धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- माँ की ममता*


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-26/12/2023, मंगलवार*
*पूर्णिमा, शुक्ल पक्ष,*
*मार्गशीर्ष*

(समाप्ति काल)
तिथि————– पूर्णिमा 30: 02:10 तक
पक्ष————————— शुक्ल
नक्षत्र—————– मृगशिरा 22:20:08
योग——————— शुक्ल 27:19:53
करण—————- विष्टि भद्र 17:50:56
करण——————— बव 30:02:10
वार————————— मंगलवार
माह————————— मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि————— वृषभ 09:56:07
चन्द्र राशि———————- मिथुन
सूर्य राशि———————- धनु
रितु————————— शिशिर
आयन————————- उत्तरायण
संवत्सर———————– शोभकृत
संवत्सर (उत्तर) ————- पिंगल
विक्रम संवत——————- 2080
गुजराती संवत—————– 2080
शक संवत——————— 1945
सूर्योदय———————– 07:08:51
सूर्यास्त———————— 17:30:25
दिन काल——————— 10:21:33
रात्रि काल——————— 13:38:50
चंद्रोदय———————— 16:46:17
चंद्रास्त———————— 31:28:03
लग्न————— धनु 9°48′, 249°48′
सूर्य नक्षत्र——————— मूल
चन्द्र नक्षत्र——————— मृगशिरा
नक्षत्र पाया——————— लोहा
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
वो——————– मृगशिरा 09:56:07
का——————- मृगशिरा 16:07:21
की——————- मृगशिरा 22:20:08
कु———————– आर्द्रा 28:34:31

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी, अंश, नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= धनु 08:30, मूल 3 भा
चन्द्र= वृषभ 23:30, मृगशिरा 2 वो
बुध = धनु 02:53′ मूल 1 ये
शुक्र= वृश्चिक 01°05, विशाखा’ 4 तो
मंगल= वृश्चिक 28°30′ ज्येष्ठा’ 4 यू
गुरु= मेष 11°30′ अश्विनी , 4 ला
शनि= कुम्भ 08°40′ शतभिषा,1 गो
राहू= (व) मीन 27°05 रेवती, 4 ची
केतु= (व) कन्या 27°05 चित्रा , 2 पो

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 14:55 – 16:13 अशुभ
यम घंटा 09:44 – 11:02 अशुभ
गुली काल 12:20 – 13: 37अशुभ
अभिजित 11:59 – 12:40 शुभ
दूर मुहूर्त 09:13 – 09:55 अशुभ
दूर मुहूर्त 22:58 – 23:39 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
रोग 07:09 – 08:27 अशुभ
उद्वेग 08:27 – 09:44 अशुभ
चर 09:44 – 11:02 शुभ
लाभ 11:02 – 12:20 शुभ
अमृत 12:20 – 13:37 शुभ
काल 13:37 – 14:55 अशुभ
शुभ 14:55 – 16:13 शुभ
रोग 16:13 – 17:30 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
काल 17:30 – 19:13 अशुभ
लाभ 19:13 – 20:55 शुभ
उद्वेग 20:55 – 22:37 अशुभ
शुभ 22:37 – 24:20* शुभ
अमृत 24:20* – 26:02* शुभ
चर 26:02* – 27:45* शुभ
रोग 27:45* – 29:27* अशुभ
काल 29:27* – 31:09* अशुभ
💮होरा, दिन
मंगल 07:09 – 08:01
सूर्य 08:01 – 08:52
शुक्र 08:52 – 09:44
बुध 09:44 – 10:36
चन्द्र 10:36 – 11:28
शनि 11:28 – 12:20
बृहस्पति 12:20 – 13:11
मंगल 13:11 – 14:03
सूर्य 14:03 – 14:55
शुक्र 14:55 – 15:47
बुध 15:47 – 16:39
चन्द्र 16:39 – 17:30
🚩होरा, रात
शनि 17:30 – 18:39
बृहस्पति 18:39 – 19:47
मंगल 19:47 – 20:55
सूर्य 20:55 – 22:03
शुक्र 22:03 – 23:12
बुध 23:12 – 24:20
चन्द्र 24:20* – 25:28
शनि 25:28* – 26:36
बृहस्पति 26:36* – 27:45
मंगल 27:45* – 28:53
सूर्य 28:53* – 30:01
शुक्र 30:01* – 31:09

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
धनु > 05:24 से 07:34 तक
मकर > 07:34 से 09:22 तक
कुम्भ > 09:22 से 10:48 तक
मीन > 10:48 से 12:18 तक
मेष > 12:18 से 14:00 तक
वृषभ > 14:00 से 15:58 तक
मिथुन > 15:58 से 18:10 तक
कर्क > 18:10 से 20:28 तक
सिंह > 20:28 से 22:38 तक
कन्या > 22:38 से 00:58 तक
तुला > 00:58 से 03:02 तक
वृश्चिक > 03:02 से 05:20 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये, उद्वेगे थलगार।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे, लाभ में करो व्यापार॥
रोग में रोगी स्नान करे, काल करो भण्डार।
अमृत में काम सभी करो, सहाय करो कर्तार॥
अर्थात- चर में वाहन, मशीन आदि कार्य करें।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें।
शुभ में स्त्री श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें।
लाभ में व्यापार करें।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें।

*💮दिशा शूल ज्ञान—————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड खाके यात्रा कर सकते हैl
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु चl*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय:ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं।।*
*महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत्।।*
15 + 3 + 1 = 19 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक हैl

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
चंद्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*
15 + 15 + 5 = 35 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
17:54 तक समाप्त
स्वर्गलोग = धनलाभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*पूर्णिमा व्रत*

*छप्पन भोग दाऊजी*

*श्रीदत्त जयंती*

*अन्नपूर्णा जयंती*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

त्यजेध्दर्म दयाहीनं विद्याहीनं गुरुं त्यजेत्।
त्यजेत्क्रोधमुखीं भार्यान्निः स्नेहानबंधवांस्त्यजेत्।।
।। चा o नी o।।
जिस व्यक्ति के पास धर्म और दया नहीं है उसे दूर करो. जिस गुरु के पास अध्यात्मिक ज्ञान नहीं है उसे दूर करो. जिस पत्नी के चेहरे पर हरदम घृणा है उसे दूर करो. जिन रिश्तेदारों के पास प्रेम नहीं उन्हें दूर करो.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: सांख्ययोग अo-02
श्रुतिविप्रतिपन्ना ते यदा स्थास्यति निश्चला।,
समाधावचला बुद्धिस्तदा योगमवाप्स्यसि॥,
भाँति-भाँति के वचनों को सुनने से विचलित हुई तेरी बुद्धि जब परमात्मा में अचल और स्थिर ठहर जाएगी, तब तू योग को प्राप्त हो जाएगा अर्थात तेरा परमात्मा से नित्य संयोग हो जाएगा॥,53॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत।।

🐏मेष- मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। दूर रहने वाले व्यक्तियों से संपर्क के कारण लाभ हो सकता है। नई योजनाओं का सूत्रपात होने के योग हैं। कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। व्यर्थ संदेह न करें। मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा।

🐂वृष- व्यवसाय ठीक चलेगा। अर्थ प्राप्ति के योग बनेंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। बेचैनी रहेगी। विवादों से दूर रहना चाहिए। पिता से व्यापार में सहयोग मिल सकेगा। सरकारी मसले सुलझेंगे। सकारात्मक सोच बनेगी।

👫मिथुन-जोखिम व जमानत के कार्य टालें, बाकी सामान्य रहेगा। प्रयास अधिक करने पर भी उचित सफलता मिलने में संदेह है। कार्य में विलंब के भी योग हैं। आर्थिक हानि हो सकती है। पारिवारिक जीवन तनावपूर्ण रहेगा। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है।

🦀कर्क-यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। रुके धन के लिए प्रयत्न जरूर करें। कार्य का विस्तार होगा। दूसरे के कार्यों में हस्तक्षेप से बचें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। विलासिता के प्रति रुझान बढ़ेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। अध्यात्म में रुचि रहेगी।

🐅सिंह-संपत्ति की खरीद-फरोख्त हो सकती है। आय बढ़ेगी। मन में उत्साहपूर्ण विचारों के कारण समय सुखद व्यतीत होगा। मकान व जमीन संबंधी कार्य बनेंगे। अनायास धन लाभ के योग हैं। व्यापार में वांछित उन्नति होगी। बेरोजगारी दूर होगी। विवाद न करें।

🙎‍♀️कन्या- कार्यस्थल पर परिवर्तन लाभ में वृद्धि करेगा। योजना फलीभूत होगी। नए अनुबंध होंगे। कष्ट होगा। पारिवारिक जिम्मेदारी बढ़ने से व्यस्तता बढ़ेगी। कार्य में नवीनता के भी योग हैं। संतान के व्यवहार से समाज में सम्मान बढ़ेगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है।

⚖️तुला- रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी बड़े कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। प्रसन्नता बनी रहेगी। नए कार्यों से जुड़ने का योग बनेगा। पारिवारिक जीवन सुखद नहीं रहेगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। इच्छित लाभ होगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा हो सकती है।

🦂वृश्चिक- शत्रु सक्रिय रहेंगे। कुसंगति से हानि होगी। व्ययवृद्धि होगी। लेन-देन में सावधानी रखें, जोखिम न लें। किसी शुभचिंतक से मेल-मुलाकात का हर्ष होगा। संतान की आजीविका संबंधी समस्या का हल निकलेगा। लापरवाही से काम न करें।

🏹धनु- किसी कार्य में प्रतिस्पर्धात्मक तरीके से जुड़ने की प्रवृत्ति आपके लिए शुभ रहेगी। राज्यपक्ष से लाभ होगा। अपने काम से काम रखें। दांपत्य सुख प्राप्त होगा। बुरी खबर मिल सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। भागदौड़ रहेगी। आय में कमी होगी।

🐊मकर- यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। आय में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें। आकस्मिक लाभ व निकटजनों की प्रगति से मन में प्रसन्नाता रहेगी। परिश्रम से स्वयं के कार्यों में भी शुभ परिणाम आएँगे। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें।

🍯कुंभ- नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। परीक्षा आदि में सफलता मिलेगी। पारिवारिक कष्ट एवं समस्याओं का अंत संभव है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। आय से अधिक व्यय न करें। परोपकार में रुचि बढ़ेगी।

🐟मीन- मेहमानों का आवागमन होगा। व्यय होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। अपने प्रयासों से उन्नति पथ प्रशस्त करेंगे। बुद्धि चातुर्य से कठिन कार्य भी आसानी से बनेंगे। व्यापार अच्छा चलेगा। व्यर्थ समय नष्ट न करें। रुका पैसा मिलेगा।

*!! माँ की ममता !!*

*एक छोटे से कसबे में समीर नाम का एक लड़का रहता था। बचपन में ही पिता की मृत्यु हो जाने के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बड़ी दयनीय थी, समीर की माँ कुछ पढ़ी-लिखी ज़रुर थीं लेकिन उतनी पढाई से नौकरी कहाँ मिलने वाली थी सो घर-घर बर्तन मांज कर और सिलाई-बुनाई का काम करके किसी तरह अपने बच्चे को पढ़ा-लिखा रही थीं।*

*समीर स्वाभाव से थोड़ा शर्मीला था और अक्सर चुप-चाप बैठा रहता था। एक दिन जब वो स्कूल से लौटा तो उसके हाथ में एक लिफाफा था।*

*उसने माँ को लिफाफा पकड़ाते हुए कहा, “माँ, मास्टर साहब ने तुम्हारे लिए ये चिट्ठी भेजी है, जरा देखो तो इसमें क्या लिखा है?”*

*माँ ने मन ही मन चिट्ठी पढ़ी और मुस्कुरा कर बोलीं, “बेटा, इसमें लिखा है कि आपका बेटा काफी होशियार है, इस स्कूल के बाकी बच्चों की तुलना में इसका दिमाग बहुत तेज है और हमारे पास इसे पढ़ाने लायक शिक्षक नहीं हैं, इसलिए कल से आप इसे किसी और स्कूल में भेजें। ”*

*यह बात सुन कर समीर को स्कूल न जा सकने का दुःख तो हुआ पर साथ ही उसका मन आत्मविश्वास से भर गया कि वो कुछ ख़ास है और उसकी बुद्धि तीव्र है।*

*माँ, ने उसका दाखिला एक अन्य स्कूल में करा दिया।*

*समय बीतने लगा, समीर ने खूब मेहनत से पढाई की, आगे चल कर उसने सिविल सर्विसेज परीक्षा भी पास की और IAS ऑफिसर बन गया।*

*समीर की माँ अब बूढी हो चुकीं थीं, और कई दिनों से बीमार भी चल रही थीं, और एक दिन अचानक उनकी मृत्यु हो गयी।*

*समीर के लिए ये बहुत बड़ा आघात था, वह बिलख-बिलख कर रो पड़ा उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब अपनी माँ के बिना वो कैसे जियेगा…रोते-रोते ही उसने माँ की पुरानी अलमारी खोली और हाथ में उनकी माला, चश्मा, और अन्य वस्तुएं लेकर चूमने लगा।*

*उस अलमारी में समीर के पुराने खिलौने, और बचपन के कपड़े तक संभाल कर रखे हुए थे समीर एक-एक कर सारी चीजें निकालने लगा और तभी उसकी नज़र एक पुरानी चिट्ठी पर पड़ी, दरअसल, ये वही चिट्ठी थी जो मास्टर साहब ने उसे 18 साल पहले दी थी।*

*नम आँखों से समीर उसे पढने लगा-*

*“आदरणीय अभिभावक,*

*आपको बताते हुए हमें अफ़सोस हो रहा है कि आपका बेटा समीर पढ़ाई में बेहद कमज़ोर है और खेल-कूद में भी भाग नहीं लेता है। जान पड़ता है कि उम्र के हिसाब से समीर की बुद्धि विकसित नहीं हो पायी है, अतः हम इसे अपने विद्यालय में पढ़ाने में असमर्थ हैं।*

*आपसे निवेदन है कि समीर का दाखिला किसी मंद-बुद्धि विद्यालय में कराएं अथवा खुद घर पर रख कर इसे पढाएं।*

*सादर,

*प्रिन्सिपल”*

*समीर जानता था कि भले अब उसकी माँ इस दुनिया में नहीं रहीं पर वो जहाँ भी रहें उनकी ममता उनका आशीर्वाद सदा उस पर बना रहेगा!

*दोस्तों, रुडयार्ड किपलिंग ने कहा है –

God could not be everywhere, and therefore he made mothers.

*भगवान् सभी जगह नहीं हो सकते इसलिए उसने माएं बनायीं।*
*माँ से बढ़कर त्याग और तपस्या की मूरत भला और कौन हो सकता है ? हम पढ़-लिख लें, बड़े हो कर कुछ बन जाएं इसके लिए वो चुपचाप ना जाने कितनी कुर्बानियां देती है, अपनी ज़रूरतें मार कर हमारे शौक पूरा करती है। यहाँ तक कि संतान बुरा व्यवहार करे तो भी माँ उसका भला ही सोचती है! सचमुच, माँ जैसा कोई नहीं हो सकता!*

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *