल रहेगा। स्वभावगत चंचलता में कमी करना होगी।

👫मिथुन
विवेक से कार्य करें। लाभ होगा। सतर्कता एवं सावधानीपूर्वक व्यापारिक योजनाओं को अंजाम दें। विद्यार्थी शिक्षा में उल्लेखनीय सफलता अर्जित करेंगे। यात्रा न करें। पुराना रोग उभर सकता है। कार्य में लापरवाही व जल्दबाजी न करें। कुसंगति से बचें।

🦀कर्क
विवेक से कार्य करें। दूसरों पर विश्वास न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापारिक प्रतिष्ठा, लेन-देन अन्य कानूनी परेशानी संभव है। परिवार में किसी से विवाद होने की आशंका है। अनिश्चितता का वातावरण रहेगा। अपने कार्य-निर्णय गुप्त रखें। व्ययवृद्धि होगी।

🐅सिंह
उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा। बड़े एवं प्रतिष्ठित लोगों से संबंधों का लाभ मिल सकेगा। जोखिम, जवाबदारी के कामों में सावधानी आवश्यक है। पारिवारिक वातावरण खुशनुमा रहेगा।

🙍‍♀️कन्या
पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। उत्तेजित न हों। लाभ होगा। रोजगार की संभावनाएँ बढ़ेंगी। महत्व के मामले सुलझेंगे। घर में मूल्यवान वस्तुओं को संभालना होगा। विरोधी, शत्रु शांत रहेंगे।

⚖️तुला
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। व्यापार अच्छा चलेगा। आशानुरूप आमदनी होगी। व्यापार-व्यवसाय में अनुभव, निवेश में सफलता मिलेगी। समय का सदुपयोग होगा।

🦂वृश्चिक
बेरोजगारी दूर होगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। नौकरी, रोजगार में उन्नति, सहयोग संभव है। आवश्यक मार्गदर्शन मिलेगा। संतान पक्ष के स्थायित्व की बात बनेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखना होगा।

🏹धनु
परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। कानूनी बाधा दूर होगी। अपरिचित व्यक्तियों के सहयोग से आत्मविश्वास का संचार होगा। खर्चों में कमी का प्रयास करना होगा। लाभकारी निवेश बढ़ेगा।

🐊मकर
रुका हुआ धन प्राप्त होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। थकान रहेगी। यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में पद, स्थिति से लाभान्वित हो पाएँगे। परिश्रम की अधिकता रहेगी। आर्थिक मामलों में लोभ, प्रलोभन से बचें। कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा।

🍯कुंभ
कार्यस्‍थल पर सुधार होगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। मान-सम्मान बढ़ेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। कार्य में प्रगति, उत्साह रहेगा। दूसरों की दखलंदाजी पसंद नहीं आएगी। कर्ज, लेन-देन कम होगा। भेंट, उपहार की प्राप्ति होगी।

🐟मीन
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। महत्वपूर्ण व्यक्ति सहायता को आगे आएंगे। कार्यसिद्धि होगी। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। उत्साहपूर्वक व्यावसायिक योजनाओं को पूरा करेंगे। अचानक धन की प्राप्ति संभव है। कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी। अनुज सहयोग करेंगे।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*

*!! गजराज और मूषकराज की दोस्ती !!*
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एक बार की बात है, किसी नदी के किनारे एक शहर बसा हुआ था। एक बार वहां बहुत बारिश हुई, जिससे नदी ने अपना रास्ता बदल लिया। इससे शहर में पानी की कमी होने लगी, यहां तक कि लोगों के लिए पीने तक का पानी न रहा। धीरे-धीरे लोग उस शहर को छोड़कर जाने लगे और एक वक्त आया जब पूरा शहर खाली हो गया और वहां सिर्फ चूहे ही रह गए। चूहों ने वहां अपना राज्य बसा लिया। एक बार वहां की जमीन से पानी का एक स्रोत फूटा और वहां एक बड़ा सा तालाब बन गया।

दूसरी ओर, उस शहर से कुछ ही दूरी पर एक जंगल था, जहां कई जंगली जानवर रहते थे। उन जानवरों के साथ कई हाथी भी वहां रहते थे, जिनका राजा था गजराज नाम का हाथी। एक बार की बात है, वहां भयानक सूखा पड़ा। सभी जानवर पानी के लिए हाहाकार मचाने लगे। भारी-भरकम हाथियों की भी बुरी हालत हो चुकी थी। हाथियों के बच्चे बिना पानी के परेशान होने लगे थे। इतने में गजराज का दोस्त चील वहां आया और उसने खबर दी कि खंडहर बने शहर में एक पानी का तालाब है। यह सुनते ही हाथी अपने बच्चों और बाकी साथियों को लेकर शहर की तरफ चल पड़ा। कई हाथी उस ओर चल पड़े, रास्ते में चूहों का शहर भी पड़ा, उन विशाल हाथियों के पैरों तले कई चूहे दबकर मर गए। इतना ही नहीं हाथी फिर उसी रास्ते से वापस आए और कई और चूहे फिर मारे गए।

ऐसा कई दिनों तक चलता रहा और इस बात की खबर चूहों के राजा मूषकराज तक भी पहुंची। वो इस बात को लेकर बहुत चिंतित हुआ। उसके मंत्रियों ने मूषकराज को कहा, “महाराज आपको जाकर गजराज से इस बारे में बात करनी चाहिए।” उनकी बात सुनकर मूषकराज, गजराज के जंगल उससे बात करने गया। एक बड़े से पेड़ के नीचे गजराज खड़ा था। मूषकराज वहां सामने पड़े एक बड़े से पत्थर पर चढ़ गया और कहने लगा, “गजराज को मेरा नमस्कार! मैं मूषकराज हूं। मैं उस खंडहर बने शहर में अपनी प्रजा के साथ रहता हूं।”

हाथी को मूषकराज की बात ठीक से सुनाई नहीं दे रही थी। वो थोड़ा नीचे झुका और चूहे की तरफ अपने कान करके बोला, “हे नन्हें प्राणी आप कुछ कह रहे थे, क्या आप फिर से कहेंगे?” यह सुनकर मूषकराज ने फिर से अपनी बात दोहराई, “मैं मूषकराज हूं। मैं उस खंडहर बने शहर में अपनी प्रजा के साथ रहता हूं। आप और आपके अन्य हाथी मित्र जब भी तालाब की ओर जाते हैं, तो कई चूहे आपके पैरों तले दबकर मर जाते हैं। कृपया करके ऐसा न करें वरना बहुत जल्दी हम में से कोई नहीं बचेगा।”

यह सुनने के बाद गजराज दुखी होकर बोला, “मुझे पता ही नहीं था कि हम इतना बुरा कर रहे थे। हम तालाब तक जाने के लिए कोई और रास्ता ढूंढेंगे।”

यह सुनते ही चूहा बहुत खुश हुआ और बोला, “गजराज आपने मुझ जैसे छोटे से प्राणी की बात सुनी, मैं आपका आभारी हूं।” भविष्य में कभी भी अगर आपको किसी मदद की जरूरत हो तो मुझे जरूर बताएं।”

गजराज ने मन में सोचा कि यह इतना छोटा सा जीव मेरे किस काम आएगा। इसलिए, उसने चूहे को मुस्कुराकर विदा किया। कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक बार पड़ोसी देश के राजा ने अपनी सेना को मजबूत करने के लिए हाथी रखने का फैसला किया। राजा के मंत्री और उनकी सेना ने जंगल में कई हाथी पकड़े। हाथियों के पकड़े जाने की चिंता गजराज को सताने लगी। एक रात गजराज इसी चिंता में जंगल में टहल रहा था कि अचानक उसका पैर सूखी पत्तियों में छिपाए जाल पर पड़ा और वो जाल में फंस गया।

हाथी जोर-जोर से चिंघाड़ने लगा, लेकिन कोई उसकी मदद के लिए नहीं आया। इसी बीच एक भैंस ने हाथी की आवाज सुनी, वो गजराज का बहुत आदर-सम्मान करता था, क्योंकि एक बार गजराज ने भैंस को गड्डे से निकालकर उसकी जान बचाई थी। गजराज को जाल में फंसा देख वो बहुत चिंतित हुआ और बोलने लगा, “गजराज मैं आपकी मदद के लिए क्या करूं? अपनी जान देकर भी मैं आपकी मदद करूंगा गजराज।” गजराज ने कहा, “तुम जल्दी से जाकर उस खंडहर शहर में रहने वाले मूषकराज को मेरी खबर दो।” गजराज की बात सुनकर भैंस दौड़ता हुआ मूषकराज के पास गया और उसे सारा हाल बताया।

मूषकराज ने जैसे ही यह बात सुनी वो अपने कई सैनिकों को लेकर भैंस की पीठ पर बैठ गया और गजराज के पास पहुंचा। फिर चूहों ने मिलकर जाल को काटा और गजराज आजाद हो गया।

इसके बाद गजराज ने मूषकराज को धन्यवाद कहा। सभी खुशी-खुशी रहने लगे। गजराज और मूषकराज की दोस्ती भी गहरी हो गई।

*शिक्षा:-*
कोई भी प्राणी छोटा नहीं होता है, जरूरत होती है तो बस प्यार और विश्वास की। आपसी प्यार हर तरह के दुखों को दूर कर सकता है।

*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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