धर्म-कर्मराशिफल

आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- अनावश्यक लोग।


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 23/08/2024, शुक्रवार*
*चतुर्थी, कृष्ण पक्ष,*
*भाद्रपद*
(समाप्ति काल)

तिथि———– चतुर्थी 10:38:15 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र———- रेवती 19:53:10
योग————- शूल 09:29:52
करण———– बालव 10:38:15
करण———– कौलव 21:11:52
वार———————- शुक्रवार
माह——————— भाद्रपद
चन्द्र राशि——- मीन 19:53:10
चन्द्र राशि—————— मेष
सूर्य राशि——————- सिंह
रितु————————– शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————— क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत——————-1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————— 05:55:06
सूर्यास्त————— 18:47:54
दिन काल————- 12:52:47
रात्री काल————- 11:07:41
चंद्रास्त—————- 09:32:38
चंद्रोदय—————- 21:16:10
लग्न—- सिंह 6°11′ , 126°11′
सूर्य नक्षत्र——————– मघा
चन्द्र नक्षत्र——————- रेवती
नक्षत्र पाया——————- स्वर्ण

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

दो—- रेवती 08:56:22

च—- रेवती 14:24:05

ची—- रेवती 19:53:10

चु—- अश्विनी 25:23:41

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= सिंह 06°05, मघा 2 मी
चन्द्र= कुंभ 21°30 , रेवती 2 दो
बुध =कर्क 29°53′ मघा 4 डो
शु क्र= सिंह 27°05, उ o फाo’ 1 टे
मंगल=वृषभ 27°30 ‘ मृगाशीर्षा’ 2 वो
गुरु=वृषभ 23°30 मृगशिरा , 1 वे
शनि=कुम्भ 23°10 ‘ पू o भा o ,1 से
राहू=(व) मीन 14°20 उo भा o, 4 ञ
केतु= (व)कन्या 14°20 हस्त 2 ष

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 10:45 – 12:22 अशुभ
यम घंटा 15:35 – 17:11 अशुभ
गुली काल 07:32 – 09: 08अशुभ
अभिजित 11:56 – 12:47 शुभ
दूर मुहूर्त 08:30 – 09:21 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:47 – 13:39 अशुभ
वर्ज्यम 08:56 – 10:24 अशुभ
प्रदोष 18:48 – 21:03 शुभ

💮गंड मूल अहोरात्र अशुभ

🚩पंचक 05:55 – 19:53 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
चर 05:55 – 07:32 शुभ
लाभ 07:32 – 09:08 शुभ
अमृत 09:08 – 10:45 शुभ
काल 10:45 – 12:22 अशुभ
शुभ 12:22 – 13:58 शुभ
रोग 13:58 – 15:35 अशुभ
उद्वेग 15:35 – 17:11 अशुभ
चर 17:11 – 18:48 शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग 18:48 – 20:11 अशुभ
काल 20:11 – 21:35 अशुभ
लाभ 21:35 – 22:58 शुभ
उद्वेग 22:58 – 24:22* अशुभ
शुभ 24:22* – 25:45* शुभ
अमृत 25:45* – 27:09* शुभ
चर 27:09* – 28:32* शुभ
रोग 28:32* – 29:56* अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र 05:55 – 06:59
बुध 06:59 – 08:04
चन्द्र 08:04 – 09:08
शनि 09:08 – 10:13
बृहस्पति 10:13 – 11:17
मंगल 11:17 – 12:22
सूर्य 12:22 – 13:26
शुक्र 13:26 – 14:30
बुध 14:30 – 15:35
चन्द्र 15:35 – 16:39
शनि 16:39 – 17:44
बृहस्पति 17:44 – 18:48

🚩होरा, रात
मंगल 18:48 – 19:44
सूर्य 19:44 – 20:39
शुक्र 20:39 – 21:35
बुध 21:35 – 22:30
चन्द्र 22:30 – 23:26
शनि 23:26 – 24:22
बृहस्पति 24:22* – 25:17
मंगल 25:17* – 26:13
सूर्य 26:13* – 27:09
शुक्र 27:09* – 28:04
बुध 28:04* – 28:59
चन्द्र 28:59* – 29:56

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

सिंह > 04:30 से 06:52 तक
कन्या > 06:52 से 09:02 तक
तुला > 09:02 से 11: 18 तक
वृश्चिक > 11:18 से 13:36 तक
धनु > 13:36 से 15:42 तक
मकर > 15:42 से 18:34 तक
कुम्भ > 18:34 से 19:02 तक
मीन > 19:02 से 20:30 तक
मेष > 20:30 से 22:02 तक
वृषभ > 22:02 से 00:16 तक
मिथुन > 00:16 से 02:18 तक
कर्क > 02:18 से 04:34 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 4 + 6 + 1 = 26 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

मंगल ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

19 + 19 + 5 = 43 ÷ 7 = 1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*सर्वार्थ, अमृत सिद्धि योग 19:53 तक*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

अत्यन्तकोपः कटुता च वाणी
दरिद्रता च स्वजनेषु वैरम् ।
नीचप्रसड्गः कुलहीनसेवा
चिह्नानि देहे नरकस्थितानाम् ।।
।। चा o नी o।।

नरक में निवास करने वाले और धरती पर निवास करने वालो में साम्यता –
१. अत्याधिक क्रोध
२. कठोर वचन
३. अपने ही संबंधियों से शत्रुता
४. नीच लोगो से मैत्री
५. हीन हरकते करने वालो की चाकरी.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: राजविद्याराज ह्य योग अo-09

महात्मानस्तु मां पार्थ दैवीं प्रकृतिमाश्रिताः ।,
भजन्त्यनन्यमनसो ज्ञात्वा भूतादिमव्यम्‌ ॥,

परंतु हे कुन्तीपुत्र! दैवी प्रकृति के (इसका विस्तारपूर्वक वर्णन गीता अध्याय 16 श्लोक 1 से 3 तक में देखना चाहिए) आश्रित महात्माजन मुझको सब भूतों का सनातन कारण और नाशरहित अक्षरस्वरूप जानकर अनन्य मन से युक्त होकर निरंतर भजते हैं॥,13॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न लें। लाभ होगा। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएं रखें। आर्थिक अनुकूलता रहेगी। रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा। पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। अच्‍छी खबर मिलेगी। राज्यपक्ष से लाभ के योग हैं। नई योजनाओं की शुरुआत होगी।

🐂वृष
आय बढ़ेगी। मनोरंजक यात्रा होगी। प्रसन्नता रहेगी। सहयोगी मदद नहीं करेंगे। व्ययों में कटौती करने का प्रयास करें। परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। कार्य पूर्ण होंगे। व्यापार के कार्य से बाहर जाना पड़ सकता है।

👫मिथुन
मेहनत अधिक होगी। आवास संबंधी समस्या हल होगी। आलस्य न करें। सोचे काम समय पर नहीं हो पाएंगे। व्यावसायिक चिंता रहेगी। संतान के व्यवहार से कष्ट होगा। शोक समाचार मिल सकता है। काम में मन नहीं लगेगा। विवाद से बचें।

🦀कर्क
प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। रोजगार में उन्नति एवं लाभ की संभावना है। लाभदायक समाचार मिलेंगे। प्रेम-संबंधों में सफलता मिलेगी। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। सामाजिक एवं राजकीय ख्याति में अभिवृद्धि होगी। व्यापार अच्छा चलेगा।

🐅सिंह
प्रसन्नता बनी रहेगी। व्यापार में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। कार्य के विस्तार की योजनाएं बनेंगी। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी।

🙍‍♀️कन्या
व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। कार्यों में विलंब से चिंता होगी। मानसिक उद्विग्नता रहेगी। पारिवारिक जीवन संतोषप्रद रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है।

⚖️तुला
दूसरों पर विश्वास हानि देगा। कार्य में बाधा होगी। पत्नी से आश्वासन मिलेगा। स्वयं के निर्णय लाभप्रद रहेंगे। मानसिक संतोष, प्रसन्नता रहेगी। नए विचार, योजना पर चर्चा होगी। दूसरों की नकल न करें। चोट व रोग से बचें। जल्दबाजी से हानि होगी।

🦂वृश्चिक
निवेश शुभ रहेगा। बाहरी सहायता से काम होंगे। ईश्वर में रुचि बढ़ेगी। कामकाज की अनुकूलता रहेगी। व्यावसायिक श्रेष्ठता का लाभ मिलेगा। रोमांस में सफलता मिलेगी, आपसी संबंधों को महत्व दें। पूंजी संचय की बात बनेगी। तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

🏹धनु
रोजगार बढ़ेगा। सतर्कता से कार्य करें। संतान के व्यवहार से सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। वरिष्ठ जन सहायता करेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। व्यापार में नए अनुबंध आज नहीं करें। आर्थिक तंगी रहेगी।

🐊मकर
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोमांस में सफलता मिलेगी, प्रसन्नता रहेगी। रुका हुआ धन मिल सकता है। निवेश शुभ रहेगा। स्वयं के ही प्रयासों से जनप्रियता एवं मान-सम्मान मिलेगा। रुका काम समय पर पूरा होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा, नई योजनाएं बनेंगी।

🍯कुंभ
अपनी वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम न लें। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें। भूल करने से विरोधी बढ़ेंगे। कार्यक्षेत्र का विकास एवं विस्तार होगा। उपहार मिल सकता है। संतान की चिंता दूर होगी। अप्रत्याशित खर्च होंगे। तनाव रहेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।

🐟मीन
वरिष्ठ जन सहायता करेंगे। अप्रत्याशित लाभ होगा। यात्रा होगी। व्यावसायिक अथवा निजी काम से सुखद यात्रा हो सकती है। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। दूसरों से न उलझें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*🛕जय श्री राम🙏*

*💐अनावश्यक लोग💐*

आज तक जितनी शादियों मे मै गया हूँ, उनमे से करीब 80% में दुल्हा-दुल्हन की शक्ल तक नही देखी… उनका नाम तक नही जानता था… अक्सर तो विवाह समारोहों मे जाना और वापस आना भी हो गया पर ख्याल तक नही आया और ना ही कभी देखने की कोशिश भी की, कि स्टेज कहाँ सजा है, युगल कहाँ बैठा है…

बैठा भी है कि नहीं, या बरात आई या नहीं…
भारत में लगभग हर विवाह में हम 70% अनावश्यक लोगों को आमंत्रण देते हैं…

अनावश्यक लोग वो है जिन्हें आपके विवाह मे कोई रुचि नही..वे केवल दावत में आये होते हैं…

जो आपका केवल नाम जानते हैं…

जो केवल आपके घर की लोकेशन जानते हैं.. जो केवल आपकी पद-प्रतिष्ठा जानते हैं…

और जो केवल एक वक्त के स्वादिष्ट और विविधता पूर्ण व्यञ्जनों का स्वाद लेने आते हैं…

ये होते हैं अनावश्यक लोग….

विवाह कोई सत्यनारायण भगवान की कथा नही है कि हर आते जाते राह चलते को रोक रोक कर प्रसाद दिया जाए…

केवल आपके रिश्तेदारों, कुछ बहुत निकटस्थ मित्रों के अलावा आपके विवाह मे किसी को रुचि नही होती..

ये ताम झाम, पंडाल झालर, सैकड़ों पकवान, आर्केस्ट्रा DJ, दहेज का मंहगा सामान एक संक्रामक बीमारी का काम करता है.. कैसे..?

लोग आते हैं इसे देखते हैं और सोचते हैं..

“मै भी ऐसा ही इंतजाम करूँगा,

बल्कि इससे बेहतर करूंगा “..

और लोग करते हैं… चाहे उनकी चमड़ी बिक जाए..

लोग 70% अनावश्यक लोगों को अपने वैभव प्रदर्शन करने में अपने जीवन भर की कमाई लुटा देते हैं.. लोन तक ले लेते हैं..

और उधर विवाह मे आमंत्रित फालतू जनता , गेस्ट हाउस के गेट से अंदर सीधे भोजन तक पहुच कर, भोजन उदरस्थ करके, लिफाफा पकड़ा कर निकल लेती है..

आपके लाखों का ताम झाम उनकी आँखों में बस आधे घंटे के लिए पड़ता है,

पर आप उसकी किश्तें जीवन भर चुकाते हो…

क्या हमें इस अपव्यय और दिखावे को

रोकना नहीं चाहिए..!

*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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