*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग-पुण्य और कर्तव्य*
*⚜️ आज का राशिफल, 17 जून 2024 , सोमवार*
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपका दिन सामान्य रहेगा लेकिन अनमना सा महसूस करोगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। अतिथि आगमन सम्भव है। किसी बड़ी बाधा के दूर होने से प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश के सुखद परिणाम आएंगे। पुराना रोग या क्रम उभर सकता है। शान्ति व शील स्वभाव बेहद जरुरी है । लेन-देन में जल्दबाजी न करें। हो सके तो आराम करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो)
आज आपका दिन सामान्य रहेगा । दूसरों से अपेक्षा पूर्ण नहीं होने से खिन्नता रहेगी। कार्य में विलंब होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। व्यस्तता रहेगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ रहेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। आय होगी। प्रमाद न करें। पुराने शत्रु परेशान कर सकते हैं। थकान व कमजोरी रह सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
धनार्जन होगा। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नए व्यापारिक अनुबंध होंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शत्रु परास्त होंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। परिवार के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबार अच्छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्नता रहेंगे। भाइयों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। कोई नया कार्य शुरू करेंगे। कुसंगति से हानि सम्भव हैं।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। आय में निश्चितता होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें, विशेषकर स्त्रियां रसोई में ध्यान रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
सुख के साधन जुटेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। स्त्री पक्ष से लाभ होगा। अज्ञात भय रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शत्रु परास्त होंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आय में वृद्धि होगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। कोई बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य बेहद अनुकूल है, लाभ लें। चोट व रोग से बचें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी अपरिचित पर अतिविश्वास न करें।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। किसी गलती का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जल्दबाजी व लापरवाही न करें। अज्ञात भय सताएगा।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कोई आवश्यक समाचार मिल सकता है। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद होने से बचें। व्यर्थ भागदौड़ होगी। कार्य में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
पराक्रम बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। किसी बड़े काम को करने में रुझान रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। चोट व रोग से बचें। सुख के साधन जुटेंगे। प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर में तनाव रह सकता है।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। विवेक से कार्य करें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। प्रमाद न करें। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा।
*”पुण्य और कर्तव्य”*
एक बार की बात है एक बहुत ही पुण्य व्यक्ति अपने परिवार सहित तीर्थ के लिए निकला। कई कोस दूर जाने के बाद पूरे परिवार को प्यास लगने लगी, ज्येष्ठ का महीना था, आस पास कहीं पानी नहीं दिखाई पड़ रहा था। उसके बच्चे प्यास से व्याकुल होने लगे। समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। अपने साथ लेकर चला गया पानी भी समाप्त हो चुका था।
एक समय ऐसा आया कि उसे भगवान से प्रार्थना करनी पड़ी कि, “हे प्रभु ! अब आप ही कुछ करो मालिक।” इतने में उसे कुछ दूर पर एक साधु तप करता हुआ नजर आया। व्यक्ति ने उस साधु से जाकर अपनी समस्या बताई। साधु बोले कि यहाँ से एक कोस दूर उत्तर की दिशा में एक छोटी दरिया बहती है जाओ जाकर वहाँ से पानी की प्यास बुझा लो।
साधु की बात सुनकर उसे बड़ी प्रसन्नता हुई और उसने साधु का धन्यवाद किया। पत्नी एवं बच्चो की स्थिति नाजुक होने के कारण वहीं रुकने के लिया बोला और खुद पानी लेने चला गया।
जब वो दरिया से पानी लेकर लौट रहा था तो उसे रास्ते में पांच व्यक्ति मिले जो अत्यंत प्यासे थे। पुण्य आत्मा को उन पांचो व्यक्तियों की प्यास देखी नहीं गयी और अपना सारा पानी उन प्यासों को पिला दिया। जब वो दोबारा पानी लेकर आ रहा था तो पांच अन्य व्यक्ति मिले जो उसी तरह प्यासे थे। उस पुण्य आत्मा ने फिर अपना सारा पानी उनको पिला दिया।
यही घटना बार-बार हो रही थी, और काफी समय बीत जाने के बाद जब वो नहीं आया तो साधु उसकी तरफ चल पड़ा। बार बार उसके इस पुण्य कार्य को देख कर साधु बोला, “हे पुण्य आत्मा ! तुम बार-बार अपना बाल्टी भरकर दरिया से लाते हो और किसी प्यासे के लिए खाली कर देते हो। इससे तुम्हें क्या लाभ मिला ?” पुण्य आत्मा ने कहा, “मुझे क्या मिला ? या क्या नहीं मिला, इसके बारें में मैंने कभी नहीं सोचा, पर मैंने अपना स्वार्थ छोड़ कर अपना धर्म निभाया है।”
साधु बोला, “ऐसे धर्म निभाने से क्या फायदा जब तुम अपना कर्तव्य नहीं निभा पाये। बिना जल के तुम्हारे अपने बच्चे और परिवार ही जीवित ना बचें ? तुम अपना धर्म ऐसे भी निभा सकते थे जैसे मैंने निभाया।” पुण्य आत्मा ने पूछा, “कैसे महाराज ?”
साधु बोला, “मैंने तुम्हे दरिया से पानी लाकर देने के बजाय दरिया का रास्ता ही बता दिया। तुम्हे भी उन सभी प्यासों को दरिया का रास्ता बता देना चाहिए था, ताकि तुम्हारी भी प्यास मिट जाये और अन्य प्यासे लोगों की भी। फिर किसी को अपनी बाल्टी खाली करने की जरुरत ही नहीं होती।” इतना कहकर साधु अंतर्ध्यान हो गया।
पुण्य आत्मा को सब कुछ समझ आ गया कि केवल स्वयं पुण्य कमाने में ना लगकर, अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए दूसरों को भी पुण्य की राह दिखायें। किसी का भी भला करने का सबसे सही तरीका यही है कि उसे परमात्मा और सच्चाई की राह दिखा दें..!!