उत्तराखंड

*उत्तराखण्ड की ख्यातिलब्ध लेखिका डॉ. कविता भट्ट इस वर्ष के गार्गी नेशनल योगिनी अवार्ड से की जाएंगी विभूषित*

देव भूमि जे के न्यूज,16/01/2024-

परमार्थ निकेतन, उत्तराखण्ड के तत्त्वावधान में कैलेण्डर वर्ष 2024 के लिए प्रदान किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय अवार्ड्स के लिए नाम चयनित किए जा चुके हैं।

वैश्विक आवेदनों में से चयन के आधार पर इस वर्ष के गार्गी नेशनल अवार्ड हेतु उत्तराखण्ड की ख्यातिलब्ध लेखिका और व्याख्याता डॉ. कविता भट्ट ‘ शैलपुत्री ‘ को चयनित किया गया है। डॉ. भट्ट सम्प्रति सहायक आचार्य दर्शनशास्त्र विभाग, हे न ब गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ़वाल), उत्तराखंड हैं।

उल्लेखनीय है कि यह अवार्ड योगदर्शन केंद्रित शैक्षणिक लेखन, व्याख्यानों तथा इसके वैश्विक प्रसार हेतु समर्पित महिलाओं को प्रदान किया जाता है। जिसके लिए वैश्विक स्तर पर आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं और चयन समिति गुणवत्तापरक कार्य के आधार पर सुयोग्य पात्रों का चयन करती है।

ध्यातव्य है कि 11 फरवरी को परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आयोजित होने वाले योगिनी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में महर्षि चिदानंद सरस्वती जी, पूज्या साध्वी भगवती जी, माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड और गणमान्य विभूतियों की उपस्थिति में अंतरराष्ट्रीय योगिनी सम्मान समारोह होना सुनिश्चित हुआ है। इस समारोह में देश – विदेश की योग को समर्पित महिलाओं का प्रचुर संख्या में समागम होगा।

डॉ. भट्ट ने इस पुरस्कार के लिए अपने चयन हेतु चयन समिति की अध्यक्ष डॉ. आर. एच. लता और निर्णायक मंडल को धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि यह पुरस्कार मिलने से लेखन हेतु उनका दायित्व और भी अधिक बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि वे अब पूर्व से भी अधिक परिश्रम करके शैक्षणिक और साहित्यिक जगत को नई कृतियाँ समर्पित करती रहेंगी। इस महती सम्मान पर समस्त प्रदेश वासियों, शैक्षणिक- साहित्यिक जगत् और व्यापक स्तर पर उनके विद्यार्थियों, पाठकों और प्रशंसकों में प्रसन्नता की लहर है।

ज्ञात हो कि भारतीय दर्शन में योग दर्शन की विशेषज्ञ होने के नाते डॉ. कविता भट्ट एक गंभीर लेखिका, प्रखर व्याख्याता और शिक्षाविद हैं; जो साहित्य जगत में पटेल प्रतिनिधि सभा, लखनऊ द्वारा प्रदत्त शैलपुत्री के नाम से अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त हैं।

पहाड़ी महिला का संघर्षपूर्ण जीवन जीते हुए भी डॉ. कविता भट्ट पिछले 25 वर्षों से भारतीय दर्शन, योगदर्शन, गीतादर्शन, महिला सशक्तीकरण और हिन्दी साहित्य पर केंद्रित लेखन और योग के प्रसार हेतु समर्पित हैं । वे अब तक 27 पुस्तकें, दर्जनों शोधपत्र, सैकड़ों लोकप्रिय आलेख और साहित्यिक रचनाएँ सृजित कर चुकी हैं। वर्ष 2019 के लिए डॉ. कविता भट्ट को अखिल भारतीय साहित्य अकादमी पुरस्कार साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश से प्राप्त हो चुका है। इसके अतिरिक्त अनेक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार/सम्मान डॉ. भट्ट को प्राप्त हुए हैं। 2020 में आपको विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद में कार्यक्रम परामर्श समिति की सदस्य भी मनोनीत किया गया। सभी हिमालयीय राज्यों के सुनियोजित विकास पर केंद्रित हिमालयन पीपल पॉलिसी की ड्राफ्टिंग कमिटी की भी सदस्य रह चुकी हैं।

डॉ. कविता भट्ट ने चार विषयों में स्नातकोत्तर, दर्शनशास्त्र और योग विषयों में यू जी सी नेट, पी एच डी और महिला सशक्तीकरण इत्यादि विषयों में डिप्लोमा किया। डॉ. भट्ट उत्तराखंड मूल की ऐसी महिला हैं; जिनको योगदर्शन पर केंद्रित गुणवत्तापरक शोधों हेतु भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा जे आर एफ और जी आर एफ प्रदान की गईं। साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली द्वारा पोस्ट डॉक्टरल फैलोशिप (महिला) जैसी महत्त्वपूर्ण फैलोशिप अवार्ड की गई हैं। योग दर्शन की अध्येता और अनुसंधानकर्त्ता के रूप में आपका 20 वर्षों का लम्बा अनुभव है।

भारतीय उच्चायोग, दूतावास, अनेक मंत्रालयों, साहित्य अकादमियों और शिक्षण संस्थानों इत्यादि में डॉ. कविता भट्ट निरंतर व्याख्यान हेतु आमंत्रित की जाती हैं। साथ ही मॉरीशस, यू ए ई, यूनाइटेड किंगडम और नेपाल इत्यादि के पटलों पर आमंत्रित व्याख्यान निरंतर प्रसारित हुए हैं। प्रसार भारती के अंतर्गत आकाशवाणी और दूरदर्शन केंद्रों पर वार्ताओं, रूपकों, सामयिक – साहित्यिक रचनाओं के प्रस्तोता के रूप में लंबा अनुभव आपको रहा है। आपकी रचनाएँ देश विदेश की अनेक भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। साथ ही एक संपादक, अनुवादक और कवयित्री के रूप में आपकी विशिष्ट छवि रही है।

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