धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- प्रेम की परिभाषा..*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक : 26/11/2023, रविवार*
*चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष,*
*कार्तिक*
(समाप्ति काल)

तिथि—–चतुर्दशी 15:52:53 तक
पक्ष————————-शुक्ल
नक्षत्र———–भरणी 14:04:26
योग————-परिघ 25:35:03
करण———-वणिज 15:52:53
करण——–विष्टि भद्र 27:16:03
वार————————रविवार
माह———————–कार्तिक
चन्द्र राशि———मेष 19:54:48
चन्द्र राशि——————-वृषभ
सूर्य राशि——————-वृश्चिक
रितु————————–हेमंत
आयन—————–दक्षिणायण
संवत्सर——————शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)—————–पिंगल
विक्रम संवत—————-2080
गुजराती संवत————–2080
शक संवत—————–1945
कलि संवत—————–5124
सूर्योदय—————-06:53:32
सूर्यास्त—————-17:22:55
दिन काल————–10:29:24
रात्री काल————-13:31:23
चंद्रोदय—————- 16:29:43
चंद्रास्त—————- 30:42:17*
लग्न—- वृश्चिक 9°19′ , 219°19′
सूर्य नक्षत्र—————– अनुराधा
चन्द्र नक्षत्र—————— भरणी
नक्षत्र पाया——————-स्वर्ण

*🚩💮शुभा$शुभ मुहूर्त💮🚩*

राहू काल 16:04 – 17:23 अशुभ
यम घंटा 12:08 – 13:27 अशुभ
गुली काल 14:46 – 16:04
अभिजित 11:47 – 12:29 शुभ
दूर मुहूर्त 15:59 – 16:41 अशुभ
वर्ज्यम 25:47* – 27:21* अशुभ

*💮दिशा शूल ज्ञान———पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु चl*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय:ll*

*🚩💮 पद, चरण 💮🚩*

ले—- भरणी 08:15:20

लो—- भरणी 14:04:26

अ—- कृत्तिका 19:54:48

ई—- कृत्तिका 25:46:32

*🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
======================
सूर्य= वृश्चिक 09:30, अनुराधा 2 नी
चन्द्र= मेष 22:30 , भरणी 3 ले
बुध =वृश्चिक 28°:53′ ज्येष्ठा 4 यू
शु क्र=कन्या 25°05, चित्रा’ 1 पे
मंगल=वृश्चिक 06°30 ‘ अनुराधा’ 2 नी
गुरु=मेष 13°30 ‘ भरणी , 1 ली
शनि=कुम्भ 06°50 ‘ शतभिषा ,1 गो
राहू=(व) मीन 28°40 रेवती , 4 ची
केतु=(व) कन्या 28°40 चित्रा , 2 पो

💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 06:49 – 08:09 अशुभ
चर 08:09 – 09:28 शुभ
लाभ 09:28 – 10:47 शुभ
अमृत 10:47 – 12:06 शुभ
काल 12:06 – 13:26 अशुभ
शुभ 13:26 – 14:45 शुभ
रोग 14:45 – 16:04 अशुभ
उद्वेग 16:04 – 17:23 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
शुभ 17:23 – 19:04 शुभ
अमृत 19:04 – 20:45 शुभ
चर 20:45 – 22:26 शुभ
रोग 22:26 – 24:07* अशुभ
काल 24:07* – 25:48* अशुभ
लाभ 25:48* – 27:28* शुभ
उद्वेग 27:28* – 29:09* अशुभ
शुभ 29:09* – 30:50* शुभ

💮होरा, दिन
सूर्य 06:49 – 07:42
शुक्र 07:42 – 08:35
बुध 08:35 – 09:28
चन्द्र 09:28 – 10:21
शनि 10:21 – 11:13
बृहस्पति 11:13 – 12:06
मंगल 12:06 – 12:59
सूर्य 12:59 – 13:52
शुक्र 13:52 – 14:45
बुध 14:45 – 15:38
चन्द्र 15:38 – 16:30
शनि 16:30 – 17:23

🚩होरा, रात
बृहस्पति 17:23 – 18:30
मंगल 18:30 – 19:38
सूर्य 19:38 – 20:45
शुक्र 20:45 – 21:52
बुध 21:52 – 22:59
चन्द्र 22:59 – 24:07
शनि 24:07* – 25:14
बृहस्पति 25:14* – 26:21
मंगल 26:21* – 27:28
सूर्य 27:28* – 28:36
शुक्र 28:36* – 29:43
बुध 29:43* – 30:50

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

वृश्चिक > 05:04 से 07:38 तक
धनु > 07:38 से 08:04 तक
मकर > 08:04 से 11:12 तक
कुम्भ > 11:12 से 12:44 तक
मीन > 12:44 से 14:06 तक
मेष > 14:06 से 15:54 तक
वृषभ > 15:54 से 17:52 तक
मिथुन > 17:52 से 20:00 तक
कर्क > 20:00 से 22:16 तक
सिंह > 22:16 से 00:18 तक
कन्या > 00: 18 से 03:52 तक
तुला > 03:52 से 05:04 तक

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

14 + 1 + 1 = 16 ÷ 4 =0 शेष
पृथ्वी लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होताहै

चन्द्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

14 +14 + 5 = 33 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

दोपहर 15:53 से रात्री 2719 तक

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी🚩💮*

*सत्यनारायण व्रत पूर्णिमा*

*🚩💮 शुभ विचार 💮🚩*

प्रलये भिन्नमर्यादा भवन्ति किल सागराः ।
सागरा भेदमिच्छान्ति प्रलयेऽपि न साधवः ।।
।। चा o नी o।।

जब प्रलय का समय आता है तो समुद्र भी अपनी मयारदा छोड़कर किनारों को छोड़ अथवा तोड़ जाते है, लेकिन सज्जन पुरुष प्रलय के सामान भयंकर आपत्ति अवं विपत्ति में भी आपनी मर्यादा नहीं बदलते.

*🚩💮 सुभाषितानि 💮🚩*

गीता -: सांख्ययोग अo-02

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय
नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि ।,
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा-
न्यन्यानि संयाति नवानि देही ॥,

जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्यागकर दूसरे नए वस्त्रों को ग्रहण करता है, वैसे ही जीवात्मा पुराने शरीरों को त्यागकर दूसरे नए शरीरों को प्राप्त होता है॥,22॥,

*💮🚩दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
यात्रा व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। सम्मान व कीर्ति में वृद्धि होगी। व्यापार में नए प्रस्तावों से लाभ मिलने के योग हैं। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। कानूनी मामलों में लापरवाही न करें।

🐂वृष
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक जिम्मेदारी का पूर्ण ध्यान रखें। रचनात्मक कार्यों का प्रतिफल प्राप्त होगा। व्यापार में उन्नति होगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। कानूनी विवादों का निपटारा होगा।

👫मिथुन
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापार लाभप्रद रहेगा। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। विवाद समाप्त होने से शांति एवं सुख बढ़ेगा। व्यापार अच्छा चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। सोच-समझकर व्यय करें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें।

🦀कर्क
व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। कानूनी बाधा दूर होगी। प्रसन्नता रहेगी। परोपकारी स्वभाव होने से दूसरों की मदद कर पाएँगे। काम के प्रति लापरवाही न करें। प्रयत्न एवं दूरदर्शिता से सहयोग व समर्थन मिलेगा। लाभ होगा।

🐅सिंह
प्रसन्नता रहेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। अधूरे पड़े कार्य पूरे होंगे। जीवनसाथी से संबंधों में मधुरता आएगी। प्रयास व सहयोग से अनुकूलता आएगी। योजना फलीभूत होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। पिता से मतभेद हो सकते हैं।

🙎‍♀️कन्या
प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। लेन-देन में सावधानी रखें। पुरानी लेनदारी वसूल होगी। यात्रा सफल रहेगी। व्यवहार-कुशलता से समस्या का समाधान संभव है। व्यापारिक निर्णय लेने में देरी नहीं करना चाहिए। लाभ होगा।

⚖️तुला
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भौतिक विकास के कार्यों को बल मिलेगा। फालतू खर्च होगा। भागीदारी के प्रस्ताव आएँगे। दिनचर्या नियमित रहेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। रिश्तेदारों से भेंट हो सकेगी। दूसरों की आलोचना, निंदा से दूर रहें।

🦂वृश्चिक
नई योजनाओं का सूत्रपात होगा। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। व्यावसायिक समस्याओं का हल आपके माध्यम से हो सकेगा। क्रोध पर नियंत्रण रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। दूसरों पर अतिविश्वास न करें। दूसरों से व्यर्थ में न उलझें।

🏹धनु
प्रसन्नता रहेगी। स्वाभिमान रहेगा। अतिथियों का आगमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। आय-व्यय में असंतुलन की स्थिति बन सकती है। प्रमाद न करें। बुद्धि चातुर्य से कठिन कार्य भी आसानी से बनेंगे। वैवाहिक अड़चनें समाप्त होंगी। विरोधी परास्त होंगे।

🐊मकर
प्रतिष्ठा बढ़ेगी। निवेश, यात्रा व नौकरी लाभ देंगे। अपने प्रयासों से उन्नति पथ प्रशस्त करेंगे। इच्छित काम पूर्ण हो सकेंगे। मेहनत का फल मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। स्वास्थ्य की समस्या सुलझेगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी।

🍯कुंभ
मकान व जमीन संबंधी कार्य बनेंगे। संतान पर अनावश्यक रोक न लगाएँ। धन लाभ होने की भी संभावना है। बुरी खबर मिल सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दौड़धूप अधिक होगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। सामाजिक कार्यों में सीमित रहें।

🐟मीन
व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। नए प्रस्ताव प्राप्त होंगे। सुखद यात्रा के योग हैं। रचनात्मक काम होंगे। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। आलस्य को त्यागें। अपने कार्यों को समय पर करने से सफलता प्राप्त हो सकती है।

2️⃣6️⃣❗1️⃣1️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣3️⃣
*प्रेम की परिभाषा..*

एक बार संत राबिया एक धार्मिक पुस्तक पढ़ रही थीं। पुस्तक में एक जगह लिखा था, शैतान से घृणा करो, प्रेम नहीं। राबिया ने वह लाइन काट दी। कुछ दिन बाद उससे मिलने एक संत आए। वह उस पुस्तक को पढ़ने लगे। उन्होंने कटा हुआ वाक्य देख कर सोचा कि किसी नासमझ ने उसे काटा होगा। उसे धर्म का ज्ञान नहीं होगा। उन्होंने राबिया को वह पंक्ति दिखा कर कहा, जिसने यह पंक्ति काटी है वह जरूर नास्तिक होगा।

राबिया ने कहा- इसे तो मैंने ही काटा है।

संत ने अधीरता से कहा- तुम इतनी महान संत होकर यह कैसे कह सकती हो कि शैतान से घृणा मत करो। शैतान तो इंसान का दुश्मन होता है।

इस पर राबिया ने कहा- पहले मैं भी यही सोचती थी कि शैतान से घृणा करो, लेकिन उस समय मैं प्रेम को समझ नहीं सकी थी,,लेकिन जब से मैं प्रेम को समझी, तब से बड़ी मुश्किल में पड़ गई हूं कि घृणा किससे करूं। मेरी नजर में घृणा लायक कोई नहीं है।

संत ने पूछा- “क्या तुम यह कहना चाहती हो कि जो हमसे घृणा करते हैं, हम उनसे प्रेम करें।“

राबिया बोली- प्रेम किया नहीं जाता। प्रेम तो मन के भीतर अपने आप अंकुरित होने वाली भावना है। प्रेम के अंकुरित होने पर मन के अंदर घृणा के लिए कोई जगह नहीं होगी। हम सबकी एक ही तकलीफ है। हम सोचते हैं कि हमसे कोई प्रेम नहीं करता। यह कोई नहीं सोचता कि प्रेम दूसरों से लेने की चीज नहीं,, देने की चीज है। हम प्रेम देते हैं। यदि शैतान से प्रेम करोगे तो वह भी प्रेम का हाथ बढ़ाएगा।

संत ने कहा- “अब समझा, राबिया!

तुमने उस पंक्ति को काट कर ठीक ही किया है।दरअसल हमारे ही मन के अंदर प्रेम करने का अहंकार भरा है।इसलिए हम प्रेम नहीं करते,प्रेम करने का नाटक करते हैं।यही कारण है कि संसार में नफरत और द्वेष फैलता नजर आता।“वास्तव में प्रेम की परिभाषा ईश्वर की परिभाषा से अलग नहीं है।दोनो ही देते हैं बदले में बिना कुछ लिये।

ईश्वर,माता-पिता,प्रकृति सभी बिना हमसे कुछ पाने की आशा किये हमें देते हैं और यह इंतजार करते रहते हैं कि हम कब उनसे और अधिक पाने के योग्य स्वयं को साबित करेंगे और वे हमें और अधिक दे सकेंगे।

प्रेम को जानना है तो पेडों और फूलों को देखिये तोडे और काटे जाने की शिकायत तक नहीं करते बस देने में लगे हैं..!!

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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