धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- यह भी नहीं रहने वाला*


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-27/01/2024, शनिवार*
*द्वितीया, कृष्ण पक्ष,*
*माघ*
(समाप्ति काल)

तिथि———- द्वितीया 27:36:12 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र——– आश्लेषा 13:00:13
योग——– आयुष्मान 08:07:13
करण———– तैतुल 14:25:13
करण————– गर 27:36:12
वार———————– शनिवार
माह———————— माघ
चन्द्र राशि——– कर्क 13:00:13
चन्द्र राशि——————- सिंह
सूर्य राशि——————– मकर
रितु———————— शिशिर
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————— शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)—————- पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 07:09:36
सूर्यास्त—————- 17:54:20
दिन काल————- 10:44:43
रात्री काल————- 13:14:52
चंद्रोदय—————- 19:23:05
चंद्रास्त—————- 31:28:48
लग्न—- मकर 12°24′ , 282°24′
सूर्य नक्षत्र—————— श्रवण
चन्द्र नक्षत्र—————- आश्लेषा
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

डो—- आश्लेषा 13:00:13

मा—- मघा 19:41:30

मी—- मघा 26:23:52

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मकर 12:10, श्रवण 1 खी
चन्द्र=कर्क 27:30 , अश्लेषा 4 डो
बुध =धनु 22:53′ पू o षाo 3 फा
शु क्र=धनु 10°05, मूल ‘ 4 भी
मंगल=धनु 22 °30 ‘ पू oषाo’ 3 फा
गुरु=मेष 12°30 अश्विनी , 4 ला
शनि=कुम्भ 11°40 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू=(व) मीन 25°20 रेवती , 3 च
केतु=(व) कन्या 25°20 चित्रा , 1 पे

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 09:51 – 11:11 अशुभ
यम घंटा 13:53 – 15:13 अशुभ
गुली काल 07:10 – 08: 30अशुभ
अभिजित 12:10 – 12:53 शुभ
दूर मुहूर्त 08:36 – 09:19 अशुभ
वर्ज्यम 26:24* – 28:11* अशुभ

🚩गंड मूल अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
काल 07:10 – 08:30 अशुभ
शुभ 08:30 – 09:51 शुभ
रोग 09:51 – 11:11 अशुभ
उद्वेग 11:11 – 12:32 अशुभ
चर 12:32 – 13:53 शुभ
लाभ 13:53 – 15:13 शुभ
अमृत 15:13 – 16:34 शुभ
काल 16:34 – 17:54 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
लाभ 17:54 – 19:34 शुभ
उद्वेग 19:34 – 21:13 अशुभ
शुभ 21:13 – 22:52 शुभ
अमृत 22:52 – 24:32* शुभ
चर 24:32* – 26:11* शुभ
रोग 26:11* – 27:50* अशुभ
काल 27:50* – 29:30* अशुभ
लाभ 29:30* – 31:09* शुभ

💮होरा, दिन
शनि 07:10 – 08:03
बृहस्पति 08:03 – 08:57
मंगल 08:57 – 09:51
सूर्य 09:51 – 10:45
शुक्र 10:45 – 11:38
बुध 11:38 – 12:32
चन्द्र 12:32 – 13:26
शनि 13:26 – 14:19
बृहस्पति 14:19 – 15:13
मंगल 15:13 – 16:07
सूर्य 16:07 – 17:01
शुक्र 17:01 – 17:54

🚩होरा, रात
बुध 17:54 – 19:01
चन्द्र 19:01 – 20:07
शनि 20:07 – 21:13
बृहस्पति 21:13 – 22:19
मंगल 22:19 – 23:26
सूर्य 23:26 – 24:32
शुक्र 24:32* – 25:38
बुध 25:38* – 26:44
चन्द्र 26:44* – 27:50
शनि 27:50* – 28:57
बृहस्पति 28:57* – 30:03
मंगल 30:03* – 31:09

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मकर > 05:28 से 07:26 तक
कुम्भ > 07:26 से 08:44 तक
मीन > 08:44 से 10:14 तक
मेष > 10:14 से 11:56 तक
वृषभ > 11:56 से 13:54 तक
मिथुन > 13:54 से 16:06 तक
कर्क > 16:06 से 18:26 तक
सिंह > 18:26 से 20:38 तक
कन्या > 20:38 से 22:54 तक
तुला > 22:54 से 00:58 तक
वृश्चिक > 00:58 से 03:10 तक
धनु > 03:10 से 05:26 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 2 + 7 + 1 = 25 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चन्द्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

17 + 17 + 5 = 39 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = संताप कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

14:25 से 27:36 तक समाप्त

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*सौभाग्य सुंदरी व्रत*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

एकवृक्षे समारूढा नानावर्णा बिहंगमाः ।
प्रभाते दिक्षु दशसु का तत्र परिवेदना ? ।।
।। चा o नी o।।

रात्रि के समय कितने ही प्रकार के पंछी वृक्ष पर विश्राम करते है. भोर होते ही सब पंछी दसो दिशाओ में उड़ जाते है. हम क्यों भला दुःख करे यदि हमारे अपने हमें छोड़कर चले गए.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: कर्मयोग अo-03

यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषैः ।,
भुञ्जते ते त्वघं पापा ये पचन्त्यात्मकारणात्‌ ॥,

यज्ञ से बचे हुए अन्न को खाने वाले श्रेष्ठ पुरुष सब पापों से मुक्त हो जाते हैं और जो पापी लोग अपना शरीर-पोषण करने के लिए ही अन्न पकाते हैं, वे तो पाप को ही खाते हैं॥,13॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
कारोबार में वृद्धि के योग हैं। उचित निर्णय ले पाएंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। मार्गदर्शन व सहयोग मिलेगा। पारिवारिक जवाबदारी बढ़ सकती है। लाभ में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। प्रसन्नता रहेगी। समय अनुकूल है। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी।

🐂वृष
अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होने से खिन्नता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। काम में मन नहीं लगेगा। बेकार बातों पर ध्यान न दें। आय बनी रहेगी। दौड़धूप अधिक होगी। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। शोक संदेश मिल सकता है। विवाद से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है।

👫मिथुन
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। बेवजह विवाद की स्थिति बन सकती है। विवेक से कार्य करें। लाभ होगा। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। व्यवसाय से संतोष नहीं होगा। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। थकान रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। काम में लापरवाही बड़ा नुकसान दे सकती है।

🦀कर्क
मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। समय अनुकूल है। नए कार्य करने का मन बनेगा। उत्साह बना रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। पार्टनरों व भाइयों का सहयोग मिलेगा। जीवन सुखमय रहेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।

🐅सिंह
आत्मसम्मान बना रहेगा। नए काम करने का मन बनेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। दूर के अच्‍छे समाचार प्राप्त होंगे। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। काम में मन लगेगा। जल्दबाजी न करें। जीवन सुखमय रहेगा।

🙍‍♀️कन्या
रोजगार प्राप्ति सुगमता से होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। नए उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बनेगी। लाभ में वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ मिलता रहेगा। नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा।

⚖️तुला
घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। प्रमाद न करें। व्यवसाय लाभदायक रहेगा।

🦂वृश्चिक
लोग आप से अधिक अपेक्षा करेंगे। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। अनावश्यक खर्च पर नियंत्रण रखें। आय में निश्चितता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। कुसंगति से हानि होगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें।

🏹धनु
लाभ में वृद्धि होगी। वरिष्ठजन मार्गदर्शन व सहयोग करेंगे। पठन-पाठन व लेखन आदि में मन लगेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। यात्रा आनंददायक हो सकती है। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। उत्साह व प्रसन्नता बने रहेंगे। आराम का समय नहीं मिलेगा। थकान रह सकती है।

🐊मकर
पारिवारिक सहयोग मिलेगा। समय अनुकूल है, लाभ लें। प्रमाद न करें। यात्रा लाभदायक रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लिया हुआ कर्ज समय पर चुका पाएंगे। थकान महसूस होगी। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। जल्दबाजी न करें।

🍯कुंभ
मान-सम्मान मिलेगा। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मेलजोल बढ़ेगा। योजना फलीभूत होगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। नए व्यापारिक अनुबंध हो सकते हैं। जीवन सुखमय रहेगा। कार्यस्थल पर परिवर्तन व सुधार संभव है। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। व्यय होगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

🐟मीन
किसी मांगलिक कार्य में शामिल होने का अवसर मिल सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। जीवन सुखमय रहेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*यह भी नहीं रहने वाला*

एक साधु यात्रा के लिए पैदलनिकला हुआ था। रात हो जाने पर वह एक गाँव में आनंद नाम के व्यक्ति के दरवाजे पर रुका।
*आनंद ने साधू की खूब सेवा की। दूसरे दिन आनंद ने बहुत सारे उपहार देकर साधू को विदा किया।*

साधू ने आनंद के लिए प्रार्थना की – “भगवान करे तू दिनों दिन बढ़ता ही रहे।”
*साधू की बात सुनकर आनंद हँस पड़ा और बोला – “अरे, महात्मा जी! जो है यह भी नहीं रहने वाला।” साधू आनंद की ओर देखता रह गया और वहाँ से चला गया

दो वर्ष बाद साधू फिर आनंद के घर गया और देखा कि सारा वैभव समाप्त हो गया है । पता चला कि आनंद अब बगल के गाँव में एक जमींदार के यहाँ नौकरी करता है । साधू आनंद से मिलने गया।

*आनंद ने अभाव में भी साधू का स्वागत किया । झोंपड़ी में फटी चटाई पर बिठाया । खाने के लिए सूखी रोटी दी । दूसरे दिन जाते समय साधू की आँखों में आँसू थे । साधू कहने लगा – “हे भगवान् ! ये तूने क्या किया ?”
आनंद पुन: हँस पड़ा और बोला – “महाराज आप क्यों दु:खी हो रहे है ? महापुरुषों ने कहा है कि भगवान् इन्सान को जिस हाल में रखे, इन्सान को उसका धन्यवाद करके खुश रहना चाहिए। समय सदा बदलता रहता है और हां सुनो ! यह भी नहीं रहने वाला।”

*साधू मन ही मन सोचने लगा – “मैं तो केवल भेष से साधू हूँ । सच्चा साधू तो तू ही है, आनंद।”

कुछ वर्ष बाद साधू फिर यात्रा पर निकला और आनंद से मिला तो देखकर हैरान रह गया कि आनंद तो अब जमींदारों का जमींदार बन गया है । मालूम हुआ कि जिस जमींदार के यहाँ आनंद नौकरी करता था वह सन्तान विहीन था, मरते समय अपनी सारी जायदाद आनंद को दे गया।

*साधू ने आनंद से कहा – “अच्छा हुआ, वो जमाना गुजर गया। भगवान् करे अब तू ऐसा ही बना रहे।”*
*यह सुनकर आनंद फिर हँस पड़ा और कहने लगा – “महाराज ! अभी भी आपकी नादानी बनी हुई है।”*
साधू ने पूछा – “क्या यह भी नहीं रहने वाला ?”
*आनंद उत्तर दिया – “हाँ! या तो यह चला जाएगा या फिर इसको अपना मानने वाला ही चला जाएगा । कुछ भी रहने वाला नहीं है और अगर शाश्वत कुछ है तो वह है परमात्मा और उस परमात्मा की अंश आत्मा।”*
आनंद की बात को साधू ने गौर से सुना और चला गया।
*साधू कई साल बाद फिर लौटता है तो देखता है कि आनंद का महल तो है किन्तू कबूतर उसमें गुटरगूं कर रहे हैं,और आनंद का देहांत हो गया है। बेटे अपनी पत्नियों के साथ शहर चले गए बेटियाँ अपने-अपने घर चली गयीं,बूढ़ी पत्नी कोने में पड़ी है।

*साधू सोचता है – “अरे इन्सान! तू किस बात का अभिमान करता है ? क्यों इतराता है ? यहाँ कुछ भी टिकने वाला नहीं है, दु:ख या सुख कुछ भी सदा नहीं रहता। तू सोचता है पड़ोसी मुसीबत में है और मैं मौज में हूँ । लेकिन सुन, न मौज रहेगी और न ही मुसीबत। सदा तो उसको जानने वाला ही रहेगा। सच्चे इन्सान वे हैं, जो हर हाल में खुश रहते हैं। मिल गया माल तो उस माल में खुश रहते हैं, और हो गये बेहाल तो उस हाल में खुश रहते हैं।”*

साधू सोचता है – “धन्य है आनंद! तेरा सत्संग, और धन्य हैं तुम्हारे सतगुरु! मैं तो झूठा साधू हूँ, असली फकीरी तो तेरी जिन्दगी है। अब मैं तेरी तस्वीर देखना चाहता हूँ, कुछ फूल चढ़ाकर दुआ तो मांग लूं।”

*साधू दूसरे कमरे में जाता है तो देखता है कि आनंद ने अपनी तस्वीर पर लिखवा रखा है -“आखिर में यह भी नहीं रहेगा।*

कुछ वर्ष बाद आनंद के बेटो ने यह हवेली बगल के गांव वाले जमीदार को बेच दी। हवेली फिर पहले से भी ज्यादा रोशन होकर चमक रही थी..!!

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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