उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- दान का भाव*


⚜️««« *आज का पंचांग* »»»⚜️
कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्………………………1946
रवि…………………………दक्षिणायन
मास………………………………..पौष
पक्ष……………………………….शुक्ल
तिथी……………………………पूर्णिमा
रात्रि 03.58 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
सूर्योदय…….प्रातः 07.09.38 पर
सूर्यास्त……..संध्या 06.02.01 पर
सूर्य राशि………………………….धनु
चन्द्र राशि……………………..मिथुन
गुरु राशि………………………..वृषभ
नक्षत्र…………………………….आर्द्रा
प्रातः 10.37 पर्यंत पश्चात पुनर्वसु
योग……………………………..वैधृति
रात्रि 04.31 पर्यंत पश्चात विष्कुम्भ
करण……………………………..विष्टि
दोप 04.30 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु………………….(सहस्य) हेमंत
दिन……………………………सोमवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
13 जनवरी सन 2025 ईस्वी ।

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.13 से 12.56 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
प्रातः 08.33 से 09.54 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*धनु*
05:18:20 08:23:01
*मकर*
08:23:01 09:04:09
*कुम्भ*
09:04:09 10:32:50
*मीन*
10:32:50 11:58:05
*मेष*
11:58:05 13:33:35
*वृषभ*
13:33:35 15:29:28
*मिथुन*
15:29:28 17:44:28
*कर्क*
17:44:28 20:05:10
*सिंह*
20:05:10 22:22:50
*कन्या*
22:22:50 24:39:31
*तुला*
24:39:31 26:59:23
*वृश्चिक*
26:59:23 29:18:20

🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक………………..4
🔯 शुभ रंग………………सफ़ेद

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.12 से 08.32 तक अमृत
प्रात: 09.53 से 11.14 तक शुभ
दोप. 01.55 से 03.15 तक चंचल
अप. 03.15 से 04.36 तक लाभ
सायं 04.36 से 05.56 तक अमृत
सायं 05.56 से 07.36 तक चंचल

📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ गोविन्दाय नमः ॥

📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (एकादशोऽध्यायः – विश्वरूपदर्शनयोग:) -*
रुद्रादित्या वसवो ये च साध्या विश्वेऽश्विनौ मरुतश्चोष्मपाश्च ।
गन्धर्वयक्षासुरसिद्धसंघा वीक्षन्ते त्वां विस्मिताश्चैव सर्वे ॥११- २२॥
अर्थात :
जो ग्यारह रुद्र और बारह आदित्य तथा आठ वसु, साध्यगण, विश्वेदेव, अश्विनीकुमार तथा मरुद्गण और पितरों का समुदाय तथा गंधर्व, यक्ष, राक्षस और सिद्धों के समुदाय हैं- वे सब ही विस्मित होकर आपको देखते हैं॥22॥

🍃 *आरोग्यं :-*
*एक्जिमा के घरेलू उपचार :-*

*2. सेब का सिरका -*
वजन घटाने, हृद्य रोग, बदहज़मी, लिवर डीटॉक्स जैसे अन्य रोगों में अपने अनगिनत फायदों के लिए मशहूर सेब का सिरका त्वचा रोग में बहुत ही गुणकारी है। सेब का सिरके में कुछ एसिड होते हैं जो खुजली और सूजन से छुटकारा दिलाने में सहायता करती है। इसमें मौजूद कई विटामिन और खनिज त्वचा को पोषण देंगे और शुष्कता को कम करने में सहायता करते हैं। यह एक प्राकृतिक एस्ट्रिजेंट है। इसके लिए आप पानी में मिलाकर सेब के सिरके को पतला करें और प्रभावित क्षेत्र पर लागू करने के लिए कॉटन बॉल का उपयोग करें।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
आज आय में वृद्धि तथा उन्नति मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। यात्रा की योजना बनेगी। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। घर-बाहर कुछ तनाव रहेगा। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। काम में मन लगेगा। शेयर मार्केट में लाभ रहेगा। नौकरी में सुविधाएं बढ़ सकती हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। धन प्राप्ति सुगमता से होगी। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ मिलेगा।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। लाभ होगा। दु:खद सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। अपने काम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार के सदस्यों की उन्नति के समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सहयोग बना रहेगा। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं, लाभ होगा। भूले-बिसरे साथी तथा आगंतुकों के स्वागत तथा सम्मान पर व्यय होगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
व्यापार से संतुष्टि रहेगी। संतान की चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्वी तथा शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। मित्रों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा की योजना बनेगी। प्रसन्नता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नतादायक वातावरण रहेगा। नौकरी में चैन महसूस होगा।

💁‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। घर-बाहर सफलता प्राप्त होगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। काम में लगन तथा उत्साह बने रहेंगे। मित्रों के साथ प्रसन्नतापूर्वक समय बीतेगा। यात्रा मनोनुकूल मनोरंजक तथा लाभप्रद रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
नौकरीपेशा को आय में निश्चितता रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते कामों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जीवनसाथी से सामंजस्य बैठाएं। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेवजह लोगों से मनमुटाव हो सकता है। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। जल्दबाजी न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सुकून रहेगा। जल्दबाजी में कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। कानूनी अड़चन आ सकती है। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
कारोबार में लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। नई योजना लागू करने का श्रेष्ठ समय है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। सफलता के साधन जुटेंगे। जोखिम न उठाएं।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
किसी राजनयिक का सहयोग मिल सकता है। लाभ के दरवाजे खुलेंगे। चोट व दुर्घटना से बचें। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस होगी। विवाद से बचें। धन प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें। किसी जानकार प्रबुद्ध व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होने के योग हैं। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज घर में मांगलिक कार्य के चलते ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। हितैषी सहयोग करेंगे। धनार्जन संभव है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चोट व दुर्घटना से बचें। आय में कमी रह सकती है। घर-बाहर असहयोग व अशांति का वातावरण रहेगा। अपनी बात लोगों को समझा नहीं पाएंगे।

🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
परिवार के लोग अनुकूल व्यवहार करेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। नए लोगों से संपर्क होगा। आय में वृद्धि तथा आरोग्य रहेगा। चिंता में कमी होगी। जल्दबाजी न करें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*🛕जय श्री राम🙏*

*🌳दान का भाव🌳*

एक शिव मंदिर के पुजारी जी को भोले नाथ ने सपने में दर्शन दिए औऱ कहा कि कल सुबह नगर के सभी भक्तों, विद्वानों, दान-पुण्य करने वालों और साधु-महात्माओं को मंदिर में जमा करो।

पुजारी ने शहर में मुनादी करा दी कि महादेव का ऐसा आदेश है. शहर के सारे गणमान्य लोग अगली सुबह मंदिर पहुंचे.

पूजा-अर्चना हुई और पुजारी जी ने विस्तार से स्वप्न बताया तभी मंदिर में एक अद्भुत तेज प्रकाश हुआ. लोगों की आंखें चौंधिया गईं.

जब प्रकाश कम हुआ तो लोगों ने देखा कि शिवलिंग के पास एक रत्नजड़ित सोने का पात्र है. उसके रत्नों में दिव्य प्रकाश की चमक थी. उस पर लिखा था कि सबसे बड़े दयालु और पुण्यात्मा के लिए यह उपहार है.

पुजारी जी ने वह पात्र सबको दिखाया. वह बोले-प्रत्येक सोमवार को यहां विद्वानों की सभा होगी. जो स्वयं को सबसे बड़ा धर्मात्मा सिद्ध कर देगा, यह स्वर्णपात्र उसका होगा.

देश भर में चारों ओर यह समाचार फैल गया. दूर-दूर से तपस्वी, त्यागी, व्रती, दान-पुण्य करने वाले लोग काशी आने लगे.

एक तपस्वी ने कई महीने लगातार चन्द्रायण व्रत किया था. वह उस स्वर्ण पात्र को लेने आए. जब स्वर्ण पात्र उन्हें दिया गया, उनके हाथ में जाते ही वह मिट्टी का हो गया. उसकी ज्योति नष्ट हो गई.

लज्जित होकर उन्होंने स्वर्ण पात्र लौटा दिया. पुजारी के हाथ में जाते ही वह फिर सोने का हो गया और रत्न चमकने लगे.

एक धर्मात्मा ने बहुत से विद्यालय बनवाये थे, कई सेवाश्रम चलाते थे। दान करते-करते उन्होंने काफी धन खर्च कर दिया था. बहुत सी संस्थाओं को दान देते थे.

अखबारों में नाम छपता था. वह भी स्वर्ण पात्र लेने आए किन्तु उनके हाथ में भी जाकर मिट्टी का हो गया.

पुजारी ने कहा- ऐसा लगता है कि आप पद, मान या यश के लोभ से दान करते जान पड़ते हैं. नाम की इच्छा से होने वाला दान सच्चा दान नहीं है.

इसी प्रकार बहुत से लोग आए, किन्तु कोई भी स्वर्ण पात्र पा नहीं सका. सबके हाथों में वह मिट्टी का हो जाता था.

कई महीने बीत गए. बहुत से लोग स्वर्ण पात्र पाने के लोभ से भगवान के मंदिर के आस पास ही ज्यादा दान-पुण्य करने लगे.

लालच की पट्टी पड़ गई थी और मूर्खता वश यह सोचने लगे कि शायद मंदिर के पास का दान प्रभु की नजरों में आए. स्वर्ण पात्र उन्हें भी नहीं मिला.

एक दिन एक बूढ़ा किसान भोले नाथ के दर्शन को आया. उसे इस पात्र की बात पता भी न थी. गरीब देहाती किसान था तो कपड़े भी मैले और फटे थे.उसके पास कपड़े में बंधा थोड़ा सत्तू और एक फटा कम्बल था.

लोग मन्दिर के पास गरीबों को कपड़े और पूरी मिठाई बांट रहे थे; किन्तु एक कोढ़ी मन्दिर से दूर पड़ा कराह रहा था. उससे उठा नहीं जाता था. सारे शरीर में घाव थे. कोढ़ी भूखा था लेकिन उसकी ओर कोई देखता तक नहीं था.

किसान को कोढ़ी पर दया आ गयी. उसने अपना सत्तू उसे खाने को दे दिया और कम्बल उसे ओढ़ा दिया. फिर वह मन्दिर में दर्शन करने आया.

मन्दिर के पुजारी ने अब नियम बना लिया था कि सोमवार को जितने यात्री दर्शन करने आते थे, सबके हाथ में एक बार वह स्वर्ण पात्र जरूर रखते थे.

किसान जब दर्शन करके निकला तो उसके हाथ में भी स्वर्ण पात्र रख दिया. उसके हाथ में जाते ही स्वर्णपात्र में जड़े रत्न पहले से भी ज्यादा प्रकाश के साथ चमकने लगे. यह तो कमाल हो गया था. सब लोग बूढ़े व्यक्ति की प्रशंसा करने लगे.

पुजारी ने कहा- जो निर्लोभ है, दीनों पर दया करता है, जो बिना किसी स्वार्थ के दान करता है और दुखियों की सेवा करता है, वही सबसे बड़ा पुण्यात्मा है.

किसान तुमने अपने सामर्थ्य से अधिक दान किया है. इसलिए महादेव के इस उपहार के तुम अधिकारी हो.

दान का रहस्य निस्वार्थ दान में है. कभी ये न सोचे की मुझे इस दान से क्या लाभ प्राप्त होगा. दान करते समय अपने आप को उस परमात्मा का सेवक समझे.

हम अक्सर सोचते हैं कि यदि हम भी बहुत ज्यादा संपत्ति वाले होते तो इतना दान करते, अमुक पुण्य कर्म करते.

दान शीलता के भाव का संपत्ति से कोई सरोकार नहीं. यदि आपके मन में दान का भाव है तो सूखी रोटी में से एक टुकड़ा जरूरत मंद को देंगे.

आपने अरब पतियों को गरीब दुखियारे का हक डकारते हुए भी देखा हो. यही संचित कर्म तय करते हैं कि अगले जन्म में आपकी क्या गति होगी. पुण्य संचित करिए।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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