उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -भगवन शिव की भक्त पर कृपा*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 23/03/2025, रविवार*
*नवमी, कृष्ण पक्ष,*
*चैत्र*
(समाप्ति काल)

तिथि———– नवमी 29:37:29 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र——– पूर्वाषाढा 28:17:17
योग———- वरियान 17:57:27
करण———– तैतुल 17:36:01
करण————– गर 29:37:29
वार————————रविवार
माह————————- चैत्र
चन्द्र राशि——————- धनु
सूर्य राशि—————— मीन
रितु———————— वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————– 06:20:59
सूर्यास्त————— 18:30:45
दिन काल———— 12:09:46
रात्री काल———— 11:49:06
चंद्रास्त————– 12:05:43
चंद्रोदय—————- 26:43:47
लग्न—– मीन 8°26′ , 338°26′
सूर्य नक्षत्र——– उत्तरा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र————– पूर्वाषाढा
नक्षत्र पाया——————- ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

भू—- पूर्वाषाढा 09:40:27

धा—- पूर्वाषाढा 15:55:35

फा—- पूर्वाषाढा 22:07:52

ढा—- पूर्वाषाढा 28:17:17

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मीन 08°40, उ oभाo 2 थ
चन्द्र= धनु 14°30 , पू oषाo 1 भू
बुध =मीन 11°52 ‘ उ o भा o 3 झ
शु क्र= मीन 08°05, उ o फाo’ 2 थ
मंगल=मिथुन 26°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 2 को
गुरु=वृषभ 20°30 रोहिणी, 4 वु
शनि=कुम्भ 29°28 ‘ पू o भा o , 3 दा
राहू=(व) मीन 03°02 पू o भा o, 4 दी
केतु= (व)कन्या 03°02 उ oफा o 2 टो

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 16:59 – 18:31 अशुभ
यम घंटा 12:26 – 13:57 अशुभ
गुली काल 15:28 – 16: 59अशुभ
अभिजित 12:02 – 12:50 शुभ
दूर मुहूर्त 16:53 – 17:42 अशुभ
वर्ज्यम 13:26 – 15:06 अशुभ
प्रदोष 18:31 – 20:54 शुभ

💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 06:21 – 07:52 अशुभ
चर 07:52 – 09:23 शुभ
लाभ 09:23 – 10:55 शुभ
अमृत 10:55 – 12:26 शुभ
काल 12:26 – 13:57 अशुभ
शुभ 13:57 – 15:28 शुभ
रोग 15:28 – 16:59 अशुभ
उद्वेग 16:59 – 18:31 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
शुभ 18:31 – 19:59 शुभ
अमृत 19:59 – 21:28 शुभ
चर 21:28 – 22:57 शुभ
रोग 22:57 – 24:25* अशुभ
काल 24:25* – 25:54* अशुभ
लाभ 25:54* – 27:23* शुभ
उद्वेग 27:23* – 28:51* अशुभ
शुभ 28:51* – 30:20* शुभ

💮होरा, दिन
सूर्य 06:21 – 07:22
शुक्र 07:22 – 08:23
बुध 08:23 – 09:23
चन्द्र 09:23 – 10:24
शनि 10:24 – 11:25
बृहस्पति 11:25 – 12:26
मंगल 12:26 – 13:27
सूर्य 13:27 – 14:28
शुक्र 14:28 – 15:28
बुध 15:28 – 16:29
चन्द्र 16:29 – 17:30
शनि 17:30 – 18:31

🚩होरा, रात
बृहस्पति 18:31 – 19:30
मंगल 19:30 – 20:29
सूर्य 20:29 – 21:28
शुक्र 21:28 – 22:27
बुध 22:27 – 23:26
चन्द्र 23:26 – 24:25
शनि 24:25* – 25:24
बृहस्पति 25:24* – 26:23
मंगल 26:23* – 27:23
सूर्य 27:23* – 28:22
शुक्र 28:22* – 29:21
बुध 29:21* – 30:20

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मीन > 05:58 से 07:22 तक
मेष > 07:22 से 09:02 तक
वृषभ > 09:02 से 11:00 तक
मिथुन > 11:00 से 13:18 तक
कर्क > 13:18 से 15:34 तक
सिंह > 15:34 से 17:46 तक
कन्या > 17:46 से 20:04 तक
तुला > 20:04 से 22:16 तक
वृश्चिक > 22:16 से 00:40 तक
धनु > 00:40 से 02:56 तक
मकर > 02:56 से 04:30 तक
कुम्भ > 04:30 से 05:54 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौंजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 9 + 1 + 1 = 26 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

24 + 24 + 5 = 53 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = संताप कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*भक्ता मीराबाई जयंती*

*सर्वार्थ सिद्धि योग 2817 से*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

अर्थनाशं मनस्तापं गृहिणीचरितानि च ।
नीचवाक्यं चाऽपमानं मतिमान्न प्रकाशयेत् ।।
।।चा०नी०।।

एक बुद्धिमान व्यक्ति को निम्नलिखित बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए ..
१. की उसकी दौलत खो चुकी है.
२. उसे क्रोध आ गया है.
३. उसकी पत्नी ने जो गलत व्यवहार किया.
४. लोगो ने उसे जो गालिया दी.
५. वह किस प्रकार बेइज्जत हुआ है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: पुरुषोत्तमयोग :- अo-15

यो मामेवमसम्मूढो जानाति पुरुषोत्तमम्‌ ।,
स सर्वविद्भजति मां सर्वभावेन भारत ॥,

भारत! जो ज्ञानी पुरुष मुझको इस प्रकार तत्त्व से पुरुषोत्तम जानता है, वह सर्वज्ञ पुरुष सब प्रकार से निरन्तर मुझ वासुदेव परमेश्वर को ही भजता है॥,19॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा संभव है। विवाद न करें। रोजगार मिलेगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। आपकी मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति आपके जीवन में आनंद का संचार करेगी। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी।

🐂वृष
सार्वजनिक कार्यों में समय व्यतीत होगा। संतान की ओर से शुभ समाचार मिलेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। रोजगार के क्षेत्र में उन्नति होगी। कुसंगति से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। विवाद न करें।

👫मिथुन
दु:खद समाचार मिल सकता है। विरोध होगा। व्यर्थ भागदौड़ होगी। लाभ के अवसर टलेंगे। विवाद न करें। कार्य निर्णय बहुत शांति से विचार करके करना ही शुभ है। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। रुका धन मिलेगा।

🦀कर्क
वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। लाभ होगा। उत्तम मनोबल आपकी सभी समस्याओं को हल कर देगा। प्रतिष्ठित जनों से मेलजोल बढ़ेगा। व्यापार में नए प्रस्ताव मिलेंगे।

🐅सिंह
अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार मिलेंगे। मान बढ़ेगा। विवाद न करें। आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना है। व्यापार में नए अनुबंध होंगे। व्ययों में कमी करना चाहिए। व्यापार अच्छा चलेगा। जीवनसाथी से मतभेद। फालतू खर्च होगा।

🙍‍♀️कन्या
व्यवसाय ठीक चलेगा। परोपकार करके मानसिक सुख अर्जित करेंगे। व्यापारिक स्थिति आशाजनक रहेगी। पारिवारिक, मांगलिक कार्य की योजना बनेगी। कर्ज लेने से बचना चाहिए। परिवार की चिंता रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी।

⚖️तुला
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। समाज के कामों में उत्साहपूर्वक भाग लेंगे। नौकरी में तबादला तथा पदोन्नति के योग हैं। अनावश्यक क्रोध न करें। धन संबंधी काम पूरे होंगे।

🦂वृश्चिक
आय में कमी रहेगी। धैर्य रखें। स्वास्थ्य की समस्या हल होगी। ईश्वर के प्रति आस्था बढ़ेगी। जीवनसाथी की भावनाओं को समझें। आर्थिक निवेश लाभकारी रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है।

🏹धनु
रोजगार मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन गतिविधियां लाभकारी रहेंगी। व्यापार में नई योजनाओं का प्रारंभ होगा। पराक्रम के प्रति निष्क्रियता के कारण मन अप्रसन्न रहेगा। शत्रु परास्त होंगे। भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त हो सकती है।

🐊मकर
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। रोजगार की चिंता रह सकती है। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। मानसिक दृढ़ता से निर्णय लेकर कार्य करना चाहिए। व्यापार में लाभकारी परिवर्तन होंगे।

🍯कुंभ
सुख के साधन जुटेंगे। प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में मनचाही पदोन्नति मिलने के योग बनेंगे। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। अजनबियों पर विश्वास न करें।

🐟मीन
नई योजना बनेगी। कार्य का विस्तार होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें। काम के प्रति दृढ़ता से कार्य में अनुकूल सफलता मिल सकेगी। पारिवारिक सुख व धन बढ़ेगा। वाणी संयम आवश्यक है।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*🛕जय श्री राम 🙏*

*भगवन शिव की भक्त पर कृपा*
एक गाँव में भगवान शिव का परमभक्त काशी नाम का एक ब्राह्मण रहता था।_*

*_पंडितजी जब तक रोज सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर नित्यकर्मो से निवृत होने के पश्चात् भगवान शंकर का पूजन नहीं कर लेते, तब तक उन्हें चैन नहीं पड़ता था।_*
*_जो कुछ भी दान दक्षिणा में आ जाता- उसी से पंडित जी अपना गुजारा करते थे! और दयालु इतने थे- कि जब भी कोई जरूरत मंद मिल जाता,अपनी क्षमता के अनुसार उसकी सेवा जरुर करते थे।_*
*_इस कारण शिव के परमभक्त ब्राह्मण देवता ओढ़ी हुई गरीबी का जीवन व्यतीत कर रहे थे।_*
*_पंडितजी की इस दानी प्रवृति से उनकी पत्नी उनसे चिढ़ती तो थी, किन्तु उनकी भक्ति परायणता को देख उनसे अत्यधिक प्रेम भी करती थी।_*
*_इसलिए वह कभी भी उनका अपमान नहीं करती थी। साथ ही अपनी जरूरत का धन वह आस- पड़ोस में मजदूरी करके जुटा लेती थी।_*
*_एक समय ऐसा आया जब मन्दिर में दान- दक्षिणा कम आने लगी, जिससे पंडित जी को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा।_*
*_घर की मूल आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होने के कारण- ब्राह्मणी दुखी रहने लगी।_*
*_इसी तरह दिन बीतने लगे।_*
*_एक दिन महा शिव रात्रि का दिन आया। उस दिन भी पंडित जी हमेशा की तरह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर नित्यकर्मो से निवृत होने के लिए नदी की ओर चल दिए।_*
*_संयोग से उस समय, उसी राह से पार्वती और शिवजी गुजर रहे थे। अचानक से पार्वतीजी की नजर पंडितजी पर पड़ी।_*
*_आज पंडितजी महा शिवरात्रि को लेकर उतने उत्साहित नहीं थे, जितने की अक्सर हुआ करते थे। पार्वतीजी को बात समझते देर नहीं लगी।_*
*_उन्होंने शिवजी से कहा: “भगवन् ! यह ब्राह्मण देवता ! प्रतिदिन आपकी उपासना करते है-, फिर भी आपको इसकी चिंता नहीं है !”_*
*_पार्वतीजी की बात सुनकर शिवजी बोले: “देवी ! अपने भक्तों की चिंता मैं नहीं करूँगा- तो कौन करेगा !”_*
*_पार्वतीजी: “ तो हे देव ! आपने अब तक उसकी सहायता क्यों नहीं की ?”_*
*_शिवजी: “ देवी ! आप निश्चिन्त रहिये,अब तक उसने जितने बिल्वपत्र- शिवलिंग पर चढ़ाएं है, वही- बिल्वपत्र आजरात्रि में उसे उसे धनपति बना देंगे।_*
*_यह बातचीत करके पार्वतीजी और शिवजी तो चल दिए।_*
*_किन्तु संयोग तो देखिये !_*
*_उसी समय उस राह से एक व्यापारी जा रहा था। उसने छुप कर शिव- पार्वती का यह वार्तालाप सुन लिया।_*
*_व्यापारी ने अपना दिमाग चलाया। अगर बिल्वपत्र से ब्राह्मण धनपति हो सकता है,तो फिर मैं क्यों नहीं हो सकता।_*
*_यही सोचकर वह ब्राह्मण के घर पहुँच गया- और ब्राह्मण से बोला: “ पंडितजी ! आपने अब तक जितने भी बिल्वपत्र शिवपूजन में चढ़ाये है, वह सब मुझे दे दीजिए, बदले में स्वर्ण मुद्राऐं दूंगा!_*
*_पंडित जी ने अपनी पत्नी से पूछा तो वह बोली:! “ पूण्य का दान ठीक तो नहीं, किन्तु दे दीजिए, हमें धन की जरूरत है, इसलिए दे दीजिए”_*
*_पंडितजी ने सारे बिल्वपत्र के बोरे में भरकर सेठजी को दे दिए।_*
*_बिल्वपत्रों का बोरा लेकर सेठजी पहुँच गये मन्दिर और शिवलिंग पर चढ़ाकर देखने लगे तमाशा कि कब शिवजी कृपा करे, और कब वह धनपति हो।_*
*_प्रतीक्षा करते- करते सेठजी को आधी रात हो गई। सेठजी चमत्कार देखने के लिए बहुत उतावले हो रहे थे।_*

*_आखिर तीसरा पहर गुजरने के बाद सेठजी के सब्र का बांध टूट ही गया और क्रोध ने आकर सेठजी शिवलिंग को झकझोरने लगे।_*
*_अब हुआ चमत्कार! सेठजी के हाथ शिवलिंग से ही चिपके रह गये।_*

*_उन्होंने बहुत प्रयास किया- किन्तु हाथ हिले तक नहीं। थक हारकर सेठजी शिवजी से क्षमा- याचना करने लगे।_*
*_तो शिवजी बोले: “ लोभी सेठ” ! जिस ब्राह्मण से तूने ये बिल्वपत्र ख़रीदे है- उसे 1000 स्वर्ण मुद्राऐं दोगे, तब जाकर तेरे हाथ खुलेंगे।_*
*_प्रातःकाल जब पंडित जी पूजन के लिए आये, तो देखा कि सेठ शिव लिंग पर हाथ चिपकाकर रो रहा है।_*
*_उन्होंने पूछा: तो सेठ बोला: “ पंडितजी “! शीघ्रता से मेरे बेटे को 1000 स्वर्ण मुद्राए लेकर, मन्दिर आने को कहिये।_*
*_पंडितजी ने सेठ के बेटे को बुलाया- सेठ ने वह स्वर्ण मुद्राएँ ब्राहमण को दिलवा दी- और सेठ मुक्त हो गया।_*
*_अब पार्वती जी शिवजी से पूछती है, “हे नाथ ! आपने अब तक अपने भक्त को कोई धन नहीं दिया ?”_*
*_शिवजी बोले- “ देवी “! मेरे पास कहाँ धन है- जो दूंगा!_*
*_किन्तु मेरा भक्त अब गरीब नहीं है……! देखिये !_*

*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।

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