उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -एक दिन देख लूंगा*

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*आज का राशिफल*
*05 अप्रैल 2025 , शनिवार*

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपका मन नए-नए कामों में लगेगा। दोस्तों के साथ मिलकर आप कोई नयी योजना बना सकते हैं। यात्रा योग बन रहे हैं। धर्म-कर्म में रूची रहेगी। फिजूलखर्ची पर कंट्रोल रखें अन्यथा भविष्य में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा। खरीददारी कर सकते हैं। बच्चों के साथ भावनात्मक सम्बन्ध बनेंगे। जीवनसाथी के साथ बेहतर समय व्यतीत करेंगे जिससे जीवनसाथी आपकी भावनाओं को समझेंगे। स्वास्थ्य सुधार होगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो)
आज आपकी आज आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। बिजनेस करने वाले लोगों को मिलाजुला फल मिलेगा। आपके सामने कई चुनौतियां उत्पन्न हो सकती है जिसका सामना करने के लिए आप तैयार रहें। अनजाने लोगों के ऊपर जरूरत से ज्यादा भरोसा मत कीजिए। सामाजिक क्षेत्र में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। विद्यार्थियों को पढ़ाई के क्षेत्र में कठिन मेहनत करनी पड़ सकती है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आपका आज का दिन बहुत शुभ रहेगा। आपको अपनी किस्मत का भरपूर सहयोग मिलने वाला है। पुराने रुके हुए काम पूरे होंगे। आपको अपनी मेहनत का मन मुताबिक फायदा मिल सकता है। जो लोग काफी लंबे समय से नौकरी की तलाश कर रहे थे, उनको अच्छी नौकरी मिलने की उम्मीद है। अचानक रिश्तेदारों से फोन पर बातचीत हो सकती है, जिससे आपका मन हर्षित होगा। जरूरतमंदों की मदद करने का मौका मिलेगा। करियर में आगे बढ़ने के अवसर हाथ लग सकते हैं।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपका आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण नजर आ रहा है। आप जिस क्षेत्र में कोशिश करेंगे, उसमें आपको सफलता मिलने के योग हैं। आपकी किसी बड़ी योजना का अच्छा फायदा मिल सकता है। भविष्य के लिए धन इकट्ठा करने में आप सफल रहेंगे। माता-पिता का आशीर्वाद आपके साथ रहेगा। जीवनसाथी के साथ चल रही अनबन दूर हो सकती है। आप अपने जीवनसाथी के साथ कहीं घूमने की योजना बना सकते हैं। नया वाहन खरीदने के लिए आज का दिन बहुत ही शुभ नजर आ रहा है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपका आज का दिन फायदेमंद साबित होगा। रुके हुए कामों में गति आएगी। धार्मिक यात्रा योग। आप अपने विरोधियों को परास्त करेंगे। अचानक अपनों से कोई खुशखबरी मिल सकती है। पैसा कमाने के कई मार्ग हासिल होंगे। आज आप पैसों का उधार लेन-देन मत कीजिए। छात्रों को कठिन विषयों पर फोकस करना होगा। आपके पास कुछ नई जिम्मेदारियां भी आ सकती हैं। आप अपनी बुद्धिमानी से विषम परिस्थितियों पर काबू पाने में सक्षम रहेंगे। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आपका आज का दिन बेहद खुशनुमा रहेगा। शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। किसी पुरानी बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। अचानक किसी महत्वपूर्ण मामले में फैसला लेना पड़ेगा। आपके द्वारा लिया गया फैसला फायदेमंद साबित हो सकता है। प्यार के मामले में आप भाग्यशाली होंगे। आप अपने प्रिय के साथ किसी अच्छी जगह घूमने की योजना बना सकते हैं। नौकरी के क्षेत्र में पदोन्नति मिलेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आपका आज का दिन बेहतरीन रहेगा सामाजिक क्षेत्र में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। बेरोजगार लोगों को अच्छी नौकरी मिल सकती है। आपकी सोच सकारात्मक रहेगी। जीवन में आज ढेरों खुशियां आएंगी। जीवनसाथी आपकी भावनाओं को समझेगा। प्रेम जीवन में सुधार आने की संभावना है। परिवार के लोगों के साथ आप बेहतरीन समय व्यतीत करेंगे। पुराने किए गए निवेश का अच्छा मुनाफा मिलेगा। आमदनी बढ़ेगी। आप अपने विरोधियों को परास्त करेंगे। आपके द्वारा बनाए गए पुराने संपर्क फायदेमंद साबित हो सकते हैं। सामाजिक क्षेत्र में मान-सम्मान बढ़ेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपको रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलने के योग नजर आ रहे हैं। कार्यालय में आपके कार्यों की सराहना होगी। अचानक लाभ मिलने के योग हैं। आप अपनी मधुर वाणी से लोगों को प्रभावित करेंगे। भाग्य प्रबल रहेगा। प्रेम जीवन में रोमांस का अवसर मिल सकता है। पूजा-पाठ में आपका अधिक मन लगेगा। यदि आपने किसी को पैसा उधार दिया है तो वह वापस मिलने की उम्मीद है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन मौज मस्ती भरा व्यतीत होने वाला है। सामाजिक मेलजोल से आपको खुशी और सुकून मिलेगा। कामकाज में अच्छे नतीजे हासिल होंगे। नौकरी के क्षेत्र का माहौल आपके पक्ष में रहने वाला है। जो लोग प्रेम प्रसंग में हैं, वह अपने प्रिय के साथ रोमांस भरा पल व्यतीत करेंगे। प्रिय आपकी भावनाओं को समझेगा। बहुत ही जल्द आपका प्रेम विवाह हो सकता है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आप जरूरतमंद लोगों की मदद करने का मौका मिल सकता है। व्यापार के सिलसिले में लाभदायक यात्रा पर जा सकते हैं। अचानक खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन आमदनी में हुई बढ़ोतरी इसको संतुलित कर देगी। आपको अपना नजरिया सकारात्मक रखना होगा। सभी से मधुर सम्बंध बनाएँ रखें व हर प्रकार के वाद-विवाद से दूर रहें। स्वास्थ्य सही रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज सकारात्मक बने रहना होगा। आपके मन में कोई पुरानी बात चिंता का कारण बन सकती है। आप कहीं पैसा निवेश कर सकते हैं। घर के बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद से आपको अपने किसी जरूरी काम में सफलता हासिल होगी। प्रेम जीवन अच्छा रहेगा। बच्चों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। विवाह योग्य लोगों को विवाह का अच्छा प्रस्ताव मिल सकता है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन अति उत्तम रहेगा। लाभ के कई अवसर हाथ लग सकते हैं। आर्थिक स्थिति में जबरदस्त सुधार आएगा। खर्चों में कमी आएगी। बच्चों की तरफ से टेंशन कम होगी। पारिवारिक जीवन की परेशानियों का समाधान हो सकता है। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। खानपान में रुचि बढ़ेगी। किसी पुरानी योजना का अच्छा फायदा मिलता हुआ नजर आ रहा है।

🔅 *_कृपया ध्यान दें👉_*
यद्यपि शुद्ध राशिफल की पूरी कोशिश रही है फिर भी इन राशिफलों में और आपकी कुंडली व राशि के ग्रहों के आधार पर आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में कुछ अन्तर हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप किसी ज्योतिषी से अवश्य सम्पर्क करें। किसी भी भिन्नता के लिए हम उत्तरदायी नहीं हैं।

🌷आपका दिन मंगलमय हो।🌷

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*एक दिन देख लूंगा*

एक समय की बात है। राजस्थान के रामदेवड़ा गांव में नाहर सिंह साहूकार रहता था। साहूकार छोटी-छोटी बातों पर नाराज़ हो जाता था। उसका एक नौकर था छंगा! छंगा के एक पांव में छह उंगलियां थीं। इसी से उसको सब छंगा कहने लगे। एक बार साहूकार की पत्नी अपने नैहर गई हुई थी। घर में नाहर सिंह और उसका नौकर छंगा थे। साहूकार ने एक दिन छंगा से दोपहर के भोजन में चूरमा बाटी बनाने के लिए कहा और स्वयं बैठक में गद्दी पे चला गया। अभी पूजा अगरबत्ती कर ही रहा था कि हाथ में मटकी लिए छंगा आया और बोला, “मालिक घर में घी नहीं है, पैसे दे दो।” पैसे लेकर वह बाजार से घी लेने गया। घी की मटकी दुकानदार को देकर वह मदारी का तमाशा देखने लगा। तमाशा समाप्त हुआ तो उसने घी के पैसे दिए और मटकी लेकर आ गया।

साहूकार ने छंगा को आते देखा तो पूछा, “घी ले आया इधर ला, ज़रा चखकर देखूं तो कैसा है?” साहूकार ने घी निकालने के लिए उंगली हंडिया में डाली, ये क्या! ऊपर-ऊपर घी था नीचे दही भरा था। साहूकार ने अपना माथा ठोका, “किस बेवकूफ़ से पाला पड़ा है। मेरे पैसे लुटा आया है।” क्रोध में साहूकार ने पास में पड़ी छड़ी उठाई और ‘तड़ातड़’ दस-पांच छंगा के जमा दी। छंगा कराह उठा। उसने मन ही मन कहा, ‘एक दिन देख लूंगा।’

ऐसे ही कुछ दिन बीतने पर साहूकार ने छंगा से कहा, “आज मुझे दावत में जाना है। मेरी नई मोज़री में तेल लगाकर रख देना।”
“जी मालिक,” छंगा ने उत्तर दिया।
सायंकाल साहूकार ने अंगरखा पहना, पगड़ी लगाई और तैयार होकर छंगा को पुकारा, “अरे ओ छंगा, मेरी मोज़री लेकर आ तो।”
छंगा तुरंत तेल का कनस्तर लेकर उपस्थित हो गया। “ये क्यों लाया है,” साहूकार चिल्‍लाया।
“ये रही आपकी मोज़री,” छंगा ने कहा।
“कहां है?”

“यहां तेल के इस कनस्तर में है,” छंगा का जवाब था। अब तो साहूकार को अपने पर नियंत्रण नहीं रहा और उसने लात-घूंसों से छंगा को अधमरा कर दिया। साहूकार तो मारपीट कर वहां से चला गया। छंगा बहुत देर तक रोता-कराहता रहा और बड़बड़ाता रहा, “एक दिन देख लूंगा।”

कुछ दिन बाद साहूकार ने छंगा से कहा, “मुझे तेरी मालकिन को लिवाने (लेने के लिए) अपनी ससुराल जाना है, तुझे भी मेरे साथ चलना है। ससुराल ले जाने के लिए घेवर और मिसरी-मावा ले आना। रास्ते के लिए कचौड़ी रख लेना। ऊंट को खरैरा कर देना। यहां से सवेरे-सवेरे निकल लेंगे।” अगले दिन उंगलियों में चमचमाती अगूँठी, गले में सतलड़ा हार, सुनहरा अंगरखा, चरमर नई मोज़री पहने साहूकार सज- धजकर ऊंट पर सवार हो गया। “मालिक आपकी अंगूठियां तो ख़ूब चमक रही हैं।”

“हां शुद्ध सोने की बनी हैं। सुनहरी चमक वाली चीज़ें बहुत कीमती होती हैं।” साहूकार ने गर्वपूर्वक कहा।

सूरज आसमान में ऊपर चढ़ आया था। साहूकार ऊंट पर सवार आगे था। पीछे-पीछे छंगा सामान उठाए पैदल चल रहा था। साहूकार के आभूषणों की चमक से रास्ते की रेत बार-बार चमक उठती थी। छंगा को साहूकार की बात याद आई, “चमकने वाली सुनहरी चीज़ें क़ीमती होती हैं।” उसने रास्ते की चमकती रेत मुट्ठी में भर-भरकर खाने व मिठाई के थैलों में डाल ली।

रास्ते में एक बगीची में कुएं के निकट साहूकार ने ऊंट रोका। छंगा ने पानी भरा, साहूकार ने चबूतरे पर बैठकर मुंह-हाथ धोए और छंगासे खाना निकालने को कहा। छंगा ने प्याज़ की कचोड़ी, मिर्च व लहसुन की चटनी और साथ में कुछ मिठाई भी परोस दी। जैसे ही साहूकार ने पहला निवाला मुंह में रखा। उसका मुंह किरकिरा हो गया। वह चिल्लाया, “ये क्या मिलाया है खाने में?”
छंगा ने जवाब दिया, “सुनहरी रेत।”

ससुराल ख़ाली हाथ जाना पड़ेगा। सराय आने तक भूखा रहना पड़ेगा, यही सोचकर साहूकार अपने क्रोध पर काबू नहीं रख सका। उसने फिर छंगा की मरम्मत कर दी। छंगा कहता रहा, “मालिक, मैंने क्या किया है, क्यों मारते हो?” उसको अपनी गलती समझ में नहीं आ रही थी। पर मन में उसने साहूकार से बदला लेने की बात ठान ली। “अब तो इसे देख ही लूंगा।” वह बोला।

सांझ हो चली थी। धुंधलका फैलने लगा था। साहूकार ने सराय में डेरा डाला। आभूषण उतारे, कपड़े उतारकर खूंटी पर टांग दिए। नहाया, खाना खाया और सो गया। साहूकार को सोता देख छंगा को बदला लेने का मौका मिल गया।

उसने साहूकार के आभूषण व कपड़े पहने। तैयार होकर उसने वहीं से कुछ मिठाई ख़रीदी व ऊंट पर सवार हो साहूकार की ससुराल जा पहुंचा 1 वहां जाकर कहा, “मैं तुम्हारे जंवाई का मित्र हूं। तुम्हारा जंवाई पागल हो गया है और बिना बताए घर से निकल पड़ा। मैं उसे ढूँढ़ने निकला था। दो कोस दूर एक सराय में पड़ा है।” सुनते ही सब लोग दौड़ पड़े। वहां जाकर देखा जंवाईसा ख़ाली जांघिया पहने लेटे थे। अपने ससुरालवालों को अचानक सामने देख साहूकार हड़बड़ा गया। कहना कुछ चाहता था। मुंह से कुछ निकल रहा था। उसने कमरे में इधर-उधर देखा, उसके आभूषण, कपड़े वहां नहीं थे। छंगा कहीं दिखाई नहीं दे रहा था।

सास-ससुर ने दुखी मन से बड़ी कठिनाईपूर्वक साहूकार को ऊंट गाड़ी में बैठाया और अपनी हवेली ले गए। वहां पर दूसरे कपड़े पहनाने लगे तो वह चिल्लाने लगा, “मुझे नहीं पहनने ये कपड़े। मैं ऐसे ही रहूंगा।”

ज़बरदस्ती गले में कुर्ता पहनाया गया। तभी सामने से उसके कपड़ों में सजा-धजा छंगा आया। उसे देख साहूकार गालियां बकने लगा। छंगा हंसते हुए हवेली से बाहर निकला तो पीछे-पीछे साहूकार भागा। उसके पीछे बाक़ी लोग भी भागे। पत्नी बार-बार हाथ उठाकर प्रार्थना करती, “हे भगवान! ये क्‍या हो गया मेरे पति को। ये तो बिल्कुल पगला गए हैं। अब मैं क्या करूं?”

भोजन के समय फिर छंगा ने साहूकार को तंग किया, “सब लोग इनको ज़रा ठीक से खिलाइए। तीन दिन से खाना नहीं खाया है।” अब कोई कहे खीर खाओ कोई कहे पूरी खाओ, कोई चूरमा खिलाने की कोशिश करे। साहूकार सबके हाथ झटककर खड़ा हो गया और क्रोधपूर्वक बोला, “मुझे कुछ नहीं खाना। इसी को माल-पकवान खिलाओ। मैं जा रहा हूं।”

साहूकार सबको धकेलते हुए पैदल ही चल पड़ा। थोड़ी ही दूर पर एक शिव मंदिर था। वहां जाकर वह एक कोने में बैठ गया। उसी मंदिर में उसकी दुखी पत्नी शिवजी की पूजा कर रही थी। वह भगवान से अपने पति को अच्छा करने की विनती कर रही थी। जब वह नारियल फोड़कर प्रभु के चरणों में चढ़ा रही थी तो साहूकार अपनी जगह से उठा और बोला, “भगवान शिव के चरणों में फोड़ने की बजाय ये नारियल मेरे सिर पर फोड़ दे।” इस अचानक हमले से पत्नी घबरा गई और उसने सचमुच नारियल साहूकार के सिर पे दे मारा। नारियल तो नहीं फूटा पर साहूकार के सिर से ख़ून बह निकला।

इतनी देर में पीछे-पीछे साहूकार के ससुराल से भी लोग आ गए। जंवाई के सिर से ख़ून बहता देख सब उसे अस्पताल ले गए। छंगा भी यह सब तमाशा देख रहा था। अभी तक उसे साहूकार को सताने में बड़ा आनंद आ रहा था पर उसके सिर से ख़ून बहता देख वह दुखी हो गया।

सब लोगों के पीछे वह भी अस्पताल पहुंच गया। उसने वहां जाकर सबको सच बात बता दी। “मालिक पागल नहीं हैं। ये किसी भी छोटी सी गलती पर मुझे ख़ूब मारते थे। मैंने अपने मन में कमम खाई थी कि एक दिन देख लूंगा। बस मैंने अपना बदला ले लिया।”

छंगा की बात सुनकर साहूकार ने मारने के लिए जैसे ही हाथ उठाया, छंगा ने कहा, “एक दिन देख लूंगा।”

उसकी बात पर सब हंसने लगे और साहूकार ने कभी न मारने की क़सम खाई। ससुरालवालों ने अपने जंवाई और बेटी को कपड़े, आभूषण व मिठाई भेंट में देकर विदा किया। वापसी की यात्रा में छंगा बहुत ख़ुश था। अब उसे पिटाई का डर नहीं था।

देवभूमि jknews

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