*फॉरेंसिक मेडिसिन के बिना अधूरा है चिकित्सा विज्ञानः डॉ. विजय धस्माना*
देव भूमि जे के न्यूज- 30-MARCH-24,डोईवाला- हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एचआईएमएस) के फॉरेंसिक मेडिसिन व टॉक्सिकोलॉजी विभाग की ओर से ‘फॉरेंसिक आई-2024’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। दो दिवसीय कार्यशाला में देशभर से करीब डेढ़ सौ से ज्यादा चिकित्सकों व विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इस दौरान फोरेंसिक मेडिसिन में के क्षेत्र में आए बदलाव व नई अत्याधुनिक तकनीकियों पर चर्चा की गई।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के आदि-कैलाश व चौखंबा सभागार में ‘फॉरेंसिक आई-2024’ का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ संस्थापक डॉ.स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वल्लित व पुष्पांजलि अर्पित कर किया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एसआरएचयू के अध्यक्ष डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि फारेंसिक मेडिसिन के बिना चिकित्सा विज्ञान अधूरा है। आधुनिक तकनीक ने फॉरेंसिक मेडिसिन को एक नया आयाम दिया है।
विशिष्ट अतिथि कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल ने कहा कि विज्ञान व तकनीक ने फॉरेंसिक मेडिसिन के क्षेत्र को व्यापक बना दिया है। डॉ.डोभाल ने भारत में फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के भविष्य के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया।
एसआरएचयू में निदेशक (एकेडमिक डेवलेपमेंट) डॉ.विजेंद्र चौहान ने कहा कि समय के साथ फारेंसिंक मेडिसिन की तकनीकों में भी बदलाव आया है। इस तरह की कॉन्फ्रेंस का मकसद है कि इस क्षेत्र से जुड़े चिकित्सक व विशेषज्ञ अपने अनुभवों को साझा करें, ताकि इसका फायदा इस क्षेत्र में काम कर रहे उनके कनिष्ठों व छात्र-छात्राओं को मिल सके।
आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ.संजॉय दास ने बताया कि कार्यशाला में 250 से ज्यादा चिकित्सक व विशेषज्ञ शामिल हुए। कार्यशाला के दौरान फॉरेंसिक मेडिसिन के क्षेत्र में प्रतिष्ठित विषेषज्ञों को लाइफटाइम एचिवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
इस दौरान कुलसचिव डॉ.मुकेश बिजल्वाण, डॉ.हेमचंद्र, डॉ.प्रज्ञा त्रिपाठी, डॉ.हरविंद्र सिंह मौजूद रहे।
*एसआरएचयू में फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के उत्तराखंड चैप्टर की घोषणा*
‘फॉरेंसिक आई-2024’ राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के उत्तराखंड चैप्टर की घोषणा के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मुख्य अतिथि अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना, कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल, डॉ.विजेंद्र चौहान, डॉ.संजॉय दास ने संयुक्त रुप से स्मारिका का अनावरण किया