*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- एक पागल बाबा*
📜««« *आज का पञ्चांग*»»»📜
कलियुगाब्द……………………..5125
विक्रम संवत्…………………….2080
शक संवत्……………………….1945
मास……………………………फाल्गुन
पक्ष……………………………….शुक्ल
तिथी…………………………….अष्टमी
रात्रि 09.58 पर्यंत पश्चात नवमी
रवि…………………………..उत्तरायण
सूर्योदय…..प्रातः 06.33.50 पर
सूर्यास्त………….संध्या 06.37.01 पर
सूर्य राशि…………………………..मीन
चन्द्र राशि………………………..मिथुन
गुरु राशि……………………………मेष
नक्षत्र…………………………..मृगशीर्ष
दोप 04.50 पर्यंत पश्चात आर्द्रा
योग………………………….आयुष्मान
संध्या 05.08 पर्यंत पश्चात सौभाग्य
करण……………………………..विष्टि
प्रातः 09.43 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु……………………(तपस्य) शिशिर
दिन……………………………..रविवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
17 मार्च सन 2024 ईस्वी ।
☸ शुभ अंक………………………8
🔯 शुभ रंग…………………….नीला
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.11 से 12.58 तक ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
संध्या 05.03 से 06.33 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मीन*
06:28:05 07:59:06
*मेष*
07:59:06 09:39:51
*वृषभ*
09:39:51 11:38:30
*मिथुन*
11:38:30 13:52:13
*कर्क*
13:52:13 16:08:23
*सिंह*
16:08:23 18:20:11
*कन्या*
18:20:11 20:30:51
*तुला*
20:30:51 22:45:29
*वृश्चिक*
22:45:29 25:01:39
*धनु*
25:01:39 27:07:15
*मकर*
27:07:15 28:54:22
*कुम्भ*
28:54:22 30:28:05
🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.05 से 09.35 तक चंचल
प्रात: 09.35 से 11.04 तक लाभ
प्रात: 11.04 से 12.34 तक अमृत
दोप. 02.03 से 03.33 तक शुभ
सायं 06.32 से 08.02 तक शुभ
संध्या 08.02 से 09.33 तक अमृत
रात्रि 09.33 से 11.03 तक चंचल ।
📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ हिरण्यगर्भाय नम: ॥
*संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (पञ्चमोऽध्यायः – कर्मसंन्यासयोगः) -*
सर्वकर्माणि मनसा संन्यस्यास्ते सुखं वशी।
नवद्वारे पुरे देही नैव कुर्वन्न कारयन्॥५-१३॥
अर्थात :
अन्तःकरण को अपने वश में करके, सब कर्मों को मन से त्याग कर, न उन्हें करते हुआ और न करवाते हुए ही, नौ द्वारों वाले शरीर रूपी घर में योगी सुख पूर्वक रहे॥13॥
🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*हल्दी वाले दूध के फायदे :-*
*9. ब्लड शुगर कम करे -*
खून में शर्करा की मात्रा अधिक हो जाने पर हल्दी वाले दूध का सेवन ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है।लेकिन अत्यधिक सेवन शुगर को अत्यधिक कम कर सकता है, इस बात का ध्यान रखें।
*10. सांस की तकलीफ -*
हल्दी वाले दूध में मौजूद एंटी माइक्रो बैक्टीरियल गुण, दमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस, फेफड़ों में जकड़न व कफ से राहत देने में सहायता करते हैं। गर्म दूध के सेवन से शरीर में गर्मी का संचार होता है जिससे सांस की तकलीफ में आराम मिलता है।
*11. वायरल संक्रमण -*
में आए बदलाव एवं अन्य कारणों से होने वाले वायरल संक्रमण में हल्दी वाला दूध सबसे बेहतर उपाय है, जो आपको संक्रमण से बचाता है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। नए विचार दिमाग में आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। दूसरे आपसे अधिक की अपेक्षा करेंगे व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।
👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
प्रयास सफल रहेंगे। पराक्रम वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। लाभ होगा।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। घर में अतिथियों का आगमन होगा। प्रसन्नता तथा उत्साह बने रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। आलस्य हावी रहेगा। प्रमाद न करें। विवेक का प्रयोग करें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश मनोनकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। किसी कार्य के प्रति चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है।
🙎🏻♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। विवाद से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगा।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। कोई बड़ा काम करने की इच्छा जागृत होगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। प्रमाद न करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। थकान रहेगी। किसी कार्य की चिंता रहेगी।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़े काम की रुकावट दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
यात्रा में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। हंसी-मजाक में हल्कापन न हो, ध्यान रखें। कीमती वस्तुएं इधर-उधर हो सकती हैं, संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
धनहानि की आशंका है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है। व्यापार व व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य में राहत मिलेगी। चिंता दूर होगी। नौकरी में रुतबा बढ़ेगा।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
. *💐*एक पागल बाबा*💐*
*एक पंडित थे वो श्री बांके बिहारी लाल को बहुत मानते थे सुबह-शाम बस कान्हा कान्हा करके व्यतीत होता पारिवारिक समस्या के कारण उन्हें धन की आवश्यकता हुई …तो पंडितजी सेठ जी के पास धन मांगने गये सेठजी धन दे तो दिया पर उस धन को लौटाने की बारह किस्त बांध दी … पंडित जी को कोई एतराज ना हुआ उन्होंने स्वीकृति प्रदान कर दी*
*अब धीरे-धीरे पंडितजी ने 11 किस्त भर दीं एक किस्त ना भर सके …इस पर सेठ जी 12 वीं किस्त के समय निकल जाने पर पूरे धन का मुकद्दमा पंडितजी पर लगा दिया।*
*कोर्ट-कचहरी हो गयी …जज साहब बोले पंडित जी तुम्हारी तरफ से कौन गवाही देगा… इस पर पंडित जी बोले की मेरे प्यारे कान्हा श्रीबांके बिहारीलाल जी गवाही देंगे … पूरे कोर्ट में ठहाके फूट पड़े …अब गवाही की दिनांक तय हो गयी …*
*पंडित ने अपनी अर्जी श्रीबांके बिहारीलाल जी के श्रीचरणों में लिखकर रख दी अब गवाही का दिन आया कोर्ट में वकील, जज को अपनी दलीलें पेश कर रहा था पंडितजी को अपने श्रीबांके बिहारीलाल जी पर भरोसा था..*
*जज ने कहा पंडितजी अपने गवाह को बुलाओ पंडितजी ने ठाकुर जी के चरणों का ध्यान लगाया तभी वहाँ एक वृद्व आया जिसके चेहरे पर मनोरम तेज था। उसने आते ही गवाही पंडितजी के पक्ष में दे दी …वृद्व की दलीलें सेठ के बहीखाते से मेल खाती थीं की उस-उस तारीख को किश्तें चुकाई गयीं।*
*अब पंडितजी को ससम्मान रिहा कर दिया गया…*
*ततपश्चात जज साहब पंडित से बोले की ये वृद्व जन कौन थे जो गवाही देकर चले गये ….तो पंडित बोला अरे जज साहब यही तो मेरे श्रीबांके बिहारीलाल जी थे …..*
*जो भक्त की दुविधा देख ना सके और भरोसे की लाज बचाने आ गए … इतना सुनना था की जज पंडितजी के चरणों में लेट गया …..और श्रीबांके बिहारीलाल जी का पता पूछा … पंडितजी बोले मेरे कान्हा तो सर्वत्र है वो हर जगह है अब जज ने घर बार काम धंधा सब छोड़ कान्हा को ढूंढने निकल पङा …सालों बीत गये पर कान्हा ना मिले …*
*अब जज पागल सा मैला कुचैला हो गया वह भंडारों में जाता पत्तलों पर से जुठन उठाता …उसमें से आधा जूठन ठाकुर जी मूर्ति को अर्पित करता आधा खुद खाता …इसे देख कर लोग उसके खिलाफ हो गये उसे मारते पीटते ….पर वो ना सुधरा जूठन बटोर कर खाता और खिलाता रहा …*
*एक भंडारे में लोगों ने अपनी पत्तलों में कुछ ना छोड़ा ताकी ये पागल ठाकुरजी को जूठन ना खिला सके पर उसने फिर भी सभी पत्तलों को पोंछ-पाछकर एक निवाल इकट्ठा किया और अपने मुख में डाल लिया ….*
*पर अरे ये क्या वो ठाकुर को खिलाना तो भूल ही गया अब क्या करे उसने वो निवाला अन्दर ना सटका की पहले मैं खा लूंगा तो ठाकुर का अपमान हो जायेगा और थूका तो अन्न का अपमान होगा ….*
*करे तो क्या करें निवाल मुँह में लेकर ठाकुर जी के चरणों का ध्यान लगा दिया फिर क्या था, एक सुंदर ललाट चेहरा लिये बाल-गोपाल स्वरूप में बच्चा पागल जज के पास आया और बोला क्यों जज साहब आज मेरा भोजन कहाँ है जज साहब मन ही मन गोपाल छवि निहारते हुये अश्रू धारा के साथ बोले ठाकुर बड़ी गलती हुई आज जो पहले आपको भोजन ना करा सका …*
*पर अब क्या करुं …?*
*तो मन मोहन ठाकुर जी मुस्करा के बोले अरे जज तू तो निरा पागल हो गया है रे जब से अब तक मुझे दूसरों का जूठन खिलाता रहा …*
*आज अपना जूठन खिलाने में इतना संकोच चल निकाल निवाले को आज तेरी जूठन सही …*
*जज की आंखों से अविरल धारा निकल पङी जो रुकने का नाम ना ले रही और मेरा ठाकुर मेरा ठाकुर कहता-कहता बाल गोपाल के श्रीचरणों में गिर पङा और वहीं देह का त्याग कर दिया ….*
*और वो पागल जज कोई और नहीं वही (पागल बाबा) थे जिनका विशाल मंदिर आज वृन्दावन में स्थित है..*
*भाव के भूखें हैं प्रभू और भाव ही एक सार है..और भावना से जो भजे तो भव से बेङा पार है..!!*