*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग – विकारों के पांच गधे*
*आज का पंचांग*
*दिनाँक:-19/12/2023, मंगलवार*
*सप्तमी, शुक्ल पक्ष,*
*मार्गशीर्ष*
(समाप्ति काल)
तिथि———- सप्तमी 13:06:20 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र—- पूर्वा भाद्रपदा 24:01:18
योग———— सिद्वि 18:36:55
करण———– वणिज 13:06:20
करण——- विष्टि भद्र 24:08:08
वार———————– मंगलवार
माह———————- मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि—— कुम्भ 18:19:48
चन्द्र राशि—————— मीन
सूर्य राशि——————— धनु
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर—————— शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)—————– पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————– 1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 07:05:27
सूर्यास्त—————- 17:26:50
दिन काल————- 10:21:22
रात्री काल————- 13:39:09
चंद्रोदय—————- 12:11:26
चंद्रास्त—————- 24:15:32
लग्न—- धनु 2°41′ , 242°41′
सूर्य नक्षत्र——————– मूल
चन्द्र नक्षत्र———– पूर्वा भाद्रपदा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
सो—- पूर्वा भाद्रपदा 12:39:13
दा—- पूर्वा भाद्रपदा 18:19:48
दी—- पूर्वा भाद्रपदा 24:01:18
दू—- उत्तरा भाद्रपदा 29:43:44
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= धनु 02:30, मूल 1 ये
चन्द्र=कुम्भ 23:30 , पू o भा o 1 गो
बुध =धनु 11:53′ मूल 4 भी
शु क्र=तुला 22°05, विशाखा’ 1 ती
मंगल=वृश्चिक 23 °30 ‘ ज्येष्ठा’ 3 यी
गुरु=मेष 11°30 ‘ अश्विनी , 4 ला
शनि=कुम्भ 08°40 ‘ शतभिषा ,1 गो
राहू=(व) मीन 27°25 रेवती , 4 ची
केतु=(व) कन्या 27°25 चित्रा , 2 पो
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*
राहू काल 14:51 – 16:09 अशुभ
यम घंटा 09:41 – 10:58 अशुभ
गुली काल 12:16 – 13: 34अशुभ
अभिजित 11:55 – 12:37 शुभ
दूर मुहूर्त 09:10 – 09:51 अशुभ
दूर मुहूर्त 22:54 – 23:36 अशुभ
वर्ज्यम 07:22 – 08:53 अशुभ
🚩पंचक अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
रोग 07:05 – 08:23 अशुभ
उद्वेग 08:23 – 09:41 अशुभ
चर 09:41 – 10:58 शुभ
लाभ 10:58 – 12:16 शुभ
अमृत 12:16 – 13:34 शुभ
काल 13:34 – 14:51 अशुभ
शुभ 14:51 – 16:09 शुभ
रोग 16:09 – 17:27 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
काल 17:27 – 19:09 अशुभ
लाभ 19:09 – 20:52 शुभ
उद्वेग 20:52 – 22:34 अशुभ
शुभ 22:34 – 24:16* शुभ
अमृत 24:16* – 25:59* शुभ
चर 25:59* – 27:41* शुभ
रोग 27:41* – 29:24* अशुभ
काल 29:24* – 31:06* अशुभ
💮होरा, दिन
मंगल 07:05 – 07:57
सूर्य 07:57 – 08:49
शुक्र 08:49 – 09:41
बुध 09:41 – 10:33
चन्द्र 10:33 – 11:24
शनि 11:24 – 12:16
बृहस्पति 12:16 – 13:08
मंगल 13:08 – 13:59
सूर्य 13:59 – 14:51
शुक्र 14:51 – 15:43
बुध 15:43 – 16:35
चन्द्र 16:35 – 17:27
🚩होरा, रात
शनि 17:27 – 18:35
बृहस्पति 18:35 – 19:43
मंगल 19:43 – 20:52
सूर्य 20:52 – 21:59
शुक्र 21:59 – 23:08
बुध 23:08 – 24:16
चन्द्र 24:16* – 25:25
शनि 25:25* – 26:33
बृहस्पति 26:33* – 27:41
मंगल 27:41* – 28:49
सूर्य 28:49* – 29:58
शुक्र 29:58* – 31:06
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
धनु > 05:52 से 07:58 तक
मकर > 07:58 से 09:48 तक
कुम्भ > 09:48 से 11:16 तक
मीन > 11:16 से 12:48 तक
मेष > 12:48 से 14:28 तक
वृषभ > 14:28 से 16:22 तक
मिथुन > 16:22 से 18:38 तक
कर्क > 18:38 से 20:56 तक
सिंह > 20:56 से 23:10 तक
कन्या > 23:10 से 01:20 तक
तुला > 01:20 से 03:26 तक
वृश्चिक > 03:26 से 05:48 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
7 + 3 + 1 = 11 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
7 + 7 + 5 = 19 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
दोपहर 13:00 से रात्रि 24:10
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*सर्वार्थ सिद्धि योग 24:01 से*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
किं तया क्रियते धेन्वा या न दोग्ध्री न गर्भिणी ।
कोऽर्थः पुत्रेण जातेन यो न विद्वान्न भक्तिमान् ।।
।। चा o नी o।।
वह गाय किस काम की जो ना तो दूध देती है ना तो बच्चे को जन्म देती है. उसी प्रकार उस बच्चे का जन्म किस काम का जो ना ही विद्वान हुआ ना ही भगवान् का भक्त हुआ.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: सांख्ययोग अo-02
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ।,
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥,
तेरा कर्म करने में ही अधिकार है, उसके फलों में कभी नहीं।, इसलिए तू कर्मों के फल हेतु मत हो तथा तेरी कर्म न करने में भी आसक्ति न हो॥,47॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। परिवार के लोग अनुकूल व्यवहार करेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। नए लोगों से संपर्क होगा। आय में वृद्धि तथा आरोग्य रहेगा। चिंता में कमी होगी। जल्दबाजी न करें।
🐂वृष
किसी जानकार प्रबुद्ध व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होने के योग हैं। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। किसी राजनयिक का सहयोग मिल सकता है। लाभ के दरवाजे खुलेंगे। चोट व दुर्घटना से बचें। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस होगी। विवाद से बचें। धन प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें।
👫🏽मिथुन
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चोट व दुर्घटना से बचें। आय में कमी रह सकती है। घर-बाहर असहयोग व अशांति का वातावरण रहेगा। अपनी बात लोगों को समझा नहीं पाएंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। हितैषी सहयोग करेंगे। धनार्जन संभव है।
🦀कर्क
नई योजना लागू करने का श्रेष्ठ समय है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। सफलता के साधन जुटेंगे। जोखिम न उठाएं।
🐅सिंह
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते कामों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जीवनसाथी से सामंजस्य बैठाएं। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेवजह लोगों से मनमुटाव हो सकता है। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। आय में निश्चितता रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। जल्दबाजी न करें।
🙍♀️कन्या
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सुकून रहेगा। जल्दबाजी में कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। कानूनी अड़चन आ सकती है। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।
⚖️तुला
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि तथा उन्नति मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। यात्रा की योजना बनेगी। घर-बाहर कुछ तनाव रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🦂वृश्चिक
भूले-बिसरे साथी तथा आगंतुकों के स्वागत तथा सम्मान पर व्यय होगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार के सदस्यों की उन्नति के समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सहयोग बना रहेगा। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं, लाभ होगा।
🏹धनु
दु:खद सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। अपने काम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। लाभ होगा।
🐊मकर
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। काम में मन लगेगा। शेयर मार्केट में लाभ रहेगा। नौकरी में सुविधाएं बढ़ सकती हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य का ध्यान रखें। धन प्राप्ति सुगमता से होगी।
🍯कुंभ
घर-बाहर प्रसन्नतादायक वातावरण रहेगा। नौकरी में चैन महसूस होगा। व्यापार से संतुष्टि रहेगी। संतान की चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्वी तथा शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। मित्रों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा की योजना बनेगी। प्रसन्नता रहेगी।
🐟मीन
यात्रा मनोनुकूल मनोरंजक तथा लाभप्रद रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। घर-बाहर सफलता प्राप्त होगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। काम में लगन तथा उत्साह बने रहेंगे। मित्रों के साथ प्रसन्नतापूर्वक समय बीतेगा।
*विकारो_के_पांच_गधे*
*एक महात्मा कहीं जा रहे थे। रास्ते में वो आराम करने के लिये रुके। एक पेड के नीचे लेट कर सो गये नींद में उन्होंने एक स्वप्न देखा कि. “वे रास्ते में जा रहे हैं ,और उन्हें एक व्यापारी मिला, जो पांच गधों पर बड़ी- बड़ी गठरियां लादे हुए जा रहा था। गठरियां बहुत भारी थीं, जिसे गधे बड़ी मुश्किल से ढो पा रहे थे।*
*साधु ने व्यापारी से प्रश्न किया- “इन गठरियों में तुमने ऐसी कौन-सी चीजें रखी हैं, जिन्हें ये बेचारे गधे ढो नहीं पा रहे हैं?”*
*व्यापारी ने जवाब दिया- “इनमें इंसान के इस्तेमाल की चीजें भरी हैं। उन्हें बेचने मैं बाजार जा रहा हूं।*
*साधु ने पूछा- “अच्छा! कौन-कौन सी चीजें हैं, जरा मैं भी तो जानूं!”*
*व्यापारी ने कहा- “यह जो पहला गधा आप देख रहे हैं इस पर #अत्याचार की गठरी लदी है।*
*साधु ने पूछा- “भला अत्याचार कौन खरीदेगा?”*
*व्यापारी ने कहा- “इसके खरीदार हैं राजा- महाराजा और सत्ताधारी लोग। काफी ऊंची दर पर बिक्री होती है इसकी।*
*साधु ने पूछा-“इस दूसरी गठरी में क्या है?*
*व्यापारी बोला- “यह गठरी #अहंकार से लबालब भरी है और इसके खरीदार हैं पंडित और विद्वान।*
*तीसरे गधे पर #ईर्ष्या की गठरी लदी है और इसके ग्राहक हैं वे धनवान लोग, जो एक दूसरे की प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर पाते। इसे खरीदने के लिए तो लोगों का तांता लगा रहता है।*
*साधु ने पूछा- “अच्छा! चौथी गठरी में क्या है भाई?”*
*व्यापारी ने कहा- “इसमें #बेईमानी भरी है और इसके ग्राहक हैं वे कारोबारी, जो बाजार में धोखे से की गई बिक्री से काफी फायदा उठाते हैं। इसलिए बाजार में इसके भी खरीदार तैयार खड़े हैं।*
*साधु ने पूछा- “अंतिम गधे पर क्या लदा है?”*
*व्यापारी ने जवाब दिया- “इस गधे पर #छल_कपट से भरी गठरी रखी है और इसकी मांग उन औरतों में बहुत ज्यादा है जिनके पास घर में कोई काम-धंधा नहीं हैं और जो छल-कपट का सहारा लेकर दूसरों की लकीर छोटी कर अपनी लकीर बड़ी करने की कोशिश करती रहती हैं। वे ही इसकी खरीदार हैं।*
*तभी महात्मा की नींद खुल गई।*
*इस सपने में उनके कई प्रश्नों का उत्तर उन्हें मिल गया। सही अर्थों में कहें तो वह व्यापारी स्वयं शैतान था, जो संसार में बुराइयाँ फैला रहा था। और उसके शिकार कमजोर मानसिकता के स्वार्थी लोग बनते हैं।*
*शैतान का शिकार बनने से बचने का एक ही उपाय है कि…ईश्वर पर सच्ची आस्था रखते हुवे अपने मन को ईश्वर का मंदिर बनाने का प्रयत्न किया जाय। ईश्वर को इससे मतलब नहीं कि कौन मंदिर गया, या किसने कितने वक्त तक पूजा की लेकिन उन्हें इससे अवश्य मतलब होगा कि किसने अपने किन अवगुणों का त्याग कर किन गुणों का अपने जीवन में समावेश किया ,और उसके रचे संसार को कितना सजाया-संवारा..!!*