उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग-मुश्किल दौर*


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:- 24/06/2024, सोमवार*
*तृतीया, कृष्ण पक्ष,*
*आषाढ*
(समाप्ति काल)

तिथि————तृतीया 25:22:32 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र—— उत्तराषाढा 15:53:01
योग————– ऐन्द्र 11:50:02
करण———–वणिज 14:25:29
करण——- विष्टि भद्र 25:22:32
वार———————– सोमवार
माह———————– आषाढ
चन्द्र राशि—————– मकर
सूर्य राशि—————– मिथुन
रितु————————– वर्षा
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) —————कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————— 05:26:34
सूर्यास्त—————- 19:16:55
दिन काल————- 13:50:21
रात्री काल————- 10:09:55
चंद्रास्त—————- 07:21:43
चंद्रोदय—————- 21:41:37
लग्न—- मिथुन 8°47′ , 68°47′
सूर्य नक्षत्र——————– आर्द्रा
चन्द्र नक्षत्र————– उत्तराषाढा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

जा—- उत्तराषाढा 10:11:48

जी—- उत्तराषाढा 15:53:01

खी—- श्रवण 21:33:30

खू—- श्रवण 27:13:20

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मिथुन 08°10, आर्द्रा 1 कु
चन्द्र=धनु 03°30 , उत्तराषाढा 3 जा
बुध =मिथुन 19°53′ आर्द्रा 4 छ
शु क्र= मिथुन 14°05, आर्द्रा ‘ 2 घ
मंगल=मेष 16°30 ‘ भरणी ‘ 2 लू
गुरु=वृषभ 12°30 रोहिणी , 1 ओ
शनि=कुम्भ 25°00 ‘ पू o भा o ,2 सो
राहू=(व) मीन 17°30 रेवती , 1 दे
केतु=(व) कन्या 17°30 हस्त , 3 ण

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 07:10 – 08:54 अशुभ
यम घंटा 10:38 – 12:22 अशुभ
गुली काल 14:06 – 15: 49अशुभ
अभिजित 11:54 – 12:49 शुभ
दूर मुहूर्त 12:49 – 13:45 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:36 – 16:31 अशुभ
वर्ज्यम 19:40 – 21:11 अशुभ
प्रदोष 19:17 – 21:20 शुभ

💮चोघडिया, दिन
अमृत 05:27 – 07:10 शुभ
काल 07:10 – 08:54 अशुभ
शुभ 08:54 – 10:38 शुभ
रोग 10:38 – 12:22 अशुभ
उद्वेग 12:22 – 14:06 अशुभ
चर 14:06 – 15:49 शुभ
लाभ 15:49 – 17:33 शुभ
अमृत 17:33 – 19:17 शुभ

🚩चोघडिया, रात
चर 19:17 – 20:33 शुभ
रोग 20:33 – 21:49 अशुभ
काल 21:49 – 23:06 अशुभ
लाभ 23:06 – 24:22* शुभ
उद्वेग 24:22* – 25:38* अशुभ
शुभ 25:38* – 26:54* शुभ
अमृत 26:54* – 28:11* शुभ
चर 28:11* – 29:27* शुभ

💮होरा, दिन
चन्द्र 05:27 – 06:36
शनि 06:36 – 07:45
बृहस्पति 07:45 – 08:54
मंगल 08:54 – 10:03
सूर्य 10:03 – 11:13
शुक्र 11:13 – 12:22
बुध 12:22 – 13:31
चन्द्र 13:31 – 14:40
शनि 14:40 – 15:49
बृहस्पति 15:49 – 16:59
मंगल 16:59 – 18:08
सूर्य 18:08 – 19:17

🚩होरा, रात
शुक्र 19:17 – 20:08
बुध 20:08 – 20:59
चन्द्र 20:59 – 21:49
शनि 21:49 – 22:40
बृहस्पति 22:40 – 23:31
मंगल 23:31 – 24:22
सूर्य 24:22* – 25:13
शुक्र 25:13* – 26:04
बुध 26:04* – 26:54
चन्द्र 26:54* – 27:45
शनि 27:45* – 28:36
बृहस्पति 28:36* – 29:27

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मिथुन > 04:02 से 6:42 तक
कर्क > 06:42 से 08:32 तक
सिंह > 08:32 से 11:12 तक
कन्या > 11:12 से 13:18 तक
तुला > 13:18 से 15: 20 तक
वृश्चिक > 15:20 से 17:52 तक
धनु > 17:52 से 19:42 तक
मकर > 19:42 से 21:56 तक
कुम्भ > 21:56 से 23:08 तक
मीन > 23:08 से 00:38 तक
मेष > 00:38 से 02:18 तक
वृषभ > 02:18 से 04:02 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 3 + 2 + 1 = 21 ÷ 4 = 1शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

मंगल ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

18 + 18 + 5 = 41 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक , दुःख कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

दोपहर 14:24 से रात्रि 25:34 तक

पाताल लोक = धन लाभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*सर्वार्थ सिद्धि योग 15:53 से*

*वीरांगना दुर्गावती बलिदान दिवस*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

आयुः कर्म च वित्तञ्च विद्या निधनमेव च ।
पञ्चैतानि च सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः ।।
।। चा o नी o।।

जब बच्चा माँ के गर्भ में होता है तो यह पाच बाते तय हो जाती है…
१. कितनी लम्बी उम्र होगी.
२. वह क्या करेगा
३. और
४. कितना धन और ज्ञान अर्जित करेगा.
५. मौत कब होगी.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: ज्ञानविज्ञानयोग अo-07

रसोऽहमप्सु कौन्तेय प्रभास्मि शशिसूर्ययोः ।,
प्रणवः सर्ववेदेषु शब्दः खे पौरुषं नृषु ॥,

हे अर्जुन! मैं जल में रस हूँ, चन्द्रमा और सूर्य में प्रकाश हूँ, सम्पूर्ण वेदों में ओंकार हूँ, आकाश में शब्द और पुरुषों में पुरुषत्व हूँ॥,8॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
राजकीय अवरोध दूर होंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। धर्म-कर्म में मन लगेगा। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रभावशाली व्यक्तियों से परिचय होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।

🐂वृष
समाजसेवा में रुझान रहेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नई आर्थिक नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। पुरानी व्याधि से परेशानी हो सकती है। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। भाइयों का सहयोग मिलेगा। समय अनुकूल है। लाभ लें। प्रमाद न करें।

👫मिथुन
विवेक का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। कोई बड़ी बाधा से सामना हो सकता है। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। रुका हुआ धन मिल सकता है। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। किसी अपने के व्यवहार से दु:ख होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी का ध्यान खुद की तरफ खींच पाएंगे।

🦀कर्क
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। यात्रा में जल्दबाजी न करें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। स्वास्थ्‍य पर बड़ा खर्च हो सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। आय में कमी रहेगी। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेचैनी रहेगी।

🐅सिंह
प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट से कार्य में रुकावट होगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। लाभ में वृद्धि होगी। निवेश में जल्दबाजी न करें। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। जरूरी वस्तु गुम हो सकती है।

🙍‍♀️कन्या
दूर से अच्‍छी खबर प्राप्त हो सकती है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। कोई बड़ा काम करने की योजना बनेगी। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर में अतिथियों पर व्यय होगा। किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी।

⚖️तुला
मित्रों की सहायता कर पाएंगे। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता रहेगी। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बनेगी। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। समय अनुकूल है। प्रसन्नता रहेगी।

🦂वृश्चिक
कोई बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। पारिवारिक चिंताएं रहेंगी। मेहनत अधिक तथा लाभ कम होगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। मातहतों का सहयोग नहीं मिलेगा। कुसंगति से बचें, हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी। प्रमाद न करें।

🏹धनु
बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ के असवर हाथ आएंगे। यात्रा में सावधानी रखें। किसी पारिवारिक आनंदोत्सव में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। विवाद न करें। बेचैनी रहेगी।

🐊मकर
जीवनसाथी से कहासुनी हो सकती है। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर होगी। करियर बनाने के अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। पारिवारिक सहयोग से कार्य में आसानी होगी। दूसरों के कार्य में दखल न दें। प्रमाद से बचें।

🍯कुंभ
आशंका-कुशंका के चलते कार्य की गति धीमी रह सकती है। घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्‍य की चिंता रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लाभ होगा।

🐟मीन
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में विशेषकर स्त्रियां सावधानी रखें। कार्यों की गति धीमी रहेगी। बु‍द्धि का प्रयोग करें। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। निराशा हावी रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। लाभ होगा।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

2️⃣4️⃣❗0️⃣6️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣4️⃣

*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*

*!! मुश्किल दौर !!*
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एक बार की बात है, एक कक्षा में गुरूजी अपने सभी छात्रों को समझाना चाहते थे कि प्रकृति सभी को समान अवसर देती है और उस अवसर का इस्तेमाल करके अपना भाग्य खुद बना सकते हैं। इसी बात को ठीक तरह से समझाने के लिए गुरूजी ने तीन कटोरे लिए। पहले कटोरे में एक आलू रखा, दूसरे में अंडा और तीसरे कटोरे में चाय की पत्ती डाल दी। अब तीनों कटोरों में पानी डालकर उनको गैस पर उबलने के लिए रख दिया।

सभी छात्र ये सब हैरान होकर देख रहे थे, लेकिन किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। बीस मिनट बाद जब तीनों बर्तन में उबाल आने लगे, तो गुरूजी ने सभी कटोरों को नीचे उतारा और आलू, अंडा और चाय को बाहर निकाला।

अब उन्होंने सभी छात्रों से तीनों कटोरों को गौर से देखने के लिए कहा। अब भी किसी छात्र को समझ नहीं आ रहा था।

आखिर में गुरु जी ने एक बच्चे से तीनों (आलू, अंडा और चाय) को स्पर्श करने के लिए कहा। जब छात्र ने आलू को हाथ लगाया तो पाया कि जो आलू पहले काफी कठोर हो गया था और पानी में उबलने के बाद काफी मुलायम हो गया था।

जब छात्र ने, अंडे को उठाया तो देखा जो अंडा पहले बहुत नाज़ुक था उबलने के बाद वह कठोर हो गया है। अब बारी थी चाय के कप को उठाने की। जब छात्र ने चाय के कप को उठाया तो देखा चाय की पत्ती ने गर्म पानी के साथ मिलकर अपना रूप बदल लिया था और अब वह चाय बन चुकी थी।

अब गुरु जी ने समझाया, हमने तीन अलग-अलग चीजों को समान विपत्ति से गुज़ारा, यानी कि तीनों को समान रूप से पानी में उबाला लेकिन बाहर आने पर तीनों चीजें एक जैसी नहीं मिली।

आलू जो कठोर था वो मुलायम हो गया, अंडा पहले से कठोर हो गया और चाय की पत्ती ने भी अपना रूप बदल लिया। उसी तरह यही बात इंसानों पर भी लागू होती है।

*शिक्षा:-*
सभी को समान अवसर मिलते हैं और मुश्किलें आती हैं लेकिन ये पूरी तरह आप पर निर्भर है कि आप परेशानी का सामना कैसा करते हैं और मुश्किल दौर से निकलने के बाद क्या बनते हैं।

*सदैव प्रसन्न रहिए – जो प्राप्त है पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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