उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- निर्दोष को दंड*


📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5126
विक्रम संवत्……………………2081
शक संवत्………………………1946
मास……………………………मार्गशीर्ष
पक्ष………………………………..कृष्ण
तिथी…………………………..चतुर्दशी
प्रातः 10.28 पर्यंत पश्चात अमावस्या
रवि…………………………दक्षिणायन
सूर्योदय …………प्रातः 06.50.40 पर
सूर्यास्त………..संध्या 05.41.00 पर
सूर्य राशि……………………….वृश्चिक
चन्द्र राशि………………………वृश्चिक
गुरु राशी…………………………वृषभ
नक्षत्र………………………….विशाखा
दोप 12.26 पर्यंत पश्चात अनुराधा
योग…………………………….अतिगंड
दोप 04.38 पर्यंत पश्चात सुकर्मा
करण…………………………….शकुन
प्रातः 10.28 पर्यंत पश्चात चतुष्पद
ऋतु………………………(सह:) हेमंत
दिन……………………………..शनिवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
30 नवम्बर सन 2024 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक……………………..3
🔯 शुभ रंग…………………….नीला

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.53 से 12.36 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 09.34 से 10.54 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त -*
*वृश्चिक*
05:48:20 08:04:17
*धनु*
08:04:17 10:10:06
*मकर*
10:10:06 11:57:13
*कुम्भ*
11:57:13 13:30:45
*मीन*
13:30:45 15:01:58
*मेष*
15:01:58 16:42:42
*वृषभ*
16:42:42 18:41:22
*मिथुन*
18:41:22 20:55:04
*कर्क*
20:55:04 23:11:14
*सिंह*
23:11:14 25:23:03
*कन्या*
25:23:03 27:33:42
*तुला*
27:33:42 29:48:20

🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा – यदि आवश्यक हो तो अदरक या उड़द का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.13 से 09.33 तक शुभ
दोप. 12.14 से 01.34 तक चर
दोप. 01.34 से 02.55 तक लाभ
दोप. 02.55 से 04.15 तक अमृत
संध्या 05.36 से 07.15 तक लाभ
रात्रि 08.55 से 10.35 तक शुभ ।

💮 *आज का मंत्र :-*
।। ॐ केशवाय नम: ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि -*
*श्रीमद्भगवतगीता (राजविद्याराजगुह्ययोग:) -*
मृत्युः सर्वहरश्चाहमुद्भ- वश्च भविष्यताम् ।
कीर्तिः श्रीर्वाक्च नारीणां स्मृतिर्मेधा धृतिः क्षमा ॥१०- ३४॥
अर्थात :
मैं सबका नाश करने वाला मृत्यु और उत्पन्न होने वालों का उत्पत्ति हेतु हूँ तथा स्त्रियों में कीर्ति (कीर्ति आदि ये सात देवताओं की स्त्रियाँ और स्त्रीवाचक नाम वाले गुण भी प्रसिद्ध हैं, इसलिए दोनों प्रकार से ही भगवान की विभूतियाँ हैं), श्री, वाक्‌, स्मृति, मेधा, धृति और क्षमा हूँ॥34॥

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
बालों को काले बनाये रखने के घरेलु नुस्खे –

— सूखे आंवले का चूर्ण और नींबू का रस मिलाकर बालों में एक घंटे तक लगा कर रखें। फिर धो लें। शैम्पू ना लगाएं। इससे बाल लम्बे समय तक काले बने रहते है।
— करी पत्ता को नारियल के तेल में काला होने तक गर्म करें। ठंडा होने पर छान कर बोतल में भर लें। इस तेल की नियमित मालिश करने से बाल जल्दी सफ़ेद नहीं होंगे।
— शेम्पू की जगह हर्बल सामानों का उपयोग करे जैसे आँवला, अरीठा, शिकाकाई से बालो को धोये। एक कटोरी दही में दो चम्मच बेसन मिलाकर बालों में हल्के हाथ से जड़ों में लगाकर पॉँच मिनट बाद धोएँ। मुल्तानी मिटटी में एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर उपयोग में लाए।
— अपने आहार में नियमित रूप से आंवले का प्रयोग करे।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
धन प्राप्ति सुगम होगी। पराक्रम बढ़ेगा। जीवनसाथी से आर्थिक मतभेद हो सकते हैं। कामकाज में आशानुरूप स्थिति बनेगी। संतान के व्यवहार पर नजर रखें। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। थकान रहेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से लाभ होगा। आपसी विचार-विमर्श लाभप्रद रहेगा। बुरी खबर मिल सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। संतान पर ध्यान दें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
धनलाभ होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। वाहन सुख मिलेगा। संपत्ति के लेन-देन में सावधानी बरतें। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। मेहनत का फल मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा सफल रहेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। जल्दबाजी व भागदौड़ से कार्य करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएं।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
पुराने मित्र-संबंधी मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कार्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विभिन्न बाधाओं से मन अशांत रहेगा। विवादों से दूर रहना चाहिए। उत्साहवर्द्धक सूचना मिलेगी। स्वाभिमान बढ़ेगा। आर्थिक तंगी रहेगी। पिछले कार्यों को टालें। पारिवारिक तनाव से मन परेशान रहेगा। व्यापार में हानि हो सकती है।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
अप्रत्याशित लाभ होगा। राजकीय सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। जोखिम बिलकुल न लें। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। व्यापार व नौकरी में हितकारकों की पूर्ण कृपा रहेगी। गृह उपयोगी वस्तुएं क्रय करेंगे। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें।

👩‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। रुका पैसा मिलेगा। शत्रु आपकी छवि को धूमिल करने का प्रयास करेंगे। अतः सावधान रहें। फालतू खर्च होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। कुसंगति से बचें। दूसरों पर भरोसा न करें। धैर्य रखें। व्यापार में सफलता मिलेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। पूंजी निवेश बढ़ेगा। साहित्यिक रुचि बढ़ेगी। आर्थिक योग शुभ हैं। यात्रा से व्यापारिक लाभ हो सकता है। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। सुसंगति से लाभ होगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
नए अनुबंध होंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी व भागदौड़ से काम करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएँ। अच्छे मित्र से भेंट होगी। पराक्रम की वृद्धि होगी। समाज-परिवार में आदर मिलेगा। योजना फलीभूत होगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
कार्यसिद्धि होगी। आय-व्यय में संतुलन रहेगा। क्रोध पर संयम आवश्यक है। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। धर्म में रुचि बढ़ेगी। नई योजना से लाभ होगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। वरिष्ठजनों का सहयोग मिलेगा। कोर्ट व कचहरी के काम बनेंगे।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
संतान की ओर से अच्छे समाचार मिलेंगे। दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करें। परिवार की चिंता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यापार के विस्तार हेतु किए गए प्रयास सफल होंगे।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
लाभ होगा। पिछले कार्यों को टालना चाहिए क्योंकि उसमें असफलता का योग है। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रुभय रहेगा। अनावश्यक विवाद होगा। व्यावसायिक योजनाएँ क्रियान्वित नहीं हो पाएँगी।

🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
प्रसन्नता रहेगी। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। संतान के रोजगार की समस्या का समाधान संभव है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। कश्मकश दूर होगी। स्वजनों से भेंट होगी। खर्चों में वृद्धि से चिंता होगी।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*🍁 निर्दोष को दंड 🍁*

बहुत समय पहले हरिशंकर नाम का एक राजा था। उसके तीन पुत्र थे और अपने उन तीनों पुत्रों में से वह किसी एक पुत्र को राजगद्दी सौंपना चाहता था। पर किसे?

राजा ने एक युक्ति निकाली और उसने तीनो पुत्रों को बुलाकर कहा– यदि तुम्हारे समक्ष कोई अपराधी खड़ा हो तो तुम उसे क्या दंड दोगे?

पहले राजकुमार ने कहा कि अपराधी को मृत्यु दंड दिया जाए तो दूसरे ने कहा कि अपराधी को काल कोठरी में बंद कर दिया जाये। अब तीसरे राजकुमार की बारी थी। उसने कहा कि पिताजी सबसे पहले यह देख लिया जाये कि उसने गलती की भी है या नहीं।

इसके उपरांत उस राजकुमार ने एक कहानी सुनाई– किसी राज्य में राजा हुआ करता था, उसके पास एक सुन्दर सा तोता था। वह तोता बड़ा बुद्धिमान था, उसकी मीठी वाणी और बुद्धिमत्ता के कारण राजा उससे बहुत प्रश्नन रहता था। एक दिन की बात है कि तोते ने राजा से कहा कि मैं अपने माता-पिता के पास जाना चाहता हूँ। वह जाने के लिए राजा से विनती करने लगा।

तब राजा ने उससे कहा कि ठीक है पर तुम्हें पांच दिनों में वापस आना होगा। वह तोता जंगल की ओर उड़ चला, अपने माता- पिता से जंगल में मिला और बहुत प्रशन्न हुआ। ठीक पांच दिनों बाद जब वह वापस राजा के पास जा रहा था तब उसने एक सुन्दर सा उपहार राजा के लिए ले जाने का विचार किया।

वह राजा के लिए अमृत फल ले जाना चाहता था। जब वह अमृत फल के लिए पर्वत पर पहुंचा तब तक रात हो चुकी थी। उसने फल को तोड़ा और रात वहीं बिताने की सोची। वह सो रहा था कि तभी एक सांप आया और उस फल को खाना शुरू कर दिया। सांप के विष से वह फल भी विषाक्त हो चुका था।

जब सुबह हुई तब तोता उड़कर राजा के पास पहुँच गया और कहा– राजन मैं आपके लिए अमृत फल लेकर आया हूँ। इस फल को खाने के बाद आप सदैव के लिए युवान (जवान) और अमर हो जायेंगे। तभी मंत्री ने कहा कि महाराज पहले देख लीजिए कि फल सही भी है कि नहीं ? राजा ने बात मान ली और फल में से एक टुकड़ा कुत्ते को खिलाया।

कुत्ता तड़प-तड़प कर मर गया। राजा बहुत क्रोधित हुआ और अपनी तलवार से तोते का सिर धड़ से अलग कर दिया। राजा ने वह फल बाहर फेंक दिया।

कुछ समय बाद उसी जगह पर एक पेड़ उगा। राजा ने सख्त हिदायत दी कि कोई भी इस पेड़ का फल ना खाएं क्यूंकि राजा को लगता था कि यह अमृत फल विषाक्त होते हैं और तोते ने यही फल खिलाकर उसे मारने प्रयास किया थी।

एक दिन एक बूढ़ा व्यक्ति उस पेड़ के नीचे विश्राम कर रहा था। उसने एक फल खाया और वह युवान हो गया क्यूंकि उस वृक्ष पर उगे हुए फल विषाक्त नहीं थे। जब इस बात का पता राजा को चला तो उसे बहुत ही पछतावा हुआ उसे अपनी करनी पर लज़्ज़ा हुई।

तीसरे राजकुमार के मुख से यह कहानी सुनकर राजा बहुत ही प्रशन्न हुआ और तीसरे राजकुमार को सही उत्तराधिकारी समझते हुए उसे ही अपने राज्य का राजा चुना।

*शिक्षा:-*
किसी भी अपराधी को सजा देने से पहले यह देख लेना चाहिए कि उसकी गलती है भी या नहीं, कहीं भूलवश आप किसी निर्दोष को तो सजा देने नहीं जा रहे हैं। निरपराध को कतई सजा नहीं मिलनी चाहिए..!!

Devbhumi jknews

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