*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- प्रभु पर विश्वास*
📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द………………………5125
विक्रम संवत्……………………..2080
शक संवत्………………………..1945
मास………………………………..पौष
पक्ष……………………………….कृष्ण
तिथी………………………….एकादशी
रात्रि 12.41 पर्यंत पश्चात द्वादशी
रवि………………………….दक्षिणायन
सूर्योदय (इंदौर)……प्रातः 07.08.02 पर
सूर्यास्त…………..संध्या 05.57.09 पर
सूर्य राशि……………………………धनु
चन्द्र राशि………………………….तुला
गुरु राशि……………………………मेष
नक्षत्र…………………………..विशाखा
रात्रि 09.56 पर्यंत पश्चात अनुराधा
योग………………………………..शूल
रात्रि 04.47 पर्यंत पश्चात गंड
करण……………………………….बव
दोप 12.46 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु……………………..(सहस्य) हेमंत
दिन…………………………….रविवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
07 जनवरी सन 2023 ईस्वी ।
☸ शुभ अंक………………………7
🔯 शुभ रंग…………………….नीला
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.11 से 12.54 तक ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
संध्या 04.32 से 05.52 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*धनु*
05:37:37 07:49:53
*मकर*
07:49:53 09:30:29
*कुम्भ*
09:30:29 11:03:53
*मीन*
11:03:53 12:35:05
*मेष*
12:35:05 14:15:50
*वृषभ*
14:15:50 16:14:29
*मिथुन*
16:14:29 18:28:11
*कर्क*
18:28:11 20:44:21
*सिंह*
20:44:21 22:56:09
*कन्या*
22:56:09 25:06:49
*तुला*
25:06:49 27:21:27
*वृश्चिक*
27:21:27 29:37:37
🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.31 से 09.51 तक चंचल
प्रात: 09.51 से 11.11 तक लाभ
प्रात: 11.11 से 12.31 तक अमृत
दोप. 01.51 से 03.12 तक शुभ
सायं 05.52 से 07.32 तक शुभ
संध्या 07.32 से 09.12 तक अमृत
रात्रि 09.12 से 10.52 तक चंचल ।
📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ रवये नम: ॥
*संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (तृतीयोऽध्यायः – कर्मयोगः) -*
द्रव्ययज्ञास्तपोयज्ञा योगयज्ञास्तथापरे ।
स्वाध्यायज्ञानयज्ञाश्च यतयः संशितव्रताः॥४-२८॥
अर्थात :
कुछ मनुष्य द्रव्य से यज्ञ करने वाले हैं और कुछ तपस्या रूपी यज्ञ करने वाले हैं तथा दूसरे कितने ही योग रूपी यज्ञ करने वाले हैं । कुछ यत्नशील मनुष्य अहिंसादि व्रतों से युक्त स्वाध्याय रूपी ज्ञानयज्ञ करने वाले हैं॥28॥
🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*गुड़ खाने के फायदे -*
1. यदि आप पेट की समस्या से ग्रसित हैं तो आपके लिए गुड़ फायदेमंद है। यह पेट में बनने वाले गैस और पाचन क्रिया से जुड़ी समस्याओं में राहत देता है।
2. सर्दियों के मौसम में सर्दी जुकाम भी आम हो जाते हैं। ऐसे में गुड़ का सेवन सेहत के लिए बहुत ही जरूरी हो जाता है। गुड़ की तासीर गर्म होने के कारण यह सर्दी, जुकाम और खास तौर पर कफ से आपको राहत देने में मदद करता है। सर्दी होने पर आप इसका काढ़ा बनाकर पिएं।
3. कैल्शियम, फास्फोरस और जस्ते से भरपूर गुड़ आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है।
4. लगातार गुड़ के सेवन से हमें मैग्नीशियम मिलता है। यह हमें मांसपेशियों, नसों और रक्त वाहिकाओं के थकान से राहत दिलाता है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। लॉटरी व सट्टे से दूर रहें। आंखों का ख्याल रखें। अज्ञात भय सताएगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन आ सकती है। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में प्रमोशन प्राप्त हो सकता है। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी सहयोग करेंगे। घर के सदस्यों के स्वास्थ्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी।
👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। बेवजह कहासुनी हो सकती है। कानूनी अड़चन दूर होगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल होंगे। किसी अपने के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। शारीरिक कष्ट संभव है। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। अज्ञात भय रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा।
🙎🏻♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। धैर्य रखें। शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। लंब समय से रुके कार्य सहज रूप से पूर्ण होंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। शेयर मार्केट में सफलता मिलेगी। शत्रु पस्त होंगे। सुख के साधन जुटेंगे। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शुभ समय।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
बड़ों की सलाह मानें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। धैर्य रखें। लाभ होगा। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग परेशानी का कारण रह सकता है। दूसरों के कार्य में दखल न दें। मानसिक बेचैनी रहेगी।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कुबुद्धि हावी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों से संबंध सुधरेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। विरोधी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
आय में निश्चितता रहेगी। कोई बड़ी समस्या आ सकती है। धैर्य रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी अपरिचित पर अतिविश्वास न करें। विवाद से क्लेश होगा। दूसरों के उकसाने में न आएं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। प्रमाद न करें। चोट व रोग से परेशानी संभव है। आराम तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। यश बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। नई योजना बनेगी जिसका तत्काल लाभ नहीं मिलेगा।
🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शारीरिक कष्ट संभव है तथा तनाव रहेंगे। सुख के साधन प्राप्त होंगे। मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
*_🚩जय श्री राम🙏_*
*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳*
*💐💐प्रभु पर विश्वास💐💐*
एक व्यापारी की बड़ी अच्छी स्थिति थी, व्यवसाय चलता था ।खूब पैसा था, व्यवधान भी आते थे एक दिन नींद ना आई मन में चैन नहीं था, बहुत बेचैनी थी पत्नी सरस्वती ने सब देखा तो पूछा क्या बात है ? तो बहुत पूछने पर भी कुछ बताया नहीं; दूसरे दिन भी उसकी यही हालत थी तब पत्नी ने जिद की और कहा – आपको बताना होगा तब व्यापारी ने कहा यह मत पूछो अगर तुम सुनोगी तो तुम्हारी भी मेरी जैसी हालत हो जाएगी परंतु पत्नी के विशेष आग्रह करने पर उसने कहा कि एक दिन मेरे मन में आया कि यदि सारा काम बंद हो जाए तो अपनी स्थिति क्या रहेगी ?
तब मैंने सब हिसाब लगाकर देख लिया कि अगर आज व्यवसाय बंद हो जाए तो नौ पीढ़ी तक काम चलने लायक धन होगा परंतु इसके बाद कुछ नहीं रहेगा, तब बच्चे क्या खाएंगे, फिर कैसे काम चलेगा – यही सोचकर मैं व्यथित हो गया हूं , मुझे चिंता हो रही है ।
पत्नी बुद्धिमती थी बोली – ठीक है अभी चिंता मत करो कल एक सन्त के पास चलेंगे उनसे अपनी समस्या का हल पूछ लेंगे, आज सो जाओ।
पत्नी ने उन्हें किसी तरह सुला दिया।
अगले दिन जब वे गाड़ी में बैठने लगे तो पत्नी महात्मा जी कोदेने के लिए गाड़ी में अन्न फल आदि सामान रखवाने लगी, यह देखकर पति ने कहा यह क्यों रखवा रही हो यह सब तो मैंने कल हिसाब में जोड़ा ही नहीं है।
पति ने कहा – रोज तो जाना नहीं है ,बस आज ही ले चलना है , तो व्यापारी मान गया संत के आश्रम में दोनों पहुंचे। व्यापारी की पत्नी ने सब सामान देना चाहा तो संत उन्हें रोकते हुए अपने शिष्य से बोले जा भीतर गुरुवानी से पूछ तो आ कि कितना अन्न आदि शेष है ? शिष्य ने पूछ कर बताया कि आज रात तक के लिए सब है।
कल सबेरे के लिए नहीं है तब संत ने कहा- हम तुम्हारी भेंट स्वीकार नहीं कर सकते; क्योंकि इसकी आवश्यकता नहीं है, पत्नी के विशेष आग्रह करने पर संत ने कहा कि कल की चिंता ठाकुर जी करेंगे । हां, यदि आज के लिए सामान नहीं होता तो मैं रख लेता ।
पत्नी से व्यापारी पति बोला – चलो अब चलते हैं ।अभी आपने अपने प्रश्न का समाधान तो पूछा ही नहीं । व्यापारी ने कहा अब उसकी जरूरत नहीं मुझे उसका समाधान मिल गया है। संत को कल की चिंता नहीं और मुझे नौ पीढ़ी के आगे की चिंता हो रही है – प्रभु पर विश्वास नहीं होने पर ही ऐसा होता है।
*💐💐शिक्षा💐💐*
कई बार हम निरर्थक एवं अंतहीन कामनाओं के कारण अनावश्यक चिंताओं और तनाव से घिर जाते हैं जबकि कामनाओं को त्याग कर हम सहज ही उस से मुक्त हो सकते हैं ।इसी बात को इस कथा के माध्यम से बहुत सहज ही समझा जा सकता है।