धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- रिश्ते में मित्रता*

*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-24/03/2024, रविवार*
*चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष,*
*फाल्गुन*
(समाप्ति काल)

तिथि——— चतुर्दशी 09:54:28 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——— पूo फाo07:32:41
योग————– गण्ड 20:32:35
करण———– वणिज 09:54:28
करण——- विष्टि भद्र 23:12:37
वार———————– रविवार
माह———————- फाल्गुन
चन्द्र राशि——- सिंह 14:19:06
चन्द्र राशि—————— कन्या
सूर्य राशि——————– मीन
रितु————————- वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————— शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)—————– पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————- 2080
शक संवत—————— 1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 06:19:35
सूर्यास्त—————- 18:31:24
दिन काल————- 12:11:49
रात्री काल————- 11:47:03
चंद्रोदय—————- 17:50:24
चंद्रास्त—————- 30:17:28
लग्न—- मीन 9°41′ , 339°41′
सूर्य नक्षत्र———- उत्तरा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र———– पूर्वा फाल्गुनी
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

टू—- पूर्वा फाल्गुनी 07:32:41

टे—- उत्तरा फाल्गुनी 14:19:06

टो—- उत्तरा फाल्गुनी 21:05:18

पा—- उत्तरा फाल्गुनी 27:51:11

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मीन 09:10, उ oभाo 2 थ
चन्द्र=सिंह 26:30 , पू o फाo 4 टू
बुध =मीन 28:53′ रेवती 4 ची
शु क्र= कुम्भ 20°05, पू o भाo ‘ 1 से
मंगल=कुम्भ 06°30 ‘ धनिष्ठा’ 4 गे
गुरु=मेष 21°30 भरणी , 3 ले
शनि=कुम्भ 18°50 ‘ शतभिषा ,4 सू
राहू=(व) मीन 22°25 रेवती , 2 दो
केतु=(व) कन्या 22°25 हस्त , 4 ठ

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 16:59 – 18:31 अशुभ
यम घंटा 12:26 – 13:57 अशुभ
गुली काल 15:28 – 16: 59अशुभ
अभिजित 12:01 – 12:50 शुभ
दूर मुहूर्त 16:54 – 17:43 अशुभ
वर्ज्यम 15:40 – 17:29 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 06:20 – 07:51 अशुभ
चर 07:51 – 09:23 शुभ
लाभ 09:23 – 10:54 शुभ
अमृत 10:54 – 12:26 शुभ
काल 12:26 – 13:57 अशुभ
शुभ 13:57 – 15:28 शुभ
रोग 15:28 – 16:59 अशुभ
उद्वेग 16:59 – 18:31 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
शुभ 18:31 – 19:59 शुभ
अमृत 19:59 – 21:28 शुभ
चर 21:28 – 22:57 शुभ
रोग 22:57 – 24:25* अशुभ
काल 24:25* – 25:53* अशुभ
लाभ 25:53* – 27:22* शुभ
उद्वेग 27:22* – 28:50* अशुभ
शुभ 28:50* – 30:18* शुभ

💮होरा, दिन
सूर्य 06:20 – 07:21
शुक्र 07:21 – 08:22
बुध 08:22 – 09:23
चन्द्र 09:23 – 10:24
शनि 10:24 – 11:25
बृहस्पति 11:25 – 12:26
मंगल 12:26 – 13:26
सूर्य 13:26 – 14:27
शुक्र 14:27 – 15:28
बुध 15:28 – 16:29
चन्द्र 16:29 – 17:30
शनि 17:30 – 18:31

🚩होरा, रात
बृहस्पति 18:31 – 19:30
मंगल 19:30 – 20:29
सूर्य 20:29 – 21:28
शुक्र 21:28 – 22:27
बुध 22:27 – 23:26
चन्द्र 23:26 – 24:25
शनि 24:25* – 25:24
बृहस्पति 25:24* – 26:23
मंगल 26:23* – 27:22
सूर्य 27:22* – 28:21
शुक्र 28:21* – 29:20
बुध 29:20* – 30:18

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मीन > 05:02 से 0628 तक
मेष > 06: 28 से 08:20 तक
वृषभ > 08:20 से 10:14 तक
मिथुन > 10:14 से 12:26 तक
कर्क > 12:26 से 14:50 तक
सिंह > 14:50 से 16:58 तक
कन्या > 16:58 से 19:14 तक
तुला > 19:14 से 21:04 तक
वृश्चिक > 21:04 से 23:28 तक
धनु > 23:28 से 01:28 तक
मकर > 01:28 से 03:30 तक
कुम्भ > 03:30 से 04:48 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

14 + 1 + 1 = 16 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चन्द्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

14 + 14 + 5 = 33 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

प्रातः 09:55 से रात्रि 23:12 तक

मृत्यू लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*पूर्णिमा व्रत*

*सर्वार्थ सिद्धि योग 07:33 से*

*होलिका दहन (भद्रोपरांत)*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

येषां श्रीमद्यशोदा सुतपदकमले नास्ति भक्तिर्नराणां
येषामाभीरकन्याप्रियगुणकथने नानुरक्ता रसज्ञा ।
येषां श्रीकृष्णलीलाललितरसकथा सादरौनैव कर्णौ
धिक्तांधिक्तांधिगेतांकथ यति सततं कीर्तनस्थोमॄदंगः ।।
।। चा o नी o।।

धिक्कार है उन्हें जिन्हें भगवान् श्री कृष्ण जो माँ यशोदा के लाडले है उन के चरण कमलो में कोई भक्ति नहीं. मृदंग की ध्वनि धिक् तम धिक् तम करके ऐसे लोगो का धिक्कार करती है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: ज्ञानकर्मसन्यास योग अo-04

द्रव्ययज्ञास्तपोयज्ञा योगयज्ञास्तथापरे ।,
स्वाध्यायज्ञानयज्ञाश्च यतयः संशितव्रताः ॥,

कई पुरुष द्रव्य संबंधी यज्ञ करने वाले हैं, कितने ही तपस्या रूप यज्ञ करने वाले हैं तथा दूसरे कितने ही योगरूप यज्ञ करने वाले हैं, कितने ही अहिंसादि तीक्ष्णव्रतों से युक्त यत्नशील पुरुष स्वाध्यायरूप ज्ञानयज्ञ करने वाले हैं॥,28॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा संभव है। विवाद न करें। रोजगार मिलेगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। आपकी मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति आपके जीवन में आनंद का संचार करेगी। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी।

🐂वृष
सार्वजनिक कार्यों में समय व्यतीत होगा। संतान की ओर से शुभ समाचार मिलेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। रोजगार के क्षेत्र में उन्नति होगी। कुसंगति से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। विवाद न करें।

👫मिथुन
दु:खद समाचार मिल सकता है। विरोध होगा। व्यर्थ भागदौड़ होगी। लाभ के अवसर टलेंगे। विवाद न करें। कार्य निर्णय बहुत शांति से विचार करके करना ही शुभ है। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। रुका धन मिलेगा।

🦀कर्क
वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। लाभ होगा। उत्तम मनोबल आपकी सभी समस्याओं को हल कर देगा। प्रतिष्ठित जनों से मेलजोल बढ़ेगा। व्यापार में नए प्रस्ताव मिलेंगे।

🐅सिंह
अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार मिलेंगे। मान बढ़ेगा। विवाद न करें। आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना है। व्यापार में नए अनुबंध होंगे। व्ययों में कमी करना चाहिए। व्यापार अच्छा चलेगा। जीवनसाथी से मतभेद। फालतू खर्च होगा।

🙍‍♀️कन्या
व्यवसाय ठीक चलेगा। परोपकार करके मानसिक सुख अर्जित करेंगे। व्यापारिक स्थिति आशाजनक रहेगी। पारिवारिक, मांगलिक कार्य की योजना बनेगी। कर्ज लेने से बचना चाहिए। परिवार की चिंता रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी।

⚖️तुला
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। समाज के कामों में उत्साहपूर्वक भाग लेंगे। नौकरी में तबादला तथा पदोन्नति के योग हैं। अनावश्यक क्रोध न करें। धन संबंधी काम पूरे होंगे।

🦂वृश्चिक
आय में कमी रहेगी। धैर्य रखें। स्वास्थ्य की समस्या हल होगी। ईश्वर के प्रति आस्था बढ़ेगी। जीवनसाथी की भावनाओं को समझें। आर्थिक निवेश लाभकारी रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है।

🏹धनु
रोजगार मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन गतिविधियां लाभकारी रहेंगी। व्यापार में नई योजनाओं का प्रारंभ होगा। पराक्रम के प्रति निष्क्रियता के कारण मन अप्रसन्न रहेगा। शत्रु परास्त होंगे। भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त हो सकती है।

🐊मकर
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। रोजगार की चिंता रह सकती है। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। मानसिक दृढ़ता से निर्णय लेकर कार्य करना चाहिए। व्यापार में लाभकारी परिवर्तन होंगे।

🍯कुंभ
सुख के साधन जुटेंगे। प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में मनचाही पदोन्नति मिलने के योग बनेंगे। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। अजनबियों पर विश्वास न करें।

🐟मीन
नई योजना बनेगी। कार्य का विस्तार होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें। काम के प्रति दृढ़ता से कार्य में अनुकूल सफलता मिल सकेगी। पारिवारिक सुख व धन बढ़ेगा। वाणी संयम आवश्यक है।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*💐रिश्ते में मित्रता💐*

*श्री प्रेमानंद जी महाराज का एकांतिक वार्तालाप जरूर
मम्मी जी के चेहरे की चमक और किचन से आती पकवानों की महक दोनों की वजह एक ही है। आज लंच में उनकी एक फ्रेंड आने वाली हैं, कल ही बता दिया था उन्होंने।

कल ही मेरे साथ अपनी फ्रेंड को गिफ्ट में देने के लिए महंगी सी साड़ी भी ले आईं। आज मुझसे भी पहले किचन में घुस गई और बड़े जतन से खुद से तैयार की गई पकवानों की लिस्ट में से एक के बाद एक डिश बनानी भी शुरू कर दी।

खूब खुश नजर आ रही हैं पर मैं…… बेमन, बनावटी मुस्कान चेहरे पर सजाए काम में उनका हाथ बटा रही हूँ।

मायके में मेरी माँ का आज जन्मदिन है। शादी के बाद यह माँ का पहला जन्मदिन होगा जब कोई भी उनके साथ नहीं होगा। अब मैं यहाँ, पापा ऑफिस टूर पर और भाई तो है ही परदेस में।

मायके जाने के लिए कल मम्मी जी से बोलने ही वाली थी कि उन्होंने मेरे बोलने से पहले ही अपनी फ्रेंड के आने वाली बात सामने रख दी। दोपहर में लंच और शाम को हम सभी का उनके साथ फन सिटी जाने का प्रोग्राम तय हो चुका था।

क्या कहती मन मार कर रह गई। घर को सजाया और खुद को भी बेमन सी सँवर गई। कुछ ही देर में डोर बेल बजी उनका स्वागत करने के लिए मम्मी जी ने मुझे ही आगे कर दिया।

गेट खोला, बड़े से घने गुलदस्ते के पीछे छिपा चेहरा जब नजर आया तो मेरी आंखें फटी की फटी और मुँह खुला का खुला रह गया। सामने मेरी माँ खड़ीं थीं। माँ मुझे गुलदस्ता पकड़ाते हुए बोली, “सरप्राइज”

हैरान खड़ी मैं, अपनी माँ को निहार रही थी। “बर्थडे विश नहीं करोगी हमारी फ्रेंड को?” पीछे खड़ी मम्मी जी बोली।

“माँ………आपकी फ्रेंड?”

“अरे भाई झूठ थोड़ी ना कहा था हमने और फिर किसने कहा कि समधिन-समधिन दोस्त नहीं हो सकती।”

“बिल्कुल हो सकती है जो अपनी बहू को बेटी जैसा लाड़ दुलार करें सिर्फ वही समधिन को दोस्त बना सकती है।” कहते हुए माँ ने आगे बढ़कर मम्मी जी को गले लगा लिया।

मेरे मुँह से एक शब्द भी ना निकल पाया बस मैंने मम्मी जी की हथेलियों को अपनी आंखों से स्पर्श करके होठों से चूम लिया। माँ हम दोनों को देखकर भीगी पलकों के साथ मुस्कुरा पड़ीं।

एक तरफ मेरी माँ खड़ी थी जिन्होंने मुझे रिश्तों की अहमियत बताई और दूसरी तरफ मम्मी जी जिनसे मैंने सीखा रिश्तों को दिल से निभाना। दोनों मुझे देखकर जहाँ मुस्कुरा रही थी वही मैं दोनों के बीच खड़ी अपनी किस्मत पर इतरा रही थी।

*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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