धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -अभिमान अक्ल को खा जाता है*


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-29/01/2024, सोमवार*
*चतुर्थी, कृष्ण पक्ष,*
*माघ*
(समाप्ति काल)

तिथि—————चतुर्थी अहोरात्र तक
पक्ष————————– कृष्ण
नक्षत्र——— पूo फाo 18:56:08
योग———— शोभन 09:42:08
करण————– बव 19:31:15
वार————————सोमवार
माह—————————माघ
चन्द्र राशि——- सिंह 25:43:21
चन्द्र राशि—————— कन्या
सूर्य राशि——————- मकर
रितु———————— शिशिर
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————- शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)—————– पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————– 1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 07:08:47
सूर्यास्त—————- 17:55:56
दिन काल————- 10:47:08
रात्री काल————- 13:12:24
चंद्रास्त—————- 09:17:21
चंद्रोदय—————- 21:08:34
लग्न—–मकर 14°26′ , 284°26′
सूर्य नक्षत्र—————— श्रवण
चन्द्र नक्षत्र———– पूर्वा फाल्गुनी
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

टी—- पूर्व फाल्गुनी 12:09:11

टू—- पूर्व फाल्गुनी 18:56:08

टे—- उत्तर फाल्गुनी 25:43:21

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मकर 14:10, श्रवण 2 खू
चन्द्र=सिंह 20:30 , पू o फा o 3 टी
बुध =धनु 25:53′ पू o षाo 4 ढा
शु क्र=धनु 12°05, मूल ‘ 4 भी
मंगल=धनु 24 °30 ‘ पू oषाo’ 4 ढा
गुरु=मेष 12°30 अश्विनी , 4 ला
शनि=कुम्भ 11°40 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू=(व) मीन 25°15 रेवती , 3 च
केतु=(व) कन्या 25°15 चित्रा , 1 पे

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 08:30 – 09:51 अशुभ
यम घंटा 11:11 – 12:32 अशुभ
गुली काल 13:53 – 15: 14अशुभ
अभिजित 12:11 – 12:54 शुभ
दूर मुहूर्त 12:54 – 13:37 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:03 – 15:47 अशुभ
वर्ज्यम 27:05* – 28:53* अशुभ

💮चोघडिया, दिन
अमृत 07:09 – 08:30 शुभ
काल 08:30 – 09:51 अशुभ
शुभ 09:51 – 11:11 शुभ
रोग 11:11 – 12:32 अशुभ
उद्वेग 12:32 – 13:53 अशुभ
चर 13:53 – 15:14 शुभ
लाभ 15:14 – 16:35 शुभ
अमृत 16:35 – 17:56 शुभ

🚩चोघडिया, रात
चर 17:56 – 19:35 शुभ
रोग 19:35 – 21:14 अशुभ
काल 21:14 – 22:53 अशुभ
लाभ 22:53 – 24:32* शुभ
उद्वेग 24:32* – 26:11* अशुभ
शुभ 26:11* – 27:50* शुभ
अमृत 27:50* – 29:29* शुभ
चर 29:29* – 31:08* शुभ

💮होरा, दिन
चन्द्र 07:09 – 08:03
शनि 08:03 – 08:57
बृहस्पति 08:57 – 09:51
मंगल 09:51 – 10:45
सूर्य 10:45 – 11:38
शुक्र 11:38 – 12:32
बुध 12:32 – 13:26
चन्द्र 13:26 – 14:20
शनि 14:20 – 15:14
बृहस्पति 15:14 – 16:08
मंगल 16:08 – 17:02
सूर्य 17:02 – 17:56

🚩होरा, रात
शुक्र 17:56 – 19:02
बुध 19:02 – 20:08
चन्द्र 20:08 – 21:14
शनि 21:14 – 22:20
बृहस्पति 22:20 – 23:26
मंगल 23:26 – 24:32
सूर्य 24:32* – 25:38
शुक्र 25:38* – 26:44
बुध 26:44* – 27:50
चन्द्र 27:50* – 28:56
शनि 28:56* – 30:02
बृहस्पति 30:02* – 31:08

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मकर > 05:20 से 07:18 तक
कुम्भ > 07:18 से 08:36 तक
मीन > 08:36 से 10:06 तक
मेष > 10:06 से 11:48 तक
वृषभ > 11:48 से 13:46 तक
मिथुन > 13:46 से 15:58 तक
कर्क > 15:58 से 18:18 तक
सिंह > 18:18 से 20:30 तक
कन्या > 20:30 से 22:46 तक
तुला > 22:46 से 00:50 तक
वृश्चिक > 00:50 से 03:02 तक
धनु > 03:02 से 05:18 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 4 + 2 + 1 = 22 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

मंगल ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

19 + 19 + 5 = 43 ÷ 7 = 1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

पाताल लोक =धनलाभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*संकट चतुर्थी व्रत*

*तिलकुट*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

का चिन्ता मम जीवने यदि हरिविश्वन्भरो गीयते ।
नो चेदर्भकजीवनाय जननीस्तन्यं कथं निःसरेत् ।।

इत्यालोच्य मुहुर्मुहुर्यदुपते लक्ष्मीपते केवलम् ।
त्वत्पदाम्बुजसेवनेन सततं कालो मया नीयते ।।
।। चा o नी o।।

हे विश्वम्भर तू सबका पालन करता है. मै मेरे गुजारे की क्यों चिंता करू जब मेरा मन तेरी महिमा गाने में लगा हुआ है. आपके अनुग्रह के बिना एक माता की छाती से दूध नहीं बह सकता और शिशु का पालन नहीं हो सकता. मै हरदम यही सोचता हुआ, हे यदु वंशियो के प्रभु, हे लक्ष्मी पति, मेरा पूरा समय आपकी ही चरण सेवा में खर्च करता हू.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: कर्मयोग अo-03

एवं प्रवर्तितं चक्रं नानुवर्तयतीह यः ।,
अघायुरिन्द्रियारामो मोघं पार्थ स जीवति ॥,

हे पार्थ! जो पुरुष इस लोक में इस प्रकार परम्परा से प्रचलित सृष्टिचक्र के अनुकूल नहीं बरतता अर्थात अपने कर्तव्य का पालन नहीं करता, वह इन्द्रियों द्वारा भोगों में रमण करने वाला पापायु पुरुष व्यर्थ ही जीता है॥,16॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। किसी बड़े काम को करने में रुझान रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। चोट व रोग से बचें। सुख के साधन जुटेंगे। घर में तनाव रह सकता है।

🐂वृष
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। विवेक से कार्य करें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। प्रमाद न करें।

👫मिथुन
पुराना रोग उभर सकता है। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। लेन-देन में विशेष सावधानी रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। दु:खद समाचार मिल सकता है। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। व्यर्थ भागदौड़ होगी। कार्य में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी।

🦀कर्क
किसी गलती का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जल्दबाजी व लापरवाही न करें। अज्ञात भय सताएगा। पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।

🐅सिंह
कुसंगति से हानि होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। परिवार के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबार अच्छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्नता रहेंगे। भाइयों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।

🙍‍♀️कन्या
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नए व्यापारिक अनुबंध होंगे। धनार्जन होगा। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शत्रु परास्त होंगे। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें।

⚖️तुला
पुराने शत्रु परेशान कर सकते हैं। थकान व कमजोरी रह सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ रहेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। आय होगी। प्रमाद न करें।

🦂वृश्चिक
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों से अपेक्षा पूर्ण नहीं होने से खिन्नता रहेगी। कार्य में विलंब होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। व्यस्तता रहेगी।

🏹धनु
धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। शत्रु परास्त होंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें, विशेषकर स्त्रियां रसोई में ध्यान रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

🐊मकर
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश के सुखद परिणाम आएंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। किसी बड़ी बाधा के दूर होने से प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद से क्लेश संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

🍯कुंभ
जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। सुख के साधन जुटेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। स्त्री पक्ष से लाभ होगा। अज्ञात भय रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आय में निश्चितता होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा।

🐟मीन
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी अपरिचित पर अतिविश्वास न करें। आय में वृद्धि होगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। कोई बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य बेहद अनुकूल है, लाभ लें। चोट व रोग से बचें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*_🛕जय श्री राम🙏_*

*💐💐अभिमान अक्ल को खा जाता है💐💐*

एक बार तन्विक को घर के मुखिया होने का अभिमान हो गया कि उसके बिना उसके परिवार का काम नहीं चल सकता।

उसकी छोटी सी दुकान थी। उससे जो आय होती थी, उसी से उसके परिवार का गुजारा चलता था।

चूंकि कमाने वाला वह अकेला ही था इसलिए उसे लगता था कि उसके बगैर कुछ नहीं हो सकता।वह लोगों के सामने डींग हांका करता था।

एक दिन वह एक संत के सत्संग में पहुंचा। संत कह रहे थे, “दुनिया में किसी के बिना किसी का काम नहीं रुकता।यह अभिमान व्यर्थ है कि मेरे बिना परिवार या समाज ठहर जाएगा।सभी को अपने भाग्य के अनुसार प्राप्त होता है।

सत्संग समाप्त होने के बाद मुखिया ने संत से कहा, “मैं दिन भर कमाकर जो पैसे लाता हूं उसी से मेरे घर का खर्च चलता है। मेरे बिना तो मेरे परिवार के लोग भूखे मर जाएंगे।”

संत बोले, “यह तुम्हारा भ्रम है।हर कोई अपने भाग्य का खाता है।”

इस पर मुखिया ने कहा,
आप इसे प्रमाणित करके दिखाइए।”

संत ने कहा, “ठीक है। तुम बिना किसी को बताए घर से एक महीने के लिए गायब हो जाओ।

उसने ऐसा ही किया। संत ने यह बात फैला दी कि उसे बाघ ने अपना भोजन बना लिया है। मुखिया के परिवार वाले कई दिनों तक शोक संतप्त रहे।

गांव वाले आखिरकार उनकी मदद के लिए सामने आए। एक सेठ ने उसके बड़े लड़के को अपने यहां नौकरी दे दी। गांव वालों ने मिलकर लड़की की शादी कर दी।

एक व्यक्ति छोटे बेटे की पढ़ाई का खर्च देने को तैयार हो गया।एक महीने बाद मुखिया छिपता-छिपाता रात के वक्त अपने घर आया।

घर वालों ने भूत समझ कर दरवाजा नहीं खोला। जब वह बहुत गिड़गिड़ाया और उसने सारी बातें बताईं तो उसकी पत्नी ने दरवाजे के भीतर से ही उत्तर दिया,‘हमें तुम्हारी जरूरत नहीं है। अब हम पहले से ज्यादा सुखी हैं।’ उस व्यक्ति का सारा अभिमान चूर-चूर हो गया। संसार किसी के लिए भी नही रुकता!!।

यहाँ सभी के बिना काम चल सकता है संसार सदा से चला आ रहा है और चलता रहेगा। जगत को चलाने की हाम भरने वाले बडे बडे सम्राट, मिट्टी हो गए, जगत उनके बिना भी चला है।।

इसलिए अपने बल का, अपने धन का, अपने कार्यों का, अपने ज्ञान का गर्व व्यर्थ है।सेवा सर्वोपरी है।

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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