*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- भाव का भूखा*
अयोध्या में राम लला के स्थापना दिवस समारोह की हार्दिक शुभकामनाएं।
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:-22/01/2023, सोमवार*
द्वादशी, शुक्ल पक्ष,
पौष
(समाप्ति काल )
तिथि———–द्वादशी 19:51:04 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——— मृगशिरा 28:57:16
योग————- ब्रह्म 08:45:00
करण————– बव 07:35:49
करण———– बालव 19:51:04
वार———————- सोमवार
माह————————- पौष
चन्द्र राशि—– वृषभ 16:21:27
चन्द्र राशि—————- मिथुन
सूर्य राशि—————– मकर
रितु———————– शिशिर
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————— शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)—————– पिंगल
विक्रम संवत————— 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————– 1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 07:11:13
सूर्यास्त————— 17:50:17
दिन काल————- 10:39:03
रात्री काल————–13:20:39
चंद्रोदय—————- 14:40:11
चंद्रास्त—————- 29:21:47
लग्न—- मकर 7°19′ , 277°19′
सूर्य नक्षत्र————- उत्तराषाढा
चन्द्र नक्षत्र—————- मृगशिरा
नक्षत्र पाया—————– लोहा
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
वे—- मृगशिरा 10:05:38
वो—- मृगशिरा 16:21:27
का—- मृगशिरा 22:38:40
की—- मृगशिरा 28:57:16
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मकर 07:10, उ o षाo 4 जी
चन्द्र=वृषभ 25:30 , मृगशिरा 1 वे
बुध =धनु 15:53′ पू o षाo 1 भू
शु क्र=धनु 04°05, मूल ‘ 2 यो
मंगल=धनु 18 °30 ‘ पू oषाo’ 2 धा
गुरु=मेष 12°30 अश्विनी , 4 ला
शनि=कुम्भ 11°40 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू=(व) मीन 25°40 रेवती , 3 च
केतु=(व) कन्या 25°40 चित्रा , 1 पे
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मकर 07:10, उ o षाo 4 जी
चन्द्र=वृषभ 25:30 , मृगशिरा 1 वे
बुध =धनु 15:53’ पू o षाo 1 भू
शु क्र=धनु 04°05, मूल ‘ 2 यो
मंगल=धनु 18 °30 ‘ पू oषाo’ 2 धा
गुरु=मेष 12°30 अश्विनी , 4 ला
शनि=कुम्भ 11°40 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू=(व) मीन 25°40 रेवती , 3 च
केतु=(व) कन्या 25°40 चित्रा , 1 पे
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 08:31 – 09:51 अशुभ
यम घंटा 11:11 – 12:31 अशुभ
गुली काल 13:51 – 15: 11अशुभ
अभिजित 12:09 – 12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 12:52 – 13:35 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:59 – 15:42 अशुभ
वर्ज्यम 09:41 – 11:21 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 07:11 – 08:31 शुभ
काल 08:31 – 09:51 अशुभ
शुभ 09:51 – 11:11 शुभ
रोग 11:11 – 12:31 अशुभ
उद्वेग 12:31 – 13:51 अशुभ
चर 13:51 – 15:11 शुभ
लाभ 15:11 – 16:30 शुभ
अमृत 16:30 – 17:50 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 17:50 – 19:30 शुभ
रोग 19:30 – 21:10 अशुभ
काल 21:10 – 22:51 अशुभ
लाभ 22:51 – 24:31* शुभ
उद्वेग 24:31* – 26:11* अशुभ
शुभ 26:11* – 27:51* शुभ
अमृत 27:51* – 29:31* शुभ
चर 29:31* – 31:11* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 07:11 – 08:04
शनि 08:04 – 08:58
बृहस्पति 08:58 – 09:51
मंगल 09:51 – 10:44
सूर्य 10:44 – 11:38
शुक्र 11:38 – 12:31
बुध 12:31 – 13:24
चन्द्र 13:24 – 14:17
शनि 14:17 – 15:11
बृहस्पति 15:11 – 16:04
मंगल 16:04 – 16:57
सूर्य 16:57 – 17:50
🚩होरा, रात
शुक्र 17:50 – 18:57
बुध 18:57 – 20:04
चन्द्र 20:04 – 21:10
शनि 21:10 – 22:17
बृहस्पति 22:17 – 23:24
मंगल 23:24 – 24:31
सूर्य 24:31* – 25:37
शुक्र 25:37* – 26:44
बुध 26:44* – 27:51
चन्द्र 27:51* – 28:58
शनि 28:58* – 30:04
बृहस्पति 30:04* – 31:11
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मकर > 05:48 से 07:46 तक
कुम्भ > 07:46 से 09:04 तक
मीन > 09:04 से 10:34 तक
मेष > 10:34 से 12:16 तक
वृषभ > 12:16 से 14:14 तक
मिथुन > 14:14 से 16:26 तक
कर्क > 16:26 से 18:46 तक
सिंह > 18:46 से 20:58 तक
कन्या > 20:56 से 23:14 तक
तुला > 23:14 से 01:18 तक
वृश्चिक > 01:18 से 03:30 तक
धनु > 03:30 से 05:46 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
12 + 2 + 1 = 15 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
12 + 12 + 5 = 29 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास= शुभ कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
* सर्वार्थ,अमृत सिद्धि योग 28:57 तक
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा शास्त्रं तस्य करोति किम् ।
लोचनाभ्यां विहीनस्य दर्पणः किं करिष्यति ।।
।। चा o नी o।।
जिसे अपनी कोई अकल नहीं उसकी शास्त्र क्या भलाई करेंगे. एक अँधा आदमी आयने का क्या करेगा.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: कर्मयोग अo-03
ज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन ।,
तत्किं कर्मणि घोरे मां नियोजयसि केशव ॥,
अर्जुन बोले- हे जनार्दन! यदि आपको कर्म की अपेक्षा ज्ञान श्रेष्ठ मान्य है तो फिर हे केशव! मुझे भयंकर कर्म में क्यों लगाते हैं?॥,1॥
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। नई आर्थिक नीति बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। कार्य में वृद्धि होगी। भाग्य की अनुकूलता रहेगी। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
🐂वृष
कोई बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। बड़े खर्च होंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। समय पर व्यवस्था नहीं होगी। तनाव रहेगा। क्रोध न करें। नकारात्मकता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। धनहानि के योग हैं। सावधानी रखें। प्रयास करें। विवेक से कार्य करें।
👫मिथुन
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रुका हुआ धन मिल सकता है। कोई बड़े काम की योजना बनेगी। लाभ में वृद्धि होगी। घर-बाहर से पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। शत्रुओं में कमी होगी। सुख के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। आलस्य हावी रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। भाग्य की अनुकूलता बनी रहेगी।
🦀कर्क
किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। कीमती वस्तु गुम होने से तनाव रहेगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विघ्न आ सकते हैं। आय में निश्चितता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। बेवजह विवाद हो सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धैर्य रखें। बुरी खबर मिल सकती है।
🐅सिंह
आय में वृद्धि के योग हैं। व्यापार लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहत सहयोग करेंगे। अच्छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। पुराने संगी-साथियों से मुलाकात होगी। नए मित्र बनेंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। परिवार से सहयोग मिलेगा। काम से संतुष्टि होगी। जल्दबाजी न करें।
🙍♀️कन्या
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। थोड़े प्रयास से ही रुके काम बनेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अधिकार मिल सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। नए अनुबंध हो सकते हैं। व्यापार में बढ़ोतरी होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अपने काम से काम रखें।
⚖️तुला
व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। अज्ञात भय सताएगा। आय में वृद्धि होगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति के योग हैं। बेरोजगारी दूर होगी। विवेक से निर्णय लें। लाभ में वृद्धि तथा समस्या का निराकरण होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे।
🦂वृश्चिक
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार में सफलता प्राप्त होगी। ईर्ष्यालु लोगों से सावधान रहें। व्यवसाय ठीक चलेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🏹धनु
वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी से भी हल्की हंसी-मजाक न करें। शत्रुओं का पराभव होगा। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल होगी। व्यय बढ़ेगा। धनार्जन सहज होगा। व्यापारिक मतभेद दूर होंगे। लाभ में वृद्धि होगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग समय पर मिलेगा।
🐊मकर
वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। स्वयं निर्णय लें। किसी की बातों पर अधिक भरोसा न करें। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आलस्य हावी रहेगा। अपने काम से काम रखें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। किसी बड़ी उलझन में पड़ सकते हैं।
🍯कुंभ
बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। अध्ययन में मन लगेगा। धनलाभ होगा। समय पर काम बनने से प्रसन्नता रहेगी। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का मौका प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चिंता रहेगी। आलस्य न करें। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम न उठाएं।
🐟मीन
आय में वृद्धि होगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा।चोट व रोग से बाधा व हानि संभव है। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। आशंका-कुशंका के चलते निर्णय लेने की क्षमता घट सकती है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। विरोध होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा।
।आपका दिन मंगलमय हो।
🎠 *भाव का भूखा*🎠
एक करोड़पति बहुत मुसीबत में था। करोड़ों का घाटा जो लगा था, और सारी जीवन की मेहनत डूबने के करीब थी! नौका डगमगा रही थी। कभी मंदिर नहीं गया था, कभी प्रार्थना भी नहीं की थी। फुरसत ही न मिली थी !
पूजा के लिए उसने पुजारी रख छोड़े थे, कई मंदिर भी बनवाये थे, जहां वे उसके नाम से नियमित पूजा किया करते थे लेकिन आज इस दुःख की घड़ी में कांपते हाथों वह भी मंदिर गया!
सुबह जल्दी गया, ताकि परमात्मा से पहली मुलाकात उसी की हो, पहली प्रार्थना वही कर सके ताकि कोई दूसरा पहले मांग कर परमात्मा का मन खराब न कर दे! बोहनी की आदत जो होती है, कमबख्त यहां भी नहीं छूटी…. सो सुबह-सुबह पहुंचा मन्दिर।
लेकिन यह देख कर हैरान हुआ कि गांव का एक भिखारी उससे पहले ही मन्दिर में मौजूद था। अंधेरा था, वह भी पीछे जा कर खड़ा हो गया, कि भिखारी क्या मांग रहा है? धनी आदमी सोचता है, कि मेरे पास तो मुसीबतें हैं; भिखारी के पास क्या मुसीबतें हो सकती हैं? और भिखारी सोचता है, कि मुसीबतें तो मेरे पास हैं धनी आदमी के पास क्या मुसीबतें होंगी ? एक भिखारी की मुसीबत दूसरे भिखारी के लिए बहुत बड़ी नही थी !
उसने सुना, कि भिखारी कह रहा है –हे परमात्मा ! अगर आज उसे पांच रुपए न मिलें तो जीवन नष्ट हो जाएगा। आत्महत्या कर लूंगा। पत्नी बीमार है और दवा के लिए पांच रुपए होना बहुत ही आवश्यक हैं ! मेरा जीवन संकट में है !
अमीर आदमी ने यह सुना और वह भिखारी बंद ही नहीं हो रहा है; कहे जा रहा है कहे जा रहा है और प्रार्थना जारी है ! तो उसने झल्लाकर अपने जेब से पांच रुपए निकाल कर उस भिखारी को दिए और कहा – ये ले पांच रुपए, और जा जल्दी यहां से !
अब वह परमात्मा के सम्मुख हुआ और बोला — प्रभु, अब आप ध्यान मेरी तरफ दें, इस भिखारी की तो यही आदत है। दरअसल मुझे पांच करोड़ रुपए की जरूरत है !
भगवान मुस्करा उठे बोले — एक छोटे भिखारी से तो तूने मुझे छुटकारा दिला दिया, लेकिन तुझसे छुटकारा पाने के लिए तो मुझको तुमसे भी बड़ा भिखारी ढूंढना पड़ेगा ! तुम सब लोग यहां कुछ न कुछ मांगने ही आते हो, कभी मेरी जरूरत का भी ख्याल आया है तुम्हें ?
धनी आश्चर्यचकित हुआ बोला – प्रभु आपको क्या चाहिए ?
भगवान बोले – प्रेम ! मैं भाव का भूखा हूँ । मुझे निस्वार्थ प्रेम व समर्पित भक्त प्रिय है ! कभी इस भाव से मुझ तक आओ; फिर तुम्हे कुछ मांगने की आवश्यकता ही नही पड़ेगी।