उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- भारतीय सभ्यता, संस्कार और अतिथि सेवा।*

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*आज का राशिफल*
*28 सितम्बर 2024 , शनिवार*

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज समय आपके पक्ष में है। इसलिए इसका बेहतर सदुपयोग करें। पिछले कुछ समय से जिन कामों में रुकावट आ रही थी, आज वह बहुत ही सहज व आसान तरीके से हल हो जाएंगे। वस्त्र, आभूषण जैसी खरीदारी में या उनको व्यवस्थित करने में भी समय व्यतीत होगा। सामाजिक दायरा बढेगा। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा।आराम को समय मिलेगा। धर्म के प्रति निष्ठा बढेगी। स्वास्थ्य सुधार होगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वे, वो)
आज आपका दिन मनोनुकूल रहेगा। योजना फलीभूत होंगी । मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। आपके घर में परिवर्तन या सुधार संबंधी कुछ योजनाएं बनेंगी। व्यस्तता के बावजूद आप अपनी रूचि संबंधी कार्यों के लिए भी समय निकाल लेंगे। आपके मन मुताबिक इच्छा पूर्ति होने से आत्मिक खुशी व सुकून मिलेगा। धार्मिक कार्यों में मन लगेगा। स्वास्थ्य सही रहेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आपका दिन आरामदायक रहेगा । परिवार का सहयोग मिलेगा । बड़ो का आशीर्वाद फलीभूत होगा । कार्यक्षेत्र में समय जैसा चल रहा है, उसी पर ध्यान केंद्रित रखें। किसी भी प्रकार की भविष्य संबंधी कार्य प्रणाली की योजना रुककर बनाएं। नौकरी पेशा व्यक्तियों को अपना टारगेट हासिल मेहनत से कर लेंगे। धर्म में विश्वास बढ़ेगा। जीवनसाथी की सलाह से कार्य सिद्ध होंगे। स्वास्थ्य लाभ होगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपका दिन बेहतर रहेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा । धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। संतान को कोई उपलब्धि हासिल होने से मन प्रसन्न रहेगा। तथा घर में भी उत्सव भरा वातावरण बना रहेगा। धन के निवेश संबंधी योजनाओं के लिए समय उत्तम है। घर में कोई धार्मिक कृत्य भी संपन्न हो सकता है। मित्रमंडली से शुभ समाचार मिल सकता है। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपका दिन शुभ फलदायी होगा । मेहनत रंग अवश्य दिखाएगी । कार्यक्षेत्र में की गई मेहनत के परिणाम भी बेहतरीन हासिल होंगे। इस समय अपना पूरा ध्यान अपने काम पर केंद्रित रखें क्योंकि इससे व्यवसाय की स्थिति मजबूत रहेगी। नौकरी पेशा व्यक्तियों को किसी प्रकार सहयोग से फलप्राप्ति होगी । जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। किसी धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। स्वास्थ्य लाभ होगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आपका समय शुभ रहेगा । दिनचर्या में सुधार होगा। ग्रह गोचर इस समय आपके पक्ष में बेहतरीन परिस्थितियां बना रहे हैं। धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करेंगे। अपने अधूरे पड़े हुए कामों को पूरा करने के लिए समय बहुत ही उचित है। परिवार तथा मित्रों के साथ मनोरंजन तथा घूमने-फिरने का भी प्रोग्राम बनेगा। बड़ो का आशीर्वाद फलीभूत होगा । स्वाथ्य में हल्की थकान महसूस कर सकते हैं।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आपका दिन सामान्य रहेगा । मेहनत के अवसर प्राप्त होंगे । व्यवसाय की स्थिति पहले से बेहतर होगी। साथ ही वित्तीय मामलों में भी सुधार हो सकता है। नौकरी से संबंधित कामों में हालात सामान्य ही रहेंगे। किसी भी प्रकार का बदलाव करने की आवश्यकता नहीं होगी । धार्मिक महत्व की तरफ रूचि और बढेगी । स्वास्थ्य सही रहेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपका समय नवीन विचारधारा उत्पन्न करने वाला होगा। जीवनसाथी की सकारात्मक सोच उचित फैसले में मददगार रहेगी । समय संतोषजनक चल रहा है। परंतु जल्दबाजी की बजाय शांतिपूर्ण तरीके से काम करना ज्यादा प्रभावी रहेगा। घर के नवीनीकरण तथा साज-सज्जा से संबंधित वस्तुओं की खरीदारी भी रहेगी। धर्म में विश्वास बढेगा। स्वास्थ्य सुधार होगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आपका दिन मिलाजुला रहेगा । आप व्यस्त रहने से आराम को समय कम दे पाओगे । मेहनत शुभफलदायी रहेगी । पैसों के लेनदेन संबंधी कार्यों को करते समय सावधानी रखने की जरूरत है। नौकरी पेशा व्यक्ति अपने सहयोगियों के साथ मधुर संबंध बनाए रखें। मित्रमंडली व सगे सम्बन्धियों को समय दे। धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आपका दिन शुभफलदायी रहेगा । सहयोगात्मक भावना से मानसिक शान्ति मिलेगी । साझेदारी संबंधी बिजनेस में पारदर्शिता रखें। इससे आपसी संबंध मजबूत बने रहेंगे। धर्म में विश्वास और रूचि होगी । आज किसी नए काम को शुरू ना करें । बच्चों के साथ समय बिताएँ। जीवनसाथी के सहयोग से मानसिक प्रसन्नता बनेगी । स्वास्थ्य सुधार होगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपका दिन शुभ रहेगा। पारिवारिक माहौल खुशनुमा बनेगा । बड़ो का आशीर्वाद फलदायी रहेगा।
रुका या उधार दिया हुआ पैसा हासिल करने के लिए भी आज का दिन उत्तम है। इसके लिए प्रयासरत रहें। आज आपकी मुख्य योजना अपने सभी कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से निपटाने की रहेगी। और आप इसमें काफी हद तक सफल भी रहेंगे। परिवार का माहौल धार्मिक बनेगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपका दिन शुभफलदायी रहेगा। घर का माहौल सामान्य रहेगा । किसी प्रियजन की चिंता दबाव बना सकती है। मानसिक सन्तुष्टि मिलेगी । कार्यस्थल और आर्थिक मामलों में ध्यान बंट सकता है । किसी अनुभवी व्यक्ति का मार्गदर्शन और सलाह आपके लिए लाभदायक साबित होगी। धार्मिक विचार प्रबल होंगे। स्वास्थ्य सही रहेगा।

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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*

*🌷भारतीय सभ्यता, संस्कार और अतिथि सेवा🌷*

वासु भाई और वीणा बेन गुजरात के एक शहर में रहते हैं; आज दोनों यात्रा की तैयारी कर रहे थे। 3 दिन का अवकाश था; पेशे से चिकित्सक हैं, लंबा अवकाश नहीं ले सकते थे, परंतु जब भी दो-तीन दिन का अवकाश मिलता छोटी यात्रा पर कहीं चले जाते हैं। आज उनका इंदौर- उज्जैन जाने का विचार था।दोनों जब साथ-साथ मेडिकल कॉलेज में पढ़ते थे, वहीं पर प्रेम अंकुरित हुआ था और बढ़ते-बढ़ते वृक्ष बना, दोनों ने परिवार की स्वीकृति से विवाह किया। 2 साल हो गए,अभी संतान कोई है नहीं था इसलिए यात्रा का आनंद लेते रहते हैं ।विवाह के बाद दोनों ने अपना निजी अस्पताल खोलने का फैसला किया, बैंक से लोन लिया। वीणाबेन स्त्री- रोग विशेषज्ञ और वासु भाई डाक्टर आफ मैडिसिन हैं, दोनों की कुशलता के कारण अस्पताल अच्छा चल निकला। यात्रा पर रवाना हुए, आकाश में बादल घुमड़ रहे थे।मध्य- प्रदेश की सीमा लगभग 200 कि मी दूर थी; बारिश होने लगी थी।म.प्र. सीमा से 40 कि.मी. पहले छोटा शहर पार करने में समय लगा।
कीचड़ और भारी यातायात में बड़ी कठिनाई से दोनों ने रास्ता पार किया।भोजन तो मध्यप्रदेश में जाकर करने का विचार था, परंतु चाय का समय हो गया था। उस छोटे शहर से ४-५ कि.मी. आगे निकले, सड़क के किनारे एक छोटा सा मकान दिखाई दिया;जिसके आगे वेफर्स के पैकेट लटक रहे थे। उन्होंने विचार किया कि यह कोई होटल है।
वासुभाई ने वहां पर गाड़ी रोकी, दुकान पर गए, कोई नहीं था,आवाज लगाई ! अंदर से एक महिला निकल कर आई ,उसने पूछा, “क्या चाहिए भाई ?”
वासुभाई ने दो पैकेट वेफर्स के लिए और कहा बेन, दो कप चाय बना देना ; थोड़ी जल्दी बना देना, हमको दूर जाना है। पैकेट लेकर गाड़ी में गए ; दोनों ने पैकेट के वैफर्स का नाश्ता किया ; चाय अभी तक आई नहीं थी। दोनों कार से निकल कर दुकान में रखी हुई कुर्सियों पर बैठे।
वासुभाई ने फिर आवाज लगाई, थोड़ी देर में वह महिला अंदर से आई और बोली, “भाई! बाड़े में तुलसी लेने गई थी, तुलसी के पत्ते लेने में देर हो गई ; अब चाय बन रही है”।थोड़ी देर बाद एक प्लेट में दो मैले से कप लेकर वह गरमा गरम चाय लाई।मैले कप देखकर वासु भाई एकदम से अपसेट हो गए और कुछ बोलना चाहते थे ; परंतु वीणाबेन ने हाथ पकड़कर उन्हें रोक दिया। चाय के कप उठाए; उनमें से अदरक और तुलसी की सुगंध निकल रही थी, दोनों ने चाय का एक सिप लिया, ऐसी स्वादिष्ट और सुगंधित चाय जीवन में पहली बार उन्होंने पी,उनके मन की हिचकिचाहट दूर हो गई।
उन्होंने महिला को चाय पीने के बाद पूछा, कितने पैसे ?
महिला ने कहा, “बीस रुपये”
वासुभाई ने सौ का नोट दिया
महिला ने कहा कि भाई छुट्टा नहीं है; 20 ₹ छुट्टा दे दो।
वासुभाई ने बीस रु का नोट दिया, महिला ने सौ का नोट वापस किया।
वासुभाई ने कहा कि हमने तो वैफर्स के पैकेट भी लिए हैं !
महिला बोली, “यह पैसे उसी के हैं ; चाय के नहीं”
अरे! चाय के पैसे क्यों नहीं लिए ?
जवाब मिला *हम चाय नहीं बेंचते हैं* यह होटल नहीं ह
“फिर आपने चाय क्यों बना दी ?”
“अतिथि आए !! आपने चाय मांगी, हमारे पास दूध भी नहीं था ; यह बच्चे के लिए दूध रखा था, परंतु आपको मना कैसे करते; इसलिए इसके दूध की चाय बना दी”
अब बच्चे को क्या पिलाओगे
“एक दिन दूध नहीं पिएगा तो मर नहीं जाएगा” ,इसके पापा बीमार हैं; वह शहर जाकर दूध ले आते, पर उनको कल से बुखार है; आज अगर ठीक हो गऐ तो कल सुबह जाकर दूध ले आएंगे”।
वासुभाई उसकी बात सुनकर सन्न रह गये। इस महिला ने होटल न होते हुए भी अपने बच्चे के दूध से चाय बना दी और वह भी केवल इसलिए कि मैंने कहा था ; अतिथि रूप में आकर।
*संस्कार और सभ्यता* में महिला मुझसे बहुत आगे है।उन्होंने कहा कि हम दोनों डॉक्टर हैं : आपके पति कहां हैं।महिला उनको भीतर ले गई ; अंदर गरीबी पसरी हुई थी। एक खटिया पर सज्जन सोए हुए थे ; बहुत दुबले पतले थे । वासुभाई ने जाकर उनके माथे पर हाथ रखा ; माथा और हाथ गर्म हो रहे थे और कांप भी रहे थे।वासुभाई वापस गाड़ी में गए; दवाई का अपना बैग लेकर आए; उनको दो-तीन टेबलेट निकालकर खिलाई और कहा:- “इन गोलियों से इनका रोग ठीक नहीं होगा”, मैं पीछे शहर में जा कर इंजेक्शन और दवाई की बोतल ले आता हूं ।वीणाबेन को उन्होंने मरीज के पास बैठने को कहा।गाड़ी लेकर गए, आधे घंटे में शहर से बोतल, इंजेक्शन ले कर आए और साथ में दूध की थैलियां भी लेकर आये।मरीज को इंजेक्शन लगाया, बोतल चढ़ाई और जब तक बोतल लगी दोनों वहीं बैठे रहे, एक बार और तुलसी अदरक की चाय बनी,दोनों ने चाय पी और उसकी तारीफ की।जब मरीज 2 घंटे में थोड़े ठीक हुआ तब वह दोनों वहां से आगे बढ़े। 3 दिन इंदौर-उज्जैन में रहकर जब लौटे तो उनके बच्चे के लिए बहुत सारे खिलौने और दूध की थैलियां लेकर उस दुकान के सामने रुके।महिला को आवाज लगाई तो दोनों बाहर निकले और उनको देखकर बहुत खुश हुए।उन्होंने कहा कि आपकी दवाई से दूसरे दिन ही बिल्कुल ठीक हो गये। वासुभाई ने बच्चे को खिलोने दिए ; दूध के पैकेट दिए, फिर से चाय बनी, बातचीत हुई, अपनापन स्थापित हुआ। वासुभाई ने अपना एड्रेस कार्ड देकर कहा, “जब कभी उधर आना हो तो जरूर मिलना,और दोनों वहां से अपने शहर की ओर लौट गये । शहर पहुंचकर वासु भाई ने उस महिला की बात याद रखी; फिर एक फैसला लिया, अपने अस्पताल में रिसेप्शन पर बैठे हुए व्यक्ति से कहा कि अब आगे से जो भी मरीज आयें, केवल उनका नाम लिखना,फीस नहीं लेना, फीस मैं खुद लूंगा। और मरीज अगर गरीब होते तो उन्होंने उनसे फीस लेना बंद कर दिया। केवल संपन्न मरीज देखते तो ही उनसे फीस लेते।
धीरे-धीरे शहर में उनकी प्रसिद्धि फैल गई , दूसरे डाक्टरों ने सुना तो उन्हें लगा कि इससे तो हमारी प्रैक्टिस भी कम हो जाएगी और लोग हमारी निंदा करेंगे। उन्होंने एसोसिएशन के अध्यक्ष से कहा,
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. वासुभाई से मिलने आए और उन्होंने कहा कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं ?
तब वासुभाई ने जो जवाब दिया उसको सुनकर उनका मन भी पुलकित हो गया,वासुभाई ने कहा कि मैं मेरे जीवन में हर परीक्षा में मैरिट में पहली पोजीशन पर आता रहा हूँ ; एम.बी.बी.एस. में भी, एम.डी. में भी गोल्ड मेडलिस्ट बना परंतु *सभ्यता, संस्कार और अतिथि सेवा* में वह गांव की महिला जो बहुत गरीब है, वह मुझसे आगे निकल गयी : तो मैं अब पीछे कैसे रहूंँ? इसलिए मैं *अतिथि-सेवा और मानव-सेवा में भी गोल्ड मैडलिस्ट बनूंगा,* इसलिए मैंने यह सेवा प्रारंभ की है ,और मैं यह कहता हूँ कि हमारा व्यवसाय मानव सेवा का ही है , सारे चिकित्सकों से भी मेरी अपील है कि वह सेवा-भावना से काम करें,गरीबों की निशुल्क सेवा करें, उपचार करें, यह व्यवसाय धन कमाने का नहीं है *परमात्मा ने हमें मानव-सेवा का अवसर प्रदान किया है।* एसोसिएशन के अध्यक्ष ने वासुभाई को प्रणाम किया और धन्यवाद देकर उन्होंने कहा कि मैं भी आगे से ऐसी ही भावना रखकर चिकित्सा -सेवा करुंगा।

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