*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग-“स्वार्थ और संवेदना”*
*⚜️ आज का राशिफल, 14 जून 2024 , शुक्रवार*
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपका दिन व्यस्त रहने की सम्भावना है। मानसिक उलझनों के कारण किसी कार्य में मन कम लगे तो सकारात्मक सोच बनाएँ लाभ मिलेगा। बाहर के खाने से परहेज करें। किसी कार्यक्रम के आयोजन से बधाई के पात्र बनोगे। यदि नौकरी की तलाश में हैं तो आज आपको सुखद सूचना मिल सकती है लेकिन अति लोभ व नकारात्मक विचारों से बचें। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। परिवार उम्मीद पर खरा उतरेगा। ध्यान देने पर स्वास्थ्य सुधार होगा।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी ,वु , वे, वो)
आपका प्रयास आज रंग लाएगा। किसी तरह का शुभ समाचार मिलेगा। नए अवसर जीवन में परिवर्तन लाने का काम करेंगे। अपनों का सहयोग मिलेगा, मित्र भी साथ देंगे। आपका समय अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक खुशमिजाज माहौल में गुजरेगा जो आपको नई ऊर्जा व स्फूर्ति से भर देगा। स्वास्थ्य बेहतर होगा।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपको धन लाभ होने की संभावना है। मनोकामना की पूर्ति का दिन है। आज दिन शुभ रहेगा। आज का दिन मंगलमय रहेगा। अचानक लाभ से मन प्रसन्न रहेगा। अल्प प्रयासों से यश मिलेगा। समाज में मान-सम्मान में वृद्धि होगी। आपको कार्यक्षेत्र में पदोन्नति का अवसर मिलेगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
विद्यार्थी वर्ग के लिए समय अनुकूल है। कर्क राशि के जातक आज ऊर्जावान रहेगे। भागीदारी में लाभ कम होगा। आपके अपने मधुर व्यवहार करें इसलिए लिए जागरूक रहना सही है । शारीरिक स्वस्थता को बढावा दें। अविवाहितों के लिए विवाह का योग बन सकता है। आपको वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। धर्म कर्म से लाभ होगा। स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज दिन मिश्रित रहेगा। कार्यक्षेत्र में सामंजस्य बनाए रखने की आवश्यकता है। कोई समाचार मिलने के योग है । समय निकालकर आराम करें । सोच-समझकर यात्रा एवं कार्य-व्यवहार करें। साधु-संतों का आशीर्वाद मन में ऊर्जा का संचार करेगा। वैवाहिक अथवा प्रेम संबंधों के लिए समय मिश्रित है। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आशानुकूल लाभ होने की संभावना है। आपको अधिकारी वर्ग से सहायता मिलेगी। विरोधी निर्बल रहेंगे। आज आपके पराक्रम में वृद्धि होगी। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। प्रेम संबंधों के प्रति लापरवाही बरतने से मन-मुटाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। स्वास्थ्य सही रहेगा।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज प्रयास से सभी कार्य बनने की संभावना बनेगी। जिससे आपको धन लाभ होगा। रुका हुआ धन वापस मिलने की संभावना है। आपको यश, मान, सम्मान में वृद्धि का योग बन रहा है। जीविका क्षेत्र में लाभ के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। मधुरवाणी से संबंध और गहरे होंगे। अपने आपको आलस से बचाएं। स्वास्थ्य सुधार होगा।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज कार्य बनने की खुशी होगी। बनाए गए नए सम्पर्कों से लाभ होने की संभावना है। सफलता प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। जोखिमपूर्ण कार्यों में रुचि बढ़ेगी, सावधानीपूर्वक कार्य करने की जरूरत है। महिला वर्ग के सहयोग से लाभ होगा। कोई महत्वपूर्ण कार्य सार्थक होने के योग हैं। जीवनसाथी का भावनात्मक सहयोग प्राप्त होगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज व्यस्तता बनी रहेगी। फिर भी कार्यों की गति धीमी रहेगी । इरादों में मजबूती उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगी। नए कार्य में व्यस्तता बढ़ेगी। किसी संबंधी अथवा खुद की अस्वस्थता से परेशान न हों सब सही रहेगा । राजनीतिक क्षेत्र के व्यक्तियों के लिए अच्छा समय है। परिवार में तालमेल की स्थिति से बनाना ही बेहतर है। बड़ो का आशीर्वाद लें। धार्मिक कार्यों में रूचि बढेगी। स्वास्थ्य लाभ होगा।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज की गई यात्रा सुखद रहेगी। किसी कार्य संबंधी मामले में उन्नति का समाचार मिलेगा। पुरस्कार अथवा भेंट मिलने की खुशी होगी। दिन अनुकूल रहने से मानसिक प्रसन्नता बनी रहेगी। लाभ निश्चित है। घर गृहस्थी में किसी हल्की परेशानी का संकेत है, अपनी सूझबूझ से आप इससे बच सकते हैं। शुभ समाचार मिल सकता है। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आत्मविश्वास में बढोतरी होगी । कार्यक्षेत्र की जिम्मेदारियां बढ़ेंगी। सुख-समृद्धि के साथ-साथ खर्च में भी वृद्धि होगी। गुप्त शत्रु तंग कर सकते हैं, सावधान रहें। प्रेम संबंध में तालमेल बनाएँ रखें। आत्मविश्वास की कमी दिख सकती है इसे कमजोर न होने दें । आयात-निर्यात के व्यवसाय आरंभ का निर्णय भी आज हो सकता है। स्वास्थ्य सही रहेगा। जीवनसाथी का सहयोग मिलने से सम्बन्ध मधुर होंगे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
भाग्य का साथ आज सफलता दिलाएगा। विरोधी परास्त होंगे। यश-कीर्ति में वृद्धि होगी। व्यवहार कुशलता और शांत रहकर कार्य बना लें। उन्नति का अवसर मिलेगा। भाई, बहन और बंधु-बांधवों से विचार के तालमेल का अभाव बनेगा। सहकर्मियों से संबंध मधुर रखें। व्यक्तित्व कमजोर न होने दें। विदेश से लाभ होने के योग बन रहे हैं। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
*🍁 “स्वार्थ और संवेदना” 🍁*
एक ब्राह्मण को विवाह के बहुत सालों बाद
पुत्र हुआ. लेकिन कुछ वर्षों बाद बालक की
असमय मृत्यु हो गई.
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ब्राह्मण शव लेकर श्मशान पहुंचा. वह मोहवश
उसे दफना नहीं पा रहा था. उसे पुत्र प्राप्ति के
लिए किए जप-तप और पुत्र का जन्मोत्सव याद
आ रहा था.
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श्मशान में एक गिद्ध और एक सियार रहते थे.
दोनों शव देखकर बड़े खुश हुए. दोनों ने प्रचलित
व्यवस्था बना रखी थी- दिन में सियार मांस
नहीं खाएगा और रात में गिद्ध.
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सियार ने सोचा यदि ब्राह्मण दिन में ही शव
रखकर चला गया तो उस पर गिद्ध का
अधिकार होगा. इसलिए क्यों न अंधेरा होने
तक ब्राह्मण को बातों में फंसाकर रखा जाए.
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वहीं गिद्ध ताक में था कि शव के साथ आए
कुटुंब के लोग जल्द से जल्द जाएं और वह उसे खा
सके.
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गिद्ध ब्राह्मण के पास गया और उससे वैराग्य
की बातें शुरू की.
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गिद्ध ने कहा- मनुष्यों, आपके दुख का कारण
यही मोहमाया ही है. संसार में आने से पहले हर
प्राणी का आयु तय हो जाती है. संयोग और
वियोग प्रकृति के नियम हैं.
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आप अपने पुत्र को वापस नहीं ला सकते. इस
लिए शोक त्यागकर प्रस्थान करें. संध्या होने
वाली है. संध्याकाल में श्मशान प्राणियों के
लिए भयदायक होता है. इसलिए शीघ्र
प्रस्थान करना उचित है.
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गिद्ध की बातें ब्राह्मण के साथ आए
रिश्तेदारों को बहुत प्रिय लगीं. वे ब्राह्मण से
बोले- बालक के जीवित होने की आशा नहीं है.
इसलिए यहां रूकने का क्या लाभ ?
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सियार सब सुन रहा था. उसे गिद्ध की चाल
सफल होती दिखी तो भागकर ब्राह्मण के
पास आया.
सियार कहने लगा-बड़े निर्दयी हो. जिससे प्रेम
करते थे, उसके मृत देह के साथ थोड़ा वक्त नहीं
बिता सकते. फिर कभी इसका मुख नहीं देख
पाओगे. कम से कम संध्या तक रूक कर जी भर के
देख लो.
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उन्हें रोके रखने के लिए सियार ने नीति की
बातें छेड़ दीं- जो रोगी हो, जिस पर अभियोग
लगा हो और जो श्मशान की ओर जा रहा हो
उसे बंधु-बांधवों के सहारे की जरूरत होती है.
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सियार की बातों से परिजनों को कुछ तसल्ली
हुई और उन्होंने तुरंत वापस लौटने का विचार
छोड़ा.
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अब गिद्ध को परेशानी होने लगी. उसने कहना
शुरू किया. तुम ज्ञानी होने के बावजूद एक
कपटी सियार की बातों में आ गए. एक दिन हर
प्राणी की यही दशा होनी है. शोक त्याग
कर अपने-अपने घर को जाओ.
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जो बना है वह नष्ट होकर रहता है. तुम्हारा
शोक मृतक को दूसरे लोक में कष्ट देगा. जो मृत्यु
के अधीन हो चुका क्यों रोकर उसे व्यर्थ कष्ट
देते हो ?
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लोग चलने को हुए तो सियार फिर शुरू हो
गया- यह बालक जीवित होता तो क्या
तुम्हारा वंश न बढाता ? कुल का सूर्य अस्त हुआ
है कम से कम सूर्यास्त तक तो रुको.
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अब गिद्ध को चिंता हुई. गिद्ध ने कहा- मेरी
आयु सौ वर्ष की है. मैंने आज तक किसी को
जीवित होते नहीं देखा. तुम्हें शीघ्र जाकर
इसके मोक्ष का कार्य आरंभ करना चाहिए.
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सियार ने कहना शुरू किया. जब तक सूर्य
आकाश में विराजमान हैं, दैवीय चमत्कार हो
सकते हैं. रात्रि में आसुरी शक्तियां प्रबल होती
हैं. मेरा सुझाव है थोड़ी प्रतीक्षा कर लेनी
चाहिए.
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सियार और गिद्ध की चालाकी में फंसा
ब्राह्मण परिवार तय नहीं कर पा रहा था कि
क्या करना चाहिए. अंततः पिता ने बेटे के
सिर को गोद में रखा और जोर-जोर से विलाप
करने लगा. उसके विलाप से श्मशान कांपने
लगा.
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तभी संध्या भ्रमण पर निकले महादेव-पार्वती
वहां पहुंचे. पार्वती जी ने बिलखते परिजनों
को देखा तो दुखी हो गईं. उन्होंने महादेव से
बालक को जीवित करने का अनुरोध किया.
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महादेव प्रकट हुए और उन्होंने बालक को सौ
वर्ष की आयु दे दी. गिद्ध और सियार दोनों
ठगे रह गए.
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गिद्ध और सियार के लिए आकाशवाणी हुई…
तुमने प्राणियों को उपदेश तो दिया उसमें
सांत्वना की बजाय तुम्हारा स्वार्थ निहीत
था. इसलिए तुम्हें इस निकृष्ट योनि से शीघ्र
मुक्ति नहीं मिलेगी.
*दूसरों के कष्ट पर सच्चे मन से शोक करना चाहिए. शोक का आडंबर करके प्रकट की गई, संवेदना से गिद्ध और सियार की गति प्राप्त होती है।*