उत्तराखंड

आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- बुद्धिमत्ता की परीक्षा.


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:- 15/04/2024, सोमवार*
*सप्तमी, शुक्ल पक्ष,*
*चैत्र*
(समाप्ति काल)

तिथि———- सप्तमी 12:10:58 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——— पुनर्वसु 27:04:28
योग———– सुकर्मा 23:07:09
करण———– वणिज 12:10:58
करण——- विष्टि भद्र 24:41:58
वार———————– सोमवार
माह————————– चैत्र
चन्द्र राशि——- मिथुन 20:37:46
चन्द्र राशि—————– कर्क
सूर्य राशि——————– मेष
रितु———————— वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) —————कालयुक्त
विक्रम संवत————— 2081
गुजराती संवत————- 2080
शक संवत—————– 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————— 05:55:41
सूर्यास्त—————-18:42:55
दिन काल————- 12:47:13
रात्री काल————- 11:11:45
चंद्रोदय—————- 11:07:51
चंद्रास्त—————- 25:39:47
लग्न—- मेष 1°21′ , 1°21′
सूर्य नक्षत्र—————– अश्विनी
चन्द्र नक्षत्र—————— पुनर्वसु
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

के—- पुनर्वसु 07:52:15

को—- पुनर्वसु 14:13:39

हा—- पुनर्वसु 20:37:46

ही—- पुनर्वसु 27:04:28

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मेष 01:10, अश्विनी 1 चू
चन्द्र=मिथुन 22:30 , पुनर्वसु 1 के
बुध =मीन 26:53′ रेवती 3 च
शु क्र= मीन 17°05, रेवती ‘ 1 दे
मंगल=कुम्भ 23°30 ‘ पूoभाo’ 2 सो
गुरु=मेष 26°30 भरणी , 4 लो
शनि=कुम्भ 21°50 ‘ पू o भा o ,1 से
राहू=(व) मीन 21°10 रेवती , 2 दो
केतु=(व) कन्या 21°10 हस्त , 4 ठ

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 07:32 – 09:08 अशुभ
यम घंटा 10:43 – 12:19 अशुभ
गुली काल 13:55 – 15: 31अशुभ
अभिजित 11:54 – 12:45 शुभ
दूर मुहूर्त 12:45 – 13:36 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:18 – 16:09 अशुभ
वर्ज्यम 14:14 – 15:56 अशुभ
प्रदोष 18:43 – 20:59 शुभ

💮चोघडिया, दिन
अमृत 05:56 – 07:32 शुभ
काल 07:32 – 09:08 अशुभ
शुभ 09:08 – 10:43 शुभ
रोग 10:43 – 12:19 अशुभ
उद्वेग 12:19 – 13:55 अशुभ
चर 13:55 – 15:31 शुभ
लाभ 15:31 – 17:07 शुभ
अमृत 17:07 – 18:43 शुभ

🚩चोघडिया, रात
चर 18:43 – 20:07 शुभ
रोग 20:07 – 21:31 अशुभ
काल 21:31 – 22:55 अशुभ
लाभ 22:55 – 24:19* शुभ
उद्वेग 24:19* – 25:43* अशुभ
शुभ 25:43* – 27:07* शुभ
अमृत 27:07* – 28:31* शुभ
चर 28:31* – 29:55* शुभ

💮होरा, दिन
चन्द्र 05:56 – 06:59
शनि 06:59 – 08:04
बृहस्पति 08:04 – 09:08
मंगल 09:08 – 10:11
सूर्य 10:11 – 11:15
शुक्र 11:15 – 12:19
बुध 12:19 – 13:23
चन्द्र 13:23 – 14:27
शनि 14:27 – 15:31
बृहस्पति 15:31 – 16:35
मंगल 16:35 – 17:39
सूर्य 17:39 – 18:43

🚩होरा, रात
शुक्र 18:43 – 19:39
बुध 19:39 – 20:35
चन्द्र 20:35 – 21:31
शनि 21:31 – 22:27
बृहस्पति 22:27 – 23:23
मंगल 23:23 – 24:19
सूर्य 24:19* – 25:15
शुक्र 25:15* – 26:11
बुध 26:11* – 27:07
चन्द्र 27:07* – 28:03
शनि 28:03* – 28:59
बृहस्पति 28:59* – 29:55

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मेष > 05:04 से 06:42 तक
वृषभ > 06:42 से 08:52 तक
मिथुन > 08:42 से 11:00 तक
कर्क > 11:00 से 13:30 तक
सिंह > 13:30 से 15:34 तक
कन्या > 15:34 से 17:50 तक
तुला > 17:50 से 19:40 तक
वृश्चिक > 19:40 से 22:04 तक
धनु > 22:04 से 00:04 तक
मकर > 00:04 से 02:06 तक
कुम्भ > 02:06 से 03:32 तक
मीन > 03:34 से 05:04 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

7 + 2 + 1 = 10 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शुक्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

7 + 7 + 5 = 19 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

दोपहर 12:11 से रात्रि 24:47 तक

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*नवरात्रि सप्तम दिवस (माता कालरात्रि पूजन)*

*सर्वार्थ सिद्धि योग 27:04 से*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

राज्ञधर्मणि धर्मिष्ठाः पापे पापाः समे समाः ।
राजानमनुवर्तन्ते यथा राजा तथा प्रजाः ।।
।। चा o नी o।।

यदि राजा पुण्यात्मा है तो प्रजा भी वैसी ही होती है. यदि राजा पापी है तो प्रजा भी पापी. यदि वह सामान्य है तो प्रजा सामान्य. प्रजा के सामने राजा का उद्हारण होता है. और वो उसका अनुसरण करती है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: कर्मसन्यास योग अo-05

ब्रह्मण्याधाय कर्माणि सङ्‍गं त्यक्त्वा करोति यः ।,
लिप्यते न स पापेन पद्मपत्रमिवाम्भसा ॥,

जो पुरुष सब कर्मों को परमात्मा में अर्पण करके और आसक्ति को त्याग कर कर्म करता है, वह पुरुष जल से कमल के पत्ते की भाँति पाप से लिप्त नहीं होता॥,10॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
लेनदारी वसूल होगी। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें। कुछ मामलों में स्वयं को साहस करना होगा। व्यापार अच्छा चलेगा। व्यापारिक प्रतियोगिता में आपकी विजय के आसार बनेंगे। रचनात्मक कामों का प्रतिफल मिलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी।

🐂वृष
बड़ा लाभ हो सकता है। बेरोजगारी दूर होगी। काम में अपेक्षित सफलता मिलने के योग हैं। विचारपूर्वक निर्णय ले पाएँगे। भौतिक सुविधाओं में वृद्धि होगी। संतान से सुखद समाचार मिलेंगे। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। भूमि व भवन के मनचाहे सौदे होंगे।

👫मिथुन
लाभ में कमी रहेगी। कार्यकुशलता बढ़ा पाएँगे। आर्थिक विवाद समय पर सुलझा सकेंगे। पारिवारिक स्थितियाँ पक्षधर रहेंगी। संतान से असंतोष हो सकता है। कुसंगति से बचें। फालतू खर्च होगा। विवाद से बचें। काम में मन नहीं लगेगा।

🦀कर्क
दौड़धूप रहेगी। व्यवसाय धीमा चलेगा। पिता से व्यावसायिक मामलों में अनबन हो सकती है। भागीदारी, जमानत के विवाद हो सकते हैं। पारिवारिक समस्याओं का समाधान संभव है। विवाद को बढ़ावा न दें। बुरी सूचना मिलने से मन खिन्न रहेगा।

🐅सिंह
मेहनत सफल रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश, नौकरी व यात्रा मनोनुकूल लाभ देंगे। लाभ होगा। व्यावसायिक प्रयास सफल होंगे। सरकारी कार्यों से धन लाभ होने के योग हैं। अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति कर पाएँगे। आत्मविश्वास बढ़ेगा।

🙍‍♀️कन्या
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें। नौकरी, राज्यपक्ष में अपेक्षित सुधार होगा। लाभप्रद कार्य, स्थिति बनेगी। भरोसे में कार्य नहीं होंगे। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भेंट का लाभ भविष्य में मिलेगा। बेरोजगारी दूर होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे।

⚖️तुला
उत्साहवर्धक समाचार मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आमदनी, लेनदेन के लिए दिन उत्तम रहेगा। अवसरों का लाभ लेने के योग हैं। पड़ोसी से कष्ट हो सकता है। खान-पान में लापरवाही नहीं बरतें। मेहमानों पर खर्च होगा।

🦂वृश्चिक
कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। विवाद न करें। धनहानि संभव है। व्यापारिक मामलों में विश्वास बढ़ेगा। स्वभाव में शांति, संयम रखें। पारिवारिक उत्साह से प्रगति होगी। विद्यार्थियों को शिक्षा में सफलता प्राप्त होगी।

🏹धनु
व्यक्तित्व प्रभावशाली होने से विरोधी भी आपकी प्रशंसा करेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दाम्पत्य जीवन मधुर रहेगा। जल्दबाजी व लापरवाही से बड़ा नुकसान हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें।

🐊मकर
कार्यपद्धति में सुधार होगा। नए अनुबंध होंगे। योजना फलीभूत होगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। भागीदारी के कार्यों के लिए दिन उत्तम रहने की संभावना है। अनजान लोगों पर विश्वास नहीं करें।

🍯कुंभ
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। धनार्जन होगा। दूसरों के कार्यों में गलती न निकालें। नियमितता, जवाबदारी ही सहयोगात्मक रहेगी। लेनदेन, कर्ज की स्थिति सुधरेगी। कार्य-स्थिति में परिवर्तन से संतोष रहेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। यात्रा सफल रहेगी।

🐟मीन
राजकीय कार्य पूर्ण होंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। कामकाज में आशातीत सफलता के योग हैं। व्यापारिक तंत्र सुधरेगा। शत्रुपक्ष कमजोर होगा। कानूनी विवादों का निपटारा होगा। अपने खर्चों में कमी का प्रयास करें। धर्म में रुचि बढ़ेगी।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

1️⃣5️⃣❗0️⃣4️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣4️⃣

*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*

*!! बुद्धिमत्ता की परीक्षा !!*
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बहुत पुरानी बात है, उन दिनों आज की तरह स्कूल नहीं होते थें। गुरुकुल शिक्षा प्रणाली थी और छात्र गुरुकुल में ही रहकर पढ़ते थे। उन्हीं दिनों की बात है, एक विद्वान पंडित थे, उनका नाम था- राधे गुप्त। उनका गुरुकुल बड़ा ही प्रसिद्ध था, जहाँ दूर दूर से बालक शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते थे।

राधे गुप्त की पत्नी का देहांत हो चूका था, उनकी उम्र भी ढलने लगी थी, घर में विवाह योग्य एक कन्या थी, जिनकी चिंता उन्हें हर समय सताती थी। पंडित राधे गुप्त उसका विवाह ऐसे योग्य व्यक्ति से करना चाहते थे, जिसके पास सम्पति भले न हो पर बुद्धिमान हो।

एक दिन उनके मन में विचार आया, उन्होंने सोचा कि क्यों न वे अपने शिष्यों में ही योग्य वर की तलाश करें। ऐसा विचार कर उन्होंने बुद्धिमान शिष्य की परीक्षा लेने का निर्णय लिया, उन्होंने सभी शिष्यों को एकत्र किया और उनसे कहा- मैं एक परीक्षा आयोजित करना चाहता हूँ, इसका उद्देश्य यह जानना है कि कौन सबसे बुद्धिमान है।

मेरी पुत्री विवाह योग्य हो गई है और मुझे उसके विवाह की चिंता है, लेकिन मेरे पास पर्याप्त धन नहीं है। इसलिए मैं चाहता हूँ कि सभी शिष्य विवाह में लगने वाली सामग्री एकत्र करें। भले ही इसके लिए चोरी का रास्ता क्यों न चुनना पड़े। लेकिन सभी को एक शर्त का पालन करना होगा, शर्त यह है कि किसी भी शिष्य को चोरी करते हुए कोई देख न सके।

अगले दिन से सभी शिष्य अपने अपने काम में जुट गये। हर दिन कोई न कोई शिष्य अलग अलग तरह की वस्तुएं चुरा कर ला रहा था और गुरूजी को दे रहा था। राधे गुप्त उन वस्तुओं को सुरक्षित स्थान पर रखते जा रहे थे। क्योंकि परीक्षा के बाद उन्हें सभी वस्तुएं उनके मालिक को वापिस करनी थी।

परीक्षा से वे यही जानना चाहते थे कि कौन सा शिष्य उनकी बेटी से विवाह करने योग्य है। सभी शिष्य अपने अपने दिमाग से कार्य कर रहे थे। लेकिन उनमें से एक छात्र रामास्वामी, जो गुरुकुल का सबसे होनहार छात्र था, चुपचाप एक वृक्ष के नीचे बैठा कुछ सोच रहा था।

उसे सोच में बैठा देख राधे गुप्त ने कारण पूछा। रामास्वामी ने बताया, “आपने परीक्षा की शर्त के रूप में कहा था कि चोरी करते समय कोई देख न सके। लेकिन जब हम चोरी करते हैं, तब हमारी अंतरात्मा तो सब देखती है, हम खुद से उसे छिपा नहीं सकते। इसका अर्थ यही हुआ न कि चोरी करना व्यर्थ है।”

उसकी बात सुनकर राधे गुप्त का चेहरा प्रसन्नता से खिल उठा। उन्होंने उसी समय सभी शिष्यों को एकत्र किया और उनसे पूछा- आप सबने चारी की.. क्या किसी ने देखा ? सभी ने इनकार में सिर हिलाया। तब राधे गुप्त बोले “बच्चों ! क्या आप अपने अंतर्मन से भी इस चोरी को छुपा सके ?”

इतना सुनते ही सभी बच्चों ने सिर झुका लिया। इस तरह गुरूजी को अपनी पुत्री के लिए योग्य और बुद्धिमान वर मिल गया। उन्होंने रामास्वामी के साथ अपनी पुत्री का विवाह कर दिया। साथ ही शिष्यों द्वारा चुराई गई वस्तुएं उनके मालिकों को वापिस कर बड़ी विनम्रता से क्षमा मांग ली।

*शिक्षा:-*
इस प्रसंग से यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी कार्य अंतर्मन से छिपा नहीं रहता और अंतर्मन ही व्यक्ति को सही रास्ता दिखाता है। इसलिए मनुष्य को कोई भी कार्य करते समय अपने मन को जरुर टटोलना चाहिए, क्योंकि मन सत्य का ही साथ देता है।

*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
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