उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- कर्मो का फल*


📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5125
विक्रम संवत्……………………2080
शक संवत्………………………1945
रवि…………………………..उत्तरायण
मास……………………………….माघ
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी……………………………तृतीया
संध्या 05.48 पर्यंत पश्चात चतुर्थी
सूर्योदय………….प्रातः 07.01.52 पर
सूर्यास्त………….संध्या 06.21.14 पर
सूर्य राशि…………………………मकर
चन्द्र राशि…………………………कुम्भ
गुरु राशि…………………………..मेष
नक्षत्र……………………..पूर्वाभाद्रपद
दोप 02.51 पर्यंत पश्चात उत्तराभाद्रपद
योग………………………………सिद्ध
रात्रि 02.32 पर्यंत पश्चात साध्य
करण……………………………तैतिल
प्रातः 07.24 पर्यंत पश्चात गरज
ऋतु……………………..(तप:) शिशिर
दिन……………………………सोमवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
12 फरवरी सन 2024 ईस्वी ।

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.18 से 01.03 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 08.28 से 09.52 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मकर*
05:21:18 06:55:34
*कुम्भ*
06:55:34 08:42:10
*मीन*
08:42:10 10:13:10
*मेष*
10:13:10 11:53:54
*वृषभ*
11:53:54 13:52:33
*मिथुन*
13:52:33 16:06:15
*कर्क*
16:06:15 18:22:25
*सिंह*
18:22:25 20:34:14
*कन्या*
20:34:14 22:44:53
*तुला*
22:44:53 24:59:31
*वृश्चिक*
24:59:31 27:15:41
*धनु*
27:15:41 29:21:18

🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक………………..3
🔯 शुभ रंग………………सफ़ेद

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.03 से 08.27 तक अमृत
प्रात: 09.52 से 11.16 तक शुभ
दोप. 02.04 से 03.28 तक चंचल
अप. 03.28 से 04.52 तक लाभ
सायं 04.52 से 06.16 तक अमृत
सायं 06.16 से 07.52 तक चंचल
रात्रि 11.04 से 12.39 तक लाभ |

📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ माहेश्वराय नमः ॥

📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (चतुर्थोऽध्यायः – ज्ञानकर्मसंन्यासयोगः) -*
अपि चेदसि पापेभ्यः सर्वेभ्यः पापकृत्तमः।
सर्वं ज्ञानप्लवेनैव वृजिनं सन्तरिष्यसि॥४-३६॥
अर्थात :
यदि तुम अन्य सभी पापियों से भी अधिक पाप करने वाले हो, तो भी इस ज्ञान रूपी नाव द्वारा निःसंदेह पाप-समुद्र को पार कर लोगे॥36॥

🍃 *आरोग्यं :-*
*नस पर नस चढ़ना (माँस-पेशियों की ऐंठन) के घरेलु उपचार :-*

6. वेरीकोज वेन के लिए पैरों को ऊंचाई पर रखे, पैरों में इलास्टिक पट्टी बांधे जिससे पैरों में खून जमा न हो पाए।

7. यदि आप मधुमेह या उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं, तो परहेज, उपचार से नियंत्रण करें।

8. शराब, तंबाकू, सिगरेट, नशीले तत्वों का सेवन नहीं करें।

9. सही नाप के आरामदायक, मुलायम जूते पहनें।

10. अपना वजन घटाएं। रोज सैर पर जाएं या जॉगिंग करें। इससे टांगों की नसें मजबूत होती हैं।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य हो जाने से प्रसन्नता रहेगी। निवेश लाभदायक रहेगा। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद से बचें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। व्यापार ठीक चलेगा। आय होगी। विवेक का प्रयोग करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। किसी व्यक्ति के उकसावे में न आएं। विवाद से बचें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लंबी यात्रा हो सकती है। लाभ होगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। प्रशंसा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रमाद न करें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य कर पाएंगे। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जोखिम न लें। भाइयों का सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
तीर्थदर्शन हो सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण व लाभदायक रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। शेयर मार्केट में जोखिम न लें। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। ध्यान रखें।

💁‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग से हानि की आशंका है, सावधानी रखें। दूसरों के झगड़ों में हस्तक्षेप न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्षोभ होगा। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। व्यापार ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
शत्रुओं का पराभव होगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। कोई बड़ा कार्य करने की योजना बन सकती है। कार्यसिद्धि होगी। सुख के साधनों पर व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स के लिए सुनहरा मौका साबित हो सकता है। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार में वृद्धि के योग हैं। स्वास्थ्‍य कमजोर रहेगा। आय में वृद्धि होगी। व्यस्तता रहेगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
मेहनत का फल पूरा नहीं मिलेगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन मिल सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। पारिवारिक मांगलिक कार्य हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
लेन-देन में सावधानी रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। शोक संदेश मिल सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी के उकसाने में न आएं। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
मेहनत सफल रहेगी। बिगड़े काम बनेंगे। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने के अवसर मिलेंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धनार्जन होगा।

🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
पुराने संगी-साथी व रिश्तेदारों से मुलाकात होगी। नए मित्र बनेंगे। अच्‍छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। कार्यों में गति आएगी। विवेक का प्रयोग करें। लाभ में वृद्धि होगी। मित्रों के सहयोग से किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

*💐💐कर्मो का फल💐💐*

एक बादशाह के महल की चहारदीवारी के अन्दर एक वजीर और एक कारिंदा रहता था। वजीर और कारिंदे के पुत्र में गहरी दोस्ती थी। हम उम्र होने के कारण दोनों एक साथ पढ़ते, खेलते थे। वजीर के कहने पर कारिंदे का लड़का उसके सब काम कर देता था। वह वजीर को चाचा कहकर पुकारता था। बादशाह कारिंदे के पुत्र को बहुत प्रेम करता था। बादशाह के कोई संतान नहीं थी। इसलिए वे कारिंदे के पुत्र को अपने पुत्र के समान ही समझते थे। बादशाह ने उसे महल और दरबार में आने-जाने की पूरी छूट दे रखी थी। कारिंदे के पुत्र के प्रति बादशाह का प्रेम देखकर वजीर को बहुत ईर्ष्या होती थी। वजीर चाहता था कि बादशाह केवल उसके पुत्र को ही प्रेम करें। यदि बादशाह ने उसके पुत्र को गोद ले लिया तो बादशाह की मृत्यु के बाद उसका पुत्र ही राजगद्दी पर बैठेगा। वजीर की इच्छा के विपरीत बादशाह का प्रेम कारिंदे के पुत्र के प्रति बढ़ता ही गया। बादशाह वजीर के पुत्र को जरा भी पसंद नहीं करते थे। इसलिए वजीर कारिंदे और उसके पुत्र से मन-ही-मन ईर्ष्या करने लगा।

वजीर ने कारिंदे के पुत्र को मारने का निश्चय किया। वजीर ने कारिंदे के पुत्र को रुमाल और पैसे देकर गोश्त लाने के लिए कहा। वजीर ने कारिंदे के पुत्र को अच्छी तरह समझाया कि गोश्त बाजार में गली के नुक्कड़ वाली दुकान से ही लाना। कारिंदे का बेटा रुमाल और पैसे लेकर बाजार की ओर चल दिया। उसने देखा कि उसका मित्र वजीर का बेटा भी वहाँ पर खेल रहा है। वजीर के लड़के ने कारिंदे के पुत्र से कहा कि तुम मेरा दांव खेलो, मैं जाकर गोश्त ले आऊँगा। कारिंदे के पुत्र ने उसे पैसे और रुमाल देकर दुकान का पता बता दिया। इस प्रकार वजीर का पुत्र गोश्त लेने चला गया और कारिंदे का पुत्र दांव खेलने लगा। वजीर के पुत्र ने दुकानदार को पैसे और रुमाल देकर कहा कि इसमें गोश्त बाँध दो। कसाई ने रुमाल में बने हुए निशान को पहचान लिया। इस रुमाल को वजीर ने कसाई को दिखाते हुए कहा था कि जो लड़का इस रुमाल को लेकर गोश्त लेने आए तुम उसे मौत के घाट उतार देना। कारिंदे के पुत्र को मारने के लिए वजीर ने कसाई को पैसे भी दिए थे। कसाई ने अन्दर भट्ठी जलाकर सारी तैयारी पहले ही कर ली थी।

कसाई ने रुमाल और पैसे लेकर उस लड़के को वहाँ बैठने के लिए कहा और स्वयं अन्दर गोश्त लेने चला गया। तभी वहाँ पर लड़का भी चला गया। कसाई ने तुरंत उस लड़के को उठाकर जलती हुई भट्ठी में झोंक दिया। कारिंदे का पुत्र अपना दांव खेलकर अपने घर जा रहा था कि उसे रास्ते में वजीर मिल गया। कारिंदे के पुत्र ने पूछा- ‘चाचा, भैया गोश्त ले आया?’ इतना सुनकर वजीर के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। तभी कारिंदे के पुत्र ने कहा- ‘चाचा भैया ने मुझसे रुमाल और पैसे ले लिए थे और कहा कि तुम मेरा दांव खेल लो, मैं गोश्त लेकर घर चला जाऊँगा। मैंने भैया को दुकान का पता भी बता दिया था।’ वजीर की आँखों के आगे अँधेरा छा गया और उसके मुख से एक शब्द भी नहीं निकला। अपने पुत्र को याद करता हुआ वजीर अपने घर चला गया। वजीर कह रहा था कि जो दूसरों के लिए कुआँ खोदता है उसमें स्वयं गिरता है।

*शिक्षा:-*
इस प्रसंग से हमें यही शिक्षा मिलती है कि हमें कभी किसी का बुरा नहीं करना चाहिए।

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