उत्तराखंड

*सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन अनशन पर -रयाल कमेटी की सिफारिशों को लागू कराए जाने की मांग पर अड़े*

देव भूमि जे के न्यूज ऋषिकेश 07/03/ 2024
अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन अनशन पर आज से बैठे हुए हैं. उनकी 6 सूत्री मांगे निम्नलिखित है-

1- डॉ. ललित मोहन रयाल कमेटी की सिफारिशों को लागू कराए जाने हेतु, संघठन 14 दिसंबर 2023 से निरंतर आग्रह कर रहे हैं, एंव दो बार सचिवालय घेराव, दो बार सामूहिक गिरफ़्तारी, प्रत्येक SDM/DM कार्यालय पर मांग पत्र ज्ञापन रैलियां, मशाल जुलुस, पोस्ट कार्ड कैम्पेन, तथा 12 फ़रवरी 2024 को भी प्रमुख सचिव आर के सुधांशु जी, मुख्यमंत्री जी के प्रतिनिधि श्री राजेश सेठी जी व शहरी विकास निदेशालय के अधिकारीयों से देर शाम तक हुई वार्ता के क्रम में, कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया है, जिसके कारण कर्मचारियों में अत्यंत रोष है।

(1) रयाल कमेटी की सिफारिशों व हाई कोर्ट नैनीताल के निर्देशों के क्रम में अधिकतम दस वर्षो से कार्यरत समिति / संविदा । दैनिक मजदूर व तदर्थ कर्मचारियों को तुरंत नियमित किया जाये ।

शहरी (2) नियमतिकरण के पश्चात शेष बचे हुए समस्त ठेकेदारी / समिति / संविदा / दैनिक मजदूर मस्टररोल / NGO व डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली कम्पनियों के सफाई कार्यों से जुड़े समस्त गैर-सरकारी, “पर्यावरण मित्र, सुपरवाइजर, ड्राइवर व हेल्पर” इत्यादि का एक जगह समायोजन कर, उपनल के समान (उत्तराखण्ड पर्यवारण मित्र कल्याण निगम ली. या उत्तराखण्ड सफाई सैनिक कल्याण निगम ली. (उसनल) में सभी का पंजीकरण किया जाये एंव उपनल के समान लागू श्रम अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुये, प्रत्येक कर्मचारी को पंजीकरण आई.डी., ऑनलाइन नियुक्ति पत्र / ब्लड ग्रुप के साथ पहचान पत्र, प्रतिमाह अनुसार बेसिक वेतन, सालाना वेतन बढ़ोत्तरी, E.P.F, ईएसआई, ग्रेच्युटी पॉलिसी, प्रतिवर्ष बोनस, HRA, हिल अलौन्स, प्रोत्साहन भता, एक लाख की तुरंत मृतक आर्थिक सहायता, दस लाख का सामूहिक बीमा, साप्ताहिक अवकाश व, समस्त अवकाश दिवसों (राष्ट्रीय व राजकीय) पर सवेतन अवकाश राहत, अर्जित अवकाश, आकस्मिक अवकाश, बाल्य देखभाल अवकाश, मातृत्व अवकाश, तिमाही हेल्थ चेकअप, लाधिक आश्रितों समेत कर्मचारी का वर्ष में एक बार पूर्ण शारीरिक स्वास्थ गहन परिक्षण- निःशुल्क इलाज 05/03/विधा वधा के साथ, वर्दी भत्ता, धुलाई भत्ता, उपकरण भत्ता, यात्रा भत्ता, ओवरटाइम, एंव उत्तराखण्ड स्तर एक वेब पोर्टल बना कर ” बीसियों साल के शोषण से मुक्ति दिलाई जाये.

(3) उपरोक्त अनुसार पंजीकृत कर्मियों की सेवा नियमावली (प्रत्येक कर्मचारी अनुसार कार्य के वर्गीकरण, दायित्व, पदौन्नति, मृतक आश्रित । सेवा योग्य न रहने वाले मामलों में परिवार से नियुक्ति एंव कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनहीनता, कदाचार, अयोग्यता, अकार्यकुशलता आदि से सम्बन्धित लघु व दीर्घ दंडात्मक कार्यवाही समेत अपील करने के प्रावधान सहित), “उसनल ऑनलाइन पोर्टल” का विकास ऐसे किया जाए, की पंजीकृत कर्मचारियों को अवकाश लेने, स्थानान्तरण, कार्य से निकालने की धमकी से बचने के लिये पारदर्शी मोबाइल से संचालित की जा सकने वाली सरल प्रक्रिया का अनुसरण सभी कर्मचारी कर सकें ।

(4) उक्त पोर्टल पर सभी सरकारी विभागों में सफाई कार्य से जुड़े कर्मचारियों को पंजीकृत करते हुए, समस्त उत्तराखण्ड में समस्त निजी छेत्र के सफाई कर्मियों तथा गृह सेवक सेविकाओं (घरेलु नौकर) का भी पंजीकरण कर, उन्हें भी केंद्र सरकार, राज्य सरकार व समाज कल्याण से संचालित योजनाओं तथा सामाजिक सुरक्षा व श्रम अधिनियमों के अनुरूप न्याय दिलाया जाये।

(5) रयाल कमेटी की मुख्य सिफारिशों के अंतर्गत समस्त कार्यरत “कार्यवाहक सुपरवाइजर को उनके पदों पर तुरंत स्थायी नियुक्ति”, “कर्मचारियों की संख्या बढाया जाना”, “पदौन्नति के मानकों में शिथलीकरण”, “मृतक आश्रित मामलों में प्रत्येक लंबित प्रकरण का नियुक्ति देकर निस्तारण करना”, “सरकारी आवासों व निकायों की भूमि पर वर्षों से मकान बना के रह रहे सफाई कर्मियों को मालिकाना हक़ दिया जाये”, “वर्तमान में किये जाने वाले नियमतिकरण से अछूते सफाई कर्मियों को वरिष्ठता के आधार पर, सेवानिवृत होने वाले सफाई कर्मियों के पद को रिक्त मानते हुए क्रमानुसार नियुक्ति दिया जाना सुनिश्चित करें” ।

(6) देहरादून नगर निगम की नई स्वच्छता समिति, समस्त ठेकेदार के पर्यवारण मित्रों/ सुपरवाइजरों -ड्राइवरों/ हेल्परों को ठेकेदारी जैसी शोषणकारी व्यवस्था से बाहर निकालते हुये “उसनल” का गठन कर उसमे या उपनल के माध्यम से पर्यावरण मित्र / हेल्पर को दैनिक मजदूरी 500/- प्रतिदिन व सुपरवाइजर / ड्राइवर को 555/- रूपये प्रतिदिन की बेसिक वेतन के आधार पर उपनल के समान ही सामाजिक सुरक्षा व श्रम अधिनियमों का लाभ दिया जाएँ ।

उपरोक्त अनुसार अनेकों बार वार्ता होने पर भी कार्यवाही नहीं हुई है और न ही मुख्यमंत्री जी व मुख्य सचिव जी ने कोई संज्ञान ही लिया है। जिसके कारण अनुसूचित वर्ग के हजारों सफाई कर्मियों को उनके आश्रित जनों के साथ शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। उत्तराखण्ड राज्य में वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मियों को दोयम दर्जा देते हुए श्रम कानूनों व सामाजिक सुरक्षा का लाभ न दिया जाना हमारे संवेधानिक व मौलिक अधिकारों का खुला उलघन्न है। अतः उत्तराखण्ड सरकार / शासन द्वारा जानबूझकर सफाई कर्मियों को न्याय न देने की घृणित सोच के विरुद्ध, 14 दिसंबर 2023 से जारी आन्दोलन को हमने 12 फरवरी 2024 के वादे के क्रम में स्थगित कर दिया था। परन्तु सरकार / शासन द्वारा दिए गए आश्वासन के पश्चात भी विधानसभा सत्र एंव मंत्रीमण्डल की बैठक में हमारे मुद्दों पर बनी सहमति के आधार पर कोई भी नियमावली । निर्देश जारी नहीं किये गए हैं। जिसके कारण पुनः विवश होकर अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ उत्तराखण्ड शाखा के समस्त सफाई कर्मी अपने -अपने निकाय में दिनाक 07/03/2024 से अनशन हेतु विवश हैं। यदि 07/03/2024 तक भी मा. मुख्यमंत्री व मा. मुख्यसचिव जी लिखित में निर्णय नहीं लेते हैं, तो हम अनिश्चितकालीन अनशन । आमरण अनशन हेतु विवश होंगे ” । जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार व शासन की होगी क्योंकि, आपके द्वारा निरंतर संज्ञान न लेकर कर्मचारियों में रोष उत्पन्न किया जा रहा हैं।

Devbhumi jknews

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