*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -मिट्टी का प्रभाव*
*आज का पञ्चांग*
*दिनाँक:-26/02/2024, सोमवार*
*द्वितीया, कृष्ण पक्ष,*
*फाल्गुन*
(समाप्ति काल)
तिथि———- द्वितीया 23:15:26 तक
पक्ष————————– कृष्ण
नक्षत्र———- उoफाo28:29:42
योग————– धृति 15:25:31
करण———– तैतुल 09:55:14
करण————– गर 23:15:26
वार———————- सोमवार
माह———————- फाल्गुन
चन्द्र राशि——– सिंह 08:09:45
चन्द्र राशि—————— कन्या
सूर्य राशि——————- कुम्भ
रितु————————- वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————— शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)—————– पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत——————-1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 06:48:30
सूर्यास्त—————- 18:16:10
दिन काल————- 11:27:40
रात्री काल————- 12:31:22
चंद्रास्त—————- 07:47:14
चंद्रोदय—————- 19:54:50
लग्न—- कुम्भ 12°44′ , 312°44′
सूर्य नक्षत्र————— शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र——— उत्तरा फाल्गुनी
नक्षत्र पाया——————- रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
टे—-उत्तरा फाल्गुनी 08:09:45
टो—- उत्तरा फाल्गुनी 14:56:27
पा—- उत्तरा फाल्गुनी 21:43:08
पी—- उत्तरा फाल्गुनी 28:29:42
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कुम्भ 12:10, शतभिषा 2 सा
चन्द्र=सिंह 29:30 , उ o फाo 1 टे
बुध =कुम्भ 10:53′ शतभिषा 2 सा
शु क्र= मकर 17°05, श्रवण ‘ 2 खू
मंगल=मकर 15°30 ‘ श्रवण’ 2 खू
गुरु=मेष 16°30 भरणी , 1 ली
शनि=कुम्भ 15°20 ‘ शतभिषा ,3 सी
राहू=(व) मीन 23°45 रेवती , 3 च
केतु=(व) कन्या 23°45 चित्रा , 1 पे
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 08:14 – 09:40 अशुभ
यम घंटा 11:06 – 12:32 अशुभ
गुली काल 13:58 – 15: 24अशुभ
अभिजित 12:09 – 12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 12:55 – 13:41 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:13 – 15:59 अशुभ
वर्ज्यम 09:31 – 11:20 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 06:49 – 08:14 शुभ
काल 08:14 – 09:40 अशुभ
शुभ 09:40 – 11:06 शुभ
रोग 11:06 – 12:32 अशुभ
उद्वेग 12:32 – 13:58 अशुभ
चर 13:58 – 15:24 शुभ
लाभ 15:24 – 16:50 शुभ
अमृत 16:50 – 18:16 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 18:16 – 19:50 शुभ
रोग 19:50 – 21:24 अशुभ
काल 21:24 – 22:58 अशुभ
लाभ 22:58 – 24:32* शुभ
उद्वेग 24:32* – 26:06* अशुभ
शुभ 26:06* – 27:40* शुभ
अमृत 27:40* – 29:14* शुभ
चर 29:14* – 30:48* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 06:49 – 07:46
शनि 07:46 – 08:43
बृहस्पति 08:43 – 09:40
मंगल 09:40 – 10:38
सूर्य 10:38 – 11:35
शुक्र 11:35 – 12:32
बुध 12:32 – 13:30
चन्द्र 13:30 – 14:27
शनि 14:27 – 15:24
बृहस्पति 15:24 – 16:22
मंगल 16:22 – 17:19
सूर्य 17:19 – 18:16
🚩होरा, रात
शुक्र 18:16 – 19:19
बुध 19:19 – 20:21
चन्द्र 20:21 – 21:24
शनि 21:24 – 22:27
बृहस्पति 22:27 – 23:29
मंगल 23:29 – 24:32
सूर्य 24:32* – 25:34
शुक्र 25:34* – 26:37
बुध 26:37* – 27:40
चन्द्र 27:40* – 28:42
शनि 28:42* – 29:45
बृहस्पति 29:45* – 30:48
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मकर > 03:20 से 05:26 तक
कुम्भ > 05:26 से 06:48 तक
मीन > 06:48 से 08:08 तक
मेष > 08:08 से 10:00 तक
वृषभ > 10:00 से 11:54 तक
मिथुन > 11:54 से 14:06 तक
कर्क > 14:06 से 16:30 तक
सिंह > 16:30 से 18:38 तक
कन्या > 18:38 से 20:54 तक
तुला > 20:54 से 22:50 तक
वृश्चिक > 22:50 से 01:06 तक
धनु > 01:06 से 03:10 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 2 + 2 + 1 = 20 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
17 + 17 + 5 = 39 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = संताप कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*वीर सावरकर पुण्य तिथि*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
अर्थाधीताश्चयै र्वेदास्तथा शूद्रान्न भोजिनः ।
ते द्विजाः किं करिष्यन्ति निर्विषा इव पन्नगाः ।।
।। चा o नी o।।
जिन्होंने वेदों का अध्ययन पैसा कमाने के लिए किया और जो नीच काम करने वाले लोगो का दिया हुआ अन्न खाते है उनके पास कौनसी शक्ति हो सकती है. वो ऐसे भुजंगो के समान है जो दंश नहीं कर सकते.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: ज्ञानकर्मसन्यास योग अo-04
इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम् ।,
विवस्वान्मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत् ॥,
श्री भगवान बोले- मैंने इस अविनाशी योग को सूर्य से कहा था, सूर्य ने अपने पुत्र वैवस्वत मनु से कहा और मनु ने अपने पुत्र राजा इक्ष्वाकु से कहा॥,1॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
मानसिक शांति के लिए किए गए प्रयास सफल रहेंगे। कोर्ट-कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। प्रसन्नता रहेगी। किसी धार्मिक यात्रा की योजना बनेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा।
🐂वृष
वाहन व मशीनरी इत्यादि के प्रयोग में लापरवाही न करें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार ठीक चलेगा।
👫मिथुन
कार्यक्षेत्र के लिए नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। बिगड़े काम बन सकते हैं। समाजसेवा करने का मन बनेगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यस्तता रहेगी। आराम का समय नहीं मिलेगा। थकान रहेगी।
🦀कर्क
व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।
🐅सिंह
समाजसेवा करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। खोई हुई वस्तु मिलने के योग हैं। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।
🙍♀️कन्या
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। कारोबार अच्छा चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। किसी आनंदोत्सव में भाग ले सकते हैं। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी।
⚖️तुला
किसी तरह से बड़ा लाभ होने की संभावना है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। किसी तरह के विवाद में विजय प्राप्त होगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में नया कार्य मिल सकता है।
🦂वृश्चिक
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। थकान व कमजोरी रह सकती है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। दूसरों से अधिक अपेक्षा न करें। बेवजह चिड़चिड़ापन रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कार्य में मन नहीं लगेगा।
🏹धनु
भावना में बहकर महत्वपूर्ण निर्णय न लें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। लाभ होगा। स्वास्थ्य के संबंध में लापरवाही न करें। स्वास्थ्य पर व्यय होगा। दु:खद समाचार मिल सकता है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। कुसंगति से हानि होगी।
🐊मकर
मनपसंद व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग अपने कार्य उत्साह व लगन से कर पाएगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। धन प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। प्रमाद न करें।
🍯कुंभ
घर, दुकान, फैक्टरी व शोरूम इत्यादि के खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। कारोबार में बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। रुके काम बनेंगे। घर-बाहर उत्साह व प्रसन्नता से काम कर पाएंगे।
🐟मीन
प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में मातहत साथ देंगे।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
2️⃣6️⃣❗0️⃣2️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣4️⃣
*मिट्टी का प्रभाव*
जिस भूमि मेँ जैसे कर्म किए जाते हैँ, वैसे ही संस्कार वह भूमि भी प्राप्त कर लेती है। इसलिए गृहस्थ को अपना घर सदैव पवित्र रखना चाहिए। मार्कण्डेय पुराण मेँ एक कथा आती है- राम लक्ष्मण सीता जब वन में प्रवास कर रहे थे। मार्ग में एक स्थान पर लक्ष्मण का मन कुभाव से भर गया, मति भ्रष्ट हो गयी। वे सोचने लगे – कैकेयी ने तो वनवास राम को दिया है मुझे नहीं। मैं राम की सेवा के लिए कष्ट क्यों उठाऊँ?..….राम जी ने लक्ष्मण से कहा – लक्ष्मण इस स्थल की मिट्टी अच्छी दिखती है, थोड़ी बाँध लो। लक्ष्मण ने एक पोटली बना ली। मार्ग में जब तक लक्ष्मण उस पोटली को लेकर चलते थे तब तक उनके मन में कुभाव ही बना रहता था। किन्तु..जैसे ही रात्रि में विश्राम के लिए उस पोटली को नीचे रखते उनका मन राम सीता के लिए ममता और भक्ति से भर जाता था।
2-3 दिन यही क्रम चलता रहा जब कुछ समझ नही आया तो लक्ष्मण ने इसका कारण राम जी से पूछा.. श्रीराम ने कारण बताते हुए कहा – भाई! तुम्हारे मन के इस परिवर्तन के लिए दोष तुम्हारा नहीँ बल्कि उस मिट्टी का प्रभाव है, जिस भूमि पर जैसे काम किए जाते हैं उसके अच्छे बुरे परमाणु उस भूमिभाग में और वातावरण में भी छूट जाते हैं। जिस स्थान की मिट्टी इस पोटली में है, वहाँ पर सुंद और उपसुंद नामक दो राक्षसो का निवास था। उन्होंने कड़ी तपस्या के द्वारा ब्रह्मा जी को प्रसन्न करके अमरता का वरदान माँगा। ब्रह्मा जी ने उनकी माँग तो पूरी की किन्तु कुछ नियन्त्रण के साथ। उन दोंनो भाइयो में बड़ा प्रेम था अतः उन्होंने कहा कि हमारी मृत्यु केवल आपसी विग्रह से ही हो सके। ब्रह्माजी ने वर दे दिया। वरदान पाकर दोनों ने सोचा कि हम कभी आपस में झगड़ने वाले तो हैं नही अतः अमरता के अहंकार में देवों को सताना शुरु कर दिया।जब देवों ने ब्रह्माजी का आश्रय लिया तो ब्रह्माजी ने तिलोत्तमा नाम की अप्सरा का सर्जन करके उन असुरों के पास भेजा।सुंद और उपसुंद ने जब इस सौन्दर्यवती अप्सरा को देखा तो कामांध हो गये तुम मेरी हो और अपनी अपनी कहने लगे तब तिलोत्तमा ने कहा कि मैं तो विजेता के साथ विवाह करुँगी।
तब दोनो भाईयो ने विजेता बनने के लिए ऐसा घोर युद्ध किया कि दोनो आपस मे लड़ के मर गये।वे दोनों असुर जिस स्थान पर झगड़ते हुए मरे थे,उसी स्थान की यह मिटटी है।अतः इस मिटटी में भी द्वेष,तिरस्कार,और वैर का सिंचन हो गया है..!!