आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- मन मैला और तन को धोएं।
⚜️««« *आज का पंचांग* »»»⚜️
कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्………………………1946
रवि………………………..दक्षिणायन
मास…………………………….श्रावण
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी…………………………….अष्टमी
प्रातः 09.29 पर्यंत पश्चात नवमी
सूर्योदय……प्रातः 06.03.02 पर
सूर्यास्त …..संध्या 07.00.56 पर
सूर्य राशि………………………..कर्क
चन्द्र राशि…………………….वृश्चिक
गुरु राशि………………………..वृषभ
नक्षत्र………………………..विशाखा
प्रातः 10.35 पर्यंत पश्चात अनुराधा
योग……………………………….ब्रह्मा
दोप 04.19 पर्यंत पश्चात इंद्र
करण……………………………….बव
प्रातः 09.29 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु……………………..(नभ:) वर्षा
दिन………………………….मंगलवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
13 अगस्त सन 2024 ईस्वी ।
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त* :-
दोप 12.05 से 12.57 तक ।
👁🗨 *राहुकाल* :-
दोप 03.43 से 05.19 तक ।
☸ शुभ अंक………………..4
🔯 शुभ रंग………………..लाल
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कर्क*
04:04:47 06:20:33
*सिंह*
06:20:33 08:32:46
*कन्या*
08:32:46 10:43:26
*तुला*
10:43:26 12:58:03
*वृश्चिक*
12:58:03 15:14:13
*धनु*
15:14:13 17:19:50
*मकर*
17:19:50 19:06:56
*कुम्भ*
19:06:56 20:40:29
*मीन*
20:40:29 22:11:41
*मेष*
22:11:41 23:52:26
*वृषभ*
23:52:26 25:51:05
*मिथुन*
25:51:05 28:04:47
🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 09.18 से 10.54 तक चंचल
प्रात: 10.54 से 12.30 तक लाभ
दोप. 12.30 से 02.06 तक अमृत
दोप. 03.42 से 05.19 तक शुभ
रात्रि 08.19 से 09.43 तक लाभ ।
📿 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ महावीराय नमः ।।
📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (अष्टमोऽध्यायः – अक्षरब्रह्मयोग:) -*
सहस्रयुगपर्यन्त महर्यद्ब्रह्मणो विदुः ।
रात्रिं युगसहस्रान्तां तेऽहोरात्रविदो जनाः ॥८- १७॥
अर्थात :
ब्रह्मा का जो एक दिन है, उसको एक हजार चतुर्युगी तक की अवधि वाला और रात्रि को भी एक हजार चतुर्युगी तक की अवधि वाला जो पुरुष तत्व से जानते हैं, वे योगीजन काल के तत्व को जानने वाले हैं॥17॥
🍃 *आरोग्यं :*-
उच्च रक्तचाप के घरेलू उपचार :-
1. तरबूज खाने से हाई ब्लड प्रेशर ठीक हो जाता है।
2. लीची का उपयोग भी लाभदायक है।
3. ह्रदय की कमजोरी दूर करने के लिए २५ ग्राम सहतूत का शरबत दिन में दो बार पीना हितकर है।
4. गाजर का मुरब्बा भी फायदा पहुंचाता है।
5. सर्पगंधा को पीस कर रख लें। प्रातः से २-२ ग्राम सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है।
6. हाई ब्लड प्रेशर सामान्य करने के घरेलू नुस्खे में बासी रोटी सुबह दूध में डाल कर खाएं।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
किसी प्रभावशाली व्यक्ति से सहयोग प्राप्त होगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थदर्शन हो सकते हैं। विवेक का प्रयोग करें, लाभ होगा। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। विरोध होगा। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। झंझटों में न पड़ें। जल्दबाजी से हानि होगी। आलस्य हावी रहेगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। कार्य करते समय लापरवाही न करें। बनते कामों में बाधा हो सकती है। विवाद से बचें। काम में मन नहीं लगेगा। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। विवेक का प्रयोग करें। आय बनी रहेगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
घर-परिवार की चिंता रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। घर-परिवार में प्रसन्नता रहेगी। बाहर जाने का मन बनेगा। भाइयों से मतभेद दूर होंगे। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। संतान पक्ष से खुशियां प्राप्त होंगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्रोध रहेगा। भूमि व भवन संबंधी बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। बड़ा काम करने का मन बनेगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। मनपसंद भोजन की प्राप्ति संभव है। पारिवारिक सदस्यों तथा मित्रों के साथ आनंदायक समय व्यतीत होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
💁♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
बुरी सूचना मिल सकती है। मेहनत अधिक होगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। आय में कमी रहेगी। नकारात्मकता बढ़ेगी। विवाद से क्लेश होगा। जल्दबाजी में कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें। अनावश्यक परेशानी खड़ी हो सकती है। दूसरों की बातों में न आएं। धैर्य रखें, समय सुधरेगा।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
सामाजिक कार्यों में मन लगेगा। दूसरों की सहायता कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। मनोरंजक यात्रा हो सकती है। मित्रों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। झंझटों में न पड़ें। ईर्ष्यालु सक्रिय रहेंगे।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। कोई नया बड़ा काम करने की योजना बनेगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। भ्रम की स्थिति बन सकती है। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ में वृद्धि होगी। समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
यात्रा मनोरंजक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। व्यावसायिक साझेदार पूर्ण सहयोग करेंगे। कोई नया उपक्रम प्रारंभ करने का मन बनेगा। सेहत का ध्यान रखें। वरिष्ठजनों की सलाह काम आएगी। नए मित्र बनेंगे। आय बनी रहेगी। हर कार्य बेहतर होगा।
🏹 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
अनावश्यक जोखिम न लें। किसी भी व्यक्ति के उकसावे में न आएं। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग उभर सकता है। सेहत को प्राथमिकता दें। लेन-देन में जल्दबाजी से हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। महत्वपूर्ण निर्णय लेने का समय नहीं है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार मनोनुकूल चलेगा।
*राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। आय में वृद्धि होगी। बिगड़े काम बनेंगे। प्रसन्नता रहेगी। मित्रों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य बिगड़ सकता है, ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रमाद न करें।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
घर-परिवार के साथ आराम तथा मनोरंजन के साथ समय व्यतीत होगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। विरोध होगा। काम करते समय लापरवाही न करें। चोट लग सकती है। थकान तथा कमजोरी महसूस होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।
☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
*🛕जय श्री राम🙏*
*🍁मन मैला और तन को धोएं 🍁*
कुंभ स्नान चल रहा था। राम घाट पर भारी भीड़ लगी थी।
शिव पार्वती आकाश से गुजरे। पार्वती जी ने इतनी भीड़ का कारण पूछा –
आशुतोष ने कहा – कुम्भ पर्व पर स्नान करने वाले स्वर्ग जाते हैं। उसी लाभ के लिए यह स्नानार्थियों की भीड़ जमा है।
पार्वती का कौतूहल तो शांत हो गया पर नया संदेह उपज पड़ा, इतने लोग स्वर्ग कहां पहुंच पाते हैं, नाथ? भगवती ने अपना नया सन्देह प्रकट किया और समाधान चाहा।
भगवान शिव बोले – शरीर को गीला करना एक बात है और मन की मलीनता धोने वाला स्नान ज्यादा जरूरी है। मन को धोने वाले ही स्वर्ग जाते हैं। एसे लोगों को ही स्वर्ग मिलता है।
सन्देह घटा नहीं, और बढ़ गया!
पार्वती बोलीं – यह कैसे पता चले कि किसने शरीर धोया किसने मन संजोया?
यह कार्य से जाना जाता है। शिवजी ने इस उत्तर से भी समाधान न होते देखकर प्रत्यक्ष उदाहरण से लक्ष्य समझाने का प्रयत्न किया।
मार्ग में शिव कुरूप कोढ़ी बनकर पढ़े रहे। पार्वती को भी बहुत सुंदर सजा दिया, दोनों बैठे थे। स्नानार्थियों की भीड़ उन्हें देखने के लिए रुकती। अनमेल स्थिति के बारे में पूछताछ करती।
पार्वती जी रटाया हुआ विवरण सुनाती; “यह कोढ़ी मेरा पति है।” गंगा स्नान की इच्छा से आए हैं। गरीबी के कारण इन्हें कंधे पर रखकर लाई हूँ। बहुत थक जाने के कारण थोड़े विराम के लिए हम लोग यहाँ बैठे हैं।
अधिकाँश दर्शकों की नीयत डिगती दिखती। वे सुंदरी को प्रलोभन देते और पति को छोड़कर अपने साथ चलने की बात कहते!!
पार्वती लज्जा से गढ़ गई। भला ऐसे भी लोग स्नान को आते हैं क्या? निराशा देखते ही बनती थी।
संध्या हो चली। एक उदारचेता आए। विवरण सुना तो आँखों में आँसू भर आए। सहायता का प्रस्ताव किया और कोढ़ी को कंधे पर लादकर तट तक पहुँचाया। जो सत्तू साथ में था उसमें से उन दोनों को भी खिलाया।
साथ ही सुंदरी को बार-बार नमन करते हुए कहा – *आप जैसी देवियां ही इस धरती की स्तम्भ हैं। धन्य हैं माता आप जो इस प्रकार अपना धर्म निभा रही हैं।*
*प्रयोजन पूरा हुआ। शिव पार्वती उठे और कैलाश की ओर चले गए। रास्ते में कहा – पार्वती इतनों में एक ही व्यक्ति ऐसा था, जिसने मन धोया और स्वर्ग का रास्ता बनाया। स्नान का महात्म्य तो सही है पर उसके साथ मन भी धोने की भी शर्त लगी हुई है।*
*पार्वती तो समझ गई कि स्नान महात्म्य सही होते हुए भी… क्यों लोग उसके पुण्य फल से वंचित रहते हैं?*
*मन मैला और तन को धोये।*
*फूल तो चाहे, कांटे बोये*
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*