*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -भय मृत्यु का*
*आज का पञ्चांग*
*दिनाँक:-15/03/2024, शुक्रवार*
*षष्ठी, शुक्ल पक्ष,*
*फाल्गुन*
(समाप्ति काल)
तिथि————- षष्ठी 22:08:53 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र——— कृत्तिका 16:07:20
योग——— विश्कुम्भ 19:44:14
करण———- कौलव 10:41:34
करण———– तैतुल 22:08:53
वार———————– शुक्रवार
माह———————- फाल्गुन
चन्द्र राशि—————— वृषभ
सूर्य राशि——————- मीन
रितु————————- वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————— शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)—————– पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————– 1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 06:29:39
सूर्यास्त—————- 18:26:38
दिन काल————- 11:56:58
रात्री काल————- 12:01:54
चंद्रोदय—————- 09:42:49
चंद्रास्त—————- 24:07:32
लग्न—- मीन 0°45′ , 330°45′
सूर्य नक्षत्र———— पूर्वा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र—————- कृत्तिका
नक्षत्र पाया——————- लोहा
*🚩💮🚩पद, चरण🚩💮🚩*
उ—- कृत्तिका 10:15:03
ए—- कृत्तिका 16:07:20
ओ—- रोहिणी 22:02:24
वा—- रोहिणी 28:00:17
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मीन 00:10, पूoभाo 4 दी
चन्द्र=वृषभ 04:30 , कृतिका 3 उ
बुध =मीन 14:53′ उ oभा o 4 ञ
शु क्र= कुम्भ 09°05, शतभिषा ‘ 1 गो
मंगल=मकर 29°30 ‘ धनिष्ठा’ 2 गी
गुरु=मेष 19°30 भरणी , 2 लू
शनि=कुम्भ 17°50 ‘ शतभिषा ,4 सू
राहू=(व) मीन 22°50 रेवती , 2 दो
केतु=(व) कन्या 22°50 हस्त , 4 ठ
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 10:59 – 12:28 अशुभ
यम घंटा 15:27 – 16:57 अशुभ
गुली काल 07:59 – 09: 29अशुभ
अभिजित 12:04 – 12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 08:53 – 09:41 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:52 – 13:40 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
चर 06:30 – 07:59 शुभ
लाभ 07:59 – 09:29 शुभ
अमृत 09:29 – 10:59 शुभ
काल 10:59 – 12:28 अशुभ
शुभ 12:28 – 13:58 शुभ
रोग 13:58 – 15:27 अशुभ
उद्वेग 15:27 – 16:57 अशुभ
चर 16:57 – 18:27 शुभ
🚩चोघडिया, रात
रोग 18:27 – 19:57 अशुभ
काल 19:57 – 21:27 अशुभ
लाभ 21:27 – 22:57 शुभ
उद्वेग 22:57 – 24:28* अशुभ
शुभ 24:28* – 25:58* शुभ
अमृत 25:58* – 27:28* शुभ
चर 27:28* – 28:58* शुभ
रोग 28:58* – 30:29* अशुभ
💮होरा, दिन
शुक्र 06:30 – 07:29
बुध 07:29 – 08:29
चन्द्र 08:29 – 09:29
शनि 09:29 – 10:29
बृहस्पति 10:29 – 11:28
मंगल 11:28 – 12:28
सूर्य 12:28 – 13:28
शुक्र 13:28 – 14:28
बुध 14:28 – 15:27
चन्द्र 15:27 – 16:27
शनि 16:27 – 17:27
बृहस्पति 17:27 – 18:27
🚩होरा, रात
मंगल 18:27 – 19:27
सूर्य 19:27 – 20:27
शुक्र 20:27 – 21:27
बुध 21:27 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:27
शनि 23:27 – 24:28
बृहस्पति 24:28* – 25:28
मंगल 25:28* – 26:28
सूर्य 26:28* – 27:28
शुक्र 27:28* – 28:28
बुध 28:28* – 29:28
चन्द्र 29:28* – 30:29
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
कुम्भ > 04:00 से 05:36 तक
मीन > 05:36 से 06:56 तक
मेष > 06: 56 से 08:48 तक
वृषभ > 08:48 से 10:42 तक
मिथुन > 10:42 से 12:54 तक
कर्क > 12:54 से 15:18 तक
सिंह > 15:18 से 17:26 तक
कन्या > 17:26 से 19:42 तक
तुला > 19:42 से 21:38 तक
वृश्चिक > 21:38 से 23:58 तक
धनु > 23:58 से 01:56 तक
मकर > 01:56 से 03:58 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
6 + 6 + 1 = 13 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
6 + 6 + 5 = 17 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभा रूढ़ = शुभ कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*रोहिणी व्रत*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
बुध्दिर्यस्य बलं तस्य निर्बुध्दैश्च कुतो बलम् ।
वने हस्ती मदोन्मत्तः शशकेन निपातितः ।।
।। चा o नी o।।
जिसके पास में विद्या है वह शक्तिशाली है. निर्बुद्ध पुरुष के पास क्या शक्ति हो सकती है? एक छोटा खरगोश भी चतुराई से मदमस्त हाथी को तालाब में गिरा देता है.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: ज्ञानकर्मसन्यास योग अo-04
कर्मण्य कर्म यः पश्येदकर्मणि च कर्म यः ।,
स बुद्धिमान्मनुष्येषु स युक्तः कृत्स्नकर्मकृत् ॥,
जो मनुष्य कर्म में अकर्म देखता है और जो अकर्म में कर्म देखता है, वह मनुष्यों में बुद्धिमान है और वह योगी समस्त कर्मों को करने वाला है॥,18॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
कारोबारी नए अनुबंध होंगे। नई योजना बनेगी। मान-सम्मान मिलेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्त्री कष्ट संभव। कलह से बचें। कार्य में सफलता, शत्रु पराजित होंगे। विवेक से कार्य बनेंगे। पेट रोग से पीड़ित होने की संभावना। वस्त्राभूषण की प्राप्ति के योग।
🐂वृष
बेचैनी रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। नेत्र पीड़ा की संभावना। धनलाभ एवं बुद्धि लाभ होगा। शत्रु से परेशान होंगे। अपमान होने की संभावना। कष्ट की संभावना। धनहानि। कष्ट-पीड़ा। शारीरिक पीड़ा होगी।
👫मिथुन
लेनदारी वसूल होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। शत्रु भय रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में ग्राहकी अच्छी रहेगी। नौकरी में कार्य व्यवहार, ईमानदारी की प्रशंसा होगी। मशक्कत करने से लाभ होगा। चिंता होगी। शत्रु पराजित होंगे।
🦀कर्क
प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। झंझटों में न पड़ें। आगे बढ़ने के मार्ग मिलने की संभावना। शत्रु पराजित होंगे। लाभ होगा। स्वास्थ्य ठीक न हो। अनजाना भय सताएगा। राज्य से लाभ। शत्रु शांत होंगे।
🐅सिंह
लेन-देन में सावधानी रखें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। शत्रु पर विजय, हर्ष के समाचार मिलने की संभावना। कुसंग से हानि। धनागम सुखद रहेगा। प्रेमिका मिलेगी। कुछ आय होगी। माता को कष्ट रहेगा।
🙍♀️कन्या
रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। परिवार की चिंता रहेगी। लाभ होगा। अस्वस्थता का अनुभव करेंगे। चिंता से मुक्ति नहीं मिलेगी। शत्रु दबे रहेंगे। कलह-अपमान से बचें। संभावित यात्रा होगी। सावधानी बरतना होगी।
⚖️तुला
यात्रा सफल रहेगी। विवाद न करें। लेन-देन में सावधानी रखें। कानूनी बाधा दूर होगी। देव दर्शन होंगे। राज्य से लाभ होने की संभावना। मातृपक्ष की चिंता। वाहन-मशीनरी का प्रयोग सावधानी से करें। धनागम की संभावना। मित्र मिलेंगे। विवाद न करें।
🦂वृश्चिक
भय, पीड़ा व भ्रम की स्थिति बन सकती है। व्यर्थ भागदौड़ होगी। भय-पीड़ा, मानसिक कष्ट की संभावना। लाभ तथा पराक्रम ठीक रहेगा। दु:समाचार प्राप्त होंगे। हानि तथा भय की संभावना, पराक्रम से सफलता, कलहकारी वातावरण बनेगा। भयकारक दिन रहेगा।
🏹धनु
आकस्मिक व्यय से तनाव रहेगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। विवेक से कार्य करें। स्थानीय धर्मस्थल की परिवार के साथ यात्रा होगी। पार्टनर से मतभेद समाप्त होगा। नौकरी में अधिकारी का सहयोग तथा विश्वास मिलेगा। पारिवारिक व्यस्तता रहेगी।
🐊मकर
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। भागदौड़ रहेगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। धनागम सुस्त रहेगा। कार्य के प्रति अनमनापन रहेगा। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। कुछ लाभ की संभावना। चिंताएं कुछ कम होंगी।
🍯कुंभ
आय में वृद्धि होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। विरोध की संभावना, धनहानि, गृहस्थी में कलह, रोग से घिरने की संभावना, कुछ कार्यसिद्धि की संभावना। चिंताएं जन्म लेंगी। स्त्री पीड़ा, कुछ लाभ की आशा करें।
🐟मीन
जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। घर-बाहर अशांति रह सकती है। प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा के योग बनेंगे। कुछ कष्ट होने की संभावना। लाभ के योग बनेंगे। स्त्री वर्ग को कष्ट। कुसंग से कष्ट। कलहकारक दिन रहेगा। अपनी तरफ से बात को बढ़ावा न दें।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*भय मृत्यु का*
*एक बार की बात है एक संत अपने आश्रम में बैठे हुए थे तभी उनका एक शिष्य, जो स्वभाव से थोड़ा क्रोधी था उनके समक्ष आया और बोला-*
*गुरु जी, आप कैसे अपना व्यवहार इतना मधुर बनाये रहते हैं, ना आप किसी पे क्रोध करते हैं और ना ही किसी को कुछ भला-बुरा कहते हैं? कृपया अपने इस अच्छे व्यवहार का रहस्य बताइए?*
*संत बोले- मुझे अपने रहस्य के बारे में तो नहीं पता, पर मैं तुम्हारा रहस्य जानता हूँ !*
*“मेरा रहस्य! वह क्या है गुरु जी?” शिष्य ने आश्चर्य से पूछा।*
*”तुम अगले एक हफ्ते में मरने वाले हो !” संत दुखी होते हुए बोले।*
*कोई और कहता तो शिष्य ये बात ऐसे ही मजाक में टाल सकता था। पर स्वयं गुरु जी के मुख से निकली बात को कोई कैसे काट सकता था?*
*शिष्य उदास हो गया और गुरु जी का आशीर्वाद ले वहां से चला गया।*
*उस समय से शिष्य का स्वभाव बिलकुल बदल सा गया। वह हर किसी से प्रेम से मिलता और कभी किसी पे क्रोध न करता, अपना अधिकतर समय ध्यान और पूजा में लगाता। वह उनके पास भी जाता जिससे उसने कभी गलत व्यवहार किया था और उनसे क्षमा मांगता। और देखते-देखते संत की भविष्यवाणी को एक हफ्ते पूरे होने को आये।*
*शिष्य ने सोचा चलो एक अन्तिम बार गुरु जी के दर्शन कर आशीर्वाद ले लेते हैं वह उनके समक्ष पहुँचा और बोला-*
*गुरुजी, मेरा समय पूरा होने वाला है, कृपया मुझे आशीर्वाद दीजिये!”*
*“मेरा आशीर्वाद सदैव तुम्हारे साथ है पुत्र। अच्छा, ये बताओ कि पिछले सात दिन कैसे बीते? क्या तुम पहले की तरह ही लोगों से नाराज हुए, उन्हें अपशब्द कहे?” गुरु जी ने प्रश्न किया।*
*“नहीं-नहीं, बिलकुल नहीं मेरे पास जीने के लिए केवल सात दिन थे, मैं इसे बेकार की बातों में कैसे गँवा सकता था? मैं तो सबसे प्रेम से मिला, और जिन लोगों का कभी दिल दुखाया था उनसे क्षमा भी माँगी” शिष्य तत्परता से बोला।*
*”गुरु जी मुस्कुराए और बोले, “बस यही तो मेरे अच्छे व्यवहार का रहस्य है।” मैं जानता हूँ कि मैं कभी भी मर सकता हूँ, इसलिए मैं हर किसी से प्रेमपूर्ण व्यवहार करता हूँ, और यही मेरे अच्छे व्यवहार का रहस्य है।*
*शिष्य समझ गया कि गुरु जी ने उसे जीवन का यह पाठ पढ़ाने के लिए ही मृत्यु का भय दिखाया था।*
*वास्तव में हमारे पास भी सात दिन ही बचें हैं। रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि, आठवाँ दिन तो बना ही नहीं है। तो आइये हम भी अपने में परिवर्तन कर प्रेमपूर्ण व्यवहार आरंभ करें*