उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- 20 तक की गिनती.


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 20/09/2024 , शुक्रवार*
*तृतीया, कृष्ण पक्ष,*
*आश्विन*
(समाप्ति काल )

तिथि———– तृतीया 21:14:32 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र———-अश्विनी 26:41:47
योग————- ध्रुव 15:17:32
करण———– वणिज 10:54:31
करण——- विष्टि भद्र 21:14:32
वार———————– शुक्रवार
माह———————- आश्विन
चन्द्र राशि——————– मेष
सूर्य राशि—————– कन्या
रितु———————— शरद
आयन—————–दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————–कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————- 2080
शक संवत——————1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————– 06:07:58
सूर्यास्त————— 18:16:33
दिन काल———— 12:08:35
रात्री काल————–11:51:51
चंद्रास्त————– 08:20:31
चंद्रोदय—————- 19:48:22
लग्न—- कन्या 3°21′ , 153°21′
सूर्य नक्षत्र——– उत्तरा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र—————–अश्विनी
नक्षत्र पाया—————— रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

चु—- अश्विनी 10:34:05

चे—- अश्विनी 15:55:16

चो—- अश्विनी 21:17:47

ला—- अश्विनी 26:41:47

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कन्या 03°05, उ oफाo 3 पा
चन्द्र= मेष 00°30 , अश्विनी 1 चू
बुध =सिंह 24°53′ पू o फाo 4 टू
शु क्र= तुला 03°05, चित्रा’ 3 रा
मंगल=मिथुन 14°30 ‘ आर्द्रा ‘ 3 ड
गुरु=वृषभ 26°30 मृगशिरा , 1 वे
शनि=कुम्भ 21°50 ‘ पू o भा o ,1 से
राहू=(व) मीन 12°50 उo भा o, 3 झ
केतु= (व)कन्या 12°50 हस्त 1 पू

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 10:41 – 12:12 अशुभ
यम घंटा 15:14 – 16:45 अशुभ
गुली काल 07:39 – 09:10 अशुभ
अभिजित 11:48 – 12:37 शुभ
दूर मुहूर्त 08:34 – 09:22 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:37 – 13:25 अशुभ
वर्ज्यम 23:06 – 24:32* अशुभ
प्रदोष 18:17 – 20:41 शुभ

🚩गंड मूल 06:08 – 26:42* अशुभ

💮चोघडिया, दिन
चर 06:08 – 07:39 शुभ
लाभ 07:39 – 09:10 शुभ
अमृत 09:10 – 10:41 शुभ
काल 10:41 – 12:12 अशुभ
शुभ 12:12 – 13:43 शुभ
रोग 13:43 – 15:14 अशुभ
उद्वेग 15:14 – 16:45 अशुभ
चर 16:45 – 18:17 शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग 18:17 – 19:46 अशुभ
काल 19:46 – 21:15 अशुभ
लाभ 21:15 – 22:44 शुभ
उद्वेग 22:44 – 24:12* अशुभ
शुभ 24:12* – 25:41* शुभ
अमृत 25:41* – 27:10* शुभ
चर 27:10* – 28:39* शुभ
रोग 28:39* – 30:08* अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र 06:08 – 07:09
बुध 07:09 – 08:09
चन्द्र 08:09 – 09:10
शनि 09:10 – 10:11
बृहस्पति 10:11 – 11:12
मंगल 11:12 – 12:12
सूर्य 12:12 – 13:13
शुक्र 13:13 – 14:14
बुध 14:14 – 15:14
चन्द्र 15:14 – 16:15
शनि 16:15 – 17:16
बृहस्पति 17:16 – 18:17

🚩होरा, रात
मंगल 18:17 – 19:16
सूर्य 19:16 – 20:15
शुक्र 20:15 – 21:15
बुध 21:15 – 22:14
चन्द्र 22:14 – 23:13
शनि 23:13 – 24:12
बृहस्पति 24:12* – 25:12
मंगल 25:12* – 26:11
सूर्य 26:11* – 27:10
शुक्र 27:10* – 28:10
बुध 28:10* – 29:09
चन्द्र 29:09* – 30:08

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

कन्या > 05:00 से 07:14 तक
तुला > 07:14 से 09: 22 तक
वृश्चिक > 09:22 से 11:48 तक
धनु > 11:48 से 13:58 तक
मकर > 13:58 से 16:52 तक
कुम्भ > 16:52 से 17:18 तक
मीन > 17:18 से 18:50 तक
मेष > 18:50 से 20:14 तक
वृषभ > 20:14 से 22:22 तक
मिथुन > 22:22 से 00:34 तक
कर्क > 00:34 से 03:04 तक
सिंह > 03:34 से 05:06 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 3 + 6 + 1 = 25 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है l

मंगल ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

18 + 18 + 5 = 33 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

प्रातः 10:57 से रात्रि 2115 तक

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*तृतीया श्राद्ध*

*सर्वार्थ सिद्धि योग 26:42 तक*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

यथा चतुर्भिः कनकं पराक्ष्यते
निघर्षणं छेदनतापताडनैः ।
तथा चतुर्भिः पुरुषः परीक्ष्य़ते
त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा ।।
।। चा o नी o।।

सोने की परख उसे घिस कर, काट कर, गरम कर के और पीट कर की जाती है. उसी तरह व्यक्ति का परीक्षण वह कितना त्याग करता है, उसका आचरण कैसा है, उसमे गुण कौनसे है और उसका व्यवहार कैसा है इससे होता है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: विभूतियोग अo-10

अहं सर्वस्य प्रभवो मत्तः सर्वं प्रवर्तते ।,
इति मत्वा भजन्ते मां बुधा भावसमन्विताः ॥,

मैं वासुदेव ही संपूर्ण जगत्‌ की उत्पत्ति का कारण हूँ और मुझसे ही सब जगत्‌ चेष्टा करता है, इस प्रकार समझकर श्रद्धा और भक्ति से युक्त बुद्धिमान्‌ भक्तजन मुझ परमेश्वर को ही निरंतर भजते हैं॥,8॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
दूर यात्रा की योजना बन सकती है। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। वरिष्ठजनों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता अर्जित करेगा। पठन-पाठन में मन लगेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। बेचैनी रहेगी। धनार्जन सुगम होगा।

🐂वृष
प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। पारिवारिक चिंता में वृद्धि होगी। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी के व्यवहार से क्लेश हो सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। दु:खद समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।

👫मिथुन
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय के स्रोतों में वृद्धि हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। चोट व रोग से बाधा संभव है। फालतू खर्च होगा। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। शत्रु नतमस्तक होंगे। विवाद को बढ़ावा न दें।

🦀कर्क
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। कारोबारी अनुबंधों में वृद्धि हो सकती है। समय का लाभ लें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। कानूनी बाधा आ सकती है। विवाद न करें। नई आर्थिक नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा।

🐅सिंह
कोर्ट व कचहरी के काम अनुकूल होंगे। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। सुख के साधनों पर व्यय हो सकता है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। प्रमाद न करें। बेचैनी रहेगी। चोट व रोग से बचें। काम का विरोध होगा। तनाव रहेगा।

🙍‍♀️कन्या
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। राज्य के प्रतिनिधि सहयोग करेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद से क्लेश संभव है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। अपेक्षित कार्यों में अप्रत्याशित बाधा आ सकती है। तनाव रहेगा।

⚖️तुला
व्यवसाय ठीक चलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। जल्दबाजी न करें। कष्ट, भय, चिता व बेचैनी का वातावरण बन सकता है। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। मातहतों से संबंध सुधरेंगे।

🦂वृश्चिक
घर-बाहर सहयोग मिलेगा। अपेक्षाकृत कार्यों समय पर संपन्न होंगे। आय में वृद्धि हो सकती है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी विवाद में उलझ सकते हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जोखिम न उठाएं।

🏹धनु
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बेचैनी रहेगी। थकान महसूस होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।

🐊मकर
भूमि, भवन, दुकान व फैक्टरी आदि के खरीदने की योजना बनेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। अपरिचितों पर अतिविश्वास न करें। प्रमाद न करें। कुबुद्धि हावी रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।

🍯कुंभ
शुभ समाचार मिलेंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार के साथ मनोरंजन का कार्यक्रम बन सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। लेन-देन में सावधानी रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। परिवार में तनाव रह सकता है।

🐟मीन
आय में वृद्धि होगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कोई बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*20 तक की गिनती*

एक राजा की बेटी की शादी होनी थी। बेटी की यह शर्त थी कि जो भी 20 तक की गिनती सुनाएगा, वही राजकुमारी का पति बनेगा। गिनती ऐसी होनी चाहिए जिसमें सारा संसार समा जाए। जो यह गिनती नहीं सुना सकेगा, उसे 20 कोड़े खाने पड़ेंगे। यह शर्त केवल राजाओं के लिए ही थी।

अब एक तरफ राजकुमारी का वरण और दूसरी तरफ कोड़े! एक-एक करके राजा-महाराजा आए। राजा ने दावत का आयोजन भी किया। मिठाई और विभिन्न पकवान तैयार किए गए। पहले सभी दावत का आनंद लेते हैं, फिर सभा में राजकुमारी का स्वयंवर शुरू होता है।

एक से बढ़कर एक राजा-महाराजा आते हैं। सभी गिनती सुनाते हैं, जो उन्होंने पढ़ी हुई थी, लेकिन कोई भी ऐसी गिनती नहीं सुना पाया जिससे राजकुमारी संतुष्ट हो सके।

अब जो भी आता, कोड़े खाकर चला जाता। कुछ राजा तो आगे ही नहीं आए। उनका कहना था कि गिनती तो गिनती होती है, राजकुमारी पागल हो गई है। यह केवल हम सबको पिटवा कर मज़े लूट रही है।

यह सब नज़ारा देखकर एक हलवाई हंसने लगा। वह कहता है, “डूब मरो राजाओं, आप सबको 20 तक की गिनती नहीं आती!”

यह सुनकर सभी राजा उसे दंड देने के लिए कहने लगे। राजा ने उससे पूछा, “क्या तुम गिनती जानते हो? यदि जानते हो तो सुनाओ।”

हलवाई कहता है, “हे राजन, यदि मैंने गिनती सुनाई तो क्या राजकुमारी मुझसे शादी करेगी? क्योंकि मैं आपके बराबर नहीं हूँ, और यह स्वयंवर भी केवल राजाओं के लिए है। तो गिनती सुनाने से मुझे क्या फायदा?”

पास खड़ी राजकुमारी बोलती है, “ठीक है, यदि तुम गिनती सुना सको तो मैं तुमसे शादी करूँगी। और यदि नहीं सुना सके तो तुम्हें मृत्युदंड दिया जाएगा।”

सब देख रहे थे कि आज तो हलवाई की मौत तय है। हलवाई को गिनती बोलने के लिए कहा गया।

राजा की आज्ञा लेकर हलवाई ने गिनती शुरू की:

“एक भगवान,
दो पक्ष,
तीन लोक,
चार युग,
पांच पांडव,
छह शास्त्र,
सात वार,
आठ खंड,
नौ ग्रह,
दस दिशा,
ग्यारह रुद्र,
बारह महीने,
तेरह रत्न,
चौदह विद्या,
पन्द्रह तिथि,
सोलह श्राद्ध,
सत्रह वनस्पति,
अठारह पुराण,
उन्नीसवीं तुम और
बीसवां मैं…”

सब लोग हक्के-बक्के रह गए। राजकुमारी हलवाई से शादी कर लेती है! इस गिनती में संसार की सारी वस्तुएं मौजूद हैं। यहाँ शिक्षा से बड़ा तजुर्बा है।

दोस्तो कहानी पसन्द आई हो तो एक लाइक और अपने परिजनों, विशेष रूप से न्यू पीढ़ी यानि बच्चों को अवश्य सुनाएं ताकि शिक्षा व अनुभव की ये धरोहर संजोई जा सके

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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