धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -तीन बातें*

ओन
*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-13/01/2024, शनिवार*
*द्वितीया, शुक्ल पक्ष,*
*पौष*
(समाप्ति काल)

तिथि——— द्वितीया 11:10:31 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———– श्रवण 12:48:26
योग————- वज्र 10:12:16
योग———— सिद्वि 30:21:23
करण———–कौलव 11:10:31
करण———– तैतुल 21:34:11
वार———————– शनिवार
माह————————- पौष
चन्द्र राशि——– मकर 23:34:05
चन्द्र राशि—————— कुम्भ
सूर्य राशि——————— धनु
रितु———————— शिशिर
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————— शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)—————– पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत——————-1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 07:12:30
सूर्यास्त————— 17:43:03
दिन काल————- 10:30:32
रात्री काल————- 13:29:25
चंद्रोदय—————- 08:51:58
चंद्रास्त—————–19:52:09
लग्न—- धनु 28°9′ , 268°9′
सूर्य नक्षत्र————- उत्तराषाढा
चन्द्र नक्षत्र—————— श्रवण
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

खे—- श्रवण 07:25:52

खो—- श्रवण 12:48:26

गा—- धनिष्ठा 18:11:07

गी—- धनिष्ठा 23:34:05

गु—- धनिष्ठा 28:57:29

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= धनु 28:30, उ o षाo 1 भेे
चन्द्र=मकर 19:30 , श्रवण 3 खे
बुध =धनु 04:53′ मूल 2 यो
शु क्र=वृश्चिक 23°05, ज्येष्ठा ‘ 2 या
मंगल=धनु 12 °30 ‘ मूल ‘ 4 भी
गुरु=मेष 11°30 अश्विनी , 4 ला
शनि=कुम्भ 10°40 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू=(व) मीन 26°05 रेवती , 3 च
केतु=(व) कन्या 26°05 चित्रा , 1 पे

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 16:25 – 17:44 अशुभ
यम घंटा 12:28 – 13:47 अशुभ
गुली काल 15:06 – 16:25
अभिजित 12:07 – 12:49 शुभ
दूर मुहूर्त 16:20 – 17:02 अशुभ
वर्ज्यम 16:51 – 18:18 अशुभ

पंचक ¹ 4राहू काल 16:25 – 17:44 अशुभ
यम घंटा 12:28 – 13:47 अशुभ
गुली काल 15:06 – 16: 25अशुभ
अभिजित 12:07 – 12:49 शुभ
दूर मुहूर्त 16:20 – 17:02 अशुभ
वर्ज्यम 16:51 – 18:18 अशुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ प्रभाव

💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 07:12 – 08:31 अशुभ
चर 08:31 – 09:50 शुभ
लाभ 09:50 – 11:09 शुभ
अमृत 11:09 – 12:28 शुभ
काल 12:28 – 13:47 अशुभ
शुभ 13:47 – 15:06 शुभ
रोग 15:06 – 16:25 अशुभ
उद्वेग 16:25 – 17:44 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
शुभ 17:44 – 19:25 शुभ
अमृत 19:25 – 21:06 शुभ
चर 21:06 – 22:47 शुभ
रोग 22:47 – 24:28* अशुभ
काल 24:28* – 26:09* अशुभ
लाभ 26:09* – 27:50* शुभ
उद्वेग 27:50* – 29:31* अशुभ
शुभ 29:31* – 31:12* शुभ

💮होरा, दिन
सूर्य 07:12 – 08:05
शुक्र 08:05 – 08:58
बुध 08:58 – 09:50
चन्द्र 09:50 – 10:43
शनि 10:43 – 11:36
बृहस्पति 11:36 – 12:28
मंगल 12:28 – 13:21
सूर्य 13:21 – 14:13
शुक्र 14:13 – 15:06
बुध 15:06 – 15:59
चन्द्र 15:59 – 16:51
शनि 16:51 – 17:44

🚩होरा, रात
बृहस्पति 17:44 – 18:51
मंगल 18:51 – 19:59
सूर्य 19:59 – 21:06
शुक्र 21:06 – 22:13
बुध 22:13 – 23:21
चन्द्र 23:21 – 24:28
शनि 24:28* – 25:36
बृहस्पति 25:36* – 26:43
मंगल 26:43* – 27:50
सूर्य 27:50* – 28:58
शुक्र 28:58* – 30:05
बुध 30:05* – 31:12

,*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

धनु > 04:12 से 06:22 तक
मकर > 06:22 से 08:18 तक
कुम्भ > 08:18 से 09:36 तक
मीन > 09:36 से 11:06 तक
मेष > 11:06 से 12:48 तक
वृषभ > 12:48 से 14:46 तक
मिथुन > 14:46 से 16:58 तक
कर्क > 16:58 से 19:18 तक
सिंह > 19:18 से 21:30 तक
कन्या > 21:30 से 23:44 तक
तुला > 23:44 से 01:50 तक
वृश्चिक > 01:50 से 04:02 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

2 + 2 + 1 = 5 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

2 + 2 + 5 = 9 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सन्निधो = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*सर्वार्थ सिद्धि योग 12:48 तक*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

अर्थाधीताश्चयै र्वेदास्तथा शूद्रान्न भोजिनः ।
ते द्विजाः किं करिष्यन्ति निर्विषा इव पन्नगाः ।।
।। चा o नी o।।

जिन्होंने वेदों का अध्ययन पैसा कमाने के लिए किया और जो नीच काम करने वाले लोगो का दिया हुआ अन्न खाते है उनके पास कौनसी शक्ति हो सकती है. वो ऐसे भुजंगो के समान है जो दंश नहीं कर सकते.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: सांख्ययोग अo-02

विहाय कामान्यः सर्वान्पुमांश्चरति निःस्पृहः ।,
निर्ममो निरहंकारः स शान्तिमधिगच्छति ॥,

जो पुरुष सम्पूर्ण कामनाओं को त्याग कर ममतारहित, अहंकाररहित और स्पृहारहित हुआ विचरता है, वही शांति को प्राप्त होता है अर्थात वह शान्ति को प्राप्त है॥,71॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
अच्‍छी खबर प्राप्त होगी। बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। व्यवसाय से लाभ होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जल्दबाजी से हानि होगी। वरिष्ठ व्यक्तियों की सलाह मानें। उन्नति होगी। विवाद को बढ़ावा न दें। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। प्रसन्नता व उत्साह में वृद्धि होगी।

🐂वृष
मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक कार्यों में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। शेयर बाजार से लाभ होगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। प्रसन्नता रहेगी। चोट व रोग से बचें। उत्साह बना रहेगा। काम में मन लगेगा। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार की चिंता रहेगी।

👫मिथुन
दौड़धूप अधिक होगी। बनते कामों में व्यवधान आ सकते हैं। काम में मन नहीं लगेगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। जल्दबाजी में निर्णय न लें। आय बनी रहेगी। व्यवसाय में सुधार होगा। नौकरी में सामंजस्य बैठाएं। लाभ होगा। शोक समाचार मिल सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा।

🦀कर्क
कानूनी अड़चन आ सकती है। बोलचाल में हल्कापन न रखें। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर होकर चिंता में कमी आएगी। वस्तुएं संभालकर रखें। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्‍य प्रभावित हो सकता है। माता के स्वास्थ्‍य की चिंता रहेगी। व्यवसाय में वृद्धि के योग हैं।

🐅सिंह
बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। आय में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ रहेगा। अध्ययन में मन लगेगा। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। यात्रा में सावधानी रखें। थकान रहेगी। बोलचाल में संयम रखें। प्रसन्नता में वृद्धि होगी।

🙍‍♀️कन्या
योजना फलीभूत होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। कार्यस्‍थल पर बदलाव संभव है। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। विवाद से क्लेश संभव है। शत्रु पस्त होंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। शेयर के कार्य लाभ देंगे। जल्दबाजी न करें। धनार्जन होगा।

⚖️तुला
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति के योग हैं। आय में वृद्धि होगी। कोई बड़ा काम होने की संभावना है। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी करने से बचें। उत्साह बना रहेगा। व्यापार लाभदायक रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी।

🦂वृश्चिक
राजकीय सहयोग मिल सकता है। प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। सत्संग का लाभ मिल सकता है। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। चोट व रोग से बचें। आलस्य हावी रहेगा। निवेश शुभ रहेगा।

🏹धनु
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय बनी रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। व्ययवृद्धि होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। बेचैनी रहेगी। व्यापार वृद्धि के योग हैं। नए काम मिल सकते हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। उत्साह बना रहेगा।

🐊मकर
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। लाभ कम होगा। बेकार बातों की तरफ ध्यान न दें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यवसाय ठीक चलेगा। मातहतों से विवाद हो सकता है। शांति बनाए रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि हो सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें।

🍯कुंभ
आय में वृद्धि के योग हैं। बाहर जाने का कार्यक्रम बन सकता है। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। कार्यसिद्धि होगी। ऐश्वर्य के साधनों पर खर्च हो सकता है। भाइयों का सहयोग प्रसन्नता में वृद्धि करेगा। निवेश व नौकरी लाभ देंगे। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। वरिष्ठजनों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।

🐟मीन
समय पर काम न होने से खिन्नता रहेगी। विवेक से कार्य करें। लाभ होगा। दूसरों की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाएंगे। नकारात्मकता बढ़ेगी। आय में निश्चितता रहेगी। देनदारी बढ़ेगी। पुरानी व्याधि से परेशानी रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें। फालतू खर्च अधिक होगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं।

1️⃣3️⃣❗0️⃣1️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣4️⃣

*♨️ आज की प्रेरणा प्रसंग ♨️*

*!! तीन बातें !!*
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

सुदूर दक्षिण में किसी प्रतापी राजा का राज्य था। राजा के तीन पुत्र थे, एक दिन राजा के मन में आया कि पुत्रों को कुछ ऐसी शिक्षा दी जाये कि समय आने पर वो राज-काज सम्भाल सकें।

इसी विचार के साथ राजा ने सभी पुत्रों को दरबार में बुलाया और बोला, पुत्रों, हमारे राज्य में नाशपाती का कोई वृक्ष नहीं है, मैं चाहता हूँ तुम सब चार-चार महीने के अंतराल पर इस वृक्ष की तलाश में जाओ और पता लगाओ कि वो कैसा होता है ?

राजा की आज्ञा पाकर तीनों पुत्र बारी-बारी से गए और वापस लौट आये।

सभी पुत्रों के लौट आने पर राजा ने पुनः सभी को दरबार में बुलाया और उस पेड़ के बारे में बताने को कहा।

पहला पुत्र बोला, पिताजी वह पेड़ तो बिलकुल टेढ़ा-मेढ़ा, और सूखा हुआ था।

नहीं-नहीं वो तो बिलकुल हरा-भरा था, लेकिन शायद उसमें कुछ कमी थी क्योंकि उस पर एक भी फल नहीं लगा था। दूसरे पुत्र ने पहले को बीच में ही रोकते हुए कहा।

फिर तीसरा पुत्र बोला, भैया, लगता है आप भी कोई गलत पेड़ देख आये क्योंकि मैंने सचमुच नाशपाती का पेड़ देखा, वो बहुत ही शानदार था और फलों से लदा पड़ा था।

और तीनों पुत्र अपनी-अपनी बात को लेकर आपस में विवाद करने लगे।

तभी राजा अपने सिंघासन से उठे और बोले, पुत्रों, तुम्हे आपस में बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है, दरअसल तुम तीनो ही वृक्ष का सही वर्णन कर रहे हो। मैंने जानबूझ कर तुम्हे अलग-अलग मौसम में वृक्ष खोजने भेजा था और तुमने जो देखा वो उस मौसम के अनुसार था।

मैं चाहता हूँ कि इस अनुभव के आधार पर तुम तीन बातों को गाँठ बाँध लो…

*पहली बात* किसी चीज के बारे में सही और पूर्ण जानकारी चाहिए तो तुम्हे उसे लम्बे समय तक देखना- परखना चाहिए। फिर चाहे वो कोई व्यवसाय, विषय, वस्तु हो या फिर कोई व्यक्ति ही क्यों न हो।

*दूसरी* हर मौसम एक सा नहीं होता, जिस प्रकार वृक्ष मौसम के अनुसार सूखता, हरा-भरा या फलों से लदा रहता है उसी प्रकार ब्यवसाय तथा मनुष्य के जीवन में भी उतार चढाव आते रहते हैं, अतः अगर तुम कभी भी बुरे दौर से गुजर रहे हो तो अपनी हिम्मत और धैर्य बनाये रखो, समय अवश्य बदलता है।

*और तीसरी बात* अपनी बात को ही सही मान कर उस पर अड़े मत रहो, अपना दिमाग खोलो, और दूसरों के विचारों को भी जानो।

*शिक्षा:-*
यह संसार ज्ञान से भरा पड़ा है, चाह कर भी तुम अकेले सारा ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते, इसलिए भ्रम की स्थिति में किसी ज्ञानी व्यक्ति से सलाह लेने में संकोच मत करो।

*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️

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