धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग-गुलाम की सीख*

*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-21/12/2023, गुरुवार*
*नवमी, शुक्ल पक्ष,*
*मार्गशीर्ष*
(समाप्ति काल)

तिथि———– नवमी 09:36:52 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र———– रेवती 22:07:55
योग———- वरियान 13:26:15
करण———– कौलव 09:36:52
करण———– तैतुल 20:54:25
वार———————– गुरूवार
माह——————— मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि——- मीन 22:07:55
चन्द्र राशि——————- मेष
सूर्य राशि——————– धनु
गुजराती संवत————- 2080
शक संवत—————— 1945
कलि संवत——————5124
सूर्योदय————— 07:06:31
सूर्यास्त—————- 17:27:45
दिन काल————- 10:21:14
रात्री काल————- 13:39:16
चंद्रोदय————— 13:16:35
चंद्रास्त—————- 26:19:03
लग्न—- धनु 4°43′ , 244°43′
सूर्य नक्षत्र——————– मूल
चन्द्र नक्षत्र——————- रेवती
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

दो—- रेवती 10:30:23

च—- रेवती 16:18:40

ची—- रेवती 22:07:55

चु—- अश्विनी 27:58:09

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= धनु 04:30, मूल 2 यो
चन्द्र=मीन 21:30 , मूल 2 थ
बुध =धनु 08:53′ मूल 3 भा
शु क्र=तुला 25°05, विशाखा’ 2 तू
मंगल=वृश्चिक 25 °30 ‘ ज्येष्ठा’ 3 यी
गुरु=मेष 11°30 ‘ अश्विनी , 4 ला
शनि=कुम्भ 08°40 ‘ शतभिषा ,1 गो
राहू=(व) मीन 27°20 रेवती , 4 ची
केतु=(व) कन्या 27°20 चित्रा , 2 पो

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 13:35 – 14:52 अशुभ
यम घंटा 07:07 – 08:24 अशुभ
गुली काल 09:42 – 10: 59अशुभ
अभिजित 11:56 – 12:38 शुभ
दूर मुहूर्त 10:34 – 11:15 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:42 – 15:24 अशुभ
वर्ज्यम 10:30 – 12:03 अशुभ

💮गंड मूल अहोरात्र अशुभ

🚩पंचक ⁵ 07:07 – 22:08 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
शुभ 07:07 – 08:24 शुभ
रोग 08:24 – 09:42 अशुभ
उद्वेग 09:42 – 10:59 अशुभ
चर 10:59 – 12:17 शुभ
लाभ 12:17 – 13:35 शुभ
अमृत 13:35 – 14:52 शुभ
काल 14:52 – 16:10 अशुभ
शुभ 16:10 – 17:28 शुभ

🚩चोघडिया, रात
अमृत 17:28 – 19:10 शुभ
चर 19:10 – 20:53 शुभ
रोग 20:53 – 22:35 अशुभ
काल 22:35 – 24:17* अशुभ
लाभ 24:17* – 25:59* शुभ
उद्वेग 25:59* – 27:42* अशुभ
शुभ 27:42* – 29:25* शुभ
अमृत 29:25* – 31:07* शुभ

💮होरा, दिन
बृहस्पति 07:07 – 07:58
मंगल 07:58 – 08:50
सूर्य 08:50 – 09:42
शुक्र 09:42 – 10:34
बुध 10:34 – 11:25
चन्द्र 11:25 – 12:17
शनि 12:17 – 13:09
बृहस्पति 13:09 – 14:01
मंगल 14:01 – 14:52
सूर्य 14:52 – 15:44
शुक्र 15:44 – 16:36
बुध 16:36 – 17:28

🚩होरा, रात
चन्द्र 17:28 – 18:36
शनि 18:36 – 19:44
बृहस्पति 19:44 – 20:53
मंगल 20:53 – 22:01
सूर्य 22:01 – 23:09
शुक्र 23:09 – 24:17
बुध 24:17* – 25:26
चन्द्र 25:26* – 26:34
शनि 26:34* – 27:42
बृहस्पति 27:42* – 28:50
मंगल 28:50* – 29:59
सूर्य 29:59* – 31:07

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

धनु > 05:44 से 07:54 तक
मकर > 07:54 से 09:40 तक
कुम्भ > 09:40 से 11:08 तक
मीन > 11:08 से 12:38 तक
मेष > 12:38 से 14:20 तक
वृषभ > 14:20 से 16:14 तक
मिथुन > 16:14 से 18:30 तक
कर्क > 18:30 से 20:48 तक
सिंह > 20:48 से 23:02 तक
कन्या > 23:02 से 01:12 तक
तुला > 01:12 से 03:18 तक
वृश्चिक > 03:18 से 05:40 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

9 + 5 + 1 = 15 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शुक्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

9 + 9 + 5 = 23 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*सर्वार्थ सिद्धि योग अहोरात्र*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

सकृज्जल्पन्ति राजानः सकृज्जल्पन्ति पण्डिताः ।
सकृत्कन्याः प्रदीयन्ते त्रीण्येतानि सकृत्सकृत् ।।
।। चा o नी o।।

यह बाते एक बार ही होनी चाहिए..
१. राजा का बोलना.
२. बिद्वान व्यक्ति का बोलना.
३. लड़की का ब्याहना.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: सांख्ययोग अo-02

दूरेण ह्यवरं कर्म बुद्धियोगाद्धनंजय ।,
बुद्धौ शरणमन्विच्छ कृपणाः फलहेतवः ॥,

इस समत्वरूप बुद्धियोग से सकाम कर्म अत्यन्त ही निम्न श्रेणी का है।, इसलिए हे धनंजय! तू समबुद्धि में ही रक्षा का उपाय ढूँढ अर्थात्‌ बुद्धियोग का ही आश्रय ग्रहण कर क्योंकि फल के हेतु बनने वाले अत्यन्त दीन हैं॥,49॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कारोबार से संतुष्टि रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। प्रयास सफल रहेंगे। बुद्धि का प्रयोग करें। प्रमाद न करें। निवेश से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा। व्यापार-व्यवसाय में उत्साह से काम कर पाएंगे। भाग्य अनुकूल है, जल्दबाजी न करें। प्रसन्नता रहेगी।

🐂वृष
वाणी में शब्दों का प्रयोग सोच-समझकर करें। प्रतिद्वंद्विता में कमी होगी। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। व्यापार में वृद्धि होगी। स्त्री वर्ग से समयानुकूल सहायता प्राप्त होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

👫मिथुन
धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश लाभ देगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जल्दबाजी से हानि संभव है।

🦀कर्क
बिगड़े काम बनेंगे। निवेश मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। कोई पुराना रोग बाधा का कारण हो सकता है। सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। विरोध होगा। आर्थिक नीति में परिवर्तन होगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। तत्काल लाभ नहीं होगा।

🐅सिंह
जल्दबाजी व लापरवाही से हानि होगी। राजकीय कोप भुगतना पड़ सकता है। विवाद न करें। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। बिछड़े मित्र व संबंधी मिलेंगे। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में सहकर्मी सहयोग करेंगे। लाभ होगा।

🙍‍♀️कन्या
स्थायी संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। मनपसंद रोजगार मिलेगा। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कर्ज समय पर चुका पाएंगे। बैंक-बैलेंस बढ़ेगा। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। शेयर मार्केट से लाभ होगा। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। तनाव रहेगा।

⚖️तुला
किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठा पाएंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। लेन-देन में सावधानी रखें। लाभ होगा।

🦂वृश्चिक
आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी। बनते कामों में बाधा उत्पन्न होगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। काम में मन नहीं लगेगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होने से प्रसन्नता रहेगी। निवेश से लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेंगे।

🏹धनु
कोई अनहोनी होने की आशंका रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। रोजगार मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। कारोबार में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट मनोनुकूल लाभ देगा। बुद्धि का प्रयोग करें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। भाग्य का साथ मिलेगा।

🐊मकर
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। आय बनी रहेगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। थकान महसूस होगी। सहकर्मी सहयोग नहीं करेंगे। चिंता रहेगी। आंखों का विशेष ध्यान रखें। चोट व रोग से बचाएं। पुराना रोग उभर सकता है।

🍯कुंभ
आय में निश्चितता रहेगी। शत्रु शांत रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय से लाभ होगा। बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें। दौड़धूप की अधिकता का स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ेगा। थकान व कमजोरी रह सकती है। वाणी में कड़े शब्दों के इस्तेमाल से बचें। दूसरों की बातों में नहीं आएं।

🐟मीन
रुका हुआ धन प्राप्त होगा। प्रयास सफल रहेंगे। बुद्धि का प्रयोग करें। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कारोबार से संतुष्टि रहेगी। प्रमाद न करें। निवेश से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा। व्यापार-व्यवसाय में उत्साह से काम कर पाएंगे। भाग्य अनुकूल है, जल्दबाजी न करें। प्रसन्नता रहेगी।

*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳*

*💐💐गुलाम की सीख💐💐*

दास प्रथा के दिनों में एक मालिक के पास अनेकों गुलाम हुआ करते थे। उन्हीं में से एक था लुकमान।

लुक़मान था तो सिर्फ एक गुलाम लेकिन वह बड़ा ही चतुर और बुद्धिमान था। उसकी ख्याति दूर दराज़ के इलाकों में फैलने लगी थी।

एक दिन इस बात की खबर उसके मालिक को लगी, मालिक ने लुकमान को बुलाया और कहा- सुनते हैं कि तुम बहुत बुद्धिमान हो। मैं तुम्हारी बुद्धिमानी की परीक्षा लेना चाहता हूँ। अगर तुम इम्तिहान में पास हो गए तो तुम्हें गुलामी से छुट्टी दे दी जाएगी।

अच्छा जाओ, एक मरे हुए बकरे को काटो और उसका जो हिस्सा बढ़िया हो, उसे ले आओ। लुकमान ने आदेश का पालन किया और मरे हुए बकरे की जीभ लाकर मालिक के सामने रख दी।

कारण पूछने पर कि जीभ ही क्यों लाया ! लुक़मान ने कहा- अगर शरीर में जीभ अच्छी हो तो सब कुछ अच्छा-ही-अच्छा होता है।

मालिक ने आदेश देते हुए कहा- “अच्छा! इसे उठा ले जाओ और अब बकरे का जो हिस्सा बुरा हो उसे ले आओ।”

लुकमान बाहर गया, लेकिन थोड़ी ही देर में उसने उसी जीभ को लाकर मालिक के सामने फिर रख दिया।

फिर से कारण पूछने पर लुकमान ने कहा- “अगर शरीर में जीभ अच्छी नहीं तो सब बुरा-ही-बुरा है।”

उसने आगे कहते हुए कहा- “मालिक! वाणी तो सभी के पास जन्मजात होती है, परन्तु बोलना किसी-किसी को ही आता है… क्या बोलें? कैसे शब्द बोलें, कब बोलें… इस एक कला को बहुत ही कम लोग जानते हैं। एक बात से प्रेम झरता है और दूसरी बात से झगड़ा होता है।

कड़वी बातों ने संसार में न जाने कितने झगड़े पैदा किये हैं नवनीत। इस जीभ ने ही दुनिया में बड़े-बड़े कहर ढाये हैं।जीभ तीन इंच का वो हथियार है जिससे कोई छः फिट के आदमी को भी मार सकता है तो कोई मरते हुए इंसान में भी प्राण फूंक सकता है। संसार के सभी प्राणियों में वाणी का वरदान मात्र मानव को ही मिला है। उसके सदुपयोग से स्वर्ग पृथ्वी पर उतर सकता है और दुरूपयोग से स्वर्ग भी नरक में परिणत हो सकता है। भारत के विनाशकारी महाभारत का युद्ध वाणी के गलत प्रयोग का ही परिणाम था।

मालिक, लुकमान की बुद्धिमानी और चतुराई भरी बातों को सुनकर बहुत खुश हुए; आज उनके गुलाम ने उन्हें एक बहुत बड़ी सीख दी थी और उन्होंने उसे आजाद कर दिया।

*शिक्षा :-*
मित्रों, मधुर वाणी एक वरदान है जो हमें लोकप्रिय बनाती है। वहीं कर्कश या तीखी बोली हमें अपयश दिलाती है और हमारी प्रतिष्ठा को कम करती है। आपकी वाणी कैसी है ? यदि वो तीखी है या सामान्य भी है तो उसे मीठा बनाने का प्रयास करिये। आपकी वाणी आपके व्यत्कित्व का प्रतिबिम्ब है, उसे अच्छा होना ही चाहिए..!!

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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