*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -अमृतत्व की किरण*
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कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्………………………1946
रवि…………………………दक्षिणायन
मास…………………………….कार्तिक
पक्ष……………………………….शुक्ल
तिथी…………………………एकादशी
दोप 04.01 पर्यंत पश्चात द्वादशी
सूर्योदय…….प्रातः 06.38.02 पर
सूर्यास्त……..संध्या 05.43.55 पर
सूर्य राशि…………………………तुला
चन्द्र राशि…………………………मीन
गुरु राशि…………………………वृषभ
नक्षत्र…………………….पूर्वाभाद्रपद
प्रातः 07.43 पर्यंत पश्चात रेवती
योग……………………………….हर्षण
संध्या 07.43 पर्यंत पश्चात वज्र
करण……………………………..विष्टि
दोप 04.01 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु………………………..(उर्ज) शरद
दिन……………………………मंगलवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
12 नवम्बर सन 2024 ईस्वी ।
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.48 से 12.32 तक ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 07.55 से 09.17 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*तुला*
04:44:40 06:58:23
*वृश्चिक*
06:58:23 09:15:27
*धनु*
09:15:27 11:21:04
*मकर*
11:21:04 13:08:11
*कुम्भ*
13:08:11 14:41:43
*मीन*
14:41:43 16:12:55
*मेष*
16:12:55 17:53:40
*वृषभ*
17:53:40 19:52:19
*मिथुन*
19:52:19 22:06:02
*कर्क*
22:06:02 24:22:12
*सिंह*
24:22:12 26:34:00
*कन्या*
26:34:00 28:44:40
🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक………………..3
🔯 शुभ रंग………………..लाल
✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 09.25 से 10.47 तक चंचल
प्रात: 10.47 से 12.09 तक लाभ
दोप. 12.09 से 01.32 तक अमृत
दोप. 02.54 से 04.16 तक शुभ
रात्रि 07.16 से 08.54 तक लाभ ।
📿 *आज का मंत्र* :-
॥ ॐ आंजनेय नमः॥
📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः – विभूतियोग:) -*
अहमात्मा गुडाकेश सर्वभूताशयस्थितः ।
अहमादिश्च मध्यं च भूतानामन्त एव च ॥१०- २०॥
अर्थात :
हे अर्जुन! मैं सब भूतों के हृदय में स्थित सबका आत्मा हूँ तथा संपूर्ण भूतों का आदि, मध्य और अंत भी मैं ही हूँ॥20॥
🍃 *आरोग्यं :*-
खुजली से राहत के घरेलू नुस्खे :-
1. नीम की २० कोपलें साफ़ करके, उन्हें ६० ग्राम पानी में घोटकर सुबह शाम सात दिनों तक पीने से खुजली पे असर दिखेगा |
2. १० काली मिर्च का चूर्ण, १० ग्राम गाय के घी के साथ लेने का घरेलू एवं देसी नुस्खा आजमाएं।
3. २० ग्राम नारियल के तेल में ५ ग्राम देसी कपूर मिलाकर घोले, इस तेल को लगाने से खुजली ठीक हो जाती है।
4. चिकनी मिट्टी को पानी में घोल कर लेप करें।
5. तुलसी की पत्ती और कपूर को पानी में घोल कर हर्बल औषधि के रूप में लगाते हैं|
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
व्यवसाय ठीक चलेगा। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। परिश्रम का अनुकूल फल मिलेगा। परिजनों के स्वास्थ्य और सुविधाओं की ओर ध्यान दें। यात्रा के योग टलेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ संभव है। जोखिम न लें। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति जीवन में आनंद का संचार करेगी। कई दिनों से रुका पैसा मिल सकेगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
विवाद से क्लेश होगा। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग परेशान कर सकता है। जोखिम न लें। जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता प्राप्ति के योग हैं। सावधानी व सतर्कता से व्यापारिक अनुबंध करें। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न उठाएं। आज का दिन आपके लिए शुभ रहने की संभावना है। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर मिलेंगे। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
मेहनत का फल मिलेगा। योजना फलीभूत होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कर्ज से दूर रहना चाहिए। खर्च में कमी होगी। कानूनी विवादों का निपटारा आपके पक्ष में होने की संभावना है। प्रतिष्ठितजनों से मेल-जोल बढ़ेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
💁♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। क्रय-विक्रय के कार्यों में लाभ होगा। योजनाएं बनेंगी। उच्च और बौद्धिक वर्ग में विशेष सम्मान प्राप्त होगा। भाइयों से अनबन हो सकती है। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें। चोट व रोग से बचें। कानूनी अड़चन दूर होगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
व्यापारिक लाभ होगा। संतान के प्रति झुकाव बढ़ेगा। शिक्षा व ज्ञान में वृद्धि होगी। कुसंगति से हानि होगी। वाहन मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें, जोखिम न लें। परेशानियों का मुकाबला करके भी लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। जायदाद संबंधी समस्या सुलझने के आसार बनेंगे। अनुकूल समाचार मिलेंगे तथा दिन आनंदपूर्वक व्यतीत होगा। नए संबंध लाभदायी सिद्ध होंगे।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। धैर्य एवं शांति से वाद-विवादों से निपट सकेंगे। दुस्साहस न करें। नए विचार, योजना पर चर्चा होगी। स्वयं की प्रतिष्ठा व सम्मान के अनुरूप कार्य हो सकेंगे।
🏹 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ होगा। धन संचय की बात बनेगी। परिवार के कार्यों पर ध्यान देना जरूरी है। रुका कार्य होने से प्रसन्नाता होगी। आर्थिक सलाह उपयोगी रहेगी। कर्ज की चिंता कम होगी।
*राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। थकान रहेगी। व्यापार-व्यवसाय संतोषप्रद रहेगा। आपसी संबंधों को महत्व दें। अल्प परिश्रम से ही लाभ होने की संभावना है। खर्चों में कमी करने का प्रयास करें। अति व्यस्तता रहेगी।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
मेहनत का फल कम मिलेगा। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। संतान की शिक्षा की चिंता समाप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। महत्व के कार्य को समय पर करें। व्यावसायिक श्रेष्ठता का लाभ मिलेगा।
☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
*🛕जय श्री राम🙏*
*💐अमृतत्व की किरण🌳*
एक राजा था वह एक दिन अपने वज़ीर से नाराज हो गया। और उसे एक बहुत बड़ी मीनार के ऊपर कैद कर दिया। एक प्रकार से यह अत्यन्त कष्टप्रद मृत्युदण्ड ही था। न तो उसे कोई भोजन पहुंचा सकता था और न ही उस गगनचुम्बी मीनार से कूदकर उसके भागने की कोई संभावना थी।
जिस समय उसे पकड़ कर मीनार पर ले जाया जा रहा था, लोगों ने देखा कि वह जरा भी चिंतित और दुखी नहीं है,
उल्टे सदा की भांति आनंदित और प्रसन्न है, उसकी पत्नी ने रोते हुए उसे विदा दी और पूछा तुम इतने प्रसन्न क्यों हो, उसने कहा, यदि रेशम का एक बहुत पतला सूत भी मेरे पास पहुंचाया जा सकता है तो मैं स्वतंत्र हो जाऊंगा।
क्या इतना-सा काम भी तुम नहीं कर सकोगी उसकी पत्नी ने बहुत सोचा लेकिन इतनी ऊंची मीनार पर रेशम का पतला धागा पहुंचाने का कोई उपाय उसकी समझ में नही आया।
तब उसने एक साधु से पूछा साधु ने कहा, भृंग नाम के कीड़े को पकड़ो उसके पैर में रेशम के धागे को बांध दो, और उसकी मूंछों के बालों पर शहद की एक बूंद रखकर उसका मुंह चोटी की ओर करके मीनार पर छोड़ दो।
उसी रात को ऐसा किया गया। वह कीड़ा सामने मधु की गंध पाकर, उसे पाने के लोभ में, धीरे-धीरे ऊपर चढ़ने लगा और आखिर उसने अपनी यात्रा पूरी कर ली।
रेशम के धागे का एक छोर कैदी के हाथ में पहुंच गया। रेशम का यह पतला धागा उसकी मुक्ति और जीवन बन गया। उससे फिर सूत का धागा बांधकरऊपर पहुंचाया गया, फिर सूत के धागे से डोरी और डोरी से मोटा रस्सा उस रस्से के सहारे वह कैद से बाहर हो गया।
सूर्य तक पहुंचने के लिए प्रकाश की एक किरण बहुत है वह किरण किसी को पहुंचानी भी नहीं है। वह तो हर एक के पास मौजूद है।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*