उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- प्रभु पर विश्वास*


📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………..5126
विक्रम संवत्………………….2081
शक संवत्…………………….1946
मास…………………………..कार्तिक
पक्ष……………………………..शुक्ल
तिथी……………………….त्रयोदशी
प्रातः 09.43 पर्यंत पश्चात चतुर्दशी
रवि……………………….दक्षिणायन
सूर्योदय…….प्रातः 06.39.03 पर
सूर्यास्त……..संध्या 05.43.00 पर
सूर्य राशि……………………….तुला
चन्द्र राशि………………………..मेष
गुरु राशि……………………….वृषभ
नक्षत्र…………………………अश्विनी
रात्रि 12.31 पर्यंत पश्चात भरणी
योग…………………………….सिद्धि
प्रातः 11.24 पर्यंत पश्चात व्यतिपात
करण………………………….तैतिल
प्रातः 09.43 पर्यंत पश्चात गरज
ऋतु………………………(उर्ज) शरद
दिन……………………………गुरुवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :–*
14 नवम्बर सन 2024 ईस्वी ।

👁‍🗨 *अभिजित वेला मुहूर्त :-*

प्रातः 11.49 से 12.32 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
दोपहर 01.33 से 02.55 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*तुला*
04:40:43 06:53:59
*वृश्चिक*
06:53:59 09:11:30
*धनु*
09:11:30 11:17:08
*मकर*
11:17:08 13:04:14
*कुम्भ*
13:04:14 14:37:47
*मीन*
14:37:47 16:08:59
*मेष*
16:08:59 17:49:44
*वृषभ*
17:49:44 19:48:23
*मिथुन*
19:48:23 22:02:05
*कर्क*
22:02:05 24:18:15
*सिंह*
24:18:15 26:30:04
*कन्या*
26:30:04 28:40:43

🚦 *दिशाशूल :-*
दक्षिणदिशा – यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक…………………..5
🔯 शुभ रंग…………………..पीला

📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ महाकाय नमः ॥

📢 *सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः – विभूतियोग:) -*
आदित्यानामहं विष्णु- र्ज्योतिषां रविरंशुमान् ।
मरीचिर्मरुतामस्मि नक्षत्राणामहं शशी ॥१०- २१॥
अर्थात :
मैं अदिति के बारह पुत्रों में विष्णु और ज्योतियों में किरणों वाला सूर्य हूँ तथा मैं उनचास वायुदेवताओं का तेज और नक्षत्रों का अधिपति चंद्रमा हूँ॥21॥

🍃 *आरोग्यं :-*
कान का दर्द :–
अदरक का रस कान में डालने से कान के दर्द, बहरेपन एवं कान के बंद होनेपर लाभ होताहै।

कान में आवाज होने पर :–
लहसुन एवं हल्दी को एक रस करके कान में डालने पर लाभ होता है। कान बंद होने पर भी यह प्रयोग हितकारक है।

कान में कीड़े जाने पर :–
दीपक के नीचे का जमा हुआ तेल अथवा शहद या अरण्डी का तेल या प्याज का रस कान में डालने पर कीड़े निकल जाते हैं।

कान के सामान्य रोग :–
सरसों या तिल के तेल में तुलसी के पत्ते डालकर धीमी आँच पर रखें। पत्ते जल जानेपर उतारकर छान लें। इस तेल की दो-चार बूँदें कान में डालने से सभी प्रकार के कान-दर्द में लाभ होता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग मिलेगा। भाग्य अनुकूल है। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं। प्रसन्नता रहेगी। स्थायी संपत्ति के कार्य मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़ी समस्या का हल सहज ही प्राप्त होगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
पारिवारिक सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में सावधानी रखें। चोट व रोग से कष्ट संभव है। प्रमाद न करें। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। शेयर मार्केट में जल्दबाजी न करें। व्यापार लाभदायक रहेगा।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। ऐश्वर्य व आरामदायक साधनों पर व्यय होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी से बचें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। कार्यस्थल पर परिवर्तन की योजना बनेगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
तीर्थदर्शन की योजना फलीभूत होगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। दूसरों की जवाबदारी न लें। आत्मशांति रहेगी। यात्रा संभव है। व्यापार ठीक चलेगा। थकान रह सकती है। जोखिम के कार्य टालें। शत्रुओं का पराभव होगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अतिविश्वास न करें। किसी भी प्रकार के विवाद में न पड़ें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।

👧 *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
पारिवारिक सदस्यों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। किसी व्यक्ति विशेष का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहतों से अनबन हो सकती है। शारीरिक कष्ट संभव है। जल्दबाजी से हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धन प्राप्ति सुगम होगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी। नौकरी में कार्यभार बढ़ेगा। सहकर्मी साथ नहीं देंगे। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। फालतू खर्च होगा। किसी के व्यवहार से क्लेश होगा। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। पार्टी व पिकनिक का आयोजन हो सकता है। जल्दबाजी न करें।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
नौकरी में कार्यभार रहेगा। जोखिम न लें। धन लक्ष्मी की प्राप्ति होगी। आय बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। कानूनी अड़चन से सामना हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें। दौड़धूप से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
भाग्य अनुकूल है। समय का लाभ लें। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। लेन-देन में सावधानी रखें। अपरिचितों पर अंधविश्वास न करें। कारोबार ठीक चलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मित्रों का सहयोग करने का मौका प्राप्त होगा। मेहनत का फल मिलेगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
व्यापार लाभदायक रहेगा। घर-परिवार में कोई मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। किसी बड़े काम को करने की योजना बनेगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। मित्रों के साथ अच्‍छा समय बीतेगा।

*राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
समय अनुकूल है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। कोई बड़ा काम होने से प्रसन्नता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। जल्दबाजी न करें। परिवार के साथ समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*🛕जय श्री राम🙏*

*🌳प्रभु पर विश्वास🌳*

एक व्यापारी की बड़ी अच्छी स्थिति थी व्यवसाय चलता था खूब पैसा था, व्यवधान भी आते थे एक दिन नींद ना आई मन में चैन नहीं था, बहुत बेचैनी थी पत्नी ने सब देखा तो पूछा क्या बात है ?

तो बहुत पूछने पर भी कुछ बताया नहीं; दूसरे दिन भी उसकी यही हालत थी तब पत्नी ने जिद की और कहा – आपको बताना होगा तब व्यापारी ने कहा यह मत पूछो अगर तुम सुनोगी तो तुम्हारी भी मेरी जैसी हालत हो जाएगी परंतु पत्नी के विशेष आग्रह करने पर उसने कहा कि एक दिन मेरे मन में आया कि यदि सारा काम बंद हो जाए तो अपनी स्थिति क्या रहेगी ?

तब मैंने सब हिसाब लगाकर देख लिया कि अगर आज व्यवसाय बंद हो जाए तो नौ पीढ़ी तक काम चलने लायक धन होगा परंतु इसके बाद कुछ नहीं रहेगा, तब बच्चे क्या खाएंगे,

फिर कैसे काम चलेगा – यही सोचकर मैं व्यथित हो गया हूं , मुझे चिंता हो रही है ।

पत्नी बुद्धिमती थी बोली – ठीक है अभी चिंता मत करो कल एक सन्त के पास चलेंगे उनसे अपनी समस्या का हल पूछ लेंगे, आज सो जाओ।
पत्नी ने उन्हें किसी तरह सुला दिया।

अगले दिन जब वे गाड़ी में बैठने लगे तो पत्नी महात्मा जी कोदेने के लिए गाड़ी में अन्न फल आदि सामान रखवाने लगी, यह देखकर पति ने कहा यह क्यों रखवा रही हो यह सब तो मैंने कल हिसाब में जोड़ा ही नहीं है।

पति ने कहा – रोज तो जाना नहीं है, बस आज ही ले चलना है, तो व्यापारी मान गया संत के आश्रम में दोनों पहुंचे।

व्यापारी की पत्नी ने सब सामान देना चाहा तो संत उन्हें रोकते हुए अपने शिष्य से बोले जा भीतर गुरुवानी से पूछ तो आ कि कितना अन्न आदि शेष है ?

शिष्य ने पूछ कर बताया कि आज रात तक के लिए सब है। कल सबेरे के लिए नहीं है तब संत ने कहा- हम तुम्हारी भेंट स्वीकार नहीं कर सकते; क्योंकि इसकी आवश्यकता नहीं है, पत्नी के विशेष आग्रह करने पर संत ने कहा कि कल की चिंता ठाकुर जी करेंगे ।

हां, यदि आज के लिए सामान नहीं होता तो मैं रख लेता ।

पत्नी से व्यापारी पति बोला – चलो अब चलते हैं ।

अभी आपने अपने प्रश्न का समाधान तो पूछा ही नहीं । व्यापारी ने कहा अब उसकी जरूरत नहीं मुझे उसका समाधान मिल गया है।

संत को कल की चिंता नहीं और मुझे नौ पीढ़ी के आगे की चिंता हो रही है – प्रभु पर विश्वास नहीं होने पर ही ऐसा होता है।

कई बार हम निरर्थक एवं अंतहीन कामनाओं के कारण अनावश्यक चिंताओं और तनाव से घिर जाते हैं जबकि कामनाओं को त्याग कर हम सहज ही उस से मुक्त हो सकते हैं ।इसी बात को इस कहानी के माध्यम से बहुत सहज ही समझा जा सकता है।

*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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