उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -दिल की बात.


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 04/08/2024, रविवार*
*अमावस्या, कृष्ण पक्ष,*
*श्रावण*
(समाप्ति काल)

तिथि——– अमावस्या 16:41:57 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र————- पुष्य 13:25:09
योग———— सिद्वि 10:36:49
करण———— नाग 16:41:57
करण——- किन्स्तुघ्न 29:18:45
वार———————– रविवार
माह———————– श्रावण
चन्द्र राशि—————— कर्क
सूर्य राशि—————— कर्क
रितु————————– वर्षा
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————– 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————— 05:45:27
सूर्यास्त—————- 19:04:43
दिन काल————- 13:19:16
रात्री काल————- 10:41:15
चंद्रोदय—————- 06:04:39
चंद्रास्त————— 19:20:39
लग्न—- कर्क 17°56′ , 107°56′
सूर्य नक्षत्र————— आश्लेषा
चन्द्र नक्षत्र——————- पुष्य
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

हो—- पुष्य 07:00:45

ड—- पुष्य 13:25:09

डी—- आश्लेषा 19:51:18

डू—- आश्लेषा 26:19:14

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कर्क 17°05, अश्लेषा 1 डी
चन्द्र= कर्क 12°30 , पुष्य 3 हो
बुध =सिंह 09°53′ मघा 3 मू
शु क्र= सिंह 04°05, मघा ‘ 2 मी
मंगल=वृषभ 15°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा
गुरु=वृषभ 20°30 रोहिणी , 4 वु
शनि=कुम्भ 24°10 ‘ पू o भा o ,2 सो
राहू=(व) मीन 15°20 उo भा o, 4 ञ
केतु=(व) कन्या 15°20 हस्त , 2 ष

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 17:25 – 19:05 अशुभ
यम घंटा 12:25 – 14:05 अशुभ
गुली काल 15:45 – 17: 25अशुभ
अभिजित 11:58 – 12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 17:18 – 18:11 अशुभ
वर्ज्यम 27:11* – 28:55* अशुभ
प्रदोष 19:05 – 21:14 शुभ

🚩गंड मूल 13:25 – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 05:45 – 07:25 अशुभ
चर 07:25 – 09:05 शुभ
लाभ 09:05 – 10:45 शुभ
अमृत 10:45 – 12:25 शुभ
काल 12:25 – 14:05 अशुभ
शुभ 14:05 – 15:45 शुभ
रोग 15:45 – 17:25 अशुभ
उद्वेग 17:25 – 19:05 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
शुभ 19:05 – 20:25 शुभ
अमृत 20:25 – 21:45 शुभ
चर 21:45 – 23:05 शुभ
रोग 23:05 – 24:25* अशुभ
काल 24:25* – 25:46* अशुभ
लाभ 25:46* – 27:06* शुभ
उद्वेग 27:06* – 28:26* अशुभ
शुभ 28:26* – 29:46* शुभ

💮होरा, दिन
सूर्य 05:45 – 06:52
शुक्र 06:52 – 07:59
बुध 07:59 – 09:05
चन्द्र 09:05 – 10:12
शनि 10:12 – 11:18
बृहस्पति 11:18 – 12:25
मंगल 12:25 – 13:32
सूर्य 13:32 – 14:38
शुक्र 14:38 – 15:45
बुध 15:45 – 16:52
चन्द्र 16:52 – 17:58
शनि 17:58 – 19:05

🚩होरा, रात
बृहस्पति 19:05 – 19:58
मंगल 19:58 – 20:52
सूर्य 20:52 – 21:45
शुक्र 21:45 – 22:38
बुध 22:38 – 23:32
चन्द्र 23:32 – 24:25
शनि 24:25* – 25:19
बृहस्पति 25:19* – 26:12
मंगल 26:12* – 27:06
सूर्य 27:06* – 27:59
शुक्र 27:59* – 28:53
बुध 28:53* – 29:46

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

कर्क > 03:38 से 05:56 तक
सिंह > 05:56 से 08:06 तक
कन्या > 08:06 से 10:16 तक
तुला > 10:16 से 12: 42 तक
वृश्चिक > 12:42 से 14:50 तक
धनु > 14:50 से 16:56 तक
मकर > 16:56 से 18:44 तक
कुम्भ > 18:44 से 20:16 तक
मीन > 20:16 से 21:44 तक
मेष > 21:44 से 23:20 तक
वृषभ > 23:20 से 01:16 तक
मिथुन > 01:16 से 03:34 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौंजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 15 + 1 + 1 = 32 ÷ 4 = 0 शेष
पृथ्वी लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सान्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*देवपितृकार्य अमावस्या*

*हरियाली अमावस्या*

*सर्वार्थ सिद्धि योग 13:25 तक*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

दुतो न सञ्चरति खे न चलेच्च वार्ता ।
पुर्व न जल्पितमिदं न च सड्गमोऽस्ति ।
व्योम्नि स्थितं रविशाशग्रहणं प्रशस्तं
जानाति यो द्विजवरः सकथं न विद्वान् ।।
।। चा o नी o।।

कोई संदेशवाहक आकाश में जा नहीं सकता और आकाश से कोई खबर आ नहीं सकती. वहा रहने वाले लोगो की आवाज सुनाई नहीं देती. और उनके साथ कोई संपर्क नहीं हो सकता. इसीलिए वह ब्राह्मण जो सूर्य और चन्द्र ग्रहण की भविष्य वाणी करता है, उसे विद्वान मानना चाहिए.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: अक्षरब्रह्मयोग अo-08

परस्तस्मात्तु भावोऽन्योऽव्यक्तोऽव्यक्तात्सनातनः ।,
यः स सर्वेषु भूतेषु नश्यत्सु न विनश्यति ॥,

उस अव्यक्त से भी अति परे दूसरा अर्थात विलक्षण जो सनातन अव्यक्त भाव है, वह परम दिव्य पुरुष सब भूतों के नष्ट होने पर भी नष्ट नहीं होता॥,20॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
भूमि-भवन व मकान-दुकान इत्यादि की खरीद-फरोख्त मनोनुकूल लाभ देगी। बेरोजगारी दूर होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। चारों तरफ से सफलता मिलेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। उत्साह बना रहेगा। चिंता तथा तनाव कम होंगे।

🐂वृष
कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। धनहानि भी आशंका है।

👫मिथुन
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि की आशंका बनती है, सावधानी आवश्यक है। लेन-देन में जल्दबाजी से बचें। आय बनी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार-व्यवसाय की गति धीमी रहेगी।

🦀कर्क
अध्यात्म में रुझान रहेगा। सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति लाभदायक बनेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। आसपास का वातावरण सुखद रहेगा। पार्टनरों तथा भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। विवेक का प्रयोग करें। प्रमाद न करें।

🐅सिंह
कार्यस्थल पर सुधार व परिवर्तन हो सकता है। योजना फलीभूत होगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। रुके कार्यों में गति आएगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। प्रमाद न करें।

🙍‍♀️कन्या
यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नया काम मिलेगा। नए अनुबंध होंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। समय की अनुकूलता रहेगी, लाभ लें। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें।

⚖️तुला
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। आय में कमी होगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। बेकार बातों पर बिलकुल ध्यान न दें।

🦂वृश्चिक
बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति हो सकती है। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देगा। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।

🏹धनु
आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों व संबंधियों से मुलाकात होगी। कारोबार में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। प्रमाद न करें।

🐊मकर
मित्रों का सहयोग करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। यात्रा सफल रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी दूसरे व्यक्ति के काम में हस्तक्षेप न करें। विवाद होगा।

🍯कुंभ
आय में निश्चितता रहेगी। समय शीघ्र सुधरेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। बेवजह कहासुनी हो सकती है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। थकान व कमजोरी रह सकते हैं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। धनहानि की आशंका है। व्यापार-व्यवसाय में धीमापन रह सकता है।

🐟मीन
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। प्रसन्नता तथा संतुष्टि रहेगी। यात्रा मनोरंजक हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय में नए प्रयोग किए जा सकते हैं। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धन प्राप्ति सुगम होगी। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। कार्यभार व अधिकार में वृद्धि हो सकती है।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*दिल की बात*

शादी के लिए देखने गई मां ने समधन से कहा, “अंकुर मेरा एकलौता बेटा है, जैसा नाम वैसा गुण। जब-जब मैं दूसरा बच्चा न होने के लिए उदास होती, तो अजय कहते, ‘ईश्वर ने दस बेटों के गुण दिए हैं हमारे अंकुर में।’

लेकिन मेरा मन एक बेटी की चाहत में हमेशा कलपता रहा। सोचती थी बहू को ही बेटी का प्यार दूंगी। अपनी बहू की जो छवि मैंने सोची थी, अर्चना उसकी बिल्कुल विपरीत थी। उसकी मां ने ही हंसते हुए कहा, ‘अपने नाम के विपरीत है अर्चना! लड़कों की तरह वेशभूषा, हंसना, बोलना, अक्खड़पन भरा हुआ है उसमें। जाने अंकुर को क्या दिखा इसमें।’

जीन्स और टी-शर्ट में आकर उसने ‘हैलो आंटी’ कहा। मैंने भी प्रत्युत्तर में ‘हैलो’ ही कहा। तभी उसकी मां बोली, ‘आंटी के पैर छुओ बेटा।’ उसको असहज देखकर मैंने कह दिया, ‘रहने दो बेटा, इसकी कोई जरूरत नहीं है।’ बातों से एकदम बिंदास, खिलखिलाकर हंसने वाली, अपनी मां से हर बात पर तर्क-वितर्क करती ‘अर्चना’ मेरे बेटे ‘अंकुर’ की पसंद ही नहीं, प्यार भी थी।

शादी की रस्मों के बाद अर्चना हमारे घर आ गई, और अंकुर-अर्चना अपना हनीमून मना कर वापस भी आ गए।

अगले दिन से दोनों को ऑफिस जाना था। सुबह की नींद मुझे बहुत प्यारी थी, सोचती थी बहू आ जाएगी तो उसके हाथों की चाय पीकर अपनी सुबह की शुरुआत करूंगी। लेकिन अर्चना को देखकर मैंने अपना ये सपना भुला दिया और सुबह 6 बजे का अलार्म लगा कर सो गई।

पूजा की घंटियां सुन मेरी नींद खुली, अभी छह भी नहीं बजे थे। बाहर निकल कर देखा, अर्चना आरती की थाल लिए, पूरे घर में घूम रही थी। मुझे लगा मैं सपना देख रही हूं, तब तक वह पास आकर बोली, ‘मम्मा, प्रसाद लीजिए।’

फ्रेश होकर बाथरूम से निकली तो मैडम चाय के दो कप लिए हाजिर थीं। चाय पीने के बाद बोली, ‘मम्मा, मुझे नाश्ते में बस सैंडविच और चीला बनाना ही आता है। आप लोग नाश्ते में क्या खाते हैं?’ पीछे से अंकुर आकर बोला, ‘जो भी तुम बनाओगी, हम वही खाएंगे।’

अंकुर ने मेरा हैरान चेहरा देखकर पूछा, “क्या हुआ मां, चाय पसंद नहीं आई?”

“नहीं रे, इतनी अच्छी चाय तो खुद मैंने ही नहीं बनाई कभी!”

फिर मैंने अर्चना से कहा, “तुम्हें ऑफिस जाना है बेटा, तैयार हो जाओ। अभी मेड आ रही होगी, मैं उसके साथ मिलकर नाश्ता बना लूंगी।”

“अरे नहीं मम्मा, नाश्ता तो मैं ही बनाऊंगी। फिर तो मैं पूरा दिन ऑफिस में रहूंगी, तो घर पर सब आपको ही देखना पड़ेगा।”

अर्चना कभी कोई मौका नहीं देती थी कमी निकालने का। साड़ी बहुत कम पहनती है, वह हर रोज हमारे पैर भी नहीं छूती, उसकी आवाज भी धीमी नहीं है, उसे घर के काम भी नहीं आते, रोटी तो भारत के नक्शे जैसी बनाती है, और जब गुस्साती है तो… उफ्फ पूछिए ही मत! वह एक आदर्श बहू की छवि से बिल्कुल जुदा है, लेकिन ये कमी दूर हो सकती है।

खुशियों को भी कभी-कभी नजर लग जाती है! सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था कि अजय को हार्ट अटैक आ गया। मैं उन्हें आईसीयू के बाहर से देख घंटों रोती रहती। उस समय मेरी अर्चना ने मुझे सास से बेटी बना दिया।

मुझे अपनी बाहों में भरकर चुप कराती, जबरदस्ती अपने हाथों से खाना खिलाती। हर वक्त यही कहती पापा बिल्कुल ठीक हो जाएंगे। हॉस्पिटल के बिल, दवाइयों का खर्चा इस तरह से देती जैसे उसके अपने पापा का इलाज हो रहा हो।

अंकुर और मेरे सामने मजबूत चट्टान बनी मेरी अर्चना वास्तव में बहुत कोमल थी। घर आने के बाद भी अजय का ख्याल हम दोनों से ज्यादा रखती। अपनी नई नवेली शादी के बावजूद देर रात तक हमारे साथ बैठी रहती। मासूम गुड़िया सी बहू का सपना देखने वाली सास को एक मजबूत बेटी मिल गई थी, जिसका चोला पाश्चात्य था पर दिल एकदम देशी था।

आज मेरे जन्मदिन पर अंकुर ने कहा, “मां, तैयार हो जाइए, आपकी पसंद की साड़ी खरीदने चलते हैं।”

“मुझे कुछ नहीं चाहिए अंकुर! तूने अर्चना के रूप में मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दे दिया!” मेरी भीगी आंखें पोछ कर अंकुर ने पूछा, “वैसे है कहां आपकी दबंग बहू? जिसने अपनी दबंगई से आपका भी दिल जीत लिया!”

तब तक अर्चना ने मेरे गले में अपनी बाहें डालकर कहा, “हैप्पी बर्थडे मम्मा,” और एक पैकेट पकड़ाते हुए कहा, “ये दुनिया की बेस्ट मम्मा के लिए।” पैकेट खोल कर देखा, तो उसमें कांजीवरम साड़ी थी, बिल्कुल वैसी ही जैसी मैं हमेशा से लेना चाहती थी!

मेरे आश्चर्यचकित चेहरे को देखकर बोली, “वो जब आप रेखा की तस्वीर गूगल पर सर्च करके घंटों देखती थीं, तभी मुझे समझ आ गया कि आप उनकी तस्वीरों में क्या देखती हैं!” अपनी जोरदार हंसी के साथ उसने फिर से मुझे गले लगा लिया। खुशी में बहते आंसुओं को पोछकर उसने कहा, “एक मां के दिल की बात एक बेटी तो समझ ही जाती है ना मम्मा!”

हां, मेरी अर्चना बेटी….

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *