उत्तराखंड

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग-निर्दोष को सजा*

*⚜️ आज का राशिफल, 23 जून 2024 , रविवार*

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपका दिन सामान्य रहेगा । आपकी योजना फलीभूत होगी। कार्यकुशलता में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। यात्रा की योजना बन सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नए उपक्रम प्रारंभ करने का मन बन सकता है। पार्टनर तथा भाइयों से सहयोग मिलेगा। परहेज करें स्वास्थ्य लाभ होगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो)
आज आपका दिन अनुकूल रहेगा। तीर्थाटन तथा संत दर्शन का लाभ मिल सकता है। अध्यात्म में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। वरिष्ठ जन का मार्गदर्शन तथा सहयोग प्राप्त होगा। किसी बड़ी चिंता से मुक्ति मिलेगी। घर-परिवार में प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न लें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आपका दिन बढ़िया रहेगा । वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में लापरवाही न करें। पुरानी व्याधि बाधा का कारण बन सकती है। कार्य में अवरोध उत्पन्न हो सकता है। धनहानि के योग हैं। वरिष्ठजनों की सलाह मानें तथा विवेक से कार्य करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपका दिन शानदार रहेगा । आर्थिक उन्नति के लिए बनाई गई योजना फलीभूत होगी। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। कार्यस्थल पर मनोनुकूल परिवर्तन संभव है। आय बनी रहेगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। चिंता रह सकती है। जोखिम न उठाएं।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपका दिन व्यस्त रहेगा । सत्संग का लाभ मिलेगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थाटन का मन बनेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। सौभाग्य वृद्धि होगी। यात्रा में सावधानी आवश्यक है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। परिवार में कोई शुभ कार्य हो सकता है। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आपका दिन तालमेल वाला रहेगा । स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। अकारण क्रोध रहेगा। जोखिम व जमानत के का कार्य टालें। अपेक्षित कार्यों में विलंब से चिड़चिड़ापन रहेगा। व्यवसाय में ध्यान दें। लाभ होगा। जल्दबाजी से बचें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आपका दिन मिला-जुला रहेगा । राजभय रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। यात्रा लाभदायक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यस्तता रहेगी। संपत्ति के बड़े सौदे हो सकते हैं। बड़ा लाभ होगा। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। पार्टनरों से मनोनुकूल सहयोग मिलेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपका दिन सामान्य रहेगा । पार्टी व पिकनिक की योजना बनेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। थकान महसूस होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विरोधियों का पराभव होगा। नए लोगों से मिलना होगा। कार्य आसानी से संपन्न होंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आपका दिन भाग्यशाली रहेगा । कोई सूचना प्राप्त हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। किसी अपने का व्यवहार दिल को ठेस पहुंचा सकता है। नकारात्मकता से दूर रहें। सहयोग होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। शांति बनाए रखें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आपका दिन अनुकूल रहेगा । थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। उत्साह में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। थकान महसूस होगी। परिवारजनों का सहयोग मिलेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। लापरवाही से हानि होगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपका दिन सामान्य रहेगा । घर में अतिथियों का आगमन होगा। उन पर व्यय होगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। कार्य में निरंतरता बनी रहेगी। परिवार में प्रसन्नता रहेगी। किसी प्रसिद्ध व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। बाहर जाने का कार्यक्रम बनेगा। विवाद न करें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपका दिन बढ़िया रहेगा । कार्य बेहतर ढंग से होंगे। कोई बड़ा कार्य मनोनुकूल बनेगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति के योग हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से बचें। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। समय अनुकूल है। लाभ में वृद्धि होगी।

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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*

*!! निर्दोष को सजा !!*
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बहुत समय पहले हरिशंकर नाम का एक राजा था। उसके तीन पुत्र थे और अपने उन तीनों पुत्रों में से वह किसी एक पुत्र को राजगद्दी सौंपना चाहता था। पर किसे? राजा ने एक तरकीब निकाली और उसने तीनो पुत्रों को बुलाकर कहा- अगर तुम्हारे सामने कोई अपराधी खड़ा हो तो तुम उसे क्या सजा दोगे?

पहले राजकुमार ने कहा कि अपराधी को मौत की सजा दी जाए तो दूसरे ने कहा कि अपराधी को काल कोठरी में बंद कर दिया जाये। अब तीसरे राजकुमार की बारी थी। उसने कहा कि पिताजी सबसे पहले यह देख लिया जाये कि उसने गलती की भी है या नहीं।

इसके बाद उस राजकुमार ने एक कहानी सुनाई- किसी राज्य में राजा हुआ करता था, उसके पास एक सुन्दर सा तोता था। वह तोता बड़ा बुद्धिमान था, उसकी मीठी वाणी और बुद्धिमत्ता की वजह से राजा उससे बहुत खुश रहता था। एक दिन की बात है कि तोते ने राजा से कहा कि मैं अपने माता-पिता के पास जाना चाहता हूँ। वह जाने के लिए राजा से विनती करने लगा।

तब राजा ने उससे कहा कि ठीक है पर तुम्हें पांच दिनों में वापस आना होगा। वह तोता जंगल की ओर उड़ चला, अपने माता-पिता से जंगल में मिला और खूब खुश हुआ। ठीक पांच दिनों बाद जब वह वापस राजा के पास जा रहा था तब उसने एक सुन्दर सा उपहार राजा के लिए ले जाने का सोचा।

वह राजा के लिए अमृत फल ले जाना चाहता था। जब वह अमृत फल के लिए पर्वत पर पहुंचा तब तक रात हो चुकी थी। उसने फल को तोड़ा और रात वहीं गुजारने का सोचा। वह सो रहा था कि तभी एक सांप आया और उस फल को खाना शुरू कर दिया। सांप के जहर से वह फल भी विषाक्त हो चुका था।

जब सुबह हुई तब तोता उड़कर राजा के पास पहुँच गया और कहा- राजन मैं आपके लिए अमृत फल लेकर आया हूँ। इस फल को खाने के बाद आप हमेशा के लिए जवान और अमर हो जायेंगे। तभी मंत्री ने कहा कि महाराज पहले देख लीजिए कि फल सही भी है कि नहीं ? राजा ने बात मान ली और फल में से एक टुकड़ा कुत्ते को खिलाया।

कुत्ता तड़प-तड़प कर मर गया। राजा बहुत क्रोधित हुआ और अपनी तलवार से तोते का सिर धड़ से अलग कर दिया। राजा ने वह फल बाहर फेंक दिया। कुछ समय बाद उसी जगह पर एक पेड़ उगा। राजा ने सख्त हिदायत दी कि कोई भी इस पेड़ का फल ना खाएं क्यूंकि राजा को लगता था कि यह अमृत फल विषाक्त होते हैं और तोते ने यही फल खिलाकर उसे मारने की कोशिश की थी।

एक दिन एक बूढ़ा आदमी उस पेड़ के नीचे विश्राम कर रहा था। उसने एक फल खाया और वह जवान हो गया क्यूंकि उस वृक्ष पर उगे हुए फल विषाक्त नहीं थे। जब इस बात का पता राजा को चला तो उसे बहुत ही पछतावा हुआ उसे अपनी करनी पर लज़्ज़ा हुई।

तीसरे राजकुमार के मुख से यह कहानी सुनकर राजा बहुत ही खुश हुआ और तीसरे राजकुमार को सही उत्तराधिकारी समझते हुए उसे ही अपने राज्य का राजा चुना।

*शिक्षा:-*
किसी भी अपराधी को सजा देने से पहले यह देख लेना चाहिए कि उसकी गलती है भी या नहीं, कहीं भूलवश आप किसी निर्दोष को तो सजा देने नहीं जा रहे हैं। निरपराध को कतई सजा नहीं मिलनी चाहिए..!!

*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
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Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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