*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- कमजोरी ही शक्ति*
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*आज का राशिफल*
*08 नवम्बर 2023 , बुधवार*
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आप शांति से बिताएंगे। दिन के आरंभ में किसी कार्य को लेकर जल्दबाजी रहेगी दोपहर बाद लगभग सभी कार्यों को आराम से ही करेंगे। आज आप किसी भी काम को लेकर ज्यादा भागदौड़ करने के मूड में नही रहेंगे। सहज जितना प्राप्त होगा उसी में संतोष कर लेंगे। व्यवसाय में निवेश करेंगे परन्तु इसका लाभ शीघ्र नहीं मिल सकेगा निकट भविष्य में अवश्य ही धन दुगना होकर मिलेगा। घर का धार्मिक वातावरण भी आज सुख की अनुभूति कराएगा। यात्रा योग बन रहा है। परिजनों के साथ हास्य परिहास ने समय व्यतीत होगा। परिजन मनोकामना पूर्ति करेंगे।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू , वे, वो)
आज के दिन आप आर्थिक मामलों को लेकर संतुष्ट रहेंगे। व्यवसायी वर्ग किसी बड़ी योजना अथवा अनुबंध पर कार्य करेंगे इसका लाभ भी शीघ्र ही मिलना आरम्भ हो जाएगा। धन की आमाद आज कई स्त्रोतों से एक साथ हो सकती है इसके लिए आपको सामाजिक व्यवहारिकता भी बढ़ानी पड़ेगी। कुछ समय से चल रही आर्थिक उलझनों में कमी आएगी धन कोष में वृद्धि होगी भविष्य के लिए संचय भी कर सकेंगे। दाम्पत्य जीवन मे भी सरसता बनी रहेगी। परिजन आज आपसे कोई आशा लागये रहेंगे इसको थोड़े विलम्ब से परन्तु पूरी अवश्य करेंगे।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपके लिए आज का दिन प्रतिकूल परिस्थितियों वाला रहेगा। घर एवं कार्य क्षेत्र पर सहयोग की कमी रहेगी। व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से परिश्रम भी अधिक करना पड़ेगा फिर भी लाभ होने की जगह किसी गलती के कारण हानि उठानी पड़ेगी। मन विषय वासनाओ में अधिक भटकेगा। आज आपको लाभ पाने के लिए व्यवहार में कोमलता रखनी पड़ेगी। अतिआवश्यक कार्यो को आज आगे के लिए टालना बेहतर रहेगा। उधारी के व्यवहार बढ़ने आर्थिक स्थिति खराब होगी। संध्या के समय थोड़ा बहुत धन लाभ होने से आवश्यक खर्च निकाल लेंगे।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आपका आज का दिन सुख-सौभाग्य में वृद्धि करेगा। आज आप नए संबंध बनाने के साथ ही पुरानो को भी जोड़े रखने में व्यस्त एवं सफल रहेंगे। घरेलू सुख के साधनों में वृद्धि हेतु खर्च करेंगे। आपकी मानसिकता आज अन्य लोगो से बेहतर दिखने की रहेगी जिससे कुछ लोग आपसे ईर्ष्या का भाव रख सकते है परन्तु इसका आपके व्यक्तित्त्व अथवा दिनचार्य पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा। कार्य स्थल पर सुव्यवस्था रहने से निर्धारित से अधिक आय बन सकेगी। दान पुण्य के साथ ही आपसी व्यवहारिकता में आदान-प्रदान होगा। दाम्पत्य में थोड़ी बहुत नोकझोंक के बाद भी सुख की अनुभूति होगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपको अधिकांश कार्यो में शुभ फल की प्राप्ति कराएगा परन्तु आज आप मन ही मन किसी गुप्त चिंता से बेचैन भी रहेंगे। बुजुर्गो का आशीर्वाद एवं पारिवारिक धार्मिक प्रतिष्ठा का लाभ व्यापार में मिलेगा। बाहरी लोग अन्य की अपेक्षा आपसे व्यवहार बनाना अधिक पसंद करेंगे इसका मुख्य कारण आज के दिन आपका आकर्षक व्यक्तित्त्व रहेगा। नौकरी पेशा जातक पदोन्नति अथवा अतिरिक्त आय की उम्मीद में रहेंगे जिसमे कुछ हद तक सफल हो जाएंगे। किसी की पुरानी उधारी चुकता होने से राहत मिलेंगी। गृहस्थ की आवश्यकता समय पर पूर्ण करने से शांति बनी रहेगी।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप बाहरी दुनिया को छोड़ अधिक समय अपने मे ही मस्त रहेंगे। आवश्यक कार्यो में लापरवाही अथवा टालमटोल करना आर्थिक हानि के साथ ही संबंधों में भी खटास ला सकता है। धार्मिक भावनाएं एवं परोपकारी स्वभाव रहते हुए भी मन से स्वार्थ सिद्धि की भावना नही जाएगी। आज आप अपना काम बनाने के लिए अत्यंत मीठे बन जायेगे इसके विपरीत अन्य लोगो के कार्य करने में उदासीनता दिखाएंगे। धार्मिक स्थान की यात्रा पर खर्च होगा। मध्यान तक आय निम्न रहेगी इसके बाद आकस्मिक लाभ होने की संभावना है। गृहस्थ में कुछ कटु अनुभव होंगे।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन सेहत के दृष्टिकोण से ठीक नही। कार्य क्षेत्र पर व्यस्तता अधिक रहने से जान कर भी स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरत सकते हैं। हाथ पैरों में शिथिलता आ सकती है । गलतियां होने की संभावना भी आज अधिक है आर्थिक संबंधित अथवा अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य मे किसी की सहायता अवश्य लें। आज आपकी परवाह परिजन एवं अन्य लोग कम ही करेंगे केवल स्वार्थ पूर्ति के लिए व्यवहार करने से मन दुखी होगा। पारिवारिक माहौल मधुर रखें।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आपकी किसी के साथ श्रेष्ठ बनने की होड़ रहेगी इसमे कुछ हद तक सफल तो रहेंगे लेकिन सामाजिक क्षेत्र पर आपकी गलत छवि भी बन सकती है। अहम की भावना रहने से लोग आपकी सहायता करने से कतराएंगे जिस वजह से कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य अधूरे रहने की सम्भावना है। व्यावसायिक क्षेत्र पर कुछ नए प्रयोग करेंगे परन्तु आज लाभ पुरानी योजनाओ से ही सीमित मात्रा में होगा। परिवार के सदस्य की जिद थोड़ी देर के लिए परेशानी में डालेगी जिसे पूर्ण करने के बाद ही घर का वातावरण शांत होगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन भी आपके लिए शुभ फलदायी रहेगा परन्तु सेहत का भी विशेष ध्यान रखना होगा। दिन के आरम्भ में पूर्व निर्धारित व्यावसायिक कार्य से व्यस्त रहेंगे इसके बाद का अधिकांश समय मंदी में व्यतीत होगा संध्या से फिर व्यवसाय में तेजी आएगी भविष्य की योजना बनेगी इसके लिए पर्याप्त धन का संचय आसानी से हो जाएगा। पारिवारिक जन आपकी आवश्यकता को ज्यादा महत्त्व देंगे। मित्र परिचिति से प्रेम पूर्ण व्यवहार करेंगे।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन व्यस्तता से भरा रहेगा मनोरंजन कम होगा । कार्य क्षेत्र पर काम अधिक रहने से दिनचार्य बिगड़ेगी परन्तु आर्थिक लाभ बीच-बीच मे होते रहने से खान पान का भी ध्यान नही रहेगा। सरकारी कार्यो में दौड़ धूप का सकारात्मक परिणाम मिलेगा इसके अतिरिक्त घरेलू कार्यो में भी आज आपके सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी जिससे कुछ समय के लिए परिसानी होंगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर नए लाभदायक संबंध बनाने आसान रहेंगे। आपके व्यक्तित्व से हर कोई सहज आकर्षित हो जाएगा। दाम्पत्य जीवन प्रेम पूर्ण रहेगा।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन भी विपरीत फलदायी रहने से आपको विवेक से हर कार्य करने की सलाह है। पारिवारिक वातावरण मधुर बनाए रखें। अधिक बोलने से बचें । किसी भी कार्य मे उत्साह नही रहेगा। आज खर्च चलाने के लिए भी किसी से उधार लेना पड़ सकता है। सेहत भी नरम ही रहेगी। धैर्य एवं मौन धारण शांति बनाने में सहायक होगा। धर्म कर्म में और रूचि बढेगी । कोई समाचार प्राप्त हो सकता है। सकारात्मक सोच लाभ देगी।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहेगा। कार्य व्यवसाय में लाभ के अवसर मिलेंगे सहकर्मी बिना बोले सहयोग करने के लिए तैयार रहेंगे। जोखिम वाले कार्य शेयर सट्टे आदि से धन कोष में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा अंत समय पर टल सकती है। आज आप मन इच्छित वस्तुओं पर आसानी से खर्च कर सकेंगे। घर मे सुख सुविधा के साधन बढ़ेंगे परिजन भी आज आपके व्यवहार से प्रसन्न रहेंगे। प्रेम प्रसंगों में समय एवं धन खर्च करेंगे लेकिन इसका सार्थक परिणाम भी मिलेगा। संध्या के समय आकस्मिक लाभ होने से रोमांचित रहेंगे।
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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
*!! कमजोरी ही शक्ति !!*
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वो बड़े इत्मीनान से गुरु के सामने खड़ा था। गुरु अपनी पारखी नजर से उसका परीक्षण कर रहे थे। नौ दस साल का छोकरा, बच्चा ही समझो। उसे बाया हाथ नहीं था, किसी बैल से लड़ाई में टूट गया था। तुझे क्या चाहिए मुझसे? गुरु ने उस बच्चे से पूछा।
उस बच्चे ने गला साफ किया। हिम्मत जुटाई और कहा- मुझे आपसे कुश्ती सीखनी है। एक हाथ नहीं और कुश्ती लड़नी है? अजीब बात है।
क्यूं? स्कूल में बाकी लड़के सताते हैं मुझे और मेरी बहन को। टुंडा कहते हैं मुझे। हर किसी की दया की नजर ने मेरा जीना हराम कर दिया है गुरुजी। मुझे अपनी हिम्मत पे जीना है। किसी की दया नहीं चाहिए। मुझे खुद की और मेरे परिवार की रक्षा करनी आनी चाहिए।
ठीक बात। पर अब मैं बूढ़ा हो चुका हूं और किसी को नहीं सिखाता। तुझे किसने भेजा मेरे पास? कई शिक्षकों के पास गया मैं। कोई भी मुझे सिखाने को तैयार नहीं। एक बड़े शिक्षक ने आपका नाम बताया। तुझे वो ही सीखा सकते हैं। क्योंकि उनके पास वक्त ही वक्त है और कोई सीखने वाला भी नहीं है ऐसा बोले वो मुझे।
वो गुरूर से भरा जवाब किसने दिया होगा ये उस्ताद समझ गए। ऐसे अहंकारी लोगों की वजह से ही खल प्रवृत्ति के लोग इस खेल में आ गए ये बात उस्ताद जानते थे। ठीक है। कल सुबह पौ फटने से पहले अखाड़े में पहुंच जा। मुझसे सीखना आसान नहीं है ये पहले ही बोल देता हूं। कुश्ती ये एक जानलेवा खेल है। इसका इस्तेमाल अपनी रक्षा के लिए करना। मैं जो सिखाऊ उस पर पूरा भरोसा रखना। और इस खेल का नशा चढ़ जाता है आदमी को। तो सिर ठंडा रखना। समझा?
जी उस्ताद। समझ गया। आपकी हर बात का पालन करूंगा। मुझे अपना चेला बना लीजिए। मन की मुराद पूरी हो जाने के आंसू उस बच्चे की आंखों में छलक गए। उसने गुरु के पांव छू कर आशीष लिया।
अपने एक ही चेले को सिखाना उस्ताद ने शुरू किया। मिट्टी रोंदी, मुगदुल से धूल झटकायी और इस एक हाथ के बच्चे को कैसे विद्या देनी है इसका सोचते सोचते उस्ताद की आंख लग गई।
एक ही दांव उस्ताद ने उसे सिखाया और रोज़ उसकी ही तालीम बच्चे से करवाते रहे। छह महीने तक रोज बस एक ही दाव। एक दिन चेले ने उस्ताद के जन्मदिन पर पांव दबाते हुए हौले से बात को छेड़ा। गुरुजी, छह महीने बीत गए, इस दांव की बारीकियां अच्छे से समझ गया हूं और कुछ नए दांव पेंच भी सिखाइए ना।
उस्ताद वहां से उठ के चल दिए। बच्चा परेशान हो गया कि गुरु को उसने नाराज़ कर दिया। फिर उस्ताद के बात पर भरोसा करके वो सीखते रहा। उसने कभी नहीं पूछा कि और कुछ सीखना है।
गांव में कुश्ती की प्रतियोगिता आयोजित की गई। बड़े बड़े इनाम थे उसमें। हरेक अखाड़े के चुने हुए पहलवान प्रतियोगिता में शिरकत करने आए। उस्ताद ने चेले को बुलाया कल सुबह बैल जोत के रख गाड़ी को। पास के गांव जाना है। सुबह कुश्ती लड़नी है तुझे।
पहली दो कुश्ती इस बिना हाथ के बच्चे ने यूं जीत लिए। जिस घोड़े के आखरी आने की उम्मीद हो और वो रेस जीत जाए तो रंग उतरता है। वैसा ही सारे विरोधी उस्तादों का मुंह उतर गया। देखने वाले अचरज में पड़ गए। बिना हाथ का बच्चा कुश्ती में जीत ही कैसे सकता है? कौन सिखाया इसे? अब तीसरे कुश्ती में सामने वाला खिलाड़ी नौसिखुआ नहीं था। पुराना जांबाज़। पर अपने साफ सुथरे हथकंडों से और दांव का सही तोड़ देने से ये कुश्ती भी बच्चा जीत गया।
अब इस बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ गया। पूरा मैदान भी अब उसके साथ हो गया था। मैं भी जीत सकता हूं ये भावना उसे मजबूत बना रही थी। देखते ही देखते वो अंतिम बाज़ी तक पहुंच गया। जिस अखाड़े वाले ने उस बच्चे को इस बूढ़े उस्ताद के पास भेजा था, उस अहंकारी पहलवान का चेला ही इस बच्चे का आखरी कुश्ती में प्रतिस्पर्धी था। ये पहलवान सरीखे उम्र का होने के बावजूद शक्ति और अनुभव से इस बच्चे से श्रेष्ठ था। कई मैदान मार लिए थे उसने। इस बच्चे को वो मिनटों में चित कर देगा ये स्पष्ट था। पंचों ने राय मशवरा किया, ये कुश्ती लेना सही नहीं होगा। कुश्ती बराबरी वालों में होती है। ये कुश्ती मानवता और समानता के अनुसार रद्द किया जाता है। इनाम दोनों में बराबरी से बांटा जाएगा। पंचों ने अपना मंतव्य प्रकट किया।
मैं इस कल के छोकरे से कई ज्यादा अनुभवी हूं और ताकतवर भी। मैं ही ये कुश्ती जीतूंगा ये बात सोलह आने सच है। तो इस कुश्ती का विजेता मुझे बनाया जाए। वहां प्रतिस्पर्धी अहंकार में बोला।
मैं नया हूं और बड़े भैया से अनुभव में छोटा भी। मेरे उस्ताद ने मुझे ईमानदारी से खेलना सिखाया है। बिना खेले जीत जाना मेरे उस्ताद की तौहीन है। मुझे खेल कर मेरे हक का जो है उसे दीजिए। मुझे ये भीख नहीं चाहिये। उस बांके जवान की स्वाभिमान भरी बात सुन कर जनता ने तालियों की बौछार कर दी। ऐसी बातें सुनने को अच्छी पर नुकसानदेह होती। पंच हतोत्साहित हो गए। कुछ कम ज्यादा हो गया तो? पहले ही एक हाथ खो चुका है अपना और कुछ नुकसान ना हो जाए? मूर्ख कहीं का!
लड़ाई शुरू हुई और सभी उपस्थित अचंभित रह गए। सफाई से किए हुए वार और मौके की तलाश में बच्चे ने फेंका हुआ दांव उस बलाढ्य प्रतिस्पर्धी को झेलते नहीं बना। वो मैदान के बाहर औंधे मुंह पड़ा था। कम से कम परिश्रम में उस नौसिखुए स्पर्धक ने उस पुराने महारथी को धूल चटा दी थी।
अखाड़े में पहुंच कर चेले ने अपना मेडल निकाल के उस्ताद के पैरों में रख दिया। अपना सिर उस्ताद के पैरों की धूल माथे लगा कर मिट्टी से सना लिया।
उस्ताद, एक बात पूछनी थी। पूछ… मुझे सिर्फ एक ही दांव आता है। फिर भी मैं कैसे जीता?
तू दो दांव सीख चुका था। इसलिए जीत गया। कौन-से दो दांव उस्ताद?
पहली बात, तू ये दांव इतनी अच्छी तरह से सीख चुका था के उसमें गलती होने की गुंजाइश ही नहीं थी। तुझे नींद में भी लड़ाता तब भी तू इस दांव में गलती नहीं करता। तुझे ये दांव आता है ये बात तेरा प्रतिद्वंदी जान चुका था, पर तुझे सिर्फ यही दांव आता है ये बात थोड़ी उसे मालूम थी?
और दूसरी बात क्या थी उस्ताद? दूसरी बात ज्यादा महत्व रखती है। हरेक दांव का एक प्रतीदांव होता है! ऐसा कोई दाव नहीं है जिसका तोड़ ना हो। वैसे ही इस दांव का भी एक तोड़ था।
तो क्या मेरे प्रतिस्पर्धी को वो दांव मालूम नहीं होगा? वो उसे मालूम था। पर वो कुछ नहीं कर सका। जानते हो क्यू? क्यूंकि उस तोड़ में दांव देने वाले का बायां हाथ पकड़ना पड़ता है!
अब आपके समझ में आया होगा कि एक बिना हाथ का साधारण सा लड़का विजेता कैसे बना?
*शिक्षा:-*
जिस बात को हम अपनी कमजोरी समझते हैं, उसी को जो हमारी शक्ति बना कर जीना सिखाता है, विजयी बनाता है, वो ही सच्चा उस्ताद है। अंदर से हम कहीं ना कहीं कमजोर होते हैं, दिव्यांग होते हैं। उस कमजोरी को मात दे कर जीने की कला सिखाने वाला गुरु हमें चाहिए।
*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
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