उत्तराखंड

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -परम संतोषी*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 14/10/2024, सोमवार*
*एकादशी, शुक्ल पक्ष,*
*आश्विन*
(समाप्ति काल)

तिथि——– एकादशी 06:40:53 तक
तिथि— द्वादशी 27:41:54 (क्षय )
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——– शतभिषा 24:41:57
योग————– गण्ड 18:00:01
करण——- विष्टि भद्र 06:40:53
करण————– बव 17:14:55
करण———- बालव 27:41:54
वार———————- सोमवार
माह———————- आश्विन
चन्द्र राशि—————– कुम्भ
सूर्य राशि—————– कन्या
रितु————————- शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर (उत्तर) ————-कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2080
शक संवत—————- 1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————- 06:19:56
सूर्यास्त—————- 17:49:50
दिन काल———— 11:29:53
रात्री काल————- 12:30:39
चंद्रोदय————– 15:53:05
चंद्रास्त—————- 27:39:43
लग्न—-कन्या 26°58′ , 176°58′
सूर्य नक्षत्र—————— चित्रा
चन्द्र नक्षत्र————– शतभिषा
नक्षत्र पाया——————- ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण🚩💮🚩*

गो—- शतभिषा 08:21:22

सा—- शतभिषा 13:50:01

सी—- शतभिषा 19:16:51

सू—- शतभिषा 24:41:57

से—- पूर्वा भाद्रपदा 30:05:27

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कन्या 26°05, चित्रा 2 पो
चन्द्र=कुम्भ 08°30 , शतभिषा 1 गो
बुध =तुला 06°53′ चित्रा 4 री
शु क्र= वृश्चिक 01°05, विशाखा’ 4 तो
मंगल=मिथुन 27°30 ‘ पुनर्वसु’ 3 हा
गुरु=वृषभ 27°30 मृगशिरा , 2 वो
शनि=कुम्भ 19°50 ‘ शतभिषा , 4 सू
राहू=(व) मीन 11°30 उo भा o, 3 झ
केतु= (व)कन्या 11°30 हस्त 1 पू

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 07:46 – 09:12 अशुभ
यम घंटा 10:39 – 12:05 अशुभ
गुली काल 13:31 – 14: 57अशुभ
अभिजित 11:42 – 12:28 शुभ
दूर मुहूर्त 12:28 – 13:14 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:46 – 15:32 अशुभ
वर्ज्यम 09:27 – 10:55 अशुभ
प्रदोष 17:50 – 20:22 शुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
अमृत 06:20 – 07:46 शुभ
काल 07:46 – 09:12 अशुभ
शुभ 09:12 – 10:39 शुभ
रोग 10:39 – 12:05 अशुभ
उद्वेग 12:05 – 13:31 अशुभ
चर 13:31 – 14:57 शुभ
लाभ 14:57 – 16:24 शुभ
अमृत 16:24 – 17:50 शुभ

🚩चोघडिया, रात
चर 17:50 – 19:24 शुभ
रोग 19:24 – 20:57 अशुभ
काल 20:57 – 22:31 अशुभ
लाभ 22:31 – 24:05* शुभ
उद्वेग 24:05* – 25:39* अशुभ
शुभ 25:39* – 27:13* शुभ
अमृत 27:13* – 28:47* शुभ
चर 28:47* – 30:20* शुभ

💮होरा, दिन
चन्द्र 06:20 – 07:17
शनि 07:17 – 08:15
बृहस्पति 08:15 – 09:12
मंगल 09:12 – 10:10
सूर्य 10:10 – 11:07
शुक्र 11:07 – 12:05
बुध 12:05 – 13:02
चन्द्र 13:02 – 13:59
शनि 13:59 – 14:57
बृहस्पति 14:57 – 15:55
मंगल 15:55 – 16:52
सूर्य 16:52 – 17:50

🚩होरा, रात
शुक्र 17:50 – 18:52
बुध 18:52 – 19:55
चन्द्र 19:55 – 20:57
शनि 20:57 – 22:00
बृहस्पति 22:00 – 23:03
मंगल 23:03 – 24:05
सूर्य 24:05* – 25:08
शुक्र 25:08* – 26:10
बुध 26:10* – 27:13
चन्द्र 27:13* – 28:15
शनि 28:15* – 29:18
बृहस्पति 29:18* – 30:20

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

कन्या > 03:32 से 05:46 तक
तुला > 05:46 से 07: 54 तक
वृश्चिक > 07:54 से 10:22 तक
धनु > 10:22 से 12:34 तक
मकर > 12:34 से 15:24 तक
कुम्भ > 15:24 से 15:50 तक
मीन > 15:50 से 17:22 तक
मेष > 17:22 से 18:46 तक
वृषभ > 18:46 से 20:54 तक
मिथुन > 20:54 से 23:02 तक
कर्क > 23:02 से 01:36 तक
सिंह > 01:36 से 03:26 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

11 + 2 + 1 = 14 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक , दुःख कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

प्रातः 06:41 तक समाप्त

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*पापांकुशा एकादशी व्रत*

*द्वादशीक्षय*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

सा भार्या या शुचिर्दक्षा सा भार्या या पतिव्रता ।
सा भार्या या पतिप्रीता साभार्या सत्यवादिनो ।।
।। चा o नी o।।

वही अच्छी पत्नी है जो शुचिपूर्ण है, पारंगत है, शुद्ध है, पति को प्रसन्न करने वाली है और सत्यवादी है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: विभूतियोग अo-10

सर्गाणामादिरन्तश्च मध्यं चैवाहमर्जुन ।,
अध्यात्मविद्या विद्यानां वादः प्रवदतामहम्‌ ॥,

हे अर्जुन! सृष्टियों का आदि और अंत तथा मध्य भी मैं ही हूँ।, मैं विद्याओं में अध्यात्मविद्या अर्थात्‌ ब्रह्मविद्या और परस्पर विवाद करने वालों का तत्व-निर्णय के लिए किया जाने वाला वाद हूँ॥,32॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
यात्रा मनोरंजक रहेगी। सामाजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। व्यापार ठीक चलेगा। परिवार के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। दूर से अच्‍छे समाचार प्राप्त होंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें।

🐂वृष
हल्की हंसी-मजाक न करें। विवाद हो सकता है। किसी व्यक्ति की नाराजी से मन खराब होगा। मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। मनोरंजन होगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। जल्दबाजी व लापरवाही भारी पड़ सकती है। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।

👫मिथुन
व्यापार ठीक चलेगा। यात्रा में विशेष सावधानी रखें। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। किसी मनोरंजक कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। तनाव रहेगा।

🦀कर्क
योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। मित्रों के साथ समय मनोरंजक बीतेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। समय अनुकूल है। कोई आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी।

🐅सिंह
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मनोरंजन के साधन प्राप्त होंगे। तीर्थदर्शन की योजना बनेगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। परिवार के साथ रहने का अवसर प्राप्त होगा। लाभ होगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कानूनी अड़चन दूर होगी।

🙍‍♀️कन्या
किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मित्रों का सहयोग व साथ मिलेगा। भाइयों से मतभेद दूर होंगे। व्यापार ठीक चलेगा। समय सुखमय व्यतीत होगा। बुद्धि का प्रयोग किसी भी समस्या का निवारण कर सकता है, यह याद रखें।

⚖️तुला
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्‍थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवेक से कार्य करें। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं।

🦂वृश्चिक
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। बाहर जाने की योजना बनेगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार के साथ समय मनोरंजन में व्यतीत होगा। आय होगी। व्यापार ठीक चलेगा। बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें।

🏹धनु
उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बनेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। नए मित्र बनेंगे। कोई बड़ा कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। कुसंगति से दूर रहें। हानि संभव है। विवाद को बढ़ावा न दें। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें।

🐊मकर
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा। व्यापार लाभदायक रहेगा। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के काम में दखल न दें। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। जल्दबाजी न करें। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

🍯कुंभ
उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। मित्रों की सहायता करने का मौका मिलेगा। समय अच्छा व्यतीत होगा। प्रसन्नता रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। खान-पान पर ध्यान दें। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी।

🐟मीन
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। कारोबारी वृद्धि की योजना बनेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। समय की अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से कोई भी कार्य न करें। विवाद में न पड़ें। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। मनोरंजन का समय मिलेगा।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*🛕जय श्री राम🙏*

*💐परम संतोषी💐*

एक बहुत विद्वान संत थे। वे कहीं भी ज्यादा दिन नहीं रहते थे, पैदल ही एक शहर से दूसरे शहर जाकर लोगों को प्रवचन दिया करते थे। लोग भी उन्हें बहुत मानते थे और सम्मान करते थे।

एक बार संत पैदल ही दूसरे शहर जा रहे थे। रास्ते में उन्हें एक सोने का सिक्का मिला। महात्मा ने उसे उठा लिया और अपने पास रख लिया। उन्होंने सोचा कि ये सिक्का मैं सबसे गरीब इंसान को ही दूंगा।

संत कई दिनों तक ऐसे किसी इंसान की तलाश करते रहे, जो बहुत गरीब हो। लेकिन उन्हें ऐसा कोई व्यक्ति नजर नहीं आया। इस तरह कुछ समय और बीत गया। संत भी वो बात भूल गए।

एक दिन संत ने देखा कि एक राजा अपनी सेना सहित दूसरे राज्य पर चढ़ाई करने जा रहा है। तभी साधु को सोने के सिक्के की याद आई। उन्होंने वो सिक्का निकाला और राजा के ऊपर फेंक दिया।

संत को ऐसी हरकत करते देख राजा नाराज भी हुआ और आश्चर्यचकित भी। राजा ने संत से इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि- राजा, कुछ समय पहले ये सोने का सिक्का मुझे रास्ते से मिला था। मैं इसे सबसे गरीब इंसान को देना चाहता था। लेकिन मुझे अभी तक कोई गरीब मनुष्य नहीं दिखाई दिया। आज जब मैंने तुम्हें देखा तो लगा कि तुम ही सबसे गरीब मनुष्य हो।

राजा ने संत से पूछा कि- आपको ऐसा क्यों लगा, क्योंकि मैं तो राजा हूं। मेरे पास तो अकूत धन-संपत्ति है। संत ने कहा- इतना धन होने के बाद भी तुम दूसरे राज्य पर अधिकार करना चाह रहे हो। वो भी सिर्फ उस राज्य का धन पाने के लिए तो तुमसे बड़ा गरीब और कौन हो सकता है। राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ और वो अपनी सेना लेकर अपने देश लौट गया।

*💐शिक्षा💐*
कभी किसी दूसरे के धन पर नजर नहीं रखनी चाहिए। हमेशा अपनी मेहनत से कमाए गए धन में ही संतोष करना चाहिए। इस दुनिया में संतोषी व्यक्ति ही सबसे सुखी है। संतोषी व्यक्ति को अपने पास जो साधन होते हैं, वे ही पर्याप्त लगते हैं।

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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