उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- पिता के हाथ के निशान*


📜««« *आज का पंचांग* »»»🌞🚩
कलियुगाब्द…………………..5126
विक्रम संवत्………………….2081
शक संवत्…………………….1946
मास…………………………..कार्तिक
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी……………………………सप्तमी
रात्रि 11.52 पर्यंत पश्चात अष्टमी
रवि……………………….दक्षिणायन
सूर्योदय…….प्रातः 06.35.02 पर
सूर्यास्त……..संध्या 05.45.55 पर
सूर्य राशि………………………..तुला
चन्द्र राशि………………………मकर
गुरु राशि………………………..वृषभ
नक्षत्र……………………..उत्तराषाढ़ा
प्रातः 11.52 पर्यंत पश्चात श्रवण
योग………………………………..शूल
प्रातः 08.23 पर्यंत पश्चात वृद्धि
करण……………………………..गरज
दोप 12.16 पर्यंत पश्चात वणिज
ऋतु…………………….(उर्ज) शरद
दिन…………………………शुक्रवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
08 नवम्बर सन 2024 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक…………………..8
🔯 शुभ रंग……………आसमानी

👁‍🗨 *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.48 से 12.32 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल (अशुभ) :-*
प्रात: 10.47 से 12.10 तक ।

🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

🌞 *उदय लग्न तालिका -*
*तुला*
05:04:22 07:19:09
*वृश्चिक*
07:19:09 09:35:11
*धनु*
09:35:11 11:40:47
*मकर*
11:40:47 13:27:53
*कुम्भ*
13:27:53 15:01:26
*मीन*
15:01:26 16:32:38
*मेष*
16:32:38 18:13:23
*वृषभ*
18:13:23 20:12:02
*मिथुन*
20:12:02 22:25:45
*कर्क*
22:25:45 24:41:55
*सिंह*
24:41:55 26:53:43
*कन्या*
26:53:43 29:04:22

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.01 से 09.23 तक लाभ
प्रात: 09.23 से 10.46 तक अमृत
दोप. 12.09 से 01.32 तक शुभ
सायं 04.17 से 05.40 तक चंचल
रात्रि 08.55 से 10.32 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ केशवाय नम: ॥

📢 *सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः – विभूतियोग:) -*
श्रीभगवानुवाच –
हन्त ते कथयिष्यामि दिव्या ह्यात्मविभूतयः ।
प्राधान्यतः कुरुश्रेष्ठ नास्त्यन्तो विस्तरस्य मे ॥१०- १९॥
अर्थात :
श्री भगवान बोले- हे कुरुश्रेष्ठ! अब मैं जो मेरी दिव्य विभूतियाँ हैं, उनको तेरे लिए प्रधानता से कहूँगा; क्योंकि मेरे विस्तार का अंत नहीं है॥19॥

🍃 *आरोग्यं :-*
*दांतों में झुनझुनी के घरेलू उपचार :-*

*1. सरसों का तेल :*
दांतों में झुनझुनी दूर करने के लिए एक चम्मच सरसों के तेल में एक छोटा चम्मच सेंधा नमक मिलाएं और इससे मसूढ़ों की हल्की मसाज करें। 5 मिनट के बाद गुनगुने पानी से अच्छी तरह कुल्ला कर लें जिससे दांतों में झुनझुनी लगना बंद हो जाएगा।

*2. तिल, नारियल और सरसों का तेल :*
एक चम्मच तिल का तेल, एक चम्मच नारियल तेल और एक चम्मच सरसों का तेल लेकर अच्छी तरह मिलाएं। अब इस तेल से दांतों और मसूढ़ों की अच्छी तरह मालिश करें। दिन में 2-3 बार ऐसा करने से झनझनाहट दूर होगी।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। शत्रु परेशान करेंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। चोट व रोग से बचें। विवाद न करें। आवश्यकताएं बढ़ेंगी। आर्थिक तंगी हो सकती है। कर्ज से बचें। हानि नहीं पहुंचा पाएंगे।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। बकाया वसूली होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद न करें। नेत्र पीड़ा की संभावना। कुछ लाभ। यात्रा के योग टलेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे। ज्ञानीजनों से मुलाकात होगी। शांति बनाना आवश्यक है। अकारण भय व्याप्त होगा।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। योजना फलीभूत होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। यात्रा के योग बनेंगे। लाभ होगा। राज्य से परेशानी हो सकती है। स्त्री को कष्ट। जायदाद वृद्धि के योग बनेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बढ़ेगी। हानि-लाभ का वातावरण बनेगा। पराक्रम बढ़ेगा। विजय मिलेगी, गर्व न करें। ईमानदारी से कार्य करते रहें। समय पक्ष का है। स्त्री सुख, यात्रा में हानि, दुख। विरोधी कष्ट देंगे।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। व्यवसाय ठीक चलेगा। जल्दबाजी न करें। कष्ट होंगे। खर्च बढ़ेंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। धनागम के अवसर बनेंगे। ‘आ बैल मुझे मार’ की स्‍थिति निर्मित न होने दें। अकारण भय बना रहेगा। व्यापारी सोच-समझकर निर्णय लें।

👧 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। हानि, भय, कष्ट का वातावरण बनेगा। कुछ लाभ के आसार दिखेंगे। दुखद समाचार मिलने की संभावना है। अस्वस्थता होगी। कुसंग से हानि, कुछ लाभ के आसार दिखेंगे।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। थकान महसूस होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। कष्टों में वृद्धि के योग हैं। कुछ नए कार्य की संभावना सिद्ध होगी। कष्टों में निवृत्ति नहीं होगी। कलह से बचना होगा। अधिकार के लिए प्रयत्न करना होगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ होगा। रोग घेरेंगे। चिंताएं बढ़ेंगी। शत्रु शांत होंगे। अपमान, कष्ट, कलह से बचना होगा। राज्य से लाभ के अवसर बढ़ेंगे। लाभ होगा। शत्रु परेशान करेंगे। कुछ नुकसान होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
दौड़-धूप अधिक होगी। बुरी सूचना मिल सकती है। विवाद न करें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। अकारण भय व्याप्त होगा। शत्रु शांत होंगे। वाहन देखकर चलाएं। परिस्‍थितियां अनुकूल होंगी। कुछ विरोध होगा। विरोधी अपमान करेंगे। शांति होगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
मेहनत‍ का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख बनी रहेगी। मातृपक्ष से परेशानी होगी। दुर्घटना की संभावना। धन मिलने की परिस्‍थिति निर्मित होगी। अंतरप्रेरणा से कार्य करें। धनागम के अवसर बढ़ेंगे। प्रमाद का त्याग करना होगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत होंगे। कष्ट-भय की संभावना, अस्वस्थता, आलस्य का अनुभव करेंगे। धनागम होगा। शरीर शिथिल होगा। शत्रु शांत रहेंगे। लाभ-हानि बराबर रहेंगे। प्रमाद बढ़ेगा।

🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। शुभ समाचार की आशा बंधेगी। शत्रु षड्यंत्र रचेंगे। सावधान रहने की आवश्यकता है। पराक्रम दिखलाने का अवसर है। लाभ होगा। रिश्वत न लें। नम्रता बनाए रखें।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*पिता के हाथ के निशान*

पिता जी बूढ़े हो गए थे और चलते समय दीवार का सहारा लेते थे। नतीजतन, दीवारें जहाँ भी छूती थीं, वहाँ रंग उड़ जाता था और दीवारों पर उनके उंगलियों के निशान पड़ जाते थे।

मेरी पत्नी ने यह देखा और अक्सर गंदी दिखने वाली दीवारों के बारे में शिकायत करती थी।

एक दिन, उन्हें सिरदर्द हो रहा था, इसलिए उन्होंने अपने सिर पर थोड़ा तेल मालिश किया। इसलिए चलते समय दीवारों पर तेल के दाग बन गए।

मेरी पत्नी यह देखकर मुझ पर चिल्लाई। और मैंने भी अपने पिता पर चिल्लाया और उनसे बदतमीजी से बात की, उन्हें सलाह दी कि वे चलते समय दीवारों को न छुएँ।

वे दुखी लग रहे थे। मुझे भी अपने व्यवहार पर शर्म आ रही थी, लेकिन मैंने उनसे कुछ नहीं कहा।

पिता जी ने चलते समय दीवार को पकड़ना बंद कर दिया। और एक दिन गिर पड़े। वे बिस्तर पर पड़ गए और कुछ ही समय में हमें छोड़कर चले गए। मुझे अपने दिल में अपराधबोध महसूस हुआ और मैं उनके भावों को कभी नहीं भूल पाया और कुछ ही समय बाद उनके निधन के लिए खुद को माफ़ नहीं कर पाया।

कुछ समय बाद, हम अपने घर की पेंटिंग करवाना चाहते थे। जब पेंटर आए, तो मेरे बेटे ने, जो अपने दादा को बहुत प्यार करता था, पेंटर को पिता के फिंगरप्रिंट साफ करने और उन जगहों पर पेंट करने की अनुमति नहीं दी।

पेंटर बहुत अच्छे और नए थे। उन्होंने उसे भरोसा दिलाया कि वे मेरे पिता के फिंगरप्रिंट/हाथ के निशान नहीं मिटाएंगे, बल्कि इन निशानों के चारों ओर एक सुंदर घेरा बनाकर एक अनूठी डिजाइन बनाएंगे।

इसके बाद यह सिलसिला चलता रहा और वे निशान हमारे घर का हिस्सा बन गए। हमारे घर आने वाला हर व्यक्ति हमारे अनोखे डिजाइन की प्रशंसा करता था।

समय के साथ, मैं भी बूढ़ा हो गया।

अब मुझे चलने के लिए दीवार के सहारे की जरूरत थी। एक दिन चलते समय, मुझे अपने पिता से कहे गए शब्द याद आ गए और मैंने बिना सहारे के चलने की कोशिश की। मेरे बेटे ने यह देखा और तुरंत मेरे पास आया और मुझे दीवार का सहारा लेने के लिए कहा, चिंता व्यक्त करते हुए कि मैं बिना सहारे के गिर जाऊंगा, मैंने महसूस किया कि मेरा बेटा मुझे पकड़ रहा था।

मेरी पोती तुरंत आगे आई और प्यार से, मुझे सहारा देने के लिए अपना हाथ उसके कंधे पर रखने के लिए कहा। मैं लगभग चुपचाप रोने लगा। अगर मैंने अपने पिता के लिए भी ऐसा ही किया होता, तो वे लंबे समय तक जीवित रहते।

मेरी पोती मुझे साथ ले गई और सोफे पर बैठा दिया।
फिर उसने मुझे दिखाने के लिए अपनी ड्राइंग बुक निकाली।
उसकी शिक्षिका ने उसकी ड्राइंग की प्रशंसा की और उसे बेहतरीन टिप्पणियाँ दीं।
स्केच दीवारों पर मेरे पिता के हाथ के निशान का था।
स्केच के नीचे शीर्षक लिखा था..
“काश हर बच्चा बड़ों से इसी तरह प्यार करता”।

मैं अपने कमरे में वापस आ गया और अपने पिता से माफ़ी मांगते हुए फूट-फूट कर रोने लगा, जो अब इस दुनिया में नहीं थे।

*हम भी समय के साथ बूढ़े हो जाते हैं। आइए अपने बड़ों का ख्याल रखें*।

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