उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- नाव का छेद*


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-20/03/2024,बुधवार*
*एकादशी, शुक्ल पक्ष,*
*फाल्गुन*

(समाप्ति काल)

तिथि———– एकादशी 26: 22:22 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र—————– पुष्य 22:37:08
योग—————- अतिगंड 16:59:12
करण————— वणिज 13:18:43
करण————– विष्टि भद्र 26:22:22
वार———————— बुधवार
माह————————- फाल्गुन
चन्द्र राशि——————— कर्क
सूर्य राशि——————– मीन
रितु————————– वसंत
आयन———————- उत्तरायण
संवत्सर———————- शोभकृत
संवत्सर (उत्तर) ———– पिंगल
विक्रम संवत——————- 2080
गुजराती संवत—————– 2080
शक संवत——————- 1925
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय——————– 06:24:04
सूर्यास्त——————- 18:29:18
दिन काल——————- 12:05:13
रात्री काल—————— 11:53:38
चंद्रोदय——————– 14:15:07
चंद्रास्त——————– 28:20:29
लग्न———— मीन 5°43′, 335°43′
सूर्य नक्षत्र————– उत्तरा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र——————- पुष्य
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩पद, चरण🚩💮🚩*

हे—- पुष्य 09:19:58

हो—- पुष्य 15:57:51

ड—- पुष्य 22:37:08

डी—-आश्लेषा 29:17:43

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मीन 05:10, उ oभाo 1 दू
चन्द्र=कर्क 08:30 , पुष्य 2 हे
बुध =मीन 23:53′ रेवती 2 दो
शु क्र= कुम्भ 15°05, शतभिषा ‘ 3 सी
मंगल=कुम्भ 03°30 ‘ धनिष्ठा’ 4 गे
गुरु=मेष 20°30 भरणी , 3 ले
शनि=कुम्भ 18°50 ‘ शतभिषा ,4 सू
राहू=(व) मीन 22°35 रेवती , 2 दो
केतु=(व) कन्या 22°35 हस्त , 4 ठ

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 12:27 – 13:57 अशुभ
यम घंटा 07:55 – 09:25 अशुभ
गुली काल 10:56 – 12: 27अशुभ
अभिजित 12:03 – 12:51 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:03 – 12:51 अशुभ

🚩गंड मूल 22:37 – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
लाभ 06:24 – 07:55 शुभ
अमृत 07:55 – 09:25 शुभ
काल 09:25 – 10:56 अशुभ
शुभ 10:56 – 12:27 शुभ
रोग 12:27 – 13:57 अशुभ
उद्वेग 13:57 – 15:28 अशुभ
चर 15:28 – 16:59 शुभ
लाभ 16:59 – 18:29 शुभ

🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 18:29 – 19:59 अशुभ
शुभ 19:59 – 21:28 शुभ
अमृत 21:28 – 22:57 शुभ
चर 22:57 – 24:26* शुभ
रोग 24:26* – 25:55* अशुभ
काल 25:55* – 27:25* अशुभ
लाभ 27:25* – 28:54* शुभ
उद्वेग 28:54* – 30:23* अशुभ

💮होरा, दिन
बुध 06:24 – 07:25
चन्द्र 07:25 – 08:25
शनि 08:25 – 09:25
बृहस्पति 09:25 – 10:26
मंगल 10:26 – 11:26
सूर्य 11:26 – 12:27
शुक्र 12:27 – 13:27
बुध 13:27 – 14:28
चन्द्र 14:28 – 15:28
शनि 15:28 – 16:28
बृहस्पति 16:28 – 17:29
मंगल 17:29 – 18:29

🚩होरा, रात
सूर्य 18:29 – 19:29
शुक्र 19:29 – 20:28
बुध 20:28 – 21:28
चन्द्र 21:28 – 22:27
शनि 22:27 – 23:27
बृहस्पति 23:27 – 24:26
मंगल 24:26* – 25:26
सूर्य 25:26* – 26:25
शुक्र 26:25* – 27:25
बुध 27:25* – 28:24
चन्द्र 28:24* – 29:23
शनि 29:23* – 30:23

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मीन > 05:14 से 06:40 तक
मेष > 06: 40 से 08:32 तक
वृषभ > 08:32 से 10:26 तक
मिथुन > 10:26 से 12:38 तक
कर्क > 12:38 से 15:02 तक
सिंह > 15:02 से 17:10 तक
कन्या > 17:10 से 19:26 तक
तुला > 19:26 से 21:16 तक
वृश्चिक > 21:16 से 23:42 तक
धनु > 23:42 से 01:40 तक
मकर > 01:40 से 03:42 तक
कुम्भ > 03:42 से 05:10 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें।
लाभ में व्यापार करें।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।*
*महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

11 + 4 + 1 = 16 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक , दुःख कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*आमला एकादशी व्रत*

*रंगभरनी एकादशी*

*लट्ठमार होली जन्मभूमि मथुरा*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

सानन्दं सदनं सुतास्तु सधियः कांता प्रियालापिनी
इच्छापूर्तिधनं स्वयोषितिरतिः स्वाज्ञापराः सेवकाः
आतिथ्यं शिवपूजनं प्रतिदिनं मिष्टान्नपानं गृहे
साधोः सुड्गमुपासते च सततं धन्यो गृहस्थाश्रमः।।
।। चा o नी o।।

वह गृहस्थ भगवान् की कृपा को पा चुका है जिसके घर में आनंददायी वातावरण है. जिसके बच्चे गुणी है. जिसकी पत्नी मधुर वाणी बोलती है. जिसके पास अपनी जरूरते पूरा करने के लिए पर्याप्त धन है. जो अपनी पत्नी से सुखपूर्ण सम्बन्ध रखता है. जिसके नौकर उसका कहा मानते है. जिसके घर में मेहमान का स्वागत किया जाता है. जिसके घर में मंगल दायी भगवान की पूजा रोज की जाती है. जहा स्वाद भरा भोजन और पान किया जाता है. जिसे भगवान् के भक्तो की संगती में आनंद आता है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: ज्ञानकर्मसन्यास योग अo-04

ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविर्ब्रह्माग्रौ ब्रह्मणा हुतम्‌।,
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्मसमाधिना॥,

जिस यज्ञ में अर्पण अर्थात स्रुवा आदि भी ब्रह्म है और हवन किए जाने योग्य द्रव्य भी ब्रह्म है तथा ब्रह्मरूप कर्ता द्वारा ब्रह्मरूप अग्नि में आहुति देना रूप क्रिया भी ब्रह्म है- उस ब्रह्मकर्म में स्थित रहने वाले योगी द्वारा प्राप्त किए जाने योग्य फल भी ब्रह्म ही हैं॥,24॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
व्यवसाय ठीक चलेगा। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। परिश्रम का अनुकूल फल मिलेगा। परिजनों के स्वास्थ्य और सुविधाओं की ओर ध्यान दें।

🐂वृष
विवाद से क्लेश होगा। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग परेशान कर सकता है। जोखिम न लें। जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता प्राप्ति के योग हैं। सावधानी व सतर्कता से व्यापारिक अनुबंध करें। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा।

👫मिथुन
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। रोजगार‍ मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ संभव है। जोखिम न लें। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति जीवन में आनंद का संचार करेगी। कई दिनों से रुका पैसा मिल सकेगा।

🦀कर्क
चोट व रोग से बचें। कानूनी अड़चन दूर होगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। क्रय-विक्रय के कार्यों में लाभ होगा। योजनाएं बनेंगी। उच्च और बौद्धिक वर्ग में विशेष सम्मान प्राप्त होगा। भाइयों से अनबन हो सकती है। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें।

🐅सिंह
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। जायदाद संबंधी समस्या सुलझने के आसार बनेंगे। अनुकूल समाचार मिलेंगे तथा दिन आनंदपूर्वक व्यतीत होगा। नए संबंध लाभदायी सिद्ध होंगे।

🙍‍♀️कन्या
मेहनत का फल मिलेगा। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। संतान की शिक्षा की चिंता समाप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। महत्व के कार्य को समय पर करें। व्यावसायिक श्रेष्ठता का लाभ मिलेगा।

⚖️तुला
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न उठाएं। आज का दिन आपके लिए शुभ रहने की संभावना है। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर मिलेंगे। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा।

🦂वृश्चिक
मेहनत का फल मिलेगा। योजना फलीभूत होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कर्ज से दूर रहना चाहिए। खर्च में कमी होगी। कानूनी विवादों का निपटारा आपके पक्ष में होने की संभावना है। प्रतिष्ठितजनों से मेल-जोल बढ़ेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🏹धनु
कुसंगति से हानि होगी। वाहन मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी प‍र नियंत्रण रखें, जोखिम न लें। परेशानियों का मुकाबला करके भी लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। व्यापारिक लाभ होगा। संतान के प्रति झुकाव बढ़ेगा। शिक्षा व ज्ञान में वृद्धि होगी।

🐊मकर
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ होगा। धन संचय की बात बनेगी। परिवार के कार्यों पर ध्यान देना जरूरी है। रुका कार्य होने से प्रसन्नाता होगी। आर्थिक सलाह उपयोगी रहेगी। कर्ज की चिंता कम होगी।

🍯कुंभ
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। धैर्य एवं शांति से वाद-विवादों से निपट सकेंगे। दुस्साहस न करें। नए विचार, योजना पर चर्चा होगी। स्वयं की प्रतिष्ठा व सम्मान के अनुरूप कार्य हो सकेंगे।

🐟मीन
बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। थकान रहेगी। व्यापार-व्यवसाय संतोषप्रद रहेगा। आपसी संबंधों को महत्व दें। अल्प परिश्रम से ही लाभ होने की संभावना है। खर्चों में कमी करने का प्रयास करें। अति व्यस्तता रहेगी।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*।

*नाव का छेद*

एक आदमी को एक नाव पेंट करने के लिए कहा गया। वह अपना पेंट और ब्रश लाया और नाव को चमकीले रंग से रंगना शुरू किया, जैसा कि मालिक ने उससे कहा था।

पेंटिंग करते समय, उसने एक छोटा सा छेद देखा और चुपचाप उसकी मरम्मत की।

जब उसने पेंटिंग पूरी की, तो उसने अपना पैसा लिया और चला गया।

अगले दिन, नाव का मालिक पेंटर के पास आया और उसे एक अच्छा चेक भेंट किया, जो पेंटिंग के भुगतान से कहीं अधिक था।

पेंटर को आश्चर्य हुआ और उसने कहा, “आपने मुझे नाव को पेंट करने के लिए पहले ही भुगतान कर दिया है सर!”

“लेकिन यह चेक जॉब के लिए नहीं है। यह नाव में छेद की मरम्मत के लिए है।”

“आह! लेकिन यह इतनी छोटी सी सेवा थी… निश्चित रूप से यह मुझे इतनी छोटी सी चीज के लिए इतनी अधिक राशि देने के लायक नहीं है।”

“मेरे प्यारे दोस्त, तुम नहीं समझे। आपको बताते हैं क्या हुआ था:

“जब मैंने तुमसे नाव को पेंट करने के लिए कहा, तो मैं छेद का उल्लेख करना भूल गया।

“जब नाव सूख गई, तो मेरे बच्चे नाव ले गए और मछली पकड़ने की यात्रा पर निकल गए।

“वे नहीं जानते थे कि एक छेद था। मैं उस समय घर पर नहीं था।

“जब मैं वापस लौटा और देखा कि वे नाव ले गए हैं, तो मैं हताश हो गया क्योंकि मुझे याद आया कि नाव में छेद था।

“मेरी राहत और खुशी की कल्पना कीजिए जब मैंने उन्हें मछली पकड़ने से लौटते देखा।

“फिर, मैंने नाव की जांच की और पाया कि आपने छेद की मरम्मत की थी!

“आप देखते हैं, अब, आपने क्या किया? आपने मेरे बच्चों की जान बचाई! मेरे पास आपके ‘छोटे’ अच्छे काम का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है।”

*शिक्षा* : जब भी हमे कोई काम सोपा जाए, उसे हमे पूरी ईमानदारी और लगन से करना चाहिए, कई बार अंदाजन मेहनत ज्यादा हो जाती,परन्तु आपके किये गए कार्य का प्रतिफल आपको जो आत्म संतुष्टि देगा उससे बेहतर कुछ नही होगा।

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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