उत्तराखंड

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- देहदानी राजा शिवि*


📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द……………………..5125
विक्रम संवत्…………………….2080
शक संवत्……………………….1945
मास……………………………….माघ
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी…………………………..द्वितीया
रात्रि 09.11 पर्यंत पश्चात तृतीया
रवि…………………………..उत्तरायण
सूर्योदय (इंदौर)…..प्रातः 07.01.15 पर
सूर्यास्त………….संध्या 06.20.24 पर
सूर्य राशि…………………………मकर
चन्द्र राशि………………………..कुम्भ
गुरु राशि…………………………..मेष
नक्षत्र…………………………शतभिषा
संध्या 05.33 पर्यंत पश्चात पूर्वाभाद्रपद
योग……………………………..परिघ
प्रातः 10.33 पर्यंत पश्चात सिद्ध
करण…………………………..बालव
प्रातः 10.58 पर्यंत पश्चात कौलव
ऋतु……………………(तप:) शिशिर
दिन…………………………..रविवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
11 जनवरी सन 2024 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक………………………2
🔯 शुभ रंग…………………….नीला

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.18 से 01.03 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
संध्या 04.52 से 06.16 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मकर*
05:25:15 06:55:17
*कुम्भ*
06:55:17 08:46:05
*मीन*
08:46:05 10:17:06
*मेष*
10:17:06 11:57:51
*वृषभ*
11:57:51 13:56:29
*मिथुन*
13:56:29 16:10:12
*कर्क*
16:10:12 18:26:22
*सिंह*
18:26:22 20:38:10
*कन्या*
20:38:10 22:48:50
*तुला*
22:48:50 25:03:28
*वृश्चिक*
25:03:28 27:19:38
*धनु*
27:19:38 29:25:15

🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.28 से 09.52 तक चंचल
प्रात: 09.52 से 11.16 तक लाभ
प्रात: 11.16 से 12.40 तक अमृत
दोप. 02.04 से 03.28 तक शुभ
सायं 06.15 से 07.51 तक शुभ
संध्या 07.51 से 09.7 तक अमृत
रात्रि 09.27 से 11.03 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ हिरण्यगर्भाय नम: ॥

 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (तृतीयोऽध्यायः – कर्मयोगः) -*
यज्ज्ञात्वा न पुनर्मोहमेवं यास्यसि पाण्डव।
येन भूतान्यशेषेण द्रक्ष्यस्यात्मन्यथो मयि॥४-३५॥
अर्थात :
हे अर्जुन! जिसको जानकर फिर तुम इस प्रकार मोह को नहीं प्राप्त होगे । जिस ज्ञान द्वारा तुम सम्पूर्ण भूतों को पहले अपने में और फिर मुझ (परमात्मा) में देखोगे॥35॥

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*नस पर नस चढ़ना (माँस-पेशियों की ऐंठन) के घरेलु उपचार :-*

1. सोते समय पैरों के नीचे मोटा तकिया रखकर सोएं।

2. आराम करें। पैरों को ऊंचाई पर रखें।

3. प्रभाव वाले स्थान पर बर्फ की ठंडी सिकाई करे। सिकाई 15 मिनट, दिन में 3-4 बार करे।

4. अगर गर्म-ठंडी सिकाई 3 से 5 मिनट की (दोनों तरह की बदल-2 कर) करें तो इस समस्या और दर्द – दोनों से राहत मिलेगी।

5. आहिस्ते से ऎंठन वाली पेशियों, तंतुओं पर खिंचाव दें, आहिस्ता से मालिश करें।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
शेयर मार्केट, म्युचुअल फंड से मनोनुकूल लाभ होगा। बेरोजगारी के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। कोई बड़ी समस्या का हल सहज ही होगा। समय अनुकूल है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
विवाद को बढ़ावा न दें। फालतू खर्च होगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। परिवार के किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर खर्च होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में नि‍श्चितता रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जल्दबाजी न करें।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
यात्रा लाभदायक रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। आय में वृद्धि होगी। लाभ में वृद्धि होगी। कारोबार में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। व्यापार ठीक चलेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। पारिवारिक चिंता रहेगी। जो‍खिम न लें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
किसी बड़े काम को करने की तीव्र इच्छा जागृत होगी। आर्थिक उन्नति की योजना बनेगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। नए उपक्रम प्रारंभ हो सकते हैं। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। जल्दबाजी से काम बिगड़ सकते हैं। थकान व कमजोरी रहेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। दुष्टजनों से सावधान रहें। प्रमाद न करें।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बनते कामों में विघ्न आ सकते हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। बेकार बातों की तरफ ध्यान न दें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय होगी। फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। चोट व दुर्घटना के प्रति सावधानी आवश्यक है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। शत्रु पस्त होंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। सभी तरफ से सफलता प्राप्त होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। ऐश्वर्य के साधनों पर अधिक व्यय होगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
किसी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। समय की अनुकूलता का लाभ लें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। जोखिम न उठाएं। प्रसन्नता रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
कानूनी अड़चन सामने आएगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेचैनी रहेगी। व्यर्थ दौड़धूप रहेगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। रोजगार मिलेगा। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
कोई बड़ी बाधा उठ खड़ी हो सकती है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें, गुम हो सकती है। विवाद के बढ़ावा न दें। बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें। किसी व्यक्ति विशेष से कहासुनी हो सकती है। मेहनत अधिक होगी। लाभ के अवसर टलेंगे। मानसिक बेचैनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। ऐश्वर्य के साधनों पर खर्च होगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। भाग्य का साथ रहेगा। प्रमाद न करें।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। बुद्धि का प्रयोग करेंग। कार्य में सफलता मिलेगी। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। लाभ में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। समय सुखपूर्वक व्यतीत होगा।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

*_🛕जय श्री राम🙏_*

*🌳 देहदानी राजा शिवि 🌳*

शिवि की धर्मपरायणता, उदारता, दयालुता एवं परोपकार की ख्याति स्वर्गलोक में भी पहुंच गई थी। इन्द्र और अग्निदेव शिवि की प्रशंसा सुनने के बाद उनकी परीक्षा की योजना बनायी राजा शिवि के गुणों को परखने के लिए अग्निदेव कबूतर बने और इन्द्र बाज।

एक दिन राजा अपने दरबार में बैठे थे तभी एक कबूतर उड़ता हुआ उनकी गोद में आ गिरा और अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना करने लगा कबूतर ने कहा… महाराज आपकी उदारता और शरणागत पर दया की चर्चा पशु-पक्षियों तक में होती है मैं भी आपके राज्य में निवास करने के कारण आपकी प्रजा और अभी आपका शरणागत हूं। मेरी रक्षा करें।

शिवि ने कबूतर को निश्चिंत रहने का वचन दिया और कहा कि वह उसकी रक्षा हर हाल में करेंगे। राजा ने जैसे ही वचन दिया तभी वहाँ एक बाज आ पहुंचा और शिवि से कबूतर को वापस करने की मांग करने लगा। बाज ने कहा… महाराज यह कबूतर मेरा आहार है मैं अपने आहार का पीछा कर रहा था मैंने इस पर प्रहार भी किए है, आप मुझे मेरा आहार वापस करें। आपकी बड़ी कृपा होगी।

राजा शिवि ने कहा…
बाज यह तुम्हारा आहार रहा होगा किंतु अभी यह मेरा शरणागत है और मैंने इसको प्राण रक्षा का वचन दिया है। इसलिए मैं अपना वचन भंग नही कर सकता।

बाज ने कहा… महाराज मैं भी आपके राज्य का रहने वाला पक्षी हूं। विधाता ने मुझे शिकार करके अपना पेट भरने की व्यवस्था दी है अगर आप कबूतर वापस नहीं करेंगे तो आपको मुझे भूखा रखने का पाप लगेगा। जो राजा अपनी प्रजा को किसी कारण कष्ट देता है या उसके आहार का हरण करता है उस राजा पर से देवों की कृपा समाप्त हो जाती है उसकी प्रजा को इसका दंड भोगना पड़ता है आप यह पाप न करें।

शिवि ने कहा…
तुम्हारी बातें सत्य है किंतु मैं वचनबद्ध हूँ। शरणागत का अतीत मुझे ज्ञात नहीं था इसलिए मैंने इसकी रक्षा का भार लिया है इसके बदले मैं तुम्हें अन्य मास का प्रबंध करा सकता हूँ। बाज बोला…
आप न्यायप्रिय है मैं आहार प्राप्ति में स्वय समर्थ हूँ इसका प्रमाण आपकी गोद में बैठा कबूतर है ।

जो राजा अपनी प्रजा को आलसी और राजकीय पर आधारित बनाता है वह राजा न्यायप्रिय नहीं। राजकोष आपकी व्यक्तिगत संपत्ति नहीं प्रजा का अधिकार है बाज की तर्कपूर्ण बातों से शिवि निरूत्तर होने लगे उन्होंने कहा… बाज राजकोष मेरी संपत्ति नहीं किंतु प्रजा कल्याण में प्रयोग का अधिकार है कबूतर मेरी प्रजा है उसके कल्याण के लिए प्रयोग का अधिकार है बाज और शिवि में तर्क-वित्तक चलता रहा शिवि बाज के तर्कों के आगे झुक गए और उन्होंने बाज से ही रास्ता बताने का अनुरोध किया।

#बाज ने कहा…
आप राजा है मैं प्रजा, प्रजा को संतोषजनक पारितोषिक दीजिए। शिवि ने कहा…
हर व्यक्ति को सबसे प्रिय उसके अपने शरीर का मांस होता है मैं कबूतर के बदले अपने शरीर से मांस काटकर दे सकता हूँ , बाज इस पर सहमत हो गया।

एक बड़े से तराजू एक पलड़े पर कबूतर को रखा गया और दूसरे पर राजा शिवि ने अपनी जंघा से काटकर मांस का एक बड़ा टुकड़ा रखा लेकिन पलड़ा हिला भी नहीं, शिवि अपने शरीर से मांस काटकर रखते गए लेकिन पलड़ा नहीं हिला।

अंत में खून से लथपथ शिवि स्वयं उस तराजू पर बैठ गए। उनके बैठते ही पलड़ा झुक गया आकाश से फुलों की वर्षा होने लगी इंद्र और अग्नि अपने वास्तिवक रूप में आ गए। इंद्र ने शिवि का शरीर पहले जैसा कर दिया।

#इंद्र ने कहा…
राजा शिवि आपकी दानशीलता अद्भुत है एक शरणागत पक्षी को दिए अभयदान के बदले में आपने अपना शरीर समर्पित कर दिया आपकी कीर्ति संसार में तब तक बनी रहेगी जब तक यह पृथ्वी और आकाश अपने स्थान पर है..

अग्नि ने वर दिया…
मेरी प्रचण्डता न आपको विचलित करेगी और न आपका अहित करेगी।

देवता शिवि को वरदान देकर स्वर्गलोक चले गए। अपने वचन पर अडिग रहने और दूसरों के प्रति दया प्रदर्शित करने की भावना से इंसान देवताओं को भी वश में कर सकता है..!!

*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*
🙏🙏🙏🌳🌳🌳🙏🙏🙏

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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