उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- अंकुश*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 08/09/2025, शनिवार*
*नवमी, शुक्ल पक्ष,*
*फाल्गुन*
(समाप्ति काल)

तिथि———– नवमी 08:15:54 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———– आर्द्रा 23:27:31
योग———आयुष्मान 16:23:07
करण———- कौलव 08:15:54
करण———– तैतुल 19:56:23
वार———————– शनिवार
माह———————- फाल्गुन
चन्द्र राशि—————- मिथुन
सूर्य राशि—————– कुम्भ
रितु———————— वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2081
शक संवत—————- 1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————– 06:37:33
सूर्यास्त————— 18:22:37
दिन काल———— 11:45:04
रात्री काल———— 12:13:51
चंद्रोदय————– 12:46:16
चंद्रास्त—————- 27:28:32
लग्न—- कुम्भ 23°30′ , 323°30′
सूर्य नक्षत्र———- पूर्वा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र—————— आर्द्रा
नक्षत्र पाया—————— रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

घ—- आर्द्रा 11:25:27

ङ—- आर्द्रा 17:25:32

छ—- आर्द्रा 23:27:31

के—- पुनर्वसु 29:31:22

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कुम्भ 23°40, पू oभाo 2 सो
चन्द्र= मिथुन 10°30 , आर्द्रा 2 घ
बुध =मीन 11°52 ‘ उ o भा o 3 झ
शु क्र= मीन 15°05, उ o फाo’ 4 ञ
मंगल=मिथुन 23°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 2 को
गुरु=वृषभ 18°30 रोहिणी, 3 वी
शनि=कुम्भ 27°28 ‘ पू o भा o , 3 दा
राहू=(व) मीन 03°50 उo भा o, 1 दू
केतु= (व)कन्या 03°50 उ oफा o 3 पा

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 09:34 – 11:02 अशुभ
यम घंटा 13:58 – 15:26 अशुभ
गुली काल 06:38 – 08: 06अशुभ
अभिजित 12:07 – 12:54 शुभ
दूर मुहूर्त 08:12 – 08:59 अशुभ
वर्ज्यम 07:50 – 09:26 अशुभ
प्रदोष 18:23 – 20:52 शुभ

💮चोघडिया, दिन
काल 06:38 – 08:06 अशुभ
शुभ 08:06 – 09:34 शुभ
रोग 09:34 – 11:02 अशुभ
उद्वेग 11:02 – 12:30 अशुभ
चर 12:30 – 13:58 शुभ
लाभ 13:58 – 15:26 शुभ
अमृत 15:26 – 16:54 शुभ
काल 16:54 – 18:23 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
लाभ 18:23 – 19:54 शुभ
उद्वेग 19:54 – 21:26 अशुभ
शुभ 21:26 – 22:58 शुभ
अमृत 22:58 – 24:30* शुभ
चर 24:30* – 26:01* शुभ
रोग 26:01* – 27:33* अशुभ
काल 27:33* – 29:05* अशुभ
लाभ 29:05* – 30:36* शुभ

💮होरा, दिन
शनि 06:38 – 07:36
बृहस्पति 07:36 – 08:35
मंगल 08:35 – 09:34
सूर्य 09:34 – 10:33
शुक्र 10:33 – 11:31
बुध 11:31 – 12:30
चन्द्र 12:30 – 13:29
शनि 13:29 – 14:28
बृहस्पति 14:28 – 15:26
मंगल 15:26 – 16:25
सूर्य 16:25 – 17:24
शुक्र 17:24 – 18:23

🚩होरा, रात
बुध 18:23 – 19:24
चन्द्र 19:24 – 20:25
शनि 20:25 – 21:26
बृहस्पति 21:26 – 22:27
मंगल 22:27 – 23:28
सूर्य 23:28 – 24:30
शुक्र 24:30* – 25:31
बुध 25:31* – 26:32
चन्द्र 26:32* – 27:33
शनि 27:33* – 28:34
बृहस्पति 28:34* – 29:35
मंगल 29:35* – 30:36

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

कुम्भ > 04:20 से 05:58 तक
मीन > 05:58 से 07:26 तक
मेष > 07:26 से 09:04 तक
वृषभ > 09:04 से 11:02 तक
मिथुन > 11:02 से 13:20 तक
कर्क > 13:20 से 15:36 तक
सिंह > 15:36 से 17:46 तक
कन्या > 17:46 से 20:00 तक
तुला > 20:00 से 22:14 तक
वृश्चिक > 22:14 से 00:34 तक
धनु > 00:34 से 02:28 तक
मकर > 02:28 से 04:14 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

9 + 7 + 1 = 17 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शुक्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

9 + 9 + 5 = 23 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*लट्ठमार होली (बरसाना)*

*राष्ट्रीय महिला दिवस

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

इन्द्रियाणि च संयम्य वकवत् पण्डितो नरः ।
देशकालबलं ज्ञात्वा सर्वकार्याणि साधयेत् ।।
।। चा o नी o।।

बुद्धिमान व्यक्ति अपने इन्द्रियों को बगुले की तरह वश में करते हुए अपने लक्ष्य को जगह, समय और योग्यता का पूरा ध्यान रखते हुए पूर्ण करे.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: पुरुषोत्तमयोग :- अo-15

ततः पदं तत्परिमार्गितव्यं
यस्मिन्गता न निवर्तन्ति भूयः ।,
तमेव चाद्यं पुरुषं प्रपद्ये
यतः प्रवृत्तिः प्रसृता पुराणी ॥,

उसके पश्चात उस परम-पदरूप परमेश्वर को भलीभाँति खोजना चाहिए, जिसमें गए हुए पुरुष फिर लौटकर संसार में नहीं आते और जिस परमेश्वर से इस पुरातन संसार वृक्ष की प्रवृत्ति विस्तार को प्राप्त हुई है, उसी आदिपुरुष नारायण के मैं शरण हूँ- इस प्रकार दृढ़ निश्चय करके उस परमेश्वर का मनन और निदिध्यासन करना चाहिए॥,4॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। बाहरी सहायता से कार्यों में गति आएगी। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। शारीरिक कष्ट की आशंका है, अत: लापरवाही से बचें। प्रसन्नता बनी रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी।

🐂वृष
चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि की आशंका है। विवाद को बढ़ावा न दें। अतिउत्साह हानिप्रद रहेगा। कुसंगति से बचें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। किसी उलझन में फंस सकते हैं। विवेक से निर्णय लें। सार्वजनिक स्थान पर लोगों का ध्यान नहीं खींच पाएंगे। धैर्य रखें।

👫मिथुन
संबंधियों तथा मित्रों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से मनोनुकूल लाभ होगा। स्वास्थ्य कमजोर होगा। किसी बाहरी व्यक्ति पर भरोसा न करें।

🦀कर्क
दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। प्रियजनों के साथ रिश्तों में खटास आ सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अपरिचितों पर अंधविश्वास न करें। कारोबार ठीक चलेगा। आय होगी। धैर्य रखें।

🐅सिंह
स्थायी संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा, साक्षात्कार व करियर संबंधी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। जोखिम न उठाएं। थकान महसूस होगी।

🙍‍♀️कन्या
शैक्षणिक व शोध इत्यादि कार्यों के परिणाम सुखद रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आयोजन हो सकता है। नौकरी कार्य में उत्साह व प्रसन्नता से सफलता प्राप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेशादि लाभदायक रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। जल्दबाजी न करें।

⚖️तुला
यात्रा लाभदायक रहेगी। काफी समय से रुका हुआ धन प्राप्ति के आसार हैं। भरपूर प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। जल्दबाजी न करें।

🦂वृश्चिक
राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। धार्मिक कृत्यों में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। आय में वृद्धि होगी। व्यस्तता रहेगी। थकान महसूस होगी। किसी लंबे प्रवास की योजना बनेगी। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा।

🏹धनु
बेरोजगारी दूर होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। प्रतिद्वंद्वी पस्त होंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कोई रुका हुआ कार्य पूर्ण होने के योग हैं।

🐊मकर
घर में अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। लंबे प्रवास की योजना बनेगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। कारोबार में अनुकूलता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से बचें।

🍯कुंभ
नई योजना बनेगी। पुराने किए गए निर्णयों का लाभ अब प्राप्त होगा। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। नए कार्यकारी अनुबंध हो सकते हैं। नौकरी में चैन रहेगा। घर में तनाव रह सकता है। चिंता में वृद्धि होगी।

🐟मीन
किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। फालतू खर्च होगा। असमंजस रहेगा। निर्णय लेने की क्षमता कम होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। अशुभ समय।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*अंकुश*

एक राजा के पास एक मोटी-ताजी पर भुक्खड़ बकरी थी। कितना भी क्यों न खा ले, उसका पेट न भरता, जहाँ हरी घास देखती, मुंह जरूर मारती।
राजा ने बकरी का पेट भर देने वाले को एक लाख रुपए ईनाम देने की घोषणा की।
पर बड़े बड़े सेठ, उस बकरी को सुबह-शाम-दिन-रात घास खिला कर भी उसकी वह आदत न बदल पाए।

तब एक लंगोटीधारी संत आए। राजा ने व्यंग्य किया कि आपके पास तो खुद के लिए ही भोजन नहीं है, आप बकरी का पेट कैसे भरेंगे? परन्तु संत मुस्कुराते हुए उस बकरी को अपनी कुटिया में ले गए।

संत ने बकरी को एक खूंटे से बाँध दिया, सामने हरी हरी घास रख दी, और स्वयं एक छड़ी लेकर कुर्सी पर बैठ गए।
बकरी ने जैसे ही घास को मुंह लगाया, संत ने उसकी नाक पर हलके से छड़ी लगा दी। बकरी चोट खाकर पीछे हट गई। ऐसा ही चार दिन लगातार चलता रहा। संत ने बकरी को एक तिनका घास भी न खाने दिया।

जब बकरी घास देखते ही, तुरंत छड़ी की ओर देखने लगी, संत बकरी को राजा के पास लौटा लाए।

राजा ने बकरी को देखा तो चीख उठा। चीखता क्यों नहीं, चार दिन से कुछ भी न खाने से बकरी पिचक जो गई थी।

राजा बोला- हाय हाय! मेरी बकरी को भूखा मार दिया।संत मुस्कुरा कर बोले- नहीं महाराज! यह तो आपकी याद में पतली हो गई है। मैंने इसे इतना खिला दिया है कि अब कईं दिन घास नहीं खाएगी।

राजा ने हरी घास मंगवाई। संत भी छड़ी बगल में दबाए तैयार ही खड़े थे।

राजा ने घास हाथ में लेकर बकरी को पुचकारा। बकरी ने घास देखी। फिर छड़ी की ओर देखा। संत ने छड़ी जरा सी हिला दी। बकरी चार कदम पीछे हट गई।
संत ने कहा- नहीं खाएगी महाराज! नहीं खाएगी। राजा भी हैरान रह गया।

सारांश यह है कि वह राजा कोई ओर नहीं आप ही हैं। मन ही बकरी है। इसे कुछ भी क्यों न मिल जाए, यह ‘और’ माँगा ही करता है।
यदि गुरू के मार्गदर्शन में, इस मन को संयम की छड़ी लगने लगे, तो इसकी भी भूख सदा के लिए मिट जाएगी।

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