*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- राजा और मंत्री*
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:- 15/04/2025, मंगलवार*
*द्वितीया, कृष्ण पक्ष,*
*वैशाख*
(समाप्ति काल)
तिथि——— द्वितीया 10:54:55 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र——— विशाखा 27:09:24
योग———— सिद्वि 23:31:27
करण————- गर 10:54:55
करण———- वणिज 24:07:11
वार———————मंगलवार
माह———————- वैशाख
चन्द्र राशि——- तुला 20:26:06
चन्द्र राशि————— वृश्चिक
सूर्य राशि—————— मेष
रितु———————— वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————– विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर)————– सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————- 2082
गुजराती संवत————- 2081
शक संवत—————– 1947
कलि संवत——————5126
सूर्योदय————– 05:55:56
सूर्यास्त—————- 18:42:47
दिन काल———– 12:46:50
रात्री काल————–11:12:08
चंद्रास्त————– 06:54:41
चंद्रोदय—————- 20:58:25
लग्न—- मेष 1°5′ , 1°5′
सूर्य नक्षत्र————— अश्विनी
चन्द्र नक्षत्र—————- विशाखा
नक्षत्र पाया—————— रजत
* पद, चरण
*
ती—- विशाखा 06:57:39
तू—- विशाखा 13:42:09
ते—-विशाखा 20:26:06
तो—- विशाखा 27:09:24
* ग्रह गोचर
*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य= मेष 01°40, अश्विनी 1 चु
चन्द्र= तुला 22°30 , विशाखा 1 ती
बुध =मीन 05°52 ‘ उ o भा o 1 दू
शु क्र= मीन 00°05, पू o फाo’ 4 दी
मंगल=कर्क 04°30 ‘ पुष्य ‘ 1 हु
गुरु=वृषभ 24°30 मृगशिरा, 1 वे
शनि=मीन 02°28 ‘ पू o भा o , 4 दी
राहू=(व) मीन 01°50 पू o भा o, 4 दी
केतु= (व)कन्या 01°50 उ oफा o 2 टो
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* शुभा$शुभ मुहूर्त
*
राहू काल 15:31 – 17:07 अशुभ
यम घंटा 09:08 – 10:44 अशुभ
गुली काल 12:19 – 13: 55अशुभ
अभिजित 11:54 – 12:45 शुभ
दूर मुहूर्त 08:29 – 09:20 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:12 – 24:03* अशुभ
वर्ज्यम 06:31 – 08:19 अशुभ
प्रदोष 18:43 – 20:59 शुभ
चोघडिया, दिन
रोग 05:56 – 07:32 अशुभ
उद्वेग 07:32 – 09:08 अशुभ
चर 09:08 – 10:44 शुभ
लाभ 10:44 – 12:19 शुभ
अमृत 12:19 – 13:55 शुभ
काल 13:55 – 15:31 अशुभ
शुभ 15:31 – 17:07 शुभ
रोग 17:07 – 18:43 अशुभ
चोघडिया, रात
काल 18:43 – 20:07 अशुभ
लाभ 20:07 – 21:31 शुभ
उद्वेग 21:31 – 22:55 अशुभ
शुभ 22:55 – 24:19* शुभ
अमृत 24:19* – 25:43* शुभ
चर 25:43* – 27:07* शुभ
रोग 27:07* – 28:31* अशुभ
काल 28:31* – 29:55* अशुभ
होरा, दिन
मंगल 05:56 – 06:59
सूर्य 06:59 – 08:04
शुक्र 08:04 – 09:08
बुध 09:08 – 10:12
चन्द्र 10:12 – 11:15
शनि 11:15 – 12:19
बृहस्पति 12:19 – 13:23
मंगल 13:23 – 14:27
सूर्य 14:27 – 15:31
शुक्र 15:31 – 16:35
बुध 16:35 – 17:39
चन्द्र 17:39 – 18:43
होरा, रात
शनि 18:43 – 19:39
बृहस्पति 19:39 – 20:35
मंगल 20:35 – 21:31
सूर्य 21:31 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:23
बुध 23:23 – 24:19
चन्द्र 24:19* – 25:15
शनि 25:15* – 26:11
बृहस्पति 26:11* – 27:07
मंगल 27:07* – 28:03
सूर्य 28:03* – 28:59
शुक्र 28:59* – 29:55
*उदयलग्न प्रवेशकाल
*
मेष > 05:48 से 07:28 तक
वृषभ > 07:28 से 09:28 तक
मिथुन > 09:28 से 11:46 तक
कर्क > 11:46 से 14:02 तक
सिंह > 14:02 से 16:16 तक
कन्या > 16:16 से 18:32 तक
तुला > 18:32 से 20:44 तक
वृश्चिक > 20:44 से 23:12 तक
धनु > 23:12 से 01:24 तक
मकर > 01:24 से 02:58 तक
कुम्भ > 02:58 से 04:22 तक
मीन > 04:28 से 05:48 तक
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*विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
* अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 2 + 3 + 1 = 21 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
* ग्रह मुख आहुति ज्ञान
*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति
* शिव वास एवं फल -:*
17 + 17 + 5 = 39 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक
*भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
रात्रि 24:06 से प्रारम्भ
स्वर्गलोक = शुभ कारक
* विशेष जानकारी
*
*हिमाचल प्रदेश दिवस*
* शुभ विचार
*
इक्षुरापः पयो मूलं ताम्बूलं फलमौषधम् ।
भक्षयित्वाऽपिकर्तव्याःस्नानदानादिकाःक्रियाः ।।
।। चा o नी o।।
ऊख, जल, दूध, पान, फल और औषधि इन वस्तुओं के भोजन करने पर भी स्नान दान आदि क्रिया कर सकते हैं।
* सुभाषितानि
*
गीता -:दैवासुरसम्पद्विभागयोग :- अo-16
यः शास्त्रविधिमुत्सृज्य वर्तते कामकारतः।,
न स सिद्धिमवाप्नोति न सुखं न परां गतिम्॥,
जो पुरुष शास्त्र विधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है, वह न सिद्धि को प्राप्त होता है, न परमगति को और न सुख को ही॥,23॥,
* दैनिक राशिफल
*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
सुख के साधन जुटेंगे। भूमि व भवन की योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। संतान की प्रगति होगी। व्यापार-व्यवसाय में प्रगतिकारक वातावरण का सृजन होगा। पारिवारिक स्थिति आनंददायक रहेगी। मन प्रफुल्लित रहेगा।
वृष
विवाद व जल्दबाजी से बचें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। अधूरे काम समय से पूरे होने के योग हैं। नए कार्यों से लाभ के मार्ग प्रशस्त होंगे। धन का संग्रह होगा।
मिथुन
तीर्थयात्रा हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। वरिष्ठजनों का सहयोग मिलेगा। नवीन योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए दिन अच्छा होने की संभावना है। प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। परिवार में मेल-मिलाप बढ़ेगा। अधिकारी वर्ग में महत्व बढ़ेगा।
कर्क
संतान पक्ष की चिंता रहेगी। चोट व दुर्घटना से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। खर्च का बोझ बढ़ेगा। किसी पर अत्यधिक भरोसा न करें। व्यापार, नौकरी में अड़चनें आने से मनोबल में कमी आ सकती है।
सिंह
प्रेम में सफलता मिलेगी। प्रयास सफल रहेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। मान-सम्मान मिलेगा। धनार्जन होगा। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सुख एवं पत्नी के सहयोग से मन प्रसन्न रहेगा। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। किसी से बहस न करें। काम-धंधे में सफलता के शुभ संकेत हैं।
कन्या
लेनदारी वसूल होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। राज्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विशेष लाभ का योग है। आर्थिक उन्नति होगी। सामाजिक उत्तरदायित्व की पूर्ति करेंगे। ईश्वर के प्रति श्रद्धा बढ़ेगी।
तुला
प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। बाहर सहायता से काम होंगे। प्रसन्नता रहेगी। संतान के संबंध में संतोष रहेगा। व्यावसायिक अथवा आजीविका संबंधी समस्या का समाधान हो सकेगा। पुरुषार्थ का पूर्ण फल मिलेगा। थकान रहेगी। शत्रु भय रहेगा।
वृश्चिक
यात्रा में सावधानी रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। दु:खद समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर संयम रखें। विरोधियों से सावधान रहें। परिवार की परेशानी का हल संभव है। भागीदारी के कामों में सफलता मिलेगी।
धनु
अतिथियों का आवागमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। आत्मसम्मान बना रहेगा। सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभा सकेंगे। पारिवारिक सुख-शांति बरकरार रहेगी। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। यात्रा होगी।
मकर
कुसंगति से बचें। फालतू खर्च होंगे। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें। संतान की गतिविधियों पर नजर रखना होगी। कामकाज का बोझ बढ़ने से व्यापार पर विपरीत असर हो सकता है। वाद-विवाद से दूर रहें।
कुंभ
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। रुके कार्यों में गति आएगी। माता के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना आवश्यक। पुराने रुके कामों, लेनदेन में सफलता की संभावना है। रोमांस में सफलता मिलेगी। विद्यार्थियों को शिक्षा में उपलब्धि हासिल होने के योग हैं।
मीन
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम उठाएं। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। सोच-समझकर कार्य करना लाभप्रद रहेगा। पुरुषार्थ सफल होगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखना चाहिए। व्यापार में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे।
*आपका दिन मंगलमय हो
*
* आज का प्रेरक प्रसंग
*
*!! राजा और मंत्री !!*
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एक राजा जिसका बहुत बडा राज्य था। कोई कमी नहीं थी जो भी हुक्म करते वही हो जाता था। लेकिन राजा में एक आदत थी कि वह जो भी कोई थोड़ी सी गलती करता उसे तुरंत दस बडे खुंखार कुत्तों के सामने डालकर उसे कुत्तों से नुचवाता। राजा बडे गुस्से वाला था।
राजा की इस आदत से सभी परेशान थे। राजा का मंत्री भी राजा की इस आदत की आलोचना करता था। एक दिन उसी मंत्री से कोई गलती हो गयी। राजा को गलती का पता चला तो राजा ने तुरंत हुक्म दिया कि जाओ मंत्री को कुत्तों के सामने ले जाओ।
मंत्री ने राजा से गलती मानी, माफी मांगी लेकिन राजा ने कुछ नहीं सुना और कहा कि जो कह दिया सो कह दिया और सिपाहियों से कहा ले जाओ कुत्तों के बाडे में। मंत्री ने कहा ठीक है राजा जी लेकिन मेरी आखिरी इच्छा तो मान लो। राजा ने कहा ठीक है बताओ अपनी आखिरी इच्छा। मंत्री ने कहा मुझे दस दिन की महौलत दे दीजिए बस। राजा ने कहा ठीक है दस दिन की महौलत दे देते हैं।
लेकिन ग्यारहवें दिन सजा जरूर मिलेगी। मंत्री दस दिन तक राजा के पास नहीं आया। और ग्यारहवें दिन राजा के सामने पेश हो गया। राजा ने मंत्री को देखा और सिपाहियों से कहा जो सजा रखी थी मंत्री के लिए उसे पूरी की जाए। सिपाही मंत्री को कुत्तों के बाडे में लेकर गये, कुत्तों को भी खोल दिया गया। लेकिन कुत्ते मंत्री पर प्रहार करने के बजाय मंत्री से प्यार से पेश आ रहे थे।
यह देखकर राजा चौंक गया कि जिन कुत्तों को प्रहार करने के लिए ट्रेन किया गया है वे इतने प्यार से पेश आ रहे हैं। राजा ने मंत्री से कहा कि ये चमत्कार कैसे हो गया! इन कुत्तों को क्या हो गया है। मंत्री ने जवाब दिया कि इन दस दिनों में मैंने इन कुत्तों की बहुत सेवा की है। इन्हें खाना खिलाया, नहलाया अब ये कुत्ते जान चुके हैं कि मैं इनके लिए कुछ अच्छा करता हूँ ना कि बुरा। ये मुझ पर प्रहार नहीं करेंगे। मैंने आपकी इतने दिनों से सेवा की है, फिर भी आप मेरी एक गलती को माफ नहीं कर सके। आपसे ज्यादा अच्छे तो ये कुत्ते हैं जो अच्छा और बुरे को पहचानते हैं। राजा यह सब देखकर बड़ा शर्मिन्दा हुआ।
*शिक्षा:-*
हमें हमेशा सोच समझ कर फैसले लेने चाहिए। किसी की एक गलती को लेकर ही उसे जिन्दगी भर के लिए सजा नहीं देनी चाहिये बल्कि उसे माफ करने की हिम्मत रखनी चाहिए..!!
*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*