*हिंदवी स्वराज्य स्थापना के 350 वें वर्ष पर छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित महानाट्य का हुआ आयोजन*
देव भूमि जे के न्यूज-
पूज्य संत स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, स्वामी कैलाशानन्द जी महाराज, आशीष गौतम जी, स्वामी यतींद्रानंद जी, महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वरदास जी महाराज आदि पूज्य संतों का उद्बोधन व आशीर्वचन
भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जी, उपमुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश सरकार ब्रजेश पाठक , केशव प्रसाद मौर्या , राजा भैय्या , संजय बालियान , भूपेन्द्र जी, के शास्त्री जी, आनन्द सिन्हा , धर्मपाल जी, का पावन सान्निध्य.
ऋषिकेश, लखनऊ 31 अक्टूबर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने हिंदवी स्वराज्य स्थापना के 350 वें वर्ष पर दिव्य प्रेम सेवा मिशन न्यास द्वारा जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ में छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित महानाट्य जाणता राजा में विशेष रूप से सहभाग कर उद्बोधन व आशीर्वचन प्रदान किया।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने वीर शौर्यवान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज और एक भारत श्रेष्ठ भारत के प्रणेता सरदार वल्लभभाई पटेल को भावाजंलि अर्पित की। साथ ही सभी को अनेक पूज्य संतों और कई राजनीतिक विभूतियों का सान्निध्य प्राप्त हुआ।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज अद्म्य साहस के धनी, योग्य सेनापति तथा कुशल राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने एक मजबूत मराठा साम्राज्य की नींव रखी और दक्कन से लेकर कर्नाटक तक मराठा साम्राज्य का विस्तार किया ऐसे महान शासक को शत-शत नमन।
शिवाजी महाराज का अपनी मातृभूमि से ऐसा अद्भुत प्रेम था कि उन्होंने अपनी माटी के लिये सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने हमें संदेश दिया कि राष्ट्र है तो हम है, हमारे राष्ट्र ने, हमारी मातृभूमि ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब हम सब की बारी है। ’देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखे।’
आज एकता दिवस के अवसर पर स्वामी जी ने भारत रत्न, लौह पुरुष श्री सरदार वल्लभभाई पटेल जी को भावाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि उन्होंने भारतीय राष्ट्र को एक संघ बनाने तथा भारतीय रियासतों के एकीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। सरदार पटेल भारत की एकजुटता के वास्तविक सूत्रधार थे। उनकी दूरदर्शिता ही थी कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में 562 स्वतंत्र रियासतों के विलय का अत्यंत जटिल और संवेदनशील कार्य उन्होंने अपने हाथों मंे लिया। रियासतों के मालिकों को देशभक्ति और राष्ट्रीय संवेदना के प्रति सजग करते हुये सभी से देश हित में कार्य करने का आह्वान किया।
शिवाजी महाराज व सरदार पटेल ने यह संदेश दिया कि हृदय में अगर राष्ट्रप्रेम की भावना हो तो उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम को एकता के सूत्र मंे बांधना मुश्किल नहीं है। एक समय था जब हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने गुलामी की जंजीरों से देश को आजाद कराने के लिए अनेकों बलिदान दिए। आज समय की मांग है कि हम सब मिल कर अपने भारत को प्रदूषण से मुक्त कराएं।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने रक्षामंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह जी और अन्य सभी विशिष्ट अतिथियों को रूद्राक्ष का पौधा आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया। इस अवसर पर स्वामी जी ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन के अध्यक्ष आशीष गौतम व संयोजक संजय चतुर्वेदी को अनेकानेक साधुवाद दिया।