उत्तराखंड

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -आत्मिक शांति*


📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5125
विक्रम संवत्……………………2080
शक संवत्………………………1945
रवि………………………….उत्तरायण
मास…………………………..फाल्गुन
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी…………………………….दशमी
रात्रि 12.25 पर्यंत पश्चात एकादशी
सूर्योदय…..प्रातः 06.31.45 पर
सूर्यास्त….संध्या 06.37.19 पर
सूर्य राशि…………………………मीन
चन्द्र राशि………………………मिथुन
गुरु राशि………………………….मेष
नक्षत्र………………………….पुनर्वसु
रात्रि 08.10 पर्यंत पश्चात पुष्य
योग…………………………….शोभन
दोप 04.37 पर्यंत पश्चात अतिगंड
करण……………………………तैतिल
प्रातः 11.34 पर्यंत पश्चात गरज
ऋतु…………………..(तपस्य) शिशिर
दिन………………………….मंगलवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
19 मार्च सन 2024 ईस्वी ।

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त* :-
दोप 12.10 से 12.58 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोप 03.34 से 05.04 तक ।

☸ शुभ अंक………………..1
🔯 शुभ रंग……………….लाल

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मीन*
06:20:18 07:51:14
*मेष*
07:51:14 09:31:58
*वृषभ*
09:31:58 11:30:37
*मिथुन*
11:30:37 13:44:19
*कर्क*
13:44:19 16:00:30
*सिंह*
16:00:30 18:12:18
*कन्या*
18:12:18 20:22:58
*तुला*
20:22:58 22:37:36
*वृश्चिक*
22:37:36 24:53:46
*धनु*
24:53:46 26:59:22
*मकर*
26:59:22 28:46:29
*कुम्भ*
28:46:29 30:20:18

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 09.34 से 11.03 तक चंचल
प्रात: 11.03 से 12.33 तक लाभ
दोप. 12.33 से 02.03 तक अमृत
दोप. 03.33 से 05.03 तक शुभ
रात्रि 08.03 से 09.33 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ आंजनेय नमः ।।

📯 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (पञ्चमोऽध्यायः – कर्मसंन्यासयोगः) -*
नादत्ते कस्यचित्पापं न चैव सुकृतं विभुः।
अज्ञानेनावृतं ज्ञानं तेन मुह्यन्ति जन्तवः॥५-१५॥
अर्थात :
सर्वव्यापी आत्मा न किसी के पाप कर्म को ग्रहण करता है और न किसी के शुभकर्म को ही । पर ज्ञान के अज्ञान द्वारा ढके होने से सब मनुष्य उस अज्ञान से मोहित हो रहे हैं॥15॥

🍃 *आरोग्यं :*-
*खाने से जुड़ी इन जरूरी बातों का रखें ध्यान -*

– जंक फूड में सोडियम, ट्रांसफैट और शर्करा की भरमार होती है। इसलिए इन्हें खाने से परहेज करें। मार्केट में मिलने वाले सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूरी बनाकर रखें।

– खाना हमेशा ताजा और गर्म होना चाहिए। यह पाचन के लिए बेहतर होता है।

– आयुर्वेद में बताया गया है कि खाना हमेशा भूख का आधा खाना चाहिए। इससे वह आसानी से पच जाता है और शरीर में जरूरी पोषक तत्व अच्छे से घुल जाते हैं।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। निवेश शुभ रहेगा। भाग्य का साथ रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। कुबुद्धि हावी रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। विवाद से दूर रहें। कुसंगति से बचें। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
मान-सम्मान मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। किसी मांगलिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड में सोच-समझकर हाथ डालें। जल्दबाजी न करें। समय अनुकूल है।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। समय का अपव्यय होगा। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। विवाद से क्लेश होगा। काम में मन नहीं लगेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति विशेष से अनबन हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि नीचा देखना पड़े। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। धनार्जन होगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
शत्रु शांत रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। घर में प्रतिष्ठित अतिथियों का आगमन हो सकता है। व्यय होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। दुष्‍टजनों से दूर रहें। चिंता तथा तनाव रहेंगे।

💁‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार प्राप्ति सहज ही होगी। व्यावसायिक यात्रा से लाभ होगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। निवेशादि शुभ रहेंगे। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। किसी बड़ी समस्या का हल प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। ऐश्वर्य पर खर्च होगा। मान-सम्मान मिलेगा। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। शुभ समाचार मिल सकता है। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। चिंता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
आराम का समय मिलेगा। आशंका-कुशंका रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबारी नए अनुबंध हो सकते हैं, प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।

🏹 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। थकान महसूस होगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। कोर्ट व कचहरी के काम अनुकूल रहेंगे। धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता रहेगी।

*राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज मान-सम्मान के योग बनेंगे। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक शिथिलता रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। किसी अपने का व्यवहार प्रतिकूल रहेगा। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। नौकरी में अपेक्षानुरूप कार्य न होने से अधिकारी की नाराजी झेलना पड़ेगी।

🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
विवेक से कार्य करें। समस्या दूर होगी। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। कारोबारी लाभ में वृद्धि होगी। नौकरी में शांति रहेगी। सहकर्मियों का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा। कष्ट, भय व चिंता का वातावरण बन सकता है।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

*💐💐आत्मिक शांति💐💐*

सेठ मुरलीधर जी ने अपना घर बनवाना शुरू किया तो उनके बराबर में पड़े प्लाट के मालिक ओमप्रकाश जी ने मुरलीधर जी से अकेले में प्रार्थना की कि यदि वे उनके प्लाट साइड वाली दीवार के इस्तेमाल की अनुमति दे देंगे तो वे भी उनके बराबर में दो कमरे बना कर अपने परिवार के रहने लायक ठिकाना बना लेंगे।एक दीवार के निर्माण का खर्च बच जायेगा।

ओमप्रकाश जी एक सामान्य आर्थिक स्थिति में थे,बस खाने रहने लायक ही कमाई थी।उनके पिता ने कभी सस्ते में एक प्लाट खरीद लिया था,पर उसमें न तो उनके पिता मकान बनवा पाये और न जी ओमप्रकाश जी।जब सेठ मुरलीधर जी ने अपना मकान बनवाना शुरू किया तो उन्हें लगा कि अपने घर का साया तो होना ही चाहिये।इसी उमंग उत्साह में उन्होंने मुरलीधर जी उनकी दीवार के इस्तेमाल की बात कर ली।मुरलीधर जी पैसे वाले भी थे और दिलवाले भी।उन्होंने दीवार इस्तेमाल की अनुमति भी दी और साथ ही कहा कि ओमप्रकाश जी अब आप और हम पड़ौसी हैं, यदि कोई अन्य सहायता की आवश्यकता हो तो झिझकना नही,बता देना।

ओमप्रकाश जी का हौसला बढ़ा और उन्होंने जहां दो कमरों के साधारण से घर बनाने की कल्पना की थी,बनाते बनाते सीमा से अधिक खर्च कर बैठे और पूर्ति के लिये ब्याज पर कर्ज ले लिया।चूंकि मुरलीधर जी तो पैसे वाले थे सो उन्होंने तो मकान क्या कोठी का निर्माण कर लिया,जबकि ओमप्रकाश जी बेचारे कर्जमंद होकर भी उनकी कोठी के सामने मामूली सा मकान ही बना सके।उन्हें मुरलीधर के सामने आने में भी हिचक होती थी।उनके मन मे ग्रन्थि थी कि मुरलीधर जी बड़े आदमी है और वे मामूली।

समय बीतता गया,एक दिन मुरलीधर जी दीवार के उस ओर ओमप्रकाश जी के यहां से रुदन जैसी आवाज सुनाई दी।उन्हें अनहोनी की आशंका हुई ।वे छत पर गये वहां से ओमप्रकाश जी का आँगन साफ दिखायी देता था।उन्होंने झांककर देखा तो ओमप्रकाश जी अपनी पत्नी से छत पर ही अकेले बतिया रहे थे।पत्नी अपनी आवाज को दबाकर रो रही थी।उन्होंने दीवार से कान लगा सुनने की कोशिश की।तो पता लगा ओमप्रकाश जी कर्ज न चुका पाने और तकादे के कारण पड़ने वाले दवाब तथा बेइज्जती से बचने के लिये आत्महत्या करने की बात कर रहे थे,पति पत्नी दोनो ने आत्महत्या का इरादा कर लिया था। अपने पांच वर्षीय बच्चे को उन्होंने अगले दिन उसके मामा के यहां छोड़ने के बाद इस कदम को उठाने का निश्चय कर लिया।मुरलीधर जी धक से रह गये।वे जानते थे कि सहायता की पेशकश ओमप्रकाश स्वीकार नही करेंगे क्योंकि उनकी सहायता को एक कर्ज के बदले दूसरा कर्ज समझेंगे।तो क्या किया जाये?

मुरलीधर जी ने सुबह ही ओमप्रकाश जी के यहाँजाने का निर्णय कर लिया।वहां जाकर उन्होंने ओमप्रकाश जी के सामने प्रस्ताव रखा कि भाई जी मैंने सुना है आप अपना घर बेच रहे हो।ओमप्रकाश जी को लगा कि उन्होंने इस विकल्प पर तो विचार किया ही नही था।मुरलीधर जी बोले देखो भाई आपका घर और मेरा घर बराबर बराबर में है,मेरे दो बेटे है,मैं चाहता हूं कि दूसरे बेटे के लिये भी घर बनवा दू।पर बेटा तीन वर्ष बाद आयेगा।मेरा प्रस्ताव है कि मैं आपको इस घर के अग्रिम रूप में दो लाख दे देता हूँ।दो वर्ष बाद आपको यह घर हमारे नाम लिखना होगा या आप मेरे दो लाख वापस कर अपना घर अपने पास रख सकते हैं।मेरा इस प्रस्ताव का मकसद मात्र यह है कि आप किसी अन्य को घर न बेचे।

ओमप्रकाश जी की आंखों में तो आंसू आ गये, बैठे बिठाये उन्हें दो वर्ष के लिये बिना ब्याज के दो लाख मिल रहे थे।मुरलीधर जी ने दो लाख रुपये ओमप्रकाश जी के सामने रख विदा ले ली।दीवार के कान ने दो जिंदगी बचा ली थी।एक कल्पित दूसरे बेटे की कहानी बना कर मुरलीधर जी ओमप्रकाश जी के स्वाभिमान और हिचक को दूर कर उनकी निस्वार्थ सहायता कर एक आत्मिक शांति का अनुभव कर रहे थे।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*

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