उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -जीवन-की-प्रार्थमिकताएं*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 18/10/2024, शुक्रवार*
*प्रतिपदा, कृष्ण पक्ष,*
*कार्तिक*
“(समाप्ति काल)

तिथि——– प्रतिपदा 13:14:45 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र——- अश्विनी 13:25:25
योग———— वज्र 21:33:03
करण——– कौलव 13:14:45
करण——– तैतुल 23:29:03
वार——————— शुक्रवार
माह——————– कार्तिक
चन्द्र राशि—————— मेष
सूर्य राशि—————– तुला
रितु———————— शरद
आयन—————–दक्षिणायण
संवत्सर (उत्तर) ————कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2080
शक संवत—————- 1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————– 06:22:13
सूर्यास्त————— 17:45:52
दिन काल————-11:23:38
रात्री काल————- 12:36:56
चंद्रोदय————– 18:19:28
चंद्रास्त—————- 30:41:25
लग्न—- तुला 0°56′ , 180°56′
सूर्य नक्षत्र—————— चित्रा
चन्द्र नक्षत्र—————- अश्विनी
नक्षत्र पाया—————— स्वर्ण

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

चो—- अश्विनी 08:07:58

ला—- अश्विनी 13:25:25

ली—- भरणी 18:43:45

लू—- भरणी 24:03:08

ले—- भरणी 29:23:45

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= तुला 00°05, चित्रा 3 रा
चन्द्र=मेष 08°30 , अश्विनी 3 चो
बुध =तुला 12°53′ स्वाति 2 रे
शु क्र= वृश्चिक 06°05, अनुराधा’ 1 ना
मंगल=मिथुन 28°30 ‘ पुनर्वसु’ 3 हा
गुरु=वृषभ 26°30 मृगशिरा , 2 वो
शनि=कुम्भ 19°50 ‘ शतभिषा , 4 सू
राहू=(व) मीन 11°20 उo भा o, 3 झ
केतु= (व)कन्या 11°20 हस्त 1 पू

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 10:39 – 12:04 अशुभ
यम घंटा 14:55 – 16:20 अशुभ
गुली काल 07:48 -09: 13अशुभ
अभिजित 11:41 – 12:27 शुभ
दूर मुहूर्त 08:39 – 09:25 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:27 – 13:12 अशुभ
वर्ज्यम 09:54 – 11:18 अशुभ
प्रदोष 17:46 – 20:20 शुभ

🚩गंड मूल 06:22 – 13:25 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
चर 06:22 – 07:48 शुभ
लाभ 07:48 – 09:13 शुभ
अमृत 09:13 – 10:39 शुभ
काल 10:39 – 12:04 अशुभ
शुभ 12:04 – 13:30 शुभ
रोग 13:30 – 14:55 अशुभ
उद्वेग 14:55 – 16:20 अशुभ
चर 16:20 – 17:46 शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग 17:46 – 19:20 अशुभ
काल 19:20 – 20:55 अशुभ
लाभ 20:55 – 22:30 शुभ
उद्वेग 22:30 – 24:04* अशुभ
शुभ 24:04* – 25:39* शुभ
अमृत 25:39* – 27:14* शुभ
चर 27:14* – 28:48* शुभ
रोग 28:48* – 30:23* अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र 06:22 – 07:19
बुध 07:19 – 08:16
चन्द्र 08:16 – 09:13
शनि 09:13 – 10:10
बृहस्पति 10:10 – 11:07
मंगल 11:07 – 12:04
सूर्य 12:04 – 13:01
शुक्र 13:01 – 13:58
बुध 13:58 – 14:55
चन्द्र 14:55 – 15:52
शनि 15:52 – 16:49
बृहस्पति 16:49 – 17:46

🚩होरा, रात
मंगल 17:46 – 18:49
सूर्य 18:49 – 19:52
शुक्र 19:52 – 20:55
बुध 20:55 – 21:58
चन्द्र 21:58 – 23:01
शनि 23:01 – 24:04
बृहस्पति 24:04* – 25:07
मंगल 25:07* – 26:11
सूर्य 26:11* – 27:14
शुक्र 27:14* – 28:17
बुध 28:17* – 29:20
चन्द्र 29:20* – 30:23

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

कन्या > 03:04 से 05:30 तक
तुला > 05:30 से 07: 38 तक
वृश्चिक > 07:38 से 10:02 तक
धनु > 10:02 से 12:18 तक
मकर > 12:18 से 15:08 तक
कुम्भ > 15:08 से 15:34 तक
मीन > 15:34 से 17:08 तक
मेष > 17:08 से 18:30 तक
वृषभ > 18:30 से 20:38 तक
मिथुन > 20:38 से 22:46 तक
कर्क > 22:46 से 01:20 तक
सिंह > 01:20 से 03:10 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 1 + 6 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चन्द्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

16 + 16 + 5 = 37 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*सर्वार्थ सिद्धि योग 13:25 तक*

*अशून्य शयन व्रत*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

अध्वा जरा मनुष्याणां वाजिनां बंधनं जरा ।
अमैथुनं जरा स्त्रीणां वस्त्राणामातपं जरा ।।
।। चा o नी o।।

सतत भ्रमण करना व्यक्ति को बूढ़ा बना देता है. यदि घोड़े को हरदम बांध कर रखते है तो वह बूढा हो जाता है. यदि स्त्री उसके पति के साथ प्रणय नहीं करती हो तो बुढी हो जाती है. धुप में रखने से कपडे पुराने हो जाते है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: विभूतियोग अo-10

द्यूतं छलयतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम्‌ ।,
जयोऽस्मि व्यवसायोऽस्मि सत्त्वं सत्त्ववतामहम्‌ ॥,

मैं छल करने वालों में जूआ और प्रभावशाली पुरुषों का प्रभाव हूँ।, मैं जीतने वालों का विजय हूँ, निश्चय करने वालों का निश्चय और सात्त्विक पुरुषों का सात्त्विक भाव हूँ॥,36॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
सुख के साधनों पर व्यय होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। निवेश शुभ रहेगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। नौकरी में प्रमोशन‍ मिल सकता है। चोट व रोग से बचें। यश बढ़ेगा। बेचैनी रहेगी। जल्दबाजी न करें।

🐂वृष
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी व्यक्ति के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। घर में अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। नौकरी में अधिकार मिल सकते हैं। शेयर मार्केट से लाभ होगा। बाहर जाने का मन बनेगा। बड़ा काम करने की योजना बनेगी। लाभ होगा।

👫मिथुन
शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। हल्की हंसी-मजाक न करें। किसी अपरिचित व्यक्ति पर भरोसा न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।

🦀कर्क
व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। भूमि व भवन संबंधी कार्य लाभदायक रहेंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। आय के साधनों में वृद्धि होगी। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड में निवेश लाभदायक रहेगा।

🐅सिंह
संपत्ति की खरीद-फरोख्त में सफलता मिलेगी। स्थायी संपत्ति की दलाली बड़ा लाभ दे सकती है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। सभी ओर से खुश खबरें प्राप्त होंगी। पारिवारिक चिंता रहेगी। अज्ञात भय सताएगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।

🙍‍♀️कन्या
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। धनागम होगा। प्रतिद्वंद्वी अपना रास्ता छोड़ देंगे। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। किसी भी प्रकार के झगड़ों में न पड़ें। वाणी पर नियंत्रण रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।

⚖️तुला
धार्मिक कार्य में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। निवेशादि करने का मन बनेगा। विवेक से कार्य करें, लाभ होगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। परिवार की चिंता बनी रहेगी।

🦂वृश्चिक
लेनदारी वसूल करने के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। भाग्य का साथ रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। समय पर कर्ज चुका पाएंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। शेयर मार्केट, म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। जल्दबाजी न करें।

🏹धनु
शारीरिक कष्ट संभव है। पारिवारिक समस्या से चिंता बढ़ सकती है। नई आर्थिक नीति बन सकती है। कार्यस्थल पर सुधार व परिवर्तन से भविष्य में लाभ होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग कार्य में गति प्रदान करेगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। पुराना रोग उभर सकता है।

🐊मकर
कानूनी अड़चन सामने आएगी। अज्ञात भय सताएगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। पराक्रम बढ़ेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरी में उच्च‍ाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। शेयर मार्केट मनोनुकूल लाभ देंगे।

🍯कुंभ
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में संतोष रहेगा। पार्टी व पि‍कनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। शारीरिक कष्ट संभव है।

🐟मीन
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। विवाद से क्लेश संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अतिविश्वास न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*जीवन-की-प्रार्थमिकताएं*

एक व्यक्ति अपने जीवन में बहुत दुःखी था. सब कुछ होने के बाद भी वह प्रसन्न नहीं रह पता था. एक दिन वह अपने गुरूजी के पास गया और उन्हें अपनी समस्या बताते हुए बोला, “गुरूजी! आपने मुझे सफलता प्राप्ति ने लिए परिश्रम और लगन से काम करने की सलाह दी थी. मैंने वैसा ही किया और आज मैं अपने जीवन में सफ़ल हूँ. मेरे पास गाड़ी, बंगला, पैसा और सारी सुख-सुविधाओं के सारे साधन हैं. फिर भी मैं ख़ुश नहीं हूँ. मुझे लगता था कि सफ़लता प्राप्त कर लेने से शांति भी मिल जायेगा. लेकिन मेरे जीवन में वो शांति नहीं है. मैं ख़ुशी और शांति से भरा जीवन चाहता हूँ गुरूजी. अब आप ही मेरा मार्गदर्शन करें.”

गुरूजी ने उसकी बात ध्यान से सुनी. फिर मुस्कुराते हुए घर के कमरे में चले गए. थोड़ी देर बाद जब वे बाहर आये, तो उनके हाथ में तीन गेंदे थी. एक गेंद कांच की, एक चीनी मिट्टी की और एक गेंद रबर की थी.

वे गेंदे उस व्यक्ति के हाथ में देकर वे बोले, “बेटा! मैं तुम्हारी समस्या का समाधान तुम्हें बताऊंगा. लेकिन उसके पहले तुम्हें एक छोटा सा काम देता हूँ. जो गेंदे मैंने तुम्हें दी हैं, उन्हें तुम अपने हाथों में लेकर एक के बाद एक इस तरह उछालते जाओ कि एक समय में कम से एक गेंद हवा में ज़रूर रहे.”

व्यक्ति उन गेंदों को हवा में उछालने लगा. वह एक गेंद हवा में फेंकता, तो दो गेंद उसके हाथों में रहती. जब हवा में उछाली गई गेंद नीचे गिरने वाली होती, तो वह हाथ में रखी गेंदों में से एक को हवा में उछालकर उस गेंद को पकड़ लेता. ये क्रम इसी प्रकार चल रहा था. इस तरह गुरूजी के कहे अनुसार एक समय में एक गेंद हवा में अवश्य रहती थी.

कुछ देर बाद एक ऐसा समय आया जब चीनी मिट्टी की गेंद हवा में थी और कांच और रबर के गेंद उसके हाथ में थी. लेकिन इस बार उसका सही संतुलन नहीं बन पाया और हवा में उछाली गई चीनी मिट्टी की गेंद नीचे जमीन पर गिरने लगी. चीनी मिट्टी की गेंद सबसे ज्यादा कीमती थी. इसलिए व्यक्ति ने सोचा जब दो ही गेंद जमीन में गिरने से बचाई जा सकती है, तो चीनी मिट्टी और कांच की गेंद को बचाना ज्यादा सही है. उसने तुरंत अपने हाथ में से रबर की गेंद नीचे गिरा दी और चीनी मिट्टी की गेंद पकड़ ली.

गेंद गिरने से वह दु:खी हो गया क्योंकि वह गुरूजी का बताया गया काम सही ढंग से पूरा नहीं कर पाया. उसने जब अपने गुरूजी को देखा, तो गुरूजी ने पूछा, “बेटा! तुमने रबर की गेंद क्यों गिरा दी? चीनी मिट्टी की गेंद क्यों नहीं गिरने दी?“

उसने उत्तर दिया, ”गुरूजी! चीनी मिट्टी की गेंद सबसे ज्यादा कीमती थी, इसलिए मैंने उसे जमीन पर गिरने नहीं दिया. यदि कांच की या चीनी मिट्टी की गेंद जमीन पर गिर जाती, तो वे टूट जाती. लेकिन रबर की गेंद को नीचे गिरने से कोई हानी नहीं होती. इसलिए जब मुझे लगा कि मैं दो ही गेंद हाथ में संभाल पाऊंगा, तो मैंने चीनी मिट्टी और कांच की गेंदों को हाथों में संभाला और रबर की गेंद नीचे गिरा दी.”

उसका उत्तर सुनकर गुरूजी बोले, “बेटा! जिस समस्या का समाधान ढूंढने तुम मेरे पास आये थे, उसका समाधान तो तुमने ख़ुद ही निकाल लिया. अब ज़रा गौर से सुनो. ये तीन गेंदे तुम्हारे जीवन की प्राथमिकताओं को दर्शाती हैं. चीनी मिट्टी की गेंद तुम और तुम्हारा परिवार है. कांच की गेंद तुम्हारी नौकरी, व्यवसाय, पैसे और जीवन के आवश्यक साधन है. रबर की गेंद वो विलासिता की चीज़ें हैं, जिनके बिना भी जीवन आराम के कट सकता है, जैसे महंगा मोबाइल, महंगी घड़ी और अन्य महंगे शौक. तुमने अपने जीवन में कांच और रबर की गेंद पर ध्यान दिया और नौकरी, घर, गाड़ी, बंगला, सुख-सुविधा के सारे साधनों के साथ अपने महंगे शौक भी पूरे किये. लेकिन चीनी मिट्टी की गेंद यानी ख़ुद पर, अपने परिवार पर ध्यान नहीं दिया. यही कारण है कि तुम्हें अपने जीवन में ख़ुशी और सुकून की कमी खल रही है. बेटा, जीवन में आगे बढ़ते समय अपनी प्राथमिकता तय करके रखो. जब भी जीवन की तीन गेंदों का संतुलन बिगड़ता सा प्रतीत हो, तो रबर की गेंद छोड़ो. जीवन में ख़ुशियाँ सदा बनी रहेंगी.

मित्रों” जीवन में अक्सर ऐसा होता है कि काम और पैसे के पीछे भागते-भागते हम अपने लिए और अपने अपनों के लिए समय नहीं निकाल पाते. यही कारण है कि हम ख़ुशी और शांति के लिए तरसते रह जाते हैं. जीवन में इतना तेज भी क्या भागना कि ख़ुशियाँ पीछे रह जाये. अपनी प्राथमिकताओं को समझो. आगे बढ़ना और सफ़ल होना जितना महत्त्वपूर्ण है, उतनी ही ख़ुशियाँ और शांति भी है. उन्हें अनदेखा ना करें।

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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