उत्तराखंडऋषिकेश

*ऋषिकेश -विश्वशांति हेतु आठवें पंचाग्नि साधना का विधिवत् हुआ समापन*

देव भूमि जे के न्यूज ऋषिकेश,18/05/2024-
हिमालय साधना ,तपस्या और देव स्थल है। यहां से भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को ऊर्जा और शक्ति मिलती है। देवभूमि उत्तराखंड जो कि हिमालय के अंतर्गत है यहां अनेकों संतों ने कठिन तपस्या कर अनेकों सिद्धियां प्राप्त की है। इसी कड़ी में अवधूत स्वामी स्वामी समर्पणानंद जी महाराज की विगत 8 वर्षों से कठिन साधना अपने आप में अनूठा है।

हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी लक्ष्मण झूला स्थित घूघतानी तपोवन गांव में स्वामी समर्पण आश्रम मे 14 जनवरी से गुरुजी परमहंस अवधूत स्वामी समर्पणानंद सरस्वती महाराज जी द्वारा पंचाग्नि साधना की जा रही थी। जिसका समापन आज 18 मई 2024 को आश्रम मे किया गया। यह साधना साधक भीषण गर्मीयों में 4 अग्नि कुंड कि बीच मे बैठ कर कठिनाइयों के सहित निरंतर और नियंत्रण के साथ समाधि तपस्या में शिव तत्त्व में मिली जाता है। मौन रहकर ये साधना अत्यंत कठिन है।यह तपस्या माँ भैरवी पार्वती जी ने शुरू की थी, भगवान भैरव शिव तत्व में मिल जाने के लिए और ब्रह्म ज्ञान की साक्षातकार होता है।
जीवात्मा की संसार से मुक्ति हो जाती है।
यह साधना छान्दोग्य उपनिषद, शैव दर्शन, अग्नि पुराण, तंत्र शास्त्र ,अघोरी विद्या में पाया गया है।
यह साधना दस महाविद्या की तंत्र गुप्त साधना में गिना जाता है। इस साधना को अघोर विद्या भी माना जाता है।
पांच अग्नि को काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद्य के रुप मे माना जाता है । साधना में इस पांच अग्नि का साधना करते हुए, साधक अपने आप पर संयमित होकर के वशीभूत करता है, और सारे इन्द्रियों को अपने वशीभूत भी कराता है ।
यह साधना विश्व की कल्याणार्थ के मार्ग को पुरुषार्थ से मिलन कराता है।
सभी भक्तजनों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया ।इस साधना के समापन के अवसर पर आश्रम मे विशाल साधु भंडारा का आयोजन किया गया।
इस धार्मिक आयोजन में कैलाश आश्रम, राजस्थान आश्रम, स्वर्गाश्रम ,हरिहर कैलाश पीठ , आनंद आश्रम, राम आश्रम के साधु संतों ने गुरुजी स्वामी समर्पणानंद जी को आशीर्वाद दिया और मौनव्रत को पान और शहद खिलाकर समापन कराया।
् संत स्वामी विष्णुजी जी महाराज ,स्वामी गोपालानंद जी ,गुरुजी स्वामी आदित्य तीर्थं जी के विशेष आशीर्वाद से इसवर्ष पञ्चाग्नि साधना का धूम-धाम से समापन हुआ।
विदेशी भक्तों ने भी बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया, जिसमें प्रमुख रूप से मारिया स्पेनिश, कैथी आयरलैंड, मयूरी, विशिलाना रूस की मौजूदगी विशेष रूप से थी।
भक्तजनयों में योगाचार्य कपिल, राजकुमार, राधिका, प्यारे ,गणेश नेगी, दिनेश, किरण देवी क्षेत्र पंचायात,प्रधान भगवान पुंडरी , राजेन्द्र नेगी ट्रस्टी सदस्यों में नरेंद्र बिष्ट वार्ड सदस्य, अजय सागर, स्वामी भावात्मनन्द, स्वामी शंकराचार्यनंद, ओकारानंद ,स्वामी विश्वरुपानंद, रविन्द्र मिश्रा ,समर्पणानंद सरस्वती, महंत रवि शास्त्री,मालिका राउत, सोनू राउत सहित तमाम लोगों ने सेवा किया।

पंचांग में साधना के समापन पर अवधूत स्वामी समर्पणानंद जी महाराज के साथ अन्य संत।

Devbhumi jknews

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