धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- कर्म फल भोगना ही पड़ेगा*


📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द………………………5125
विक्रम संवत्……………………..2080
शक संवत्………………………..1945
मास………………………………..माघ
पक्ष………………………………..शुक्ल
तिथी……………………………प्रतिपदा
रात्रि 12.48 पर्यंत पश्चात द्वितीया
रवि…………………………….उत्तरायण
सूर्योदय (इंदौर)…….प्रातः 07.02.53 पर
सूर्यास्त……………संध्या 06.20.01 पर
सूर्य राशि…………………………..मकर
चन्द्र राशि………………………….मकर
गुरु राशी…………………………….मेष
नक्षत्र……………………………..धनिष्ठा
रात्रि 08.26 पर्यंत पश्चात शतभिषा
योग………………………………..वरिघ
दोप 02.47 पर्यंत पश्चात परिघ
करण…………………………….किस्तुघं
दोप 02.38 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु………………………..(तप:) शिशिर
दिन………………………………शनिवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
10 फरवरी सन 2024 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक………………………2
🔯 शुभ रंग…………………….नीला

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.18 से 01.03 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 09.53 से 11.17 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त -*
*मकर*
05:29:11 06:56:25
*कुम्भ*
06:56:25 08:50:00
*मीन*
08:50:00 10:21:03
*मेष*
10:21:03 12:01:47
*वृषभ*
12:01:47 14:00:26
*मिथुन*
14:00:26 16:14:08
*कर्क*
16:14:08 18:30:18
*सिंह*
18:30:18 20:42:07
*कन्या*
20:42:07 22:52:46
*तुला*
22:52:46 25:07:24
*वृश्चिक*
25:07:24 27:23:34
*धनु*
27:23:34 29:29:11

🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा – यदि आवश्यक हो तो अदरक या उड़द का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.28 से 09.52 तक शुभ
दोप. 12.40 से 02.03 तक चर
दोप. 02.03 से 03.27 तक लाभ
दोप. 03.27 से 04.51 तक अमृत
संध्या 06.15 से 07.27 तक लाभ
रात्रि 09.27 से 11.03 तक शुभ ।

💮 *आज का मंत्र :-*
।। ॐ माधवाय नम: ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि -*
*श्रीमद्भगवतगीता (चतुर्थोऽध्यायः – ज्ञानकर्मसंन्यासयोगः) -*
तद्विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया।
उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्तत्त्वदर्शिनः॥४-३४॥
अर्थात :
उस ज्ञान को तुम तत्त्वदर्शी ज्ञानियों के पास जाकर जानो । उनको दण्डवत्‌ प्रणाम करने से, सेवा करने से और सरलतापूर्वक प्रश्न करने से वे तुम्हें उस का उपदेश करेंगे॥34॥

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
मधुमेह के घरेलू नुस्खे :-

1. डायबिटीज में चीनी वाले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए |
2. इस रोग में धीरे-धीरे पैदल चलना तथा सुबह-२ सैर अवश्य करनी चाहिए ।
3. जामुन के ४ हरे और नरम पत्ते खूब बारीक़ कर ६० ग्राम पानी में रगड़ कर छान लें और सुबह १० दिन तक लगातार पिए ।
4. डायबिटीज के शुरुवात में जामुन के ४ पत्ते प्रातः और शाम को चबाकर खाने से तीसरे दिन से ही लाभ होने लगेगा |
5. डायबिटीज में करेले के रस का सेवन करना भी एक घरेलू नुस्खा है |

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश के सुखद परिणाम आएंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। किसी बड़ी बाधा के दूर होने से प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद से क्लेश संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों से अपेक्षा पूर्ण नहीं होने से खिन्नता रहेगी। कार्य में विलंब होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। व्यस्तता रहेगी।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
पुराने शत्रु परेशान कर सकते हैं। थकान व कमजोरी रह सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ रहेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। आय होगी। प्रमाद न करें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नए व्यापारिक अनुबंध होंगे। धनार्जन होगा। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शत्रु परास्त होंगे। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। परिवार के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबार अच्छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्नता रहेंगे। भाइयों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। कुसंगति से हानि होगी।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें, विशेषकर स्त्रियां रसोई में ध्यान रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। आय में निश्चितता होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
शत्रु परास्त होंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। सुख के साधन जुटेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। स्त्री पक्ष से लाभ होगा। अज्ञात भय रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी अपरिचित पर अतिविश्वास न करें। आय में वृद्धि होगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। कोई बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य बेहद अनुकूल है, लाभ लें। चोट व रोग से बचें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। किसी गलती का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जल्दबाजी व लापरवाही न करें। अज्ञात भय सताएगा। पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
आय में निश्चितता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। लेन-देन में विशेष सावधानी रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। दु:खद समाचार मिल सकता है। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। व्यर्थ भागदौड़ होगी। कार्य में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। किसी बड़े काम को करने में रुझान रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। चोट व रोग से बचें। सुख के साधन जुटेंगे। घर में तनाव रह सकता है।

🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। विवेक से कार्य करें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। प्रमाद न करें।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो |*

🐚 *।। शुभम भवतु ।।*🐚

*🌳कर्म फल भोगना ही पड़ेगा🌳*
एक बार लक्ष्मी और नारायण धरा (पृथ्वी) पर घूमने आए, कुछ समय घूम कर वो विश्राम के लिए एक बगीचे में जाकर बैठ गए। नारायण आंख बंद कर लेट गए, लक्ष्मी जी बैठ कर नज़ारे देखने लगीं।

थोड़ी देर बाद उन्होंने देखा एक व्यक्ति शराब के नशे में धुत गाना गाते जा रहा था, उस व्यक्ति को अचानक ठोकर लगी, तो उस पत्थर को लात मारने और अपशब्द कहने लगा।

लक्ष्मी जी को बड़ा बुरा लगा, अचानक उस व्यक्ति की ठोकरों से पत्थर हट गया और वहां से एक पोटली निकली उस शराबी व्यक्ति ने उठा कर देखा तो उसमें हीरे जवाहरात भरे थे, वो खुशी से नाचने लगा और पोटली उठा कर चलता बना।

लक्ष्मी जी हैरान हुई, उन्होंने पाया ये व्यक्ति बहुत झूठा, चोर और शराबी है।सारे ग़लत काम करता है, इसे भला ईश्वर ने कृपा के काबिल क्यों समझा, उन्होंने नारायण की और देखा, मगर वो आंखें बंद किये मगन थे।

तभी लक्ष्मी जी ने एक और व्यक्ति को आते देखा, बहुत ग़रीब लगता था, मगर उसके चेहरे पे तेज़ और ख़ुशी थी, कपडे पुराने थे किन्तु साफ थे, तभी उस व्यक्ति के पांव में एक बहुत बड़ा शूल यानि कांटा घुस गया, ख़ून के फव्वारे बह निकले, उसने हिम्मत कर उस कांटे को निकाला, पांव में गमछा बाँधा, प्रभु को हाथ जोड़ धन्यवाद देते हुए लंगड़ाता हुआ चल दिया।

इतने अच्छे व्यक्ति की ये दशा। उन्होंने पाया नारायण अब भी आँख बंद किये पड़े हैं मज़े से।

उन्हें अपने भक्त के साथ ये भेद भाव पसंद नही आया, उन्होंने नारायण जी को हिलाकर उठाया, नारायण आँखें खोल मुस्काये। लक्ष्मी जी ने उस घटना का राज़ पूछा। तो नारायण ने जवाब में कहा।

लोग मेरी कार्यशैली नहीं समझे।
मैं किसी को दुःख या सुख नहीं देता वो तो इंसान अपनी करनी से पाता है।

यूं समझ लो मैं एक accountant हूं।
सिर्फ ये हिसाब रखता हूं। किसको किस कर्म के लिए कब या किस जन्म में अपने पाप या पुण्य अनुसार क्या फल मिलेगा।

जिस अधर्मी को सोने की पोटली मिली, दरअसल आज उसे उस वक़्त पूर्व जन्म के सुकर्मों के लिए, पूरा राज्य भाग मिलना था मगर उसने इससे जन्म में इतने विकर्म किये कि पूरे राज्य का मिलने वाला खज़ाना घट कर एक पोटली सोना रह गया और उस भले व्यक्ति ने पूर्व जन्म में इतने पाप करके शरीर छोड़ा था कि आज उसे शूली यानि फांसी पर चढ़ाया जाना था मगर इस जन्म के पुण्य कर्मो की वजह से शूली एक शूल में बदल गई।

*अर्थात:-* ज्ञानी को कांटा चुभे तो उसे कष्ट होता है, दर्द तो होता है, मगर वो दुखी नहीं होता। दूसरों की तरह वो भगवान को नहीं कोसता, बल्कि हर तकलीफ को प्रभु इच्छा मान इसमें भी कोई भला होगा मानकर हर कष्ट सह कर भी प्रभु का धन्यवाद करता है।

तो आगे से आप भी किसी तकलीफ में हो तो विचारिये? सिर्फ़ कष्ट में हैं या दुःखी हैं।

सच्चे दिल से प्रभु पर विश्वास से आपकी आधी सज़ा माफ़ हो जाती है और बाक़ी तकलीफ सहने के लिए परमात्मा आपको उसे ख़ुशी ख़ुशी झेलने की हिम्मत और मार्गदर्शन देते हैं।

●▬▬๑۩ ✍ ۩๑▬▬●

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *