उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -ईर्ष्या, क्रोध और अपमान।


⚜️««« *आज का पंचांग* »»»⚜️
कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्………………………1946
रवि………………………..दक्षिणायन
मास……………………………भाद्रपद
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी………………………….चतुर्दशी
प्रातः 11.43 पर्यंत पश्चात पूर्णिमा
सूर्योदय……प्रातः 06.14.08 पर
सूर्यास्त …..संध्या 06.28.55 पर
सूर्य राशि………………………कन्या
चन्द्र राशि………………………कुम्भ
गुरु राशि……………………….वृषभ
नक्षत्र……………………….शतभिषा
दोप 01.43 पर्यंत पश्चात पूर्वाभाद्रपद
योग………………………………धृति
प्रातः 07.45 पर्यंत पश्चात गंड
करण………………………….वणिज
प्रातः 11.43 पर्यंत पश्चात विष्टि
ऋतु…………………..(नभस्य) वर्षा
दिन…………………………मंगलवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
17 सितम्बर सन 2024 ईस्वी ।

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त* :-
दोप 11.56 से 12.44 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोप 03.22 से 04.53 तक ।

☸ शुभ अंक………………..8
🔯 शुभ रंग………………..लाल

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*सिंह*
04:02:58 06:14:47
*कन्या*
06:14:47 08:25:26
*तुला*
08:25:26 10:40:04
*वृश्चिक*
10:40:04 12:56:14
*धनु*
12:56:14 15:01:51
*मकर*
15:01:51 16:48:57
*कुम्भ*
16:48:57 18:22:30
*मीन*
18:22:30 19:53:42
*मेष*
19:53:42 21:34:27
*वृषभ*
21:34:27 23:33:06
*मिथुन*
23:33:06 25:46:48
*कर्क*
25:46:48 28:02:58

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 09.18 से 10.49 तक चंचल
प्रात: 10.49 से 12.20 तक लाभ
दोप. 12.20 से 01.50 तक अमृत
दोप. 03.21 से 04.52 तक शुभ
रात्रि 07.52 से 09.21 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ आंजनेय नमः ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (नवमोऽध्यायः – राजविद्याराजगुह्ययोग:) -*
गतिर्भर्ता प्रभुः साक्षी निवासः शरणं सुहृत् ।
प्रभवः प्रलयः स्थानं निधानं बीजमव्ययम् ॥९- १८॥
अर्थात :
प्राप्त होने योग्य परम धाम, भरण-पोषण करने वाला, सबका स्वामी, शुभाशुभ का देखने वाला, सबका वासस्थान, शरण लेने योग्य, प्रत्युपकार न चाहकर हित करने वाला, सबकी उत्पत्ति-प्रलय का हेतु, स्थिति का आधार, निधान (प्रलयकाल में संपूर्ण भूत सूक्ष्म रूप से जिसमें लय होते हैं उसका नाम ‘निधान’ है) और अविनाशी कारण भी मैं ही हूँ॥18॥

🍃 *आरोग्यं :*-
*हींग के फायदे :-*
1. पेट की परेशानियाँ दूर करे –
– चुटकी भर हींग को अपने खाने में दाल व सब्जी के साथ जरुर लें.
– इसके अलावा चुटकी भर हींग को आधा कप पानी में घोल रोज खाने के बाद पियें.

2. सर्दी खांसी मिटाए –
– कफ होने पर हींग को पानी में घोल पेस्ट बनायें, अब इसे चेस्ट पर लगायें.
– इसके अलावा आप चुटकी भर हींग को आधी चम्मच अदरक पाउडर व आधी चम्मच शहद के साथ मिलाएं, इस मिक्सचर को दिन में 3 बार लें, कफ से जुडी सारी परेशानियाँ दूर हो जाएँगी.

3. सर दर्द मिटाए –
– चुटकी भर हींग को 1 गिलास पानी में डाल कर गर्म करें, इसे 15 मिनट तक उबलने दें, अब थोड़ा ठंडा कर दिन में कई बार इसे पिएँ.
– इसके अलावा 1 tsp हींग को कपूर, सूखा अदरक व पीसी काली मिर्च की बराबर मात्रा लेकर मिलाएं. इसमें दूध मिलाकर एक पेस्ट बना लें, अब इस मिक्सचर को सर पर लगायें. इससे टेंशन भी कम होती है व सर दर्द भी चला जाता है.

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
व्यवसाय ठीक चलेगा। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। परिश्रम का अनुकूल फल मिलेगा। परिजनों के स्वास्थ्य और सुविधाओं की ओर ध्यान दें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। रोजगार‍ मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ संभव है। जोखिम न लें। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। मित्र व संबंधियों से मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति जीवन में आनंद का संचार करेगी। कई दिनों से रुका पैसा मिल सकेगा।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
विवाद से क्लेश होगा। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग परेशान कर सकता है। जोखिम न लें। जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता प्राप्ति के योग हैं। सावधानी व सतर्कता से व्यापारिक अनुबंध करें। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न उठाएं। आज का दिन आपके लिए शुभ रहने की संभावना है। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर मिलेंगे। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
मित्र से मुलाकात का लाभ मिलेगा। मेहनत का फल मिलेगा। योजना फलीभूत होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कर्ज से दूर रहना चाहिए। खर्च में कमी होगी। कानूनी विवादों का निपटारा आपके पक्ष में होने की संभावना है। प्रतिष्ठितजनों से मेल-जोल बढ़ेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

💁‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। क्रय-विक्रय के कार्यों में लाभ होगा। योजनाएं बनेंगी। उच्च और बौद्धिक वर्ग में विशेष सम्मान प्राप्त होगा। भाइयों से अनबन हो सकती है। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें। चोट व रोग से बचें। कानूनी अड़चन दूर होगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
कुसंगति से हानि होगी। वाहन मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी प‍र नियंत्रण रखें, जोखिम न लें। परेशानियों का मुकाबला करके भी लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। व्यापारिक लाभ होगा। संतान के प्रति झुकाव बढ़ेगा। शिक्षा व ज्ञान में वृद्धि होगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। जायदाद संबंधी समस्या सुलझने के आसार बनेंगे। अनुकूल समाचार मिलेंगे तथा दिन आनंदपूर्वक व्यतीत होगा। नए संबंध लाभदायी सिद्ध होंगे।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। धैर्य एवं शांति से वाद-विवादों से निपट सकेंगे। दुस्साहस न करें। नए विचार, योजना पर चर्चा होगी। स्वयं की प्रतिष्ठा व सम्मान के अनुरूप कार्य हो सकेंगे। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे।

🏹 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ होगा। धन संचय की बात बनेगी। परिवार के कार्यों पर ध्यान देना जरूरी है। रुका कार्य होने से प्रसन्नाता होगी। आर्थिक सलाह उपयोगी रहेगी। कर्ज की चिंता कम होगी।

*राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
व्यापार-व्यवसाय संतोषप्रद रहेगा। परिवारजनों से मिलाप होगा। आपसी संबंधों को महत्व दें। अल्प परिश्रम से ही लाभ होने की संभावना है। खर्चों में कमी करने का प्रयास करें। अति व्यस्तता रहेगी। बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। थकान रहेगी।

🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। महत्व के कार्य को समय पर करें। व्यावसायिक श्रेष्ठता का लाभ मिलेगा। मेहनत का फल कम मिलेगा। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। संतान की शिक्षा की चिंता समाप्त होगी।

☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*ईर्ष्या, क्रोध और अपमान*

टोकियो के निकट *एक महान मास्टर रहते थे, वो अब वृद्ध हो चुके थे और अपने आश्रम में शिक्षा देते थे।*
*एक नौजवान योद्धा, जिसने कभी कोई युद्ध नहीं हारा था ने सोचा कि अगर मैं मास्टर को लड़ने के लिए उकसा कर उन्हें लड़ाई में हरा दूँ तो मेरी ख्याति और भी फ़ैल जायेगी और इसी विचार के साथ वो एक दिन आश्रम पहुंचा।*
“कहाँ है *वो मास्टर, हिम्मत है तो सामने आये और मेरा सामना करे; योद्धा की क्रोध भरी आवाज़ पूरे आश्रम में गूंजने लगी।*
*देखते-देखते सभी शिष्य वहां इकठ्ठा हो गए और अंत में मास्टर भी वहीँ* पहुँच गए ।
उन्हें देखते ही योद्धा उन्हें अपमानित करने लगा, उसने जितना हो सके उतनी गालियाँ और अपशब्द मास्टर को कहे पर मास्टर फिर भी चुप रहे और शांति से वहां खड़े रहे ।
बहुत देर तक अपमानित करने के बाद भी जब मास्टर कुछ नहीं बोले तो योद्धा कुछ घबराने लगा, उसने सोचा ही नहीं था कि इतना सब कुछ सुनने के बाद भी मास्टर उसे कुछ नहीं कहेंगे… उसने अपशब्द कहना जारी रखा, और मास्टर के पूर्वजों तक को भला-बुरा कहने लगा… पर मास्टर तो मानो बहरे हो चुके थे, वो उसी शांति के साथ वहां खड़े रहे और अंततः योद्धा थक कर खुद ही वहां से चला गया।
उसके *जाने के बाद वहां खड़े शिष्य मास्टर से नाराज हो गए , “भला आप इतने कायर कैसे हो सकते हैं, आपने उस दुष्ट को दण्डित क्यों नहीं किया, अगर आप लड़ने से डरते थे, तो हमें आदेश दिया होता* हम उसे छोड़ते नहीं!!”, शिष्यों ने एक स्वर में कहा
मास्टर मुस्कुराये और बोले, “यदि तुम्हारे पास *कोई कुछ सामान लेकर आता है और तुम उसे नहीं लेते हो तो उस सामान का क्या होता है?”*
“वो उसी के *पास रह जाता है जो उसे लाया था.”, किसी शिष्य ने उत्तर दिया .*
“यही *बात इर्ष्या, क्रोध और अपमान के लिए भी लागू होती है”* – मास्टर बोले . “जब इन्हें स्वीकार नहीं किया जाता तो वे उसी के पास रह जाती हैं जो उन्हें लेकर आया था।
इसी प्रकार *अगर कोई हमें दुख दे, अपशब्द बोले, insult करे या नीचा दिखाने की कोशिश करे, तो मान लेना चाहिए कि वह हम को कचरा दे रहा है वह भी सड़ा हुआ, जिस मे बहुत ही दुर्गंध आती हैं चाहे वह उसने बाहर से, घर से या अपने अंदर के मैल से इक्कठा किया हो, तो खुद ही सोंचे, कि क्या हम को यह गन्दगी स्वीकार करनी चाहिए या उस को reject करना चाहिए। हमें समझदार बन कर खुद को सुरक्षित करना चाहिए, नही तो हम दूसरों की गंदगी free में लेकर बहुत काल तक बीमार पड़ जाते है, क्यूंकि उस गंदगी का असर बहुत समय तक रहता है,* यही सच्चाई है आज कल के हम लोगों की। जो इस हकीकत को समझ ले वह महान है।

Devbhumi jknews

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