उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग-आत्मसंतोष*


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:- 02/07/2024, मंगलवार*
*एकादशी, कृष्ण पक्ष,*
*आषाढ*
(समाप्ति काल)

तिथि——– एकादशी 08:41:41 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र——— कृत्तिका 28:38:51
योग————– धृति 11:15:19
करण———– बालव 08:41:41
करण———– कौलव 19:54:03
वार———————–मंगलवार
माह———————– आषाढ
चन्द्र राशि——- मेष 11:13:14
चन्द्र राशि—————— वृषभ
सूर्य राशि—————– मिथुन
रितु————————– वर्षा
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————–कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————— 05:29:11
सूर्यास्त—————- 19:17:26
दिन काल————- 13:48:15
रात्री काल————- 10:12:08
चंद्रास्त—————- 16:01:38
चंद्रोदय—————- 26:38:53
लग्न—- मिथुन 16°25′ , 76°25′
सूर्य नक्षत्र——————– आर्द्रा
चन्द्र नक्षत्र—————- कृत्तिका
नक्षत्र पाया——————-लोहा

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

अ—- कृत्तिका 11:13:14

ई—- कृत्तिका 17:00:56

उ—- कृत्तिका 22:49:27

ए—- कृत्तिका 28:38:51

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मिथुन 16°10, आर्द्रा 3 ङ
चन्द्र=मेष 26°30 , कृतिका 1 अ
बुध =कर्क 04°53′ पुष्य 1 हु
शु क्र= मिथुन 23°05, पुनर्वसु ‘ 2 को
मंगल=मेष 22°30 ‘ भरणी ‘ 3 ले
गुरु=वृषभ 13°30 रोहिणी , 2 वा
शनि=कुम्भ 25°10 ‘ पू o भा o ,2 सो
राहू=(व) मीन 17°02 रेवती , 1 दे
केतु=(व) कन्या 17°02 हस्त , 3 ण

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 15:50 – 17:34 अशुभ
यम घंटा 08:56 – 10:40 अशुभ
गुली काल 12:23 – 14: 07अशुभ
अभिजित 11:56 – 12:51 शुभ
दूर मुहूर्त 08:15 – 09:10 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:22 – 24:17* अशुभ
वर्ज्यम 17:01 – 18:34 अशुभ
प्रदोष 19:17 – 21:21 शुभ

💮चोघडिया, दिन
रोग 05:29 – 07:13 अशुभ
उद्वेग 07:13 – 08:56 अशुभ
चर 08:56 – 10:40 शुभ
लाभ 10:40 – 12:23 शुभ
अमृत 12:23 – 14:07 शुभ
काल 14:07 – 15:50 अशुभ
शुभ 15:50 – 17:34 शुभ
रोग 17:34 – 19:17 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
काल 19:17 – 20:34 अशुभ
लाभ 20:34 – 21:50 शुभ
उद्वेग 21:50 – 23:07 अशुभ
शुभ 23:07 – 24:24* शुभ
अमृत 24:24* – 25:40* शुभ
चर 25:40* – 26:57* शुभ
रोग 26:57* – 28:13* अशुभ
काल 28:13* – 29:30* अशुभ

💮होरा, दिन
मंगल 05:29 – 06:38
सूर्य 06:38 – 07:47
शुक्र 07:47 – 08:56
बुध 08:56 – 10:05
चन्द्र 10:05 – 11:14
शनि 11:14 – 12:23
बृहस्पति 12:23 – 13:32
मंगल 13:32 – 14:41
सूर्य 14:41 – 15:50
शुक्र 15:50 – 16:59
बुध 16:59 – 18:08
चन्द्र 18:08 – 19:17

🚩होरा, रात
शनि 19:17 – 20:08
बृहस्पति 20:08 – 20:59
मंगल 20:59 – 21:50
सूर्य 21:50 – 22:41
शुक्र 22:41 – 23:33
बुध 23:33 – 24:24
चन्द्र 24:24* – 25:15
शनि 25:15* – 26:06
बृहस्पति 26:06* – 26:57
मंगल 26:57* – 27:48
सूर्य 27:48* – 28:39
शुक्र 28:39* – 29:30

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मिथुन > 03:30 से 06:10 तक
कर्क > 06:10 से 08:00 तक
सिंह > 08:00 से 10:40 तक
कन्या > 10:40 से 12:50 तक
तुला > 12:50 से 14: 52 तक
वृश्चिक > 14:52 से 17:24 तक
धनु > 17:24 से 19:14 तक
मकर > 19:14 से 21:28 तक
कुम्भ > 21:28 से 22:40 तक
मीन > 22:40 से 00:10 तक
मेष > 00:10 से 01:46 तक
वृषभ > 01:46 से 03:26 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 11 + 3 + 1 = 30 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

26 + 26 + 5 = 57 ÷ 7 = 1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*योगिनी एकादशी व्रत ( सर्वेषां)*

*सर्वार्थ सिद्धि योग 28:39 तक*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

बन्धाय विषयासङ्गं मुक्त्यै निर्विषयं मनः ।
मन एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः ।।
।। चा o नी o।।

यदि विषय बहुत प्रिय है तो वो बंधन में डालते है. विषय सुख की अनासक्ति से मुक्ति की और गति होती है. इसीलिए मुक्ति या बंधन का मूल मन ही है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: ज्ञानविज्ञानयोग अo-07

न मां दुष्कृतिनो मूढाः प्रपद्यन्ते नराधमाः ।,
माययापहृतज्ञाना आसुरं भावमाश्रिताः ॥,

माया द्वारा जिनका ज्ञान हरा जा चुका है, ऐसे आसुर-स्वभाव को धारण किए हुए, मनुष्यों में नीच, दूषित कर्म करने वाले मूढ़ लोग मुझको नहीं भजते॥,15॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। विवेक से कार्य करें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। प्रमाद न करें।

🐂वृष
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। किसी बड़े काम को करने में रुझान रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। चोट व रोग से बचें। सुख के साधन जुटेंगे। घर में तनाव रह सकता है।

👫मिथुन
पुराना रोग उभर सकता है। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। लेन-देन में विशेष सावधानी रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। दु:खद समाचार मिल सकता है। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। व्यर्थ भागदौड़ होगी। कार्य में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी।

🦀कर्क
किसी गलती का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जल्दबाजी व लापरवाही न करें। अज्ञात भय सताएगा। पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।

🐅सिंह
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी अपरिचित पर अतिविश्वास न करें। आय में वृद्धि होगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। कोई बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य बेहद अनुकूल है, लाभ लें। चोट व रोग से बचें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🙍‍♀️कन्या
शत्रु परास्त होंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। सुख के साधन जुटेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। स्त्री पक्ष से लाभ होगा। अज्ञात भय रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

⚖️तुला
वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें, विशेषकर स्त्रियां रसोई में ध्यान रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। आय में निश्चितता होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा।

🦂वृश्चिक
कुसंगति से हानि होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। परिवार के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबार अच्छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्नता रहेंगे। भाइयों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।

🏹धनु
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नए व्यापारिक अनुबंध होंगे। धनार्जन होगा। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शत्रु परास्त होंगे। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें।

🐊मकर
पुराने शत्रु परेशान कर सकते हैं। थकान व कमजोरी रह सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ रहेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। आय होगी। प्रमाद न करें।

🍯कुंभ
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों से अपेक्षा पूर्ण नहीं होने से खिन्नता रहेगी। कार्य में विलंब होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। व्यस्तता रहेगी।

🐟मीन
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश के सुखद परिणाम आएंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। किसी बड़ी बाधा के दूर होने से प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद से क्लेश संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*~💐~ आत्मसंतोष ~💐~*

एक नगर का राजा, जिसे ईश्वर ने सब कुछ दिया, एक समृद्ध राज्य, सुशील और गुणवती पत्नी, संस्कारी सन्तान सब कुछ था उसके पास, पर फिर भी दुःखी का दुःखी रहता।

एक बार वो घूमते घूमते एक छोटे से गाँव में पहुँचा, जहाँ एक कुम्हार भगवान भोले बाबा के मन्दिर के बाहर मटकियां बेच रहा था और कुछ मटकीयों में पानी भर रखा था। वह कुम्हार वहीं पर लेटे-लेटे हरिभजन गा रहा था।

राजा वहाँ आया और भगवान भोले बाबा के दर्शन करके कुम्हार के पास जाकर बैठा तो कुम्हार उठकर बैठ गया। उसने बड़े आदर से राजा को पानी पिलाया। राजा कुम्हार से कुछ प्रभावित हुआ। राजा ने सोचा कि ये इतनी सी मटकियों को बेच कर क्या कमाता होगा?

अतः राजा ने पूछा, “क्यों भाई प्रजापति जी, मेरे साथ नगर चलोगे।”

प्रजापति ने कहा, “नगर चलकर क्या करूँगा राजा जी?”

राजा – वहाँ चलना और वहाँ खूब मटकियां बनाना।

प्रजापति – फिर उन मटकियों का क्या करूँगा?

राजा – अरे क्या करेगा? उन्हें बेचना खूब पैसा आयेगा तुम्हारे पास।

प्रजापति – फिर क्या करूँगा उस पैसे का?

राजा – अरे !! पैसे का क्या करेगा? अरे, पैसा ही सब कुछ है।

प्रजापति – अच्छा राजन, अब आप मुझे ये बताईये कि उस पैसे से क्या करूँगा?

राजा – अरे फिर आराम से भगवान का भजन करना और फिर तुम आनन्द में रहना।

प्रजापति – क्षमा करना हे राजन !! पर आप मुझे ये बताईये कि अभी मैं क्या कर रहा हूँ और हाँ पूरी ईमानदारी से बताना।

राजा ने काफी सोच विचार किया और मानो इस सवाल ने राजा को झकझोर दिया।

राजा – हाँ प्रजापति जी आप इस समय आराम से भगवान का भजन कर रहे हो और जहाँ तक मुझे दिख रहा है आप पुरे आनन्द में भी हो।

प्रजापति – हाँ राजन !! यही तो मैं आपसे कह रहा हूँ कि आनन्द पैसे से प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

राजा – हे प्रजापति जी !! कृपया आप मुझे ये बताने कि कृपा करें कि आनन्द की प्राप्ति कैसे होगी?

प्रजापति – बिल्कुल सावधान होकर सुनना और उस पर बहुत गहरा मंथन भी करना राजन !! हाथों को उल्टा कर लीजिये।

राजा – वो कैसे?

प्रजापति – 🌷हे राजन !! माँगो मत, देना सीखो और यदि आपने देना सीख लिया तो समझ लेना आपने आनन्द की राह पर कदम रख लिया है। स्वार्थ को त्यागो परमार्थ को चुनो। हे राजन !! अधिकांशतः लोगों के दुःखों का सबसे बड़ा कारण यही है कि जो कुछ भी उनके पास है वो उसमें सुखी नहीं हैं और बस जो नहीं है उसे पाने के चक्कर में दुःखी हैं। अरे भाई, जो है उसमें खुश रहना सीख लो, दुःख अपने आप चले जायेंगे और जो नहीं है क्यों उसके चक्कर में दुःखी रहते हो?🌷

आत्मसंतोष से बड़ा कोई सुख नहीं और जिसके पास सन्तोष रूपी धन है वही सबसे बड़ा सुखी है और वही आनन्द में है और सही मायने में वही राजा है।

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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