*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -गधा रहा गधा ही*
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:- 13/04/2025, रविवार*
*प्रतिपदा, कृष्ण पक्ष,*
*वैशाख*
(समाप्ति काल)
तिथि———– प्रतिपदा अहोरात्र तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र———— चित्रा 21:09:53
योग———— हर्शण 21:38:14
करण————बालव 19:07:52
वार———————- रविवार
माह———————- वैशाख
चन्द्र राशि—– कन्या 07:38:01
चन्द्र राशि——————-तुला
सूर्य राशि——- मीन 27:20:30
सूर्य राशि—————– मेष
रितु———————— वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर)————– सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————- 2082
गुजराती संवत————- 2081
शक संवत—————– 1947
कलि संवत—————– 5126
सूर्योदय————– 05:57:59
सूर्यास्त————– 18:41:43
दिन काल———– 12:43:43
रात्री काल———– 11:15:14
चंद्रास्त————– 06:17:11
चंद्रोदय————– 19:08:23
लग्न—- मीन 29°8′ , 359°8′
सूर्य नक्षत्र—————– रेवती
चन्द्र नक्षत्र——————- चित्रा
नक्षत्र पाया—————— रजत
* पद, चरण
*
पो—- चित्रा 07:38:01
रा—- चित्रा 14:23:55
री—- चित्रा 21:09:53
रू—- स्वाति 27:55:49
* ग्रह गोचर
*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
============================
सूर्य= मीन 29°40, रेवती 4 ची
चन्द्र= कन्या 29°30 , चित्रा 2 पो
बुध =मीन 03°52 ‘ उ o भा o 1 दू
शु क्र= मीन 00°05, पू o फाo’ 4 दी
मंगल=कर्क 03°30 ‘ पुष्य ‘ 1 हु
गुरु=वृषभ 23°30 मृगशिरा, 1 वे
शनि=मीन 01°28 ‘ पू o भा o , 4 दी
राहू=(व) मीन 01°55 पू o भा o, 4 दी
केतु= (व)कन्या 01°55 उ oफा o 2 टो
============================
* शुभा$शुभ मुहूर्त
*
राहू काल 17:06 – 18:42 अशुभ
यम घंटा 12:20 – 13:55 अशुभ
गुली काल 15:31 – 17: 06अशुभ
अभिजित 11:54 – 12:45 शुभ
दूर मुहूर्त 16:59 – 17:51 अशुभ
वर्ज्यम 27:29* – 29:17* अशुभ
प्रदोष 18:42 – 20:58 शुभ
चोघडिया, दिन
उद्वेग 05:58 – 07:33 अशुभ
चर 07:33 – 09:09 शुभ
लाभ 09:09 – 10:44 शुभ
अमृत 10:44 – 12:20 शुभ
काल 12:20 – 13:55 अशुभ
शुभ 13:55 – 15:31 शुभ
रोग 15:31 – 17:06 अशुभ
उद्वेग 17:06 – 18:42 अशुभ
चोघडिया, रात
शुभ 18:42 – 20:06 शुभ
अमृत 20:06 – 21:31 शुभ
चर 21:31 – 22:55 शुभ
रोग 22:55 – 24:19* अशुभ
काल 24:19* – 25:44* अशुभ
लाभ 25:44* – 27:08* शुभ
उद्वेग 27:08* – 28:33* अशुभ
शुभ 28:33* – 29:57* शुभ
होरा, दिन
सूर्य 05:58 – 07:02
शुक्र 07:02 – 08:05
बुध 08:05 – 09:09
चन्द्र 09:09 – 10:13
शनि 10:13 – 11:16
बृहस्पति 11:16 – 12:20
मंगल 12:20 – 13:24
सूर्य 13:24 – 14:27
शुक्र 14:27 – 15:31
बुध 15:31 – 16:34
चन्द्र 16:34 – 17:38
शनि 17:38 – 18:42
होरा, रात
बृहस्पति 18:42 – 19:38
मंगल 19:38 – 20:34
सूर्य 20:34 – 21:31
शुक्र 21:31 – 22:27
बुध 22:27 – 23:23
चन्द्र 23:23 – 24:19
शनि 24:19* – 25:16
बृहस्पति 25:16* – 26:12
मंगल 26:12* – 27:08
सूर्य 27:08* – 28:04
शुक्र 28:04* – 29:01
बुध 29:01* – 29:57
*उदयलग्न प्रवेशकाल
*
मीन > 04:36 से 05:56 तक
मेष > 05:56 से 07:36 तक
वृषभ > 07:36 से 09:36 तक
मिथुन > 09:36 से 11:54 तक
कर्क > 11:54 से 14:10 तक
सिंह > 14:10 से 16:24 तक
कन्या > 16:24 से 18:40 तक
तुला > 18:40 से 20:52 तक
वृश्चिक > 20:52 से 23:20 तक
धनु > 23:20 से 01:32 तक
मकर > 01:32 से 03:06 तक
कुम्भ > 03:06 से 04:30 तक
=======================
*विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौंजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
* अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 1 + 1 + 1 = 18 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
* ग्रह मुख आहुति ज्ञान
*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
चन्द्र ग्रह मुखहुति
* शिव वास एवं फल -:*
16 + 16 + 5 = 37 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ = शुभ कारक
*भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
* विशेष जानकारी
*
*मेष में सूर्य 27:20 से*
* शुभ विचार
*
पुष्पे गन्धतिले तैलं काष्ठे वह्नि पयो घृतम् ।
इक्षौ गुडं तथा देहे पश्याऽऽत्मानं विवेकतः ।।
।। चा o नी o।।
जिस प्रकार एक फूल में खुशबु है. तील में तेल है. लकड़ी में अग्नि है. दूध में घी है. गन्ने में गुड है. उसी प्रकार यदि आप ठीक से देखते हो तो हर व्यक्ति में परमात्मा है.
* सुभाषितानि
*
गीता -:दैवासुरसम्पद्विभागयोग :- अo-16
त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः।,
कामः क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत्॥,
काम, क्रोध तथा लोभ- ये तीन प्रकार के नरक के द्वार ( सर्व अनर्थों के मूल और नरक की प्राप्ति में हेतु होने से यहाँ काम, क्रोध और लोभ को ‘नरक के द्वार’ कहा है) आत्मा का नाश करने वाले अर्थात् उसको अधोगति में ले जाने वाले हैं।, अतएव इन तीनों को त्याग देना चाहिए॥,21
* दैनिक राशिफल
*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष राशि:
आज का दिन आपके लिए सुख सुविधाओं में वृद्धि लेकर आने वाला है। आप अपनी शौक मौज की चीजों पर अच्छा खासा धन व्यय करेंगे। बिजनेस में भी आपकी योजनाएं आपको अच्छा लाभ देंगी, जिससे आप खर्च भी आसानी से कर सकेंगे। आप अपने भविष्य को लेकर भी कुछ धन संचय करने की योजना बना सकते हैं। जीवनसाथी और आपके बीच यदि किसी बात को लेकर दूरी आ गयी थी, तो वह समाप्त होगी। आपको किसी परिजन से लंबे समय बाद मिलने का मौका मिलेगा।
वृष राशिः
आज का दिन आपके लिए लाभ दिलाने वाला रहेगा। आप अपने बिजनेस में किसी के साथ पार्टनरशिप थोड़ा सोच समझकर करें, क्योंकि आपका धन फंसने की संभावना है, इसलिए आप बिना सोचे समझे किसी से धन को लेकर कोई वादा ना करे, नहीं तो आपका कोई भारी नुकसान हो सकता है, इसलिए आपको कोई निर्णय समझदारी दिखाते हुए लेना होगा। संतान ने यदि किसी स्कॉलरशिप से संबंधित एग्जाम को दिया था, तो उसमें उन्हें अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
मिथुन राशि :
आज का दिन आपके लिए सेहत के लिहाज से कमजोर रहने वाला है, क्योंकि आप काम को ज्यादा महत्व देंगे। आप अपने खान-पान पर भी नियंत्रण बनाएं। पारिवारिक समस्याएं फिर से उठ सकती है, जिनको लेकर आपको टेंशन अधिक रहेगी। वरिष्ठ सदस्य आपकी काफी मदद करेंगे। आपको अपने मन में चल रही उलझनों को लेकर अपने भाइयों से बातचीत करनी होगी, जिससे आपको समस्याओं से काफी हद तक निजात मिलेगा।
कर्क राशि:
आज का दिन आपके लिए किसी नए घर मकान, दुकान आदि की खरीदारी के लिए रहेगा। आप जिस भी काम में हाथ डालेंगे, उसमें आपको सफलता अवश्य मिलेगी। आप अपने परिवार के सदस्यों को लेकर कहीं घूमने फिरने जा सकते हैं। आपकी अच्छी सोच आपको मान सम्मान दिलवाएगी। आपके बॉस भी आपसे काफी खुश रहेंगे और आपके दिए गए सुझावों का स्वागत होगा। आपका कोई काम यदि धन को लेकर रुका हुआ था, तो उसके भी पूरा होने की संभावना है।
सिंह राशि:
आज का दिन आपके लिए उत्तम रूप से फलदायक रहने वाला है। संतान नौकरी को लेकर कहीं बाहर जा सकती हैं। आपको अपने किसी निर्णय को लेकर पछतावा होगा। बिजनेस में आपकी अच्छी छाप रहेगी और आपको कोई सरकारी टेंडर भी मिल सकता है। आपके करियर में चल रही समस्याएं भी दूर होंगी। आपको किसी मित्र के द्वारा कोई अच्छा इन्वेस्टमेंट प्लान मिल सकता है, लेकिन आपको माताजी से किए हुए वादे को समय रहते पूरा करना होगा।
कन्या राशि:
आज का दिन आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। राजनीति की ओर कदम बढ़ा रहे लोगों को थोड़ा समझदारी से आगे बढ़ना होगा। आपको किसी को बिना मांगे सलाह देने से बचना होगा। परिवार में किसी सदस्य से आपको कोई निराशाजनक सूचना सुनने को मिल सकती है। बिजनेस में भी आपकी किसी गलती से कोई नुकसान हो सकता है। काम अधिक रहने के कारण व्यस्तता रहेगी। ससुराल पक्ष के किसी व्यक्ति से लंबे समय बाद मुलाकात होगी।
तुला राशिः
आज का दिन आपके लिए धन को लेकर योजना बनाकर चलने के लिए रहेगा। आपको किसी से धन उधार लेने से बचना होगा। वाहनों का प्रयोग आप सावधान रहकर करें। यदि आपकी कोई प्रिय वस्तु खो गयी थी, तो वह आपको वापस मिल सकती है। आपको बिजनेस में पार्टनरशिप करने से बिजनेस काफी बढ़िया चलेगा। लेकिन आपके कुछ गुप्त शत्रु आपके मित्र के रूप में हो सकते हैं, जिन्हें आपको पहचान की आवश्यकता है।
वृश्चिक राशिः
आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहने वाला है। आपके खर्च बढ़ सकते हैं, जो आपको समस्या देंगे। आपको अपनी आय और व्यय में संतुलन बनाकर चलना बेहतर रहेगा। आपकी कोई नया काम करने की इच्छा जागृत हो सकती है। संतान पक्ष की ओर से आपको कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। यदि आपका धन डूबा हुआ था, तो उसके भी आपको मिलने की संभावना है।
धनु राशिः
आज आपको व्यर्थ के झगड़े व झंझटों से छुटकारा मिलेगा। कोई कानूनी मामले में भी जीत मिलेगी, जिससे आपको खुशी होगी। परिवार में किसी सदस्य के विवाह में आ रही बाधा दूर होगी। जीवनसाथी आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी। यदि आप किसी काम को लेकर ससुराल पक्ष के किसी व्यक्ति से धन उधार लेंगे, तो वह आपको आसानी से मिल जाएगा। आपको किसी पुरानी गलती से सबक लेना होगा। कार्यक्षेत्र में आप कामों को लेकर जल्दबाजी बिल्कुल न दिखाएं।
मकर राशिः
आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। विद्यार्थियों को पढ़ाई लिखाई में ढील देने से बचना होगा। आप अपने घर परिवार के सदस्यों की समस्याओं को सुनने के लिए भी समय निकालेंगे। आपका मन इधर-उधर के कामों में खूब लगेगा। आपको पुरानी गलती से सबक लेना होगा। आपका कोई लेनदेन आपके लिए समस्या बन सकता है। संतान नौकरी के लिए कहीं बाहर जा सकती हैं। आपकी कार्यक्षेत्र में पद व प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
कुंभ राशिः
आज आपको अपनी वाणी व व्यवहार में मधुरता बनाए रखनी होगी। आपकी बेवजह क्रोध करने की आदत आपको समस्या दे सकती है। आपको अपने रुके हुए कामों को समय से निपटाना होगा। आपसे कोई गलती होने से कार्यक्षेत्र में डांट खानी पड़ सकती है। आप वाद विवाद से दूर रहे, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। आपकी कला कौशल से निखार आएगा, जिससे आपकी छवि निखरेगी रहेगी। आप कोई महत्वपूर्ण डिसीजन वरिष्ठ सदस्यों की सलाह से ले सकते हैं।
मीन राशिः
आज आप अपनी अच्छी सोच का कार्यक्षेत्र में लाभ उठाएंगे। काम समय से पूरा होने में समस्या आ सकती है। आप अपने मन में लोगों के प्रति नकारात्मक विचारों को न रखें। परिवार में किसी मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन होने से सभी सदस्य व्यस्त रहेंगे। आपकी कुछ नया करने की कोशिश रंग लाएगी। आपको किसी से अपने पारिवारिक समस्याओं को लेकर बातचीत करने से बचाना होगा। आपके जीवनसाथी की ओर से कोई सरप्राइज गिफ्ट मिल सकता है।
*आपका दिन मंगलमय हो
*
प्रेरक प्रसंग -गधा रहा गधा ही
एक जंगल में एक शेर रहता था। गीदड उसका सेवक था। जोडी अच्छी थी। शेरों के समाज में तो उस शेर की कोई इज्जत नहीं थी, क्योंकि वह जवानी में सभी दूसरे शेरों से युद्ध हार चुका था, इसलिए वह अलग-थलग रहता था। उसे गीदड जैसे चमचे की सख्त जरुरत थी जो चौबीस घंटे उसकी चमचागिरी करता रहे। गीदड को बस खाने का जुगाड चाहिए था। पेट भर जाने पर गीदड उस शेर की वीरता के ऐसे गुण गाता कि शेर का सीना फूलकर दुगना चौडा हो जाता।
एक दिन शेर ने एक बिगडैल जंगली सांड का शिकार करने का साहस कर डाला। सांड बहुत शक्तिशाली था। उसने लात मारकर शेर को दूर फेंक दिया, जब वह उठने को हुआ तो सांड ने फां-फां करते हुए शेर को सीगों से एक पेड के साथ रगड दिया।
किसी तरह शेर जान बचाकर भागा। शेर सींगो की मार से काफी जख्मी हो गया था। कई दिन बीते, परन्तु शेर के जख्म टीक होने का नाम नहीं ले रहे थे। ऐसी हालत में वह शिकार नहीं कर सकता था। स्वयं शिकार करना गीदड के बस का नहीं था। दोनों के भूखों मरने की नौबत आ गई। शेर को यह भी भय था कि खाने का जुगाड समाप्त होने के कारण गीदड उसका साथ न छोड जाए।
शेर ने एक दिन उसे सुझाया “देख, जख्मों के कारण मैं दौड नहीं सकता। शिकार कैसे करुं? तु जाकर किसी बेवकूफ-से जानवर को बातों में फंसाकर यहां ला। मैं उस झाडी में छिपा रहूंगा।”
गीदड को भी शेर की बात जंच गई। वह किसी मूर्ख जानवर की तलाश में घूमता-घूमता एक कस्बे के बाहर नदी-घाट पर पहुंचा। वहां उसे एक मरियल-सा गधा घास पर मुंह मारता नजर आया। वह शक्ल से ही बेवकूफ लग रहा था।
गीदड गधे के निकट जाकर बोला “पांय लागूं चाचा। बहुत कमजोर हो अए हो, क्या बात हैं?”
गधे ने अपना दुखडा रोया “क्या बताऊं भाई, जिस धोबी का मैं गधा हूं, वह बहुत क्रूर हैं। दिन भर ढुलाई करवाता हैं और चारा कुछ देता नहीं।”
गीदड ने उसे न्यौता दिया “चाचा, मेरे साथ जंगल चलो न, वहां बहुत हरी-हरी घास हैं। खूब चरना तुम्हारी सेहत बन जाएगी।”
गधे ने कान फडफडाए “राम राम। मैं जंगल में कैसे रहूंगा? जंगली जानवर मुझे खा जाएंगे।”
“चाचा, तुम्हें शायद पता नहीं कि जंगल में एक बगुला भगतजी का सत्संग हुआ था। उसके बाद सारे जानवर शाकाहारी बन गए हैं। अब कोई किसी को नहीं खाता।” गीदड बोला और कान के पास मुंह ले जाकर दाना फेंका “चाचू, पास के कस्बे से बेचारी गधी भी अपने धोबी मालिक के अत्याचारों से तंग आकर जंगल में आ गई थी। वहां हरी=हरी घास खाकर वह खूब लहरा गई हैं तुम उसके साथ घर बसा लेना।”
गधे के दिमाग पर हरी-हरी घास और घर बसाने के सुनहरे सपने छाने लगे। वह गीदड के साथ जंगल की ओर चल दिया। जंगल में गीदड गधे को उसी झाडी के पास ले गया, जिसमें शेर छिपा बैठा था।इससे पहले कि शेर पंजा मारता, गधे को झाडी में शेर की नीली बत्तियों की टरह चमकती आंखे नजर आ गईं। वह डरकर उछला गधा भागा और भागताही गया। शेर बुझे स्वर में गीदड से बोला “भई, इस बार मैं तैयार नहीं था। तुम उसे दोबारा लाओ इस बार गलती नहीं होगी।”
गीदड दोबारा उस गधे की तलाश में कस्बे में पहुंचा। उसे देखते ही बोला “चाचा, तुमने तो मेरी नाक कटवा दी। तुम अपनी दुल्हन से डरकर भाग गए?”
“उस झाडी में मुझे दो चमकती आंखे दिखाई दी थी, जैसे शेर की होती हैं। मैं भागता न तो क्या करता?” गधे ने शिकायत की।
गीदड झूठमूठ माथा पीटकर बोला “चाचा ओ चाचा! तुम भी निरे मूर्ख हो। उस झाडी में तुम्हारी दुल्हन थी। जाने कितने जन्मों से वह तुम्हारी राह देख रही थी। तुम्हें देखकर उसकी आंखे चमक उठी तो तुमने उसे शेर समझ लिया?”
गधा बहुत लज्जित हुआ, गीदड की चाल-भरी बातें ही ऐसी थी। गधा फिर उसके साथ चल पडा। जंगल में झाडी के पास पहुंचते ही शेर ने नुकीले पंजो से उसे मार गिराया। इस प्रकार शेर व गीदड का भोजन जुटा।
सीखः दूसरों की चिकनी-चुपडी बातों में आने की मूर्खता कभी नहीं करनी चाहिए।