उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- मुश्किल दौर*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 07/03/2025, शुक्रवार*
अष्टमी, शुक्ल पक्ष,
फाल्गुन
(समाप्ति काल)

तिथि———– अष्टमी 09:18:06 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——— मृगशिरा 23:30:59
योग————– प्रीति 18:13:24
करण————- बव 09:18:06
करण———- बालव 20:43:09
वार———————- शुक्रवार
माह———————-फाल्गुन
चन्द्र राशि—– वृषभ 11:44:05
चन्द्र राशि————— मिथुन
सूर्य राशि—————– कुम्भ
रितु———————— वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2081
कलि संवत————— 5125
सूर्योदय————– 06:38:36
सूर्यास्त—————-18:22:02
दिन काल———– 11:43:25
रात्री काल———— 12:15:30
चंद्रोदय————– 11:45:58
चंद्रास्त—————- 26:34:01
लग्न—- कुम्भ 22°30′ , 322°30′
सूर्य नक्षत्र———- पूर्वा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र—————- मृगशिरा
नक्षत्र पाया—————— लोहा

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

वो—- मृगशिरा 11:44:05

का—- मृगशिरा 17:36:35

की—- मृगशिरा 23:30:59

कु—- आर्द्रा 29:27:16

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कुम्भ 22°40, पू oभाo 1 से
चन्द्र= वृषभ 27°30 , मृगशिरा 2 वो
बुध =मीन 10°52 ‘ उ o भा o 3 झ
शु क्र= मीन 16°05, उ o फाo’ 4 ञ
मंगल=मिथुन 23°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 2 को
गुरु=वृषभ 18°30 रोहिणी, 3 वी
शनि=कुम्भ 27°28 ‘ पू o भा o , 3 दा
राहू=(व) मीन 03°56 उo भा o, 1 दू
केतु= (व)कन्या 03°56 उ oफा o 3 पा

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 11:02 – 12:30 अशुभ
यम घंटा 15:26 – 16:54 अशुभ
गुली काल 08:07 – 09: 34अशुभ
अभिजित 12:07 – 12:54 शुभ
दूर मुहूर्त 08:59 – 09:46 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:54 – 13:41 अशुभ
प्रदोष 18:22 – 20:51 शुभ

💮चोघडिया, दिन
चर 06:39 – 08:07 शुभ
लाभ 08:07 – 09:34 शुभ
अमृत 09:34 – 11:02 शुभ
काल 11:02 – 12:30 अशुभ
शुभ 12:30 – 13:58 शुभ
रोग 13:58 – 15:26 अशुभ
उद्वेग 15:26 – 16:54 अशुभ
चर 16:54 – 18:22 शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग 18:22 – 19:54 अशुभ
काल 19:54 – 21:26 अशुभ
लाभ 21:26 – 22:58 शुभ
उद्वेग 22:58 – 24:30* अशुभ
शुभ 24:30* – 26:02* शुभ
अमृत 26:02* – 27:34* शुभ
चर 27:34* – 29:06* शुभ
रोग 29:06* – 30:38* अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र 06:39 – 07:37
बुध 07:37 – 08:36
चन्द्र 08:36 – 09:34
शनि 09:34 – 10:33
बृहस्पति 10:33 – 11:32
मंगल 11:32 – 12:30
सूर्य 12:30 – 13:29
शुक्र 13:29 – 14:28
बुध 14:28 – 15:26
चन्द्र 15:26 – 16:25
शनि 16:25 – 17:23
बृहस्पति 17:23 – 18:22

🚩होरा, रात
मंगल 18:22 – 19:23
सूर्य 19:23 – 20:25
शुक्र 20:25 – 21:26
बुध 21:26 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:29
शनि 23:29 – 24:30
बृहस्पति 24:30* – 25:31
मंगल 25:31* – 26:32
सूर्य 26:32* – 27:34
शुक्र 27:34* – 28:35
बुध 28:35* – 29:36
चन्द्र 29:36* – 30:38

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

कुम्भ > 04:24 से 06:02 तक
मीन > 06:02 से 07:30 तक
मेष > 07:30 से 09:08 तक
वृषभ > 09:08 से 11:06 तक
मिथुन > 11:06 से 13:24 तक
कर्क > 13:24 से 15:40 तक
सिंह > 15:40 से 17:50 तक
कन्या > 17:50 से 20:04 तक
तुला > 20:04 से 22:18 तक
वृश्चिक > 22:18 से 00:38 तक
धनु > 00:38 से 02:32 तक
मकर > 02:32 से 04:18 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

8 + 6 + 1 =15 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शुक्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

8 + 8 + 5 = 21 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*होलाष्टक प्रारम्भ

*लड्डू की होली (श्रीजी मन्दिर) बरसाना

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

प्रभूतं कार्यमपि वा तन्नरः कर्तुमिच्छति ।
सर्वारम्भेण तत्कार्यं सिंहादेकं प्रचक्षते ।।
।। चा o नी o।।

शेर से यह बढ़िया बात सीखे की आप जो भी करना चाहते हो एकदिली से और जबरदस्त प्रयास से

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: पुरुषोत्तमयोग :- अo-15
न रूपमस्येह तथोपलभ्यते नान्तो
न चादिर्न च सम्प्रतिष्ठा ।,
अश्वत्थमेनं सुविरूढमूल
मसङ्‍गशस्त्रेण दृढेन छित्त्वा ॥,

इस संसार वृक्ष का स्वरूप जैसा कहा है वैसा यहाँ विचार काल में नहीं पाया जाता (इस संसार का जैसा स्वरूप शास्त्रों में वर्णन किया गया है और जैसा देखा-सुना जाता है, वैसा तत्त्व ज्ञान होने के पश्चात नहीं पाया जाता, जिस प्रकार आँख खुलने के पश्चात स्वप्न का संसार नहीं पाया जाता) क्योंकि न तो इसका आदि है (इसका आदि नहीं है, यह कहने का प्रयोजन यह है कि इसकी परम्परा कब से चली आ रही है, इसका कोई पता नहीं है) और न अन्त है (इसका अन्त नहीं है, यह कहने का प्रयोजन यह है कि इसकी परम्परा कब तक चलती रहेगी, इसका कोई पता नहीं है) तथा न इसकी अच्छी प्रकार से स्थिति ही है (इसकी अच्छी प्रकार स्थिति भी नहीं है, यह कहने का प्रयोजन यह है कि वास्तव में यह क्षणभंगुर और नाशवान है) इसलिए इस अहंता, ममता और वासनारूप अति दृढ़ मूलों वाले संसार रूप पीपल के वृक्ष को दृढ़ वैराग्य रूप (ब्रह्मलोक तक के भोग क्षणिक और नाशवान हैं, ऐसा समझकर, इस संसार के समस्त विषयभोगों में सत्ता, सुख, प्रीति और रमणीयता का न भासना ही ‘दृढ़ वैराग्यरूप शस्त्र’ है) शस्त्र द्वारा काटकर (स्थावर, जंगमरूप यावन्मात्र संसार के चिन्तन का तथा अनादिकाल से अज्ञान द्वारा दृढ़ हुई अहंता, ममता और वासना रूप मूलों का त्याग करना ही संसार वृक्ष का अवान्तर ‘मूलों के सहित काटना’ है।,)॥,3॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐂मेष
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कुबुद्धि हावी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों से संबंध सुधरेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है।

🐏वृष
व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। धैर्य रखें। शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। दु:खद समाचार मिल सकता है।

👫मिथुन
घर के सदस्यों के स्वास्थ्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी सहयोग करेंगे।

🦀कर्क
शत्रु पस्त होंगे। सुख के साधन जुटेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। लंब समय से रुके कार्य सहज रूप से पूर्ण होंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। शेयर मार्केट में सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शुभ समय।

🐅सिंह
किसी अपने के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। शारीरिक कष्ट संभव है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल होंगे। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी।

🙍‍♀️कन्या
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। बेवजह कहासुनी हो सकती है। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

⚖️तुला
पुराना रोग परेशानी का कारण रह सकता है। दूसरों के कार्य में दखल न दें। बड़ों की सलाह मानें। लाभ होगा। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। धैर्य रखें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें।

🦂वृश्चिक
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी अप‍रिचित पर अतिविश्वास न करें। विवाद से क्लेश होगा। दूसरों के उकसाने में न आएं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। कोई बड़ी समस्या आ सकती है। धैर्य रखें। शारीरिक कष्ट संभव है तथा तनाव रहेंगे।

🏹धनु
घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। अज्ञात भय रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा।

🐊मकर
सुख के साधन प्राप्त होंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी।

🍯कुंभ
आराम तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। यश बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। नई योजना बनेगी जिसका तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। प्रमाद न करें। चोट व रोग से परेशानी संभव है।

🐟मीन
आंखों का ख्याल रखें। अज्ञात भय सताएगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन आ सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। लॉटरी व सट्टे से दूर रहें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में प्रमोशन प्राप्त हो सकता है। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।

*आपका दिन मंगलमय हो*

*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*

*!! मुश्किल दौर !!*
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एक बार की बात है, एक कक्षा में गुरूजी अपने सभी छात्रों को समझाना चाहते थे कि प्रकृति सभी को समान अवसर देती है और उस अवसर का इस्तेमाल करके अपना भाग्य खुद बना सकते हैं। इसी बात को ठीक तरह से समझाने के लिए गुरूजी ने तीन कटोरे लिए। पहले कटोरे में एक आलू रखा, दूसरे में अंडा और तीसरे कटोरे में चाय की पत्ती डाल दी। अब तीनों कटोरों में पानी डालकर उनको गैस पर उबलने के लिए रख दिया।

सभी छात्र ये सब हैरान होकर देख रहे थे, लेकिन किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। बीस मिनट बाद जब तीनों बर्तन में उबाल आने लगे, तो गुरूजी ने सभी कटोरों को नीचे उतारा और आलू, अंडा और चाय को बाहर निकाला।

अब उन्होंने सभी छात्रों से तीनों कटोरों को गौर से देखने के लिए कहा। अब भी किसी छात्र को समझ नहीं आ रहा था।

आखिर में गुरु जी ने एक बच्चे से तीनों (आलू, अंडा और चाय) को स्पर्श करने के लिए कहा। जब छात्र ने आलू को हाथ लगाया तो पाया कि जो आलू पहले काफी कठोर हो गया था और पानी में उबलने के बाद काफी मुलायम हो गया था।

जब छात्र ने, अंडे को उठाया तो देखा जो अंडा पहले बहुत नाज़ुक था उबलने के बाद वह कठोर हो गया है। अब बारी थी चाय के कप को उठाने की। जब छात्र ने चाय के कप को उठाया तो देखा चाय की पत्ती ने गर्म पानी के साथ मिलकर अपना रूप बदल लिया था और अब वह चाय बन चुकी थी।

अब गुरु जी ने समझाया, हमने तीन अलग-अलग चीजों को समान विपत्ति से गुज़ारा, यानी कि तीनों को समान रूप से पानी में उबाला लेकिन बाहर आने पर तीनों चीजें एक जैसी नहीं मिली।

आलू जो कठोर था वो मुलायम हो गया, अंडा पहले से कठोर हो गया और चाय की पत्ती ने भी अपना रूप बदल लिया। उसी तरह यही बात इंसानों पर भी लागू होती है।

*शिक्षा:-*
सभी को समान अवसर मिलते हैं और मुश्किलें आती हैं लेकिन ये पूरी तरह आप पर निर्भर है कि आप परेशानी का सामना कैसा करते हैं और मुश्किल दौर से निकलने के बाद क्या बनते हैं।

*सदैव प्रसन्न रहिए – जो प्राप्त है पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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